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गृहिणी का मतलब सिर्फ खाना बनाना, ये सरासर गलत Bihar India Maharashtra 

गृहिणी का मतलब सिर्फ खाना बनाना, ये सरासर गलत

लोग समझते हैं कि गृहिणी का मतलब सिर्फ खाना बनाना। ये सरासर गलत है। गृहिणियाँ 24 घंटे व्यस्त होती है। गृहिणी एक ऐसी प्राणी है जिसमें अपार शक्ति, बुद्धि, सहनशक्ति होती है। गृहिणियाँ Time Management, पाक कला, गृहसज्जा और भी न जाने कितने गुणों में निपुण होती हैं। गृहिणियों के इन्हीं गुणों के कारण घर सुचारू रूप से चलता है और परिवार तरक्की करता है। 

बिन्दु कुमारी/ नवी मुंबई

 

bindu-fallsसबसे पहले मैं श्री राय तपन भारती भैया का धन्यवाद करना चाहती हूँ, जिन्होंने हमेशा मुझे लिखने के लिए प्रोत्साहित किया है। संगीता राय जी का पोस्ट पढ़कर मुझे बहुत अच्छा लगा। यह एक ऐसा विषय है जिस पर मैं भी लिखना चाहती थी।

अक्सर ऐसे पोस्ट पढ़ती रहती हूं कि फलां महिला ये काम करती हैं या इस पद पर हैं और उन्हें काफी सराहा जाता है। आज महिलाएं हर क्षेत्र में आगे हैं, जो बहुत अच्छी बात है। लोग अपनी बेटियों को शिक्षित बना रहे हैं, उन्हें स्वाबलंबी बना रहे हैं, जिससे उनके परिवार पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
पर शादी के बाद यदि कोई युवती जॉब करे या गृहिणी बने, ये पूरी तरह से उस बहू की मर्जी होनी चाहिए। पर समस्या यह है कि जैसे ही कोई महिला कहती है कि वो गृहिणी है, तो लोग उसे तवज्जो नहीं देते हैं।

लोग समझते हैं कि गृहिणी का मतलब सिर्फ खाना बनाना। ये सरासर गलत है। गृहिणियाँ 24 घंटे व्यस्त होती है। गृहिणी एक ऐसी प्राणी है जिसमें अपार शक्ति, बुद्धि, सहनशक्ति होती है। गृहिणियाँ Time Management, पाक कला, गृहसज्जा और भी न जाने कितने गुणों में निपुण होती हैं। गृहिणियों के इन्हीं गुणों के कारण घर सुचारू रूप से चलता है और परिवार तरक्की करता है। 

bindu-kumari1हम गृहिणियों को अपने बच्चों का ख्याल रखना, उनकी पसंद का खाना बनाना, उनके साथ समय बिताना अच्छा लगता है। हमें अपने पति की पसंद का ख्याल रखने में ख़ुशी मिलती है। माँ और पत्नी का प्यार जो गृहिणी अपने बच्चों को दे पाती हैं, वह पैसे से नहीं मिल सकता।

घर परिवार को सम्भालते हुए हम गृहिणियाँ बाहर का भी सारा काम करती हैं। हम अपनी पसंद का भी ख्याल रखते हैं। हम गृहिणियाँ अपने लिए भी समय निकाल लेते हैं। गृहिणियाँ को हेय दृष्टि से देखने की प्रवृति को बदलने की जरुरत है। हम Driving, Swimming, Singing, Dancing, Partying, Fitness etc. सब करते हैं और कर सकते हैं।

हम गृहिणि अपने बच्चों को ज्यादा समय देते हैं, जिससे उनकी अच्छी परवरिश होती है और हम उनमें अच्छे संस्कार देने की कोशीश करते हैं। मैंने कई कामकाजी महिलाओं को कहते सुना है कि वो तो घर में एक दिन नहीं रह सकतीं क्योंकि घरेलू काम उन्हें झंझट लगता है। सभी गृहिणियों से मेरा निवेदन है कि आप अपने-आप को किसी तरह से कम नहीं समझिये। We are Housewives by own Choice. आप कभी भी हीन भावना से ग्रसित मत होइए। हम गृहिणियाँ Complete Power Women हैं।

comments on her article :

हरिओम प्रासाद राय भट्ट
हरिओम प्रासाद राय भट्ट गुड Thought, अच्छी लेखनी
 
Pratiksha Rai Good thought & beautiful pic 👌
 
Ravikant Ray Good thought.
 
Naveen Kumar As u as ur thought God bless u
 
Kanhaiya Jee Bhatt आत्मविश्वास से भरा हुआ लेखन ।
 
Minakshi Bhatt
 
Babita Roy Very nice thought
 
Anita Sharma Man ki baat
Like · Reply · 1 · 6 January at 13:40
 
Kishore Rai Bhatt Superb write-up… congrates..
Like · Reply · 1 · 6 January at 13:43
 
Bindu Kumari बबीता जी Thanks, ये thought सिर्फ आपकी और मेरी नहीं है, ये हम जैसी हजारों गृहिणियों की है
 
Lp Rai नारी की शक्ति ही परिवार को सही दिशा देता है चाहे घर में हो या बाहर उसकी शाक्ति का आकलन सही तरीके से सभी को करना चाहिए ।यदि घर न संभाले तो बाहर का सभी प्र गति रुक जाती है। इसलीये दोनों जगह मान बरा ब र है।
 
Guriya Sharma Good though and beautiful picture
 
Rakesh Sharma बहुत अच्छी बात आपने कही है।
 
Vinita Sharma Nice thought..
 
Anand Raaj Sharma Brainstorming quotes, salute to all
 
Bhavna Bhatt Sharma True we r housewives by choice not by compulsion … we r working 24×7 n our gr8 salary is pure love…. but we need more a little more respect n appreciation nothing more…. gud thought to be disscuss on any platform…. well written…👍👍👏👏
 
Ranjana Roy Very well said Bindu ,keep writing 😋😋
 
Nisha Kumari मुझे बहुत गर्व है कि बिंदु दी ने हर घर की उन महिलाओ को शान से रहने और जीने की प्रेरणा दी,और हमें पहले से भी अपनी दीदी पे गर्व था और आज भी है और कल भी रहेगा,जिसने हम गृहणियों को एक अच्छी सोच और किसी के भी सामने (मै एक गृहणी हु) ये कहने की हिम्मत दी,अब हमें कोई शर्मिन्दगी कभी नहीं होगी की मै एक हाउस वाइफ हु
 
Ashok Sharma आपके भावना को सलाम 👍🏻
 
Sarita Sharma इस सुंदर पोस्ट के लिए आपको ढे़र सारी बधाई बिंदू जी!मैं सभी गृहणियों से निवेदन पूर्वक ये कहना चाहती हूँ कि आप कभी भी ये सोचकर “हीनभावना” से ग्रस्त न हो कि मैं एक गृहणी हूँ! चूँकी मैं भी एक गृहणी हूँ मुझसे एक महिला जो किसी प्राइवेट स्कूल में पढाती हैं ने…See
 
Prarthana Sharma घर संसार को स्वर्ग जैसा बनाने तथा आपकी रचना के लिए बहुत – बहुत धन्यवाद । आपकी लेखनी और आपमें कोई अंतर नही ।जिस तरह आपका व्यक्तितत्व प्रभावशाली ठीक उसी तरह आपकी लेखनी भी । 🙂 :*
 
Roy Archana बिल्कुल सही और सधे शब्दों में सबकुछ कह दिया आपने ! अब और कुछ कहने की जरुरत ही नहीं !! बहुत खूब
 
Anjana Bhatt Hats off Bindu your thought is awesome.
 
Prabhat Kumar बहुत ही खुबशुरत लिखा है आपने, आपने उन तमाम गृहिणियों को ताकत दी है जो कही न कही अपने आप को थोडा निचा आक्ति है, जब वो किसी काम काजी महिला के सामने होती हैं। मेरा भी ये मानना है कि घरेलू महिलाएं किसी से कम नहीँ है, और हम ये भी नही कह सकते की जो जॉब करती…See more
 
Suman Rai हाउसवाइफ की बात करें तो आमतौर पर लोग मानते हैं कि वह सिर्फ घर के काम संभालती हैं। हालांकि, मॉडर्न जमाने में कामकाजी महिलाओं की तादाद बढ़ती जा रही है, जोकि उज्जवल भविष्य का प्रतीक है। लेकिन इससे कोई फर्क नहीं पड़ता हाउस वाइफ का महत्तव अपनी जगह बना रहेगा।।
 
Roy Tapan Bharati बिन्दु ने यह पोस्ट दिल और दिमाग से लिखा है इसलिए मेरा अभिनंदन। योजना आयोग, जिसे अब नीति आयोग कहते हैं, ने एक बार रिपोर्ट जारी की थी कि एक गृहिणी अपनी मेहनत से घर के लिए हजारों की बचत करती है। आयोग इसे आय मानता है। एक खानसामे, धोबी और सेविका एक माह में …See more
 
Vinita Pratap Your thoughts are appreciable. Womens’ first and foremost duty is to take care of their home and herth and nurture their children, they are meant for this and no one else in this world can do it better then us. By nature we are compassionate and we bri…See more
 
Rajeeb Kumar Roy Vinita Pratap while working women definitely have important contribution in the development of family financially and it must be respected and appreciated. The point raised by Bindu Kumari here is a moral booster for many house wives ..
 
Anjana Sharma बहुत सही सोच है बिंदु जी घर में रहकर भी बहुत से काम किये जा सकते और घर की सारी व्यवस्थ। गृहणी के कुशल सामंजस्य पे निर्भर है आपकी सुन्दर सोच को सलाम सभी पत्नी पहले घर,…….बहार जो काम करते हैं उन्हें भी घर बाहर दोनों सामंजस बनाना पड़ता
 
Ramesh Sharma आपने बहुत ही a, बेबाक, स्पष्ट, सटीक and more important to the point लिखा है, मैंने भी कई बार महसूस किया है की जब भी हमारी पत्नी अपनेआप को housewife कह कर संबोधित करती है तो कइयों के नाक भों चढ़ जाती है, परंतु मुझे आज उनकी उपलब्धि और सहयोग पर गर्व है । सुखमय जीवन, बच्चों के भविष्य , परिवार की उन्नति में गृहणी की भूमिका अमूल्य होती है ।
 
Alok Sharma शानदार,बहुत खूब! विंदू जी!माँ व बड़ी भाभी जी की तरफ से आपको खुशहाल जीवन व अमर सुहाग की अनंत मंगलकमना मैम!क्योकि मेरे परिवार में माँ व बड़ीभाभी दोनों दाम्पत्य जीवन के प्रारम्भ से अद्यतन पूर्ण गृहणी हैं,जिन्होंने जीवन के तमाम उतार-चढ़ाव देखते हुए घर व परिवा…\
 
Pradeep Bhatt जब अक्षर अपनी यात्रा शुरू करते हैं तो वाक्य बनते हैं और जब वाक्य अपनी यात्रा शुरू करते हैं तो एक पैराग्राफ बन जाता है,इसी प्रकार पैराग्राफ एक पेज और कुछ पेज मिलकर एक पुस्तक का रूप ले लेते हैं,तदनंतर यही प्रकिया ग्रन्थ बन जाती हैं…
 
Deorath Kumar बहुत सुन्दर और बेबाक लिखा है तुमने बिन्दु। अगर कोई व्यक्ति सफ़ल है तो वो गृहिणी ही है जो उसे घर की तरफ़ से आज़ाद रखती है ताकि वो अपनी पूरी ऊर्जा अपने नौकरी या व्यवसाय पर दे सके। ये गृहिणियाँ ही हैं जिनके दम पर हम मर्द बाहर चमकते हैं। गृहिणियाँ किसी भी तरह कमतर नहीं हैं, मुझे तुम पर गर्व है।
 
Vinita Sharma Well written Bindu Ji .I appreciate your views .A lady who is not working is not a housewife She is a homemaker .She is an integral part of the family .A home without the mistress of the house is not a home.
I have faced it in my family.I lost my Bhabh…See more
Like · Reply · 8 · 6 January at 19:42 · Edited
 
Gyan Jyoti Vinita you described rather given a very practical view of how a lady being a working can too become a successful house maker by striking balance of both, as both are equally important for them.
 
Rupesh Kumar नमस्ते। जितनी सुन्दर आपकी तस्वीर है उतनी ही सुन्दर लेखनी। नौकरी करना गृहणियों का शौक़ भी हो सकता है तो मजबूरी भी। कुछ अपने शिक्षा के पूर्ण उपयोग करने के लिए तो कुछ परिवारिक जरूरतों की पूर्ति के लिए नौकरी करती है, कुछ अपनी गृहस्थी के संचालन में…
 
Sangita Roy आदरणीय बिन्दू जी आपको कोटि कोटि धन्यवाद ।जो बात मैं कहना चाहती थी उसे मैं शब्दों में ठीक से प्रस्तुत नहीं कर पायी पर आपने उसे बहुत ही सुंदर ढंग से प्रस्तुत किया।आपकी लेखन कला सराहनीय है।सरिता जी का कथन भी सत्य है।
 
Bindu Kumari मेरे इस पोस्ट का एकमात्र मकसद सभी गृहिणियों को यह जताना है की आप किसी मामले में कम नहीं हैं। अक्सर यह देखा गया है की गृहिणियों को समाज में वह सम्मान नहीं दिया जाता है जिसकी वो हकदार हैं। Housewives के Contribution को समाज़ को खुले दिल से स्वीकार करने में हिचक नहीं होना चाहिए।
 
Subodh Sharma आपने तो सभी गृहनीयो को छेड़ दिया है ….अब ये वार्ता रूकने वाली नही है 😀
 
Shanker Muni Rai ‘बिनु घरनी घर भूत का डेरा !’
 
Deep Shikha Bindu di..u have told perfect & pure..i appreciate ur way of thinking..whether this is housewife or working woman..both are respected..because both work for their family..
 
Madhuri Roy बिलकुल सही लिखा है आपने,हम गृहिणियाँ किसी से कम नही हैं। हमें अपने पर गर्व् है
 
Avanish Bhatt Excellent description of House wives/ Home makers.I salute
 
Ranjan Kumar मैं आपके बातों से १०० प्रतिशत सहमत हूँ . मेरी स्वर्गीय माँ को अपने मायका और ससुराल में फर्स्ट वर्किंग वुमन का रुतबा हासिल था वो वर्किंग वुमन होने के साथ साथ एक सफल गृहिणी भी थी .लेकिन मैंने उनको बहुत करीब से पढ़ा है .
 
Rishiraj Kumar Shiv Bhakt मेरे पास शब्द नहीं है जो मैं आपकी इस लेखनी को शब्दों से व्याख्या कर सकूं ! मैं जितना भी लिखूंगा सब कम पड़ जाएगा,बस आदर के साथ इतना ही कहना चाहता हूं,जिस प्रकार तिरंगे के सामने लोग सलाम करते हैं ठीक वैसे ही मेरा सलाम स्वीकार करें आप !
धन्यवाद __/\__
 
Amita Rai वास्तविकता तो यह है की ज़ाब करना फिर भी सरल है क्यूँकीऑफिस मे लगभग एक सीमित तरीका होता है की महीने भर क्या करना है ……..पर घर संभालना सबसे बड़ा काम है ….ज़िसमे सबकी भावना का भी ख्याल रखना पड़ता है ….
 
Ashish Raj भारतीय गृहणियों के जीवनपरक वास्तविकताओं का अत्यंत सुंदर एवं सटीक चित्रण |
 
Rekha Rai बिंदु जी एकदम सही कहा आपने।गृहणी की जो भूमिका होती है,माना जाये तो वो अपने आपमें खुद ही एक पोस्ट होती है।और वो किसी अधिकारी के पद से कम नही होती।सुबह से लेकर शाम तक परिवार में रहकर बखूबी अपने रोल को निभाना मामूली बात नही है।
 
Bindu Kumari रेखा जी, मैं आपको अपनी एक दोस्त के बारे में बताना चाहती हूँ, जो राँची में रहती हैं। वो बहुत काबिल Double MA और Phd हैं।उन्होंने अपनी स्वेच्छा से housewife बनना पसंद किया ताकि वो बच्चों की अच्छी परवरिश कर सकें।सिर्फ धनोपार्जन करना ही क़ाबिलियत की पहचान न…
Rekha Rai एकदम सही सवाल उठाया है बिंदु ने…अहम बात है कि गृहणियों को भी परिवार और समाज recognise यानी उचित सम्मान दे। ये तो जीवन संगिनी के स्वभाव पर निर्भर है कि वो एक सुघड़ गृहिणी बनकर घर संभाले या बाहर जाकर धनोपार्जन करे। बहरहाल, दोनों रास्ते अपनी अपनी जगह पर सही है…

 

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