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दादाजी, काश आज आपको कोई तोहफ़ा दे पाती: ईशा Uncategorized 

दादाजी, काश आज आपको कोई तोहफ़ा दे पाती: ईशा

ईशा गौरव/मुंबई मेरे प्यारे दादाजी (Late SN Rana, Ex Principal, Dhanbad), आपको कोटि-कोटि नमन…   जब भी घर आती हूँ,आपको महसूस करना चाहती हूँ, देखकर आपके कपड़े, आपकी ऐनक, आपकी किताबें…फिर से आपकी यादों में खोना चाहती हूँ   याद आती है हर वो बात जो आपसे किया करती थी, कॉलेज से लौटने की बेला पे घर की बालकनी की...