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1981 से भी पहले से मनायी जा रही है पं. राजकुमार शुक्ल की जयंती Uncategorized 

1981 से भी पहले से मनायी जा रही है पं. राजकुमार शुक्ल की जयंती

आज भी लोगों से पंडित राजकुमार शुक्ल को लोगों से रूबरू कराने में अपनी अहम भूमिका निभा रहे हैं उनके नाती श्री रबि भूषण जी।

लेखक: एस एन शर्मा/ पटना

जब पंडित राजकुमार शुक्ल की जन्म तिथि सन 1981 में पटना के मसहूर परिसर रवीन्द्र भवन में बडे ही धूम धाम से मनाई गई थी। उस ऐतिहासिक मौके पर मुख्य अतिथि के रूप में तत्कालीन माननीय केन्द्रीय मंत्री भारत सरकार स्व अनंत प्रसाद शर्मा आए थे।

बिहार के तत्कालीन गर्वनर महामहिम स्व ए आर किदवई , बिहार विधान सभा पूर्व अध्यक्ष स्व राधानंदन झा एवं पूर्व मंत्री प्रभूनाथ सिह के साथ अन्य तत्कालीन माननीय लोगों ने शामिल होकर पंडित राजकुमार शुक्ल की जयंती पर उनके चंपारण संघर्षो के लिए याद कर आभार व्यक्त किया । उस समय भी पंडित राजकुमार शुक्ल के नाती श्री रविभूषण जी ने इस आयोजन में शिरकत कर श्रद्धा सुमन अर्पित की थी।

आज भी लोगों से पंडित राजकुमार शुक्ल को लोगों से रूबरू कराने में अपनी अहम भूमिका निभा रहे हैं उनके नाती श्री रबि भूषण जी। बिहार सरकार की नौकरी से रिटायर होने के बाद भी श्री रबि भूषण जी आज भी पटना से लेकर दिल्ली लटक सक्रिय हैं।

कुछ दुर्लभ पुरानी तस्वीर आप लोगों के दर्शनार्थ यहाँ रखी गई है । यह प्रेरणा उन्हे जरूर दर्पण दिखा देगी जो लोग इस भ्रम में है शुक्ल जी को केवल उन्हीं के चलते लोग जानते हैं। जिन्होंने में सन 1981 और उससे भी पहले उनकी जयंती और पुण्यतिथि मनायी उन्हे कोटिशः नमन।

बिहार में नीतीश कुमार जी के मुख्य मंत्री बनने के बाद पंडित राजकुमार शुक्ल और महात्मा गाँधी जी सहित बिहार में विशेष रूप से सभी स्वतंत्रता सेनानियों को सम्मान दिया गया है। पंडित राजकुमार शुक्ल ने कभी किसी जाति विशेष के लिए नही देश के लिए संघर्ष किया। फिर भी कुछ लोग उनका नाम बेचकर कुछ नाम का व्यवसायी करण करना चाहते हैं जो संभव नहीं लगता है। भगवान उन्हे सुबुद्धि दे।

Balmiki Sharma, आरा: पं राजकुमार शुक्ल भारत के महापुरुषों में एक थे। उनको सम्मान देने का हक जनजन को है।परिवार वाद और जातिवाद में उनको समेटना उनका कद छोटा करना है। बहुत पहले से उनकी जयंती एवं पुण्यतिथि मनाई जा रही है। रांची के अजय राय भी बराबर मनाते रहे हैं। एक और स्वजन बांका पुनिसिया के श्री इन्द्रदेव राय भी अपने यहां बहुत पहले से जयंती व पूण्यतिथि मनाते रहे हैं हालाकि उन्होंने कभी वाहवाही लेने का प्रयास नहीं किया। आज उनकी कोई चर्चा ही नहीं करता है क्योंकि वे स्वयं fb पर प्रचार प्रसार से परहेज करते हैं। जिस जिस व्यक्ति अथवा संगठन के प्रयास से शुक्लजी आज जनजन के दिल में, राजनीतिक गलियारे में, स्वजनो के बीच सम्मान के नजर से देखे जा रहे हैं, वे निःसंदेह धन्यवाद के पात्र हैं। हमारा कर्तव्य है कि वे महापुरुष थे उनको उसी कोटि में हम रखें न कि उनके नाम पर हम राजनीति आपस में करें या निजी लाभ का जरिया बना लें।
Hitesh Barot, गुजरात: SN Sharma सर, वैसे तो मेरा यूपी और बिहार से दूर दूर तक कोई नाता नहीं है, में गुजरात से हूं। नाही यूपी और बिहार में मेरा कोई रिश्तेदार है । पर मैं ब्रह्मभट्ट समाज में पैदा हुआ हूं जिसका मुझे गर्व है और इसलिए में ब्रह्मभट्ट समाज में कुछ लोगों से सोशल मीडिया के जरिए मित्र बना। पिछले डेढ़ दो साल में मेरे यूपी और बिहार में कई स्वजातीय लोग फेसबुक के माध्यम से मित्र बने इससे ज्यादा कुछ नहीं। आजतक न ही मैं किसी से प्रत्यक्ष रूप से मिला हूं ना मेरी कभी किसी से टेलीफोनिक बातचीत हुई है। पर में आज एक बात जरूर कहूंगा, मेरा पसंदीदा विषय इतिहास है आप मेरी फ़ेसबुक वाल पर भी चेक कर सकते हैं। इतिहास जानने की मेरी उत्सुकता के कारण में कई ग्रूपो से भी जुड़ा हुआ हूं और था। और में सत्य कहूंगा क्योंकि मैं किसी से भी न डरता हूं न दबता हूं…

पंडित राजकुमार शुक्ल जी एक महामानव थे और रहेंगे उसमे कोई संदेह नहीं है लेकिन कुछ लोग समाज में हैं जो उनके नाम पर अपनी खिचड़ी पकाते हैं। ऐसा मैंने भी पिछले डेढ़ दो साल में देखा है ये बिल्कुल गलत है। इसे हर हाल में बर्दास्त नहीं करना चाहिए। उनको समाज के सामने नंगा करना चाहिए क्योंकि उनका काम सिर्फ पंडित राजकुमार शुक्ल जी के नाम पर चंदा इकट्ठा करना है, समाज में अपनी वाहवाही करवाना है जिसका मतलब आज के जमाने की भाषा में कहो तो राजनीति करना है। मैं सत्य बोलने और लिखने से कभी पीछे नहीं हटता हूँ। न में किसी से डरता हूं न दबता हूं। आप सभी स्वजातीय बंधुओ और बुजुर्गो का तहेदिल से धन्यवाद..
Kaushal Kunwar: बहुत ही बेहतरीन जानकारी दी है आपने। रवि भुषण जी की भुमिका अतुलनीये और सराहनीय है। शुक्ल जी जैसे महापुरुष के लिये इस तरह का भ्रम निरर्थक है। एसएन शर्मा जी ने बहुत ही अच्छा लिखा है। उनके लिखने की क्षमता अद्भूत है।

Lp Rai, पटना: पंडित राजकुमार शुक्ला देश के स्वतंत्रता के प्रणेता थे। हीरे की चमक कभी खत्म नही होती। उनकी जयंती पुण्यतिथि दशकों से मनाई जाती रही है और उन्के नाती रविभूषण इस कार्य को करते आये हैं। कई संस्थाएं इनके नाम पर दशकों से चचली आरही हैं। प्रधानमंत्री, मुख्यमन्त्री और अभी सम्मानित नेताओं के द्वारा उनके योगदान का उल्लेख बार किया जा चुका है। यदि किसी को भ्रम है कि उनके द्वारा ही लोगों ने राजकुमार शुक्लाजी को जाना तो यह गलत है। हम लोगों को गर्व है कि पंडित राजकुमार शुक्ल जी हमारे समाज से थे उनको हम लोग कुछ दे सकते। सभी जानते महात्मा गांधी को बिहार राजकुमार शुक्ल जी ही लाये।
Lalan Sharma, पटना: बहुत सुंदर जानकारी। शुक्ल जी की जयंती वर्ष 1981 से ही मनायी जा रही है शायद अबतक लोग इससे अनभिज्ञ थे। इसका मतलब जयंती मनायी गयी लेकिन इसका प्रचार प्रसार नहीं किया गया। किसी भी लक्ष्य की प्राप्ति के लिए साधन से ज्यादा संकल्प की जरुरत होती है। आप अपने लक्ष्य पर आगे बढ़ते रहें। एस एन शर्मा को सचित्र जानकारी के लिए धन्यवाद।
Niraj Bhatt, रामगढ़: बहुत ही सुन्दर जानकारी पंडित राजकुमार शुक्ल जी हमारे समाज के महान योद्घा थे।उनके नाती रवि भुषण राय जी को भी कोटि कोटि नमस्कार…

Roy Tuhin Kumar, पटना: नूतन जानकारी हेतु धन्यवाद।

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