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मंथन की सुनहरी यादें हमारे दिलों में बस गई, अब अगले मंथन का इंतजार रहेगा: अंजना शर्मा India Uttar Pradesh 

मंथन की सुनहरी यादें हमारे दिलों में बस गई, अब अगले मंथन का इंतजार रहेगा: अंजना शर्मा

अंजना शर्मा/मुंबई से 

आप सभी को नववर्ष की मंगल कामनाओं के साथ शुभकामनाएं. आज मैं अपना पहला मंथन का अनुभव साझा करना चाहती हूं. यह मेरा पहला मंथन था. जहां हम सपरिवार गए थे. मैं मेरे पति राजेश शर्मा जी और मेरे दोनों बच्चे- दीपेश और अमीषा. एक तो काशी विश्वनाथ भोले बाबा का दर्शन और दूसरा ब्रह्मभट्टवर्ल्ड मंथन में अपने ब्रह्मभट्ट समाज से मिलना.

वहां जाने के लिए हम बहुत उत्साहित हो रहे थे, बहुत खुश थे. कभी यह भी सोच रहे थे कि पता नहीं वहां मंथन में क्या होगा? कैसे होगा? कैसे एक दूसरे से मिलना होगा? वहां हम कुछ लोगों को ही जानते हैं वह भी फेसबुक के जरिए तो पता नहीं सब कैसे होंगे? फिर सोचे कोई बात नहीं जाकर ही देखेंगे मंथन कैसे होता है? और हम वहां 24 को पहुंच गए.

भोलेनाथ की नगरी में पहुंच कर एक सुखद अनुभूति का एहसास हो रहा था फिर हम वहां होटल रूम में पहुंचे और नहा धोकर निकले शिवजी के दर्शन करने दर्शन किए. फिर शाम हो गई और हम गंगा आरती के लिए गए वहां का जो नजारा था. वह हम शब्दों में बयां नहीं कर सकते अद्भुत था और हो भी क्यों ना वहां शिवजी साक्षात विराजमान जो है.

वहां हम इतने खो गए कि पता ही नहीं चला कब रात हो गई. फिर याद आई कि आज तो लिट्टी चोखा की पार्टी है और सब से मिलना है पर लेट होने के कारण हम नहीं जा पाए. फिर सोचे कोई नहीं सुबह तो सब से मिलना ही है. 25 को सुबह जल्दी उठकर तैयार हो गए ताकि समय पर पहुंच पाये और हम वहां 9:00 बजे के पहले पहुंच गए वहां पहुंचने के बाद लगा ही नहीं कि हम पहली बार सब से मिल रहे हैं.

सबसे पहले संस्थापक रॉय तपन भारती भाई जी मिले जो बहुत ही सरल स्वभाव के सुलझे हुए समाज सेवा का भाव रखते हैं. बहुत ही शालीनता के साथ सबका स्वागत कर रहे थे. संध्या भाभी से भी हम मिले और हमारा एक अपनापन का रिश्ता बन गया. निरुपमा मौसी, जोकि प्रियंका जी की मौसी है, को मैं भी मौसी मानती. उन्होंने भी प्यारी मुस्कान के साथ गले से लगाया. प्रियंका जी से मिली जो कि हम एक दूसरे की प्यारी सखी बन चुके हैं और हमारी बातें होती रहती है.

पम्मी जी से भी मिले जो कि हम दोनों ही अरेराज मोतिहारी के हैं. बहुत अच्छा लगा मिलकर. अमृता जी, रूबी जी, अंजना जी, रेनू जी ,अभिलाषा जी, रेखा जी, अनामिका जी और भी बहुत सारे नाम है लिखूँगी तो बहुत लंबा हो जाएगा सब से मिलकर बहुत अच्छा लगा कब सुबह से शाम हो गई पता ही नहीं चला. वहां जो नाश्ता खाना का प्रबंध हुआ था काबिले तारीफ था नाश्ता खाना भी बहुत स्वादिष्ट था.

एक जगह पर अपने समाज के इतने सारे स्वजन एकत्रित हों. यही अपने आप में एक अनोखा अनुभव रहा. मैं काशी मंथन के सारे आयोजकों को ब्रह्मभट्ट वर्ल्ड के एडमिन व सारे सदस्यों को ढेरों धन्यवाद देना चाहूंगी जिनके कठिन परिश्रम से काशी मंथन जैसा सुंदर कार्यक्रम इतनी सफलतापूर्वक हो पाई. मंथन की सुनहरी यादें हमारे दिलों में बस गई. अब अगले मंथन का इंतजार रहेगा जिनसे नहीं मिल पाई उनसे मिलने का इंतजार रहेगा. लिखना तो बहुत था पर क्या करूं काफी लिख चुकी हैं कुछ बातें मन में रह गई जो फिर कभी कह दूंगी.एक बार फिर आप सभी का बहुत-बहुत धन्यवाद.
Anjana Sharma, Mumbai

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