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जब परसुरामपुर आकर परिवार का गम बांटा रिश्तेदारों ने India Obituary Uttar Pradesh 

जब परसुरामपुर आकर परिवार का गम बांटा रिश्तेदारों ने

-मेरी मां से खुलासा हुआ कि दिल्ली के पत्रकार तपन जी तो अपने करीबी रिश्तेदार हैं

यूँ तो पिताजी की जगह हमेशा के लिए खाली हो गयी। पर पिताजी स्वजनों के बीच अमर रहेगें। वे प्रतापगढ़ भट्ट सभा के वरिष्ठ उपाध्यक्ष रहे। लोग उनकी जिंदादिली और खुले विचारों की तारीफ अब भी करतेे हैं।

रेखा राय/ प्रतापगढ़ से लौटकर चेन्नई से

1PR-15 जनवरी की शाम मेरे जीवन का सबसे दुखांत पल था। उस दिन मेरे परम पूज्य पिता विजय बहादुर शर्मा जी इस दुनिया को अलविदा कहकर परमधाम को चले गए। यूँ तो पिताजी की जगह हमेशा के लिए खाली हो गयी। पर पिताजी स्वजनों के बीच अमर रहेगें। वे प्रतापगढ़ भट्ट सभा के वरिष्ठ उपाध्यक्ष रहे। लोग उनकी जिंदादिली और खुले विचारों की तारीफ अब भी करतेे हैं। एक रोचक बात बताऊं कि पूर्व मंत्री बृजेश जी और मेरे पिता दोनों इलाहाबाद विवि में क्लासफेलो थे। वे सरकारी कंपनी बीपीसीएल में ऑफिसर पोस्ट से रिटायर होने के बाद प्रतापगढ़ में रहने लगे थे।

pr3प्रतापगढ़ जिले के परसुरामपुर गांव में पिताजी के सभी बच्चों ने (राजेंद्र, वीरेन्द्र, योगेंद्र, शैलेंद्र, धमेंद्र, जीतेन्द्र सत्येंद्र, लकी, सनी,शानू) ने मिलकर परम्परागत रूप से उनकी याद में 28 जनवरी को भोज कार्यक्रम को साकार रुप दिया। इसमे पिताजी के चाहने वालों, रिश्तेदारों और पट्टीदारों ने शामिल होकर हमारे परिवार के दुखों को बांटा। शोक सभा में सभी जाने पहचाने लोग शामिल हुए। रिश्तेदारों में कानपुर के प्रसिद्ध उद्योगपति श्री रमेश राय, इलाहाबाद के अधिशासी अभियंता श्री रामेश्वर दयाल राय (R D ROY) पुनीत राय, अरविन्द शर्मा,हरिश्चन्द्र शर्मा, पिताजी के दामाद हरेन्द्र प्रताप भट्ट, महेंद्र भट्ट, सुशील राय,रवि प्रकाश शर्मा ,सूरज शर्मा ।उमरी से शालिग्राम शर्मा,लखनऊ से सचिन्द्र शर्मा, विश्वजीत जी, इंदु प्रकाश शर्मा, सुल्तानपुर के श्यामबहादुर राय जी, पटखौली से राजनाथ शर्मा, मूसी बृजराजपुर से अनिल राय,प्रतापगढ़ से उदयराज तिवारी , भट्टसभा के अध्यक्ष प्रमोद पांडे सहित सभी सदस्य गण, प्रतापगढ़ के कोहड़ा से पूर्व परिवहन राज्यमंत्री श्री बृजेश शर्मा, रमेश शर्मा, जंत्री प्रसाद शर्मा, राजेश शर्मा, राजेश भट्ट,नंदकुमार शर्मा, विस चुनाव के बसपा प्रत्याशी अशोक त्रिपाठी, अरुण शर्मा, अशोक कुमार राय, त्रिभुवन नाथ शर्मा, रूपा पुर से सत्यनारायन शर्मा ,अवध नारायण शर्मा, रुप नारायण शर्मा, सुरेश चन्द्र शर्मा ,रामबहादुर शर्मा इंस्पेक्टर सियाराम वर्मा ,देवरिया मठिया से सुभाष त्रिपाठी,सुरेश त्रिपाठी समेत सैकड़ों स्वजन शरीक हुए। मैं तहे दिल से सबका आभार प्रकट करती हूं।

pr4अपने ब्रम्हभट्टवर्ल्ड परिवार का आभार प्रकट करते हुए शुक्रिया अदा करना चाहती हूँ कि अपने इस ग्रुप के संस्थापक और वरिष्ठ पत्रकार राय तपन भारती जी वक्त निकालकर मेरे परिवार को दुःख की इस घड़ी में सांत्वना देने के लिए प्रतापगढ़ आये। तपन जी के आने से सिर्फ मेरा परिवार ही नही बल्कि समाज के सभी लोगों को ताकत मिली।

काबिले तारीफ बात यह थी कि जैसे ही तपनजी कार से उतरे तब उनके सामने आने वाले हर बच्चे-बूढ़े-जवान से वो नाम और परिचय पूछते हुए नजर आये। जिसको जैसा देखते गए उसको उसी के तरह सुझाव देते गए। बहुमुखी प्रतिभा के धनी तपन राय जी ने कई सामाजिक मुद्दों पर लोगो से बातचीत की। जैसे बेटियों के लिए उच्च शिक्षा, महिलाओं को यथोचित सम्मान, गरीब विद्यार्थियों की आर्थिक मदद, युवा विधवाओं की शादी कर फिर से घर बसाने, शादी में सीमित संख्या में बारात ले जाने, आड़े वक्त के लिए पैसे की बचत, मायके की प्रॉपर्टी पर बेटियों का हक़ देने आदि तमाम मुद्दों पर सलाह मशविरा चलता रहा। अंतिम भोज का गमगीन माहौल एक सम्मेलन में बदल चुका था। सारे लोग तपन जी के खुले, तार्किक और ठोस विचारों से काफी प्रभावित हुए।

एक अजीब-से संयोग की बात मैं यहां बताना चाहूंगी कि मैं बनारस से आये अपने सगे मौसी-मौसा के बेटे असित शर्मा को और उनकी बेटी नीलम-सीमा को तपनजी से मिलाने गई तो,सौभाग्यवश बच्चों ने तपनजी को पहचान लिया। तपन Sir के पिता राय प्रभाकर जी और मेरे मौसा सतीश चन्द्र शर्मा जी (Ex commissioner, RPF) ममेरे-फुफेरे भाई निकले।

यही नही समारोह के अंत में जब मैंने तपनजी को अपनी माँ श्रीमती सावित्री शर्मा से मिलवाया तो मेरी माँ ने पूछा- बेटा, आप कहा के रहने वाले हो और किसके बेटे हो? जैसे ही तपन जी ने अपने पिता का नाम बताया, उसी पल माँ ने उनके दादा जी. पी. राय (घुरन राय) का नाम लिया और कहा कि आप जी पी राय के पौत्र हो न? फिर तो रिश्ते पे रिश्ते निकलते गये। और बातो बातो में पता चला कि जी पी राय दादा भी वर्षो पहले मेरे नाना के साथ कई बार परसुराम पुर आ चुके थे। और आखिरकार संयोगवश राय प्रभाकर के बेटे तपन भी इस गांव में आ ही गये। इस पुराने रिश्तों के नये माहौल में खुलासे से शोक के मौहौल में भी खुशी की लहर दौड़ गई।
Rekha Rai chennai..

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