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अपने उदेश्यों में सफल रहा “पटना मंथन” Bihar Events India 

अपने उदेश्यों में सफल रहा “पटना मंथन”

सरिता शर्मा (मुजफ्फपुर)
sarita-sharma%e2%80%8eआज “मंथन 2016” को गुजरे एक सप्ताह हो गया पर इसकी सफलता की खुमारी अभी भी छाई है! सफलता का सबसे जरूरी मूलमंत्र है अपने भीतर आत्मविश्वास जगाना, क्योंकि आत्मविश्वास हीं हमें दृढ़ता प्रदान करता है! इसी आत्मविश्वास और दृढ़निश्चय के साथ चार महिने की कठिन परिश्रम के फलस्वरूप “पटना मंथन” अपने उदेश्यों में बहुत हद तक सफल रहा है! इसके लिए पटना टीम के साथ-साथ पूरा ग्रुप बधाई का हकदार है!
ब्रह्मभट्ट वर्ल्ड ग्रुप अपने शुरूआती दिनों से हीं नारी शक्ति को उचित सम्मान देने की बात करता आ रहा है जिसका मूर्तरूप पटना के ऐतिहासिक धरती पर उस वक्त देखने को मिला,जब मंच संचालन की बागडोर देवरथ जी के साथ रंजना जी को भी समान रूप से सौपा गया था!
पटना मंथन का फोकस अपने समाज में व्याप्त तमाम कुरीतियों जैसे -दहेज रूपी अभिशाप ,विधवा एवं परित्यक्त महिला के समाजिक उत्थान ,बेटा-बेटी में भेदभाव,गरीब एवं मेधावी बच्चों के भविष्य को उज्जवल बनाने जैसी समस्याओं पर रहा!!

arita-sआम तौर पर देखा गया है स्त्रियाँ लोक-लाज एवं संकोचवश बहुत से मसलों पर स्पष्ट नहीं बोलकर चुप रहती है! लेकिन भारती रंजन जी ने आत्मविश्वास से भरी हुई 21वीं सदी की नारी जो न सिर्फ खेल-कूद, शिझण-स्वास्थ्य बल्कि अंतरिछ के साथ-साथ पुरूषो के वर्चस्व वाले झेत्रों में भी अपना लोहा मनवा रहीं है,का जीवंत उदाहरण प्रस्तुत किया!उनके मुँख से निकली एक-एक बात वहाँ उपस्थित सभी स्त्री-पुरूष को न सिर्फ झकजोर दिया बल्कि सभी को अपने अंदर झाँकने एव आत्ममंथन करने पर भी मजबूर कर दिया!शायद यहीं वजह है कि “पटना मंथन” के महिला सत्र की चारों दिशाओं में चर्चा हो रही है!विनीता शर्मा दी ने इस सत्र की कमान बहुत हीं कुशलतापुर्वक संभाली,जो काबिले-तारीफ है!
कहते है जहाँ यञ होता है वहाँ विघ्न डालने राछस आ हीं जाते है!पर इस मंथन में ऐसा-वैसा कुछ भी नहीं हुआ! सभी सज्जन लोग आये थे जो बडी़ हीं आत्मीयता से एक-दूसरे से मिलकर खुशियाँ बाँट रहें थे! मेल-मिलाप, हँसी-ठीठोली,खाना-खिलाना, गाना-बजाना,प्यार-सम्मान के साथ सभी लोग एक-दूसरे से ढ़ेर सारी मधूर-स्मृतियों के साथ विदा लिए!

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