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अमेरिका में बिना मेडिकल बीमा नहीं रह सकते Abroad World 

अमेरिका में बिना मेडिकल बीमा नहीं रह सकते

अमेरिका यात्रा संस्मरण-2

महज ढ़ाई महीने की अवधि के अमेरिकी प्रवास के लिए हमदोनों पति-पत्नी ने चिकित्सा बीमा करा लिया है और इसके प्रीमियम के रूप में 67,000/-रूपये का भुगतान किया

रामसुंदर द्सौंधी/शैंपेन शहर, इलोनाइस राज्य, USA

अमेरिका मेें लोगों की स्वास्थ्य सेवाा व्यवस्था निजी क्षेत्र के मातहत हैैं। प्रायः सभी नौकरी पेशावाले लोग स्वास्थ्य बीमा (Health Insurance) केे तहत  कवर होते हैं, इसलिए उनको इलाज के खर्च की चिन्ता नहीं करनी पडती। Antibiotics एवं अन्य महत्वपूर्ण औषधियां बिना डाक्टर प्रिसक्रिप्सन के उपलब्ध नहीं होता और अस्पताल भी डॉक्टर बिना उपलब्ध नहीं हैं। अतः हर छोटी बड़ी बीमारियों के लिए अस्पताल जाना अनिवार्य है। अमेरिका की चिकित्सा व्यवस्था को निम्नलिखित घटना से बेहतर ढ़ंग से समझा जा सकता है:-
कल शाम मेरे पोते के पैरों पर लाल लाल चकत्ते (Rashes) दिखे। मैने अपने बेटे को उसके आफिस से लौटने पर इसे किसी डॉक्टर से दिखलाने की सलाह दी। घर से करीब एक मील के अन्दर ही CARLE अस्पताल है। हमलोग शाम 7.25 बजे इस अस्पताल पहुंचे। पहुंच कर रजिस्ट्रेशन किओस्क में निबंधन अपने से ही कराया। उसके बाद उसके भुगतान काउन्टर पर जाकर 20 डालर (करीब 1,350रूपए) जमा कराए गए। यह राशि मेरे बेटे के स्वास्थ्य बीमा से अस्पताल को भुगतान होने वाली करीब 400डालर ( करीब 27.000/-रुपये) की राशि के अतिरिक्त है। उसके बाद एक वेटिंग हाल में गए।वहां पहले से करीब 10 व्यक्ति प्रतीक्षा कर रहे थे। सामने दीवार पर एक स्क्रीन लगा हुआ था जिस पर प्रतीक्षारत मरीजों का नाम प्रदर्शित हो रहा था। मेरे पोते का नाम भी उनमें दिख रहा था।
उसी स्क्रीन पर मोटे अक्षरों में अंकित था…” Patients are taken in based on medical priority and not on check in time.” साथ एक अलग पट्टी पर Virus infection and Bacterial infection से होने वाले बीमारियों के नाम भी प्रदर्शित थे। बेटे ने बताया कि यहां के अस्पताल में Bacterial infection वाले बीमारियों यथा Whopping cough(कुक्कर खांसी),Urinary track infection इत्यादि बीमारियों में ही Antibiotics दवाएं prescription में लिखे जाएंगे, वायरस इन्फेक्शन वाले बीमारियों यथा..बुखार इत्यादि में बिल्कुल नहीं।हमलोग बातें कर ही रहे थे कि मेरे पोते का नाम 7.35pm पर बुलाया गया।
सबसे पहले एक नर्स ने बी.पी., वजन, बुखार, रेसपिरेशन एवं आक्सीजन सेचुरेशन की जांच की और फिर हमलोगों को चिकित्सीय उपकरणों से सुसज्जित एक अन्य कमरे में ले जानकर बैठाया गया। बताया गया कि थोड़ी ही देर में डाक्टर वहां आएंगे। करीब 7.50pm पर वहां करीब 30 वर्ष उम्र की स्मार्ट महिला डाक्टर आईं। उन्होंने पोते के पैरों पर चकत्ते का गहन निरीक्षण किया।स्टेथोस्कोप(आला) से पीठ पर जांच की।नर्स के रिपोर्ट का अवलोकन किया। मेरे पोते के खाने -पीने की जानकारी प्राप्त की।बेटे ने बताया कि करीब 10दिन पूर्व कहीं पिकनिक स्पॉट पर पिकनिक मनाने गये थे। इस पर डाक्टर ने आशंका व्यक्त करते हुए बताया कि किसी पत्ते के सटने से ऐसा हुआ है। उन्होंने 4 दवाएं prescribe की…एक लगाने का, एक पीने का और दो खाने का।
यह सब करते हुए रात के करीब 8.10pm हो गया था। उन्होंने अपने drawer से आसपास के दवा दुकानों एवं उनके खुलने और बंद होने के समय वाली सूची निकाल कर उसका अवलोकन किया। बताया कि CVS Pharmacy रात 9बजे तक खुला रहता है। वहीं से दवा मिलेगी।थोड़ी ही देर में पांच पृष्ठों में कम्प्यूटर से टंकित prescription दिया।
इसके पहले पृष्ठ पर चिकित्सक का नाम, उनकी योग्यता, दवाओं की सूची,बीमारी का नाम, ब्लड प्रेशर, बुखार, पल्स इत्यादि की विवरणी तथा दवा मिलने के स्थान का नाम अंकित है, दूसरे पृष्ठ पर दवाओं को कैसे और कब तक लगाना, पीना और खाना है, इसका विवरण है, तीसरे और चौथे पृष्ठ पर Self care for skin care का विस्तृत जानकारी अंकित है। इस पर यह भी अंकित है कि यदि असामान्य स्थिति हो तो 911 पर फोन कर एम्बुलेंस बुलाया जाए। पांचवें पृष्ठ पर अंकित है कि मरीज को अबतक कौन-कौन सा टीकाकरण कब-कब हुआ है।
और अंत में अंकित है:-
“This document contains confidential information about your health and care.It is provided directly to you for personal and private use only.”
इस prescription का फोटोग्राफ पोस्ट करना चाहता था परन्तु इसी टिप्पणी के कारण ऐसा नहीं कर पा रहा हूँ। इसके बाद करीब 8.15pm पर अस्पताल से निकल कर करीब आधा मील दूर CVS Pharmacy पहुंचे। इसमें दवा के अतिरिक्त सामग्रियां भी बिकतीं हैं। दवा के काउंटर पर पहुंच कर पर्ची देने पर बताया गया कि यह पहले ही उनके पास मेल से आ चुका है।
अब इस दवा दुकान में बेटे से कुछेक जानकारी मांगी गई। अब शुरू होता है दवा ढ़ूंढने का सिलसिला। कभी कम्प्यूटर में, कभी दवा दुकान के रैकों पर और कभी बाहर के रैकों पर। करीब 40 मिनटों में यह सिलसिला पूरा हुआ। कुल 42 डालर (करीब 2,800रूपये) का भुगतान करना पड़ा। इसके बाद दवा दुकानदार ने 5डालर मूल्य का एक कूपन दिया जिसकी मान्यता अगले एक महीने तक थी। इसके अलावा कैश मेमो के अतिरिक्त चारों दवाओं के लिए अलग अलग निर्देशिका दिया गया। इन चारों निर्देशिका में गोपनीय रखने का विवरण अंकित है। इसीलिए इनका भी फोटोग्राफ पोस्ट नहीं किया गया।
तात्पर्य यह कि यहां की चिकित्सा व्यवस्था इतनी जटिल और खर्चीला है कि बिना चिकित्सा बीमा (medical insurance) के इलाज कराना सामान्य लोगों के लिए दुरूह और पहुंच के बाहर है। इसीलिए मात्र ढ़ाई महीने की अवधि के अमेरिकी प्रवास के लिए हमदोनों पति-पत्नी के चिकित्सा वीमा कराया गया है और इसके प्रीमियम के रूप में 67,000/-रूपये का भुगतान किया गया है।
आकस्मिक(Emergency) बीमारी की स्थिति में 911 पर फोन कर एम्बुलेंस बुलाया जा सकता है। चूंकि यहां मानव जीवन को सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है अतःऐसी स्थिति में रोगी को अस्पताल में भर्ती कर तुरत इलाज प्रारंभ कर दिया जाता है। अस्पताल से छुट्टी मिलने पर बिल घर पर भेज दिया जाता है। उस बिल में से वीमा कम्पनी की ओर से जो राशि अनुमान्य होता है ,उसका भुगतान वीमा कम्पनी की ओर से किया जाता है और शेष राशि का भुगतान रोगी या उसके परिजन करते हैं। यदि रोगी के परिजन की आर्थिक क्षमता ऐसे मेडिकल बिल को भुगतान करने की नहीं है और वे अस्पताल प्रबंधन को इससे संतुष्ट कर देते हैं तो अस्पताल प्रबंधन बिल भुगतान के लिए नहीं कहेगा। यदि क्षमता रहने के बावजूद भुगतान नहीं करते हैं तो ऐसे लोगों के शाख को बट्टा लग जाता है।
(बाकी बातें अगली किश्त में) 
Comments on Facebook BBW group:
Deorath Kumar बहुत उपयोगी जानकारी
 
Amita Sharma विस्तृत एवं उपयोगी जानकारी🙏
 
Ajay Rai ये पूरा दौरा आपका हम लोगो के लिए काफी उपयोगी साबित हो रहा है
 
Mahendra Pratap Bhatt भाई साहब, आपके लेख से ऐसा लगता है कि हम स्वयं अमेरिका में ही हैं। बहुत सुंदर और ज्ञानवर्धक लेख।
 
Sanjeev Ray अच्छी जानकारी।
 
Sangita Roy अमेरिका के स्वास्थ्य सेवाओं के बारे मे रोचक जानकारी।
 
Arun Sajjan अमेरिकी चिकित्सा प्रक्रिया की सटीक जानकारी!धन्यवाद!
Roy Tapan Bharati आपके इस लेख से स्पष्ट है कि भारत और अमेरिका की मेडिकल व्यवस्था में जमीन आसमान का अंतर है। मेरी ख्वाहिश है कि भारत में भी सौ फीसद नागरिकों का मेडिकल बीमा किया जाए। यह किश्त भी आज शाम तक Brahmbhattworld.com website पर।
 
Amar Nath Sharma वहाँ की चिकित्सा पद्धति की जानकारी सउदाहरण बहुत ही सुंदर वर्णन। अमेरिका की जटिल चिकित्सा पद्धति एवं भारी खर्च को देखकर स्वास्थ्य बीमा अत्यंत आवश्यक है ।साथ ही इस मामले में अपना देश ही मुझे अच्छा लगता है।
 
Ashok Bhatt ज्ञानवर्धक जानकारी
 
Abhishek Kumar हमे आपके पोस्ट का इंतेजार रहता है
 
Ravi Tiwari अच्छी जानकारी।
 
J Shankar Sharma अमेरिकी चिकित्सकीय व्यवस्था का अवलोकन हम लोगों के लिए किसी उत्सव से कम नहीं है.
यह सब इसलिए कि वहां जीवन मूल्य सर्वोपरि है.
बिना बीमा के चिकित्सकीय व्यय वहन करना मुश्किल है.
और बीमा कराना इसलिए भी अनिवार्य है कि आप बीमार होकर, धनाभाव में जान न दें.
वहां चौराहे पर शव रखकर सरकारी सहायता मागते नहीं देखा जाता.
दांत या स्वास्थ्य संबंधित रूटीन जांच के लिए पूर्व से ही समय आरक्षित करा लिया जाता है. निर्धारित समयकाल से कुछ मिनट से ज्यादा विलम्ब करने पर या न जाने पर आपसे दंड स्वरूप कुछ धनराशि वसूल ली जायेगी.
दवाओं की आपूर्ति हेतु आपके घर के आसपास की फार्मेसी चुनी जाती है.
अस्पतालों या क्लीनिक पर सफाई की विशेष व्यवस्था रहती है.
आपके लेख से एक नयी जानकारी भी मिली कि 911 पर काल करके पुलिस ही नही, बल्कि एम्बुलेंस भी बुलाया जाता है. ग्यानवर्धक पोस्ट के लिए आभार.
 
Krishna Kanhaiya Rana इस महत्वपूर्ण जानकारी के लिए बहुत बहुत धन्यवाद नमस्कार
 
Dalip Sharma नमस्कार सर, अच्छी जानकारी के लिए धन्यवाद
 
Birendra Tiwari बहुत ही सटीक ऐवं सार्थक जानकारी। वहां की व्यवस्था तथा लोगों की सकारात्मक सोच के कारण ही यह संभव हो पाता है, परिणाम स्वरूप लोगों का जीवन यापन संपूर्ण रूप से व्यवस्थित ढंग से सुचारु रहता है।
 
J Shankar Sharma वहाँ ला- एनफोर्स विभाग बडे़ सख्त एवं शक्तिशाली हैं. राजनीतिक या प्रशासनिक हस्तक्षेप नहीं दिखता.
 
Basant Rai वास्तव मे इस चित्रण से सजीवता के साथ तथ्यों को समझने मे तनिक भी कठिनाई नहीं हुई। यही प्रस्तुति का सूव्यवस्थित तरीका भी है। बहुत धन्यवाद अमरीकी स्वास्थ्य सेवाओं पर प्रकाश डालने के लिए।

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