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मुझे लेकर साजन कहाँ जा रहे हो? Bihar India Maharashtra 

मुझे लेकर साजन कहाँ जा रहे हो?

÷मेरी स्वरचित कविता÷
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आप सभी सम्मानित अग्रज व प्रिय अनुजगण के पसन्द को ताकत देने के लिए यह चन्द पंक्तियाँ आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहा हूँ, जो प्रियवर देवरथ जी सहित आप सभी मित्रों के प्रति उपजे नेह व भाव का प्रतिफल है !

Alok maharajganj

आलोक शर्मा/महाराजगंज, यूपी
शोख़-ए-अदा में~गजब ढा रहे हो!
मुझे लेकर साजन कहाँ जा रहे हो?

मुझे शक नही है~-नियत पे तुम्हारे
दिल के हो अरमाँ औआँखों के तारे!
मगर हमसफ़र मौज~-में आ रहे हो
मुझे लेकर साजन ~कहाँ जा रहे हो?

बहुत दिन से थी~~ये तमन्ना हमारी
खुली वादियों में~~करूँ मै सवारी!
ये दिल कह रहा है,करीब आ रहे हो
मुझे लेकर साजन~कहाँ जा रहे हो?

चले हो सफर पे~औ मौसम हँसी है
मेरे साथ तुम हो~मुझे क्या कमी है
सुनाना था मुझको,जो तुम गारहे हो
मुझे लेकर साजन~कहाँ जा रहे हो?

Deorath in Goaचलो आसमाँ में~~हम देखें ये तारे
समन्दर की लहरें~-नदी के किनारे!
दिखाना था मुझको,दिखा तुम रहे हो
मुझे लेकर साजन~-कहाँ जा रहे हो?

प्रियतम मेरे हो तुम~बगिया के माली
माथे की बिंदिया,औ होठो की लाली!
बहक खुद गए हो,और बहका रहे हो
मुझे लेकर साजन~-कहाँ जा रहे हो?

मेरे हमसफ़र अब न इतना सताओ
झुकी हैं निगाहें~~मेरे पास आओ!
बच्चन दो कि सातो जन्म पा रहे हो
मुझे लेकर साजन~कहाँ जा रहे हो?

÷आलोक शर्मा÷

देवरथ जी के तस्वीर फेसबुक पर देख कर मैंने यह कविता उनकी अनुमति से लिख डाली है ,जिसे मैं फेस बुक पर आपसबों के लिए पोस्ट की है |

 

प्रणय -मिलन

0दिल्ली में बसे अवधेश राय की  स्वरचित कविता

Awadhesh Roy

शहर की ये जमात और चकाचौंध भरी किरण
ये कृत्रिम फ़ानूस और ये क्षणिक अलंकरण ,
भाते नहीं हैं मुझको ,ये सब कभी
देखो ,घूर रहे हैं यहाँ ,मिलकर सभी |

चलो कहीं दूर ,अब हम हो आते हैं
निस्तब्धता में जाकर ,दोनों खो जाते हैं ,
तन्मयता में अपनी ,अनुरक्ति दिखा जाते हैं
दो दिल और जाँ ,मिलकर एक हो जाते हैं |

देखो , अंबर पर शशि ,विहंस रहा होगा
अंबुद भी उससे ,अठखेलियाँ कर रहा होगा ,
चलो हम दोनों मिलकर ,चाँद के पार हो आएँ
प्रणय के भाव ,एक दूजे को दिखा जाएँ |

कितना सुख है ,इस प्रणय मिलन में
क्यों हम जलते रहें ,इस विरह-अगन में
तेरी आशनाई में ,हम एक हुए हैं सनम
तेरे लिए मैं लेता रहूँगा, बार-बार जनम |

देखो, प्रकृति का हमारा यह सानध्य
कितना सुंदर और सुहाना लगता है ,
मुझ में तुम ,तुम में मैं का यह भाव
हमारे दिल में ,सदा जगाता रहता है |

 

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