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मन में जिद और रेणुका दी बनीं आर्ट आफ लीविंग टीचर India Karnataka Testimonials World 

मन में जिद और रेणुका दी बनीं आर्ट आफ लीविंग टीचर

दो हफ्ते की कठिन ट्रेनिंग के बाद बंगलोर में बीते दिनों उन्हें आर्ट आफ लीविंग की टीचर घोषित किया गया

रेखा राय/चेेन्नई

Renuka
लखनऊ की रेणुका शर्मा : मेरी समधन

जिंदगी में जिद की अजीब दास्तान होती है। कभी ये खुशनुमा होती है तो कभी गम के स्याह पन्ने इसकी उघेड़बुन को कुरेदते रहते हैं। दुनिया में ज्यादातर लोग अपने हिसाब से अपने हिस्से की जिंदगी जीते हैं, लेकिन कभी-कभी अनजाने में कुछ लोग जिद कर चुपके से जिंदगी में एक खास मुकाम हासिल कर लेते है। कुछ ऐसी ही कामयाबी हासिल की है लखनऊ की रेणुका शर्मा ने जो मेरे बेटे की सास हैं। उनके पास वक्त की कमी थी, लेकिन मुट्ठी से रेत की तरह फिसलते वक्त को भी उन्होने थाम लिया। दो हफ्ते की कठिन ट्रेनिंग के बाद बंगलोर में बीते दिनों उन्हें आर्ट आफ लीविंग का टीचर घषित किया गया।

रेणुका शर्मा रिश्ते में मेरी समधन हैं। आर्ट ऑफ लीविंग की टीचर ट्रेनिंग के दौरान 14 महिलाओं के साथ 29 जुलाई को वह लखनऊ से बंगलौर पहुंचीं। श्रीश्री रविशंकर जी के आश्रम में करीब दो सप्ताह तक रहीं। दो सप्ताह की  ट्रेनिंग के दौरान उन्होंने जिस साहस, धैर्य और लगन से अपने नियमित कर्तव्यों का पालन किया वास्तव में वो सराहनीय ही नही अनुकरणीय भी है।

हर रोज सुबह 3 बजे बिस्तर से उठना, स्नान-ध्यान, प्राणायाम, साफ-सफाई , यहाँ तक की शीशे में अपना चेहरा देखने की भी इजाजत नहीं।  ट्रेनिंग के दौरान सुबह 3 बजे से रात 11 तक फोन स्विच ऑफ रखना आदि। तमाम नियमों और परिस्थितियों से समझौता करते हुए खुद को नियम के अनुरूप ढालना ये बहुत बड़ी बात है।29 जुलाई से 13 अगस्त तक वो ट्रेनिंग पर रहीं। बस हिम्मत और धैर्य से उन्होंने ट्रेनिंग पूरी की और आखिरकार इसमें वह सफल रही। श्रीश्री ने अपने हाथों से उन्हें बहुत बड़ी उपलब्धि दी और वो आर्ट आफ लिविंग की टीचर बन गयी है।

Renuka2लखनऊ में बसे उनके पति सच्चिदानंद शर्मा ने अपनी भावना इस तरह से व्यक्त की है…”When she left for the training, I (and I feel she also) did not know that the training will be so grueling.

From 29 July till 12 August, the training started from 5 in the morning and lasted till 11 in the night. Then dinner and some sleep. And leaving the bed at 3 in the morning (can that be morning?) getting ready and reaching the training venue at the appointed time. Mobile was off during the training period so no contact with the outside world. Sitting at home I was having more tension than she might be having at Bangalore.

It’s only her perseverance that she is AOL Teacher now. People may agree or disagree with the organization. But as a husband, I say she achieved something which only some very determined people are able to achieve. She has proved once again and reinforced my belief that there still are too many things which money cannot buy. Well done!!”

उनकी बेटी यानी मेरी बहू आद्या शर्मा अपनी मां के बारे में कहती हैं… So proud of you Maa, you never fail to surprise people around you. You have always been my inspiration.Love you lot!! ❤️❤️

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