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1981 से भी पहले से मनायी जा रही है पं. राजकुमार शुक्ल की जयंती Uncategorized 

1981 से भी पहले से मनायी जा रही है पं. राजकुमार शुक्ल की जयंती

आज भी लोगों से पंडित राजकुमार शुक्ल को लोगों से रूबरू कराने में अपनी अहम भूमिका निभा रहे हैं उनके नाती श्री रबि भूषण जी। लेखक: एस एन शर्मा/ पटना जब पंडित राजकुमार शुक्ल की जन्म तिथि सन 1981 में पटना के मसहूर परिसर रवीन्द्र भवन में बडे ही धूम धाम से मनाई गई थी। उस ऐतिहासिक मौके पर मुख्य...
मेरे बड़का भैया ” स्व. सुदर्शन प्रसाद भट्ट” Bihar India Uncategorized 

मेरे बड़का भैया ” स्व. सुदर्शन प्रसाद भट्ट”

Dr AK Bhatt/Dy. Director Of Education, Delhi Govt. सविनय नमस्कार। आज मुझे अपने बड़का भैया ( सुपुत्र पं. भैरवनाथ भट्ट एवं पौत्र पं. शंकर दयाल भट्ट / ग्राम गऊडाढ , जिला भोजपुर , बिहार / मूलगांव तिलौली , लार रोड जिला देवरिया ) की बरबस याद आ रही है। बड़का भैया यानी स्वर्गीय सुदर्शन प्रसाद भट्ट। हम छह भाई तथा...
नीलम देवी: पहले पति खोया अब जख्मी होने पर नौकरी गई Uncategorized 

नीलम देवी: पहले पति खोया अब जख्मी होने पर नौकरी गई

नीलम देवी: पहले पति खोया अब जख्मी होने पर नौकरी गईविपत्ति अकेले नहीं आती है।विगत 23 सितंबर 2019 को मोटरसाइकिल दुर्घटना में नीलम के हाथ व नाक में फ्रैक्चर हो गया है और वह वह श्री कृष्ण मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती हैं। इनको ठीक होने में समय लगेगा और इलाज के खर्च के लिए कोई साधन भी नहीं है।...
दिल्ली BBW मंथन: युवा-सत्र एक सार्थक प्रयास: अ‍रविंद Uncategorized 

दिल्ली BBW मंथन: युवा-सत्र एक सार्थक प्रयास: अ‍रविंद

पूरे सत्र के दौरान मंच संचालन तथा anchoring उत्कृष्ठ था। त्विषा का युवाओं की उत्सुक और जिज्ञासापूर्ण प्रश्नो को बहुत बेहतरीन और सहज तरीके से panelist के सामने रखना तथा उनके जवाबो का एक professional anchor की तरह उन तक पहुचाना,जरूरत पड़ने पर बीच मे उन्हें interrupt करना अत्यंत ही रोचक और प्रभावशाली था। लेखक: अ‍रविंद कुमार, Executive Engineer, UPPCL,...
प्रेम-जगत में रहकर तुमने कितनों का दिल तोड़ दिया! Uncategorized 

प्रेम-जगत में रहकर तुमने कितनों का दिल तोड़ दिया!

कली फूल संवाद   इक दिन”नाज़” हुआ कलियों को, फूल से इठलाकर बोली उमर तुम्हारी बीत गई अब , हम सब खेलेंगे होली! अद्भुत, कोमल, कांति रूप ले,नेह-पन्थ को छोड़ दिया; प्रेम-जगत में रहकर तुमने कितनों का दिल तोड दिया! काँटों में छुप-छुपकर बस, सुंदरता का श्रृंगार किया; है आज नहीं, कोइ कहने वाला, तुमने मुझको प्यार किया पता नहीं,...
इतनों से दोस्ती-रिश्ते कैसे निभाते, फेसबुक पर बहुत सारे पुरुष-महिलाएं फ्रेंड कैसे बन गए? Uncategorized 

इतनों से दोस्ती-रिश्ते कैसे निभाते, फेसबुक पर बहुत सारे पुरुष-महिलाएं फ्रेंड कैसे बन गए?

क्या आप रोज उनसे बात करते?नियमित बात न करने पर भी रिश्ते इतने मजबूत कैसे? 28 November 2014 को फसबुक के brahmbhattworld group पर प्रकाशित लेख: मैंने लोगों को ईमानदार दोस्त और निष्कपट रिश्तेदारों के लिए तरसते देखा है… पर मेरे सामने ऐसी दिक्कत कभी नहीं आई…इस कड़ी में सबसे पहले मुंबई के Suresh Sharma जी का जिक्र करुंगा जो...
लाखों में सबसे प्यारा है एक गांव हमारा: भरथुआ Uncategorized 

लाखों में सबसे प्यारा है एक गांव हमारा: भरथुआ

याद आती है गांव की वो कच्ची सड़के किसी के महल तो किसी के खपरैल और फुस की मकान। याद आती है वो घर का दही-चूड़ा, खेसारी की साग, आम लीची के पेड़ और हरे भरे खेत-खलिहान। याद आती है वो नमोनाथ बाबा का मंदिर, जिसका इतिहास में भी है दास्तान। जहां साक्षात शिव-शंकर बसते हैं, इस बात का है ठोस प्रमाण।।...
क्या फेसबुक ग्रुप के लिए यह सब संभव है? Uncategorized 

क्या फेसबुक ग्रुप के लिए यह सब संभव है?

लोकतंत्र में एक ही समाज के अनगिनत ग्रुप हो सकते हैं। जैसे मोदी समर्थकों के सैकड़ों ग्रुप चल रहे हैं। जैसे अख़बारों पर पाबंदी नहीं लगाई जा सकती वैसे ही फेसबुक ग्रुप के सृजन को रोका नहीं जा सकता।   1. नम्र निवेदन है कि पहले किसी भी लेख या पोस्ट को समग्र रूप से पढ़कर समझें फिर अपना मंतव्य...
दादाजी, काश आज आपको कोई तोहफ़ा दे पाती: ईशा Uncategorized 

दादाजी, काश आज आपको कोई तोहफ़ा दे पाती: ईशा

ईशा गौरव/मुंबई मेरे प्यारे दादाजी (Late SN Rana, Ex Principal, Dhanbad), आपको कोटि-कोटि नमन…   जब भी घर आती हूँ,आपको महसूस करना चाहती हूँ, देखकर आपके कपड़े, आपकी ऐनक, आपकी किताबें…फिर से आपकी यादों में खोना चाहती हूँ   याद आती है हर वो बात जो आपसे किया करती थी, कॉलेज से लौटने की बेला पे घर की बालकनी की...
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