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मर-मरकर जी रही, मेरा क्या कसूर Bihar India 

मर-मरकर जी रही, मेरा क्या कसूर

कहीं लड़की और लड़के में 10-12-15 साल का अंतर। पता नहीं,  जब लड़की के माता-पिता शादी के लिए निकलते हैं तो इतना ही सोचते हैं कि लड़का अच्छा पैसा कमाता हो जो लड़की को सुख सुविधा दे सके। पर होता है इसके विपरीत। भारती रंजन कुमारी/दरभंगा आज हर पिता के मन मे एक डर है कि बेटी का विवाह जिस...
छोटे-छोटे दान की भी है अहमियत India Jharkhand Karnataka 

छोटे-छोटे दान की भी है अहमियत

नाई की आंखें भर आईं और वह कहने लगा “साहब, आजकल तो लोग काम करने के भी सही पैसे नहीं देते हैं और आप …”। पापा ने उससे कहा कि मेरा आशीर्वाद है और यह कहकर चल पड़े! रंजना राय/बंगलोर बचपन से ही दयालुता को लेकर मैं अनगिनत किस्से-कहानियाँ सुनती आ रही हूँ। मेरा विश्वास है कि जो दयालु होते,...
खोईछा के लिए स्नेहिल हाथ न हो तो बेटी क्या करे? Bihar India 

खोईछा के लिए स्नेहिल हाथ न हो तो बेटी क्या करे?

ससुराल से मायके जाते वक्त भी खोईछा देने की प्रथा है। खोईछा देने की प्रथा के पीछे बेटी-बहू की खुशहाली एवं उनके सौभाग्य की मंगलकामना का उद्देश्य ही हो सकता है। खोईछा में दी जाने वाली सामग्री यथा अक्षत, दूब , हल्दी की गांठ, सुपारी ,सिक्का का हमारे हिन्दू धर्म मे कितना महत्व है यह तो हम सब जानते ही...
बेटी का बाप India Uttar Pradesh 

बेटी का बाप

किसी कवि के हृदयाभाव को समझना थोडा कठिन है, फिर भी पंक्तियाँ आपकी सेवा में निवेदित हैं श्री रॉय तपन भारती जी, Journalist को विशेष ===========बेटी का बाप========== आलोक शर्मा महराजगंज, यूपी बेटी का पिता होना ही, उस आदमी को राजा “बना देता है!” शादी खोजने निकलिए,तो समाज उसका बाजा “बजा देता है!” रिवाजों में बंधी इस परम्परा, का निर्वहन क्या...
नवहट्टा गाँव के लोग आर्थिक रूप से सबल-आत्मनिर्भर Bihar India 

नवहट्टा गाँव के लोग आर्थिक रूप से सबल-आत्मनिर्भर

नवहट्टा के  हनुमान मंदिर की विशेषता है कि आप जो भी मनोकामना निश्छल भाव से मांगेंगे अवश्य पूरी होगी | मंदिर स्थापना काल से ही हमारे परिवार पर भी हनुमान जी की महती कृपा रही है | स्वजाति में उस वक्त मंदिर स्थापना एक गर्व की बात होती थी | Tripurari Roy Brahmbhatta/Saharsa आज रामनवमी का पावन दिन है |...
झारखंड के सतबहनी गांव में रामनवमी पर सुंदर झांकी Events India Jharkhand 

झारखंड के सतबहनी गांव में रामनवमी पर सुंदर झांकी

सतबहिनी गांव प्रकृति की गोद में बसा है। पूर्व में ऊंची चोटी वाली पहाड़ी है, पश्चिम में कल-कल बहती कोयल नदी का अदभुत नजारा है। गांव के चारों ओर हरियाली ही हरियाली है। वेद प्रकाश शर्मा/डालटनगंज झारखंड प्रदेश के पलामू जिले में सतबहिनी गांव है जहां ब्रह्मभट्ट परिवारों की संख्या करीब 1,000 है। मेरे इस गांव में एक भव्य देवी...
बचपन कितना भोला होता है? Bihar Delhi India 

बचपन कितना भोला होता है?

बचपन आखिर कितना प्यारा होता है। कितना सादा, कितना भोला। आज जब वह बड़ी हो गई तो ऐसे वाक्य उसके मुख से नहीं निकलते। बल्कि वह हर वाक्य सोच समझकर बोलती है। Namita Roy, Delhi दोस्तों, कभी-कभी कोई पुरानी बातें याद आ जाए तो मन में उमंग की तरंगें उठने लगती हैं। आज एक सुनहरी रोचक याद आप सब से...
बाजार में जब जबरन मुझे किताबें दी तो चौंक पड़ी India Tamil Nadu Uttar Pradesh 

बाजार में जब जबरन मुझे किताबें दी तो चौंक पड़ी

जब मैंने ये स्पष्ट किया कि यह तो बाइबल है और मुझे यह नहीं चाहिए तब उन्होंने किताब लेने से इनकार कर दिया, कई बार रिक्वेस्ट करने पर भी जब उन्होंने किताब वापस नहीं ली तब मैं उससे घर ले आयी क्यूँकि मेरी चेतना ने मुझे इजाज़त नहीं दी कि मैं किसी धार्मिक ग्रंथ का अपमान कर उसे कहीं भी...
सौ रुपये लेकर आये थे, आज करोड़ों का है बिजनेस Delhi India 

सौ रुपये लेकर आये थे, आज करोड़ों का है बिजनेस

2016 की नोटबंदी के बाद प्रॉपर्टी का बिजनेस लुढ़का तो उनकी कंपनी में स्टाफ की संख्या डेढ़ सौ हो गई। वे कहते हैं उनके यहां अच्छी तनख़्वाह मिलती है। स्टाफ में मार्केटिंग मैनेजर, सिविल इंजीनियर हर तरह के लोग हैं। उनकी कंपनी फैक्टरी और आफिस की बिल्डिंग बनाती है। उनकी कंपनी दूसरी कंपनियों कै लिए फैक्ट्री और आफिस भी बेचती...
स्त्रियों को पुरुषों के बराबर दर्जा मिलना ही चाहिए Bihar India 

स्त्रियों को पुरुषों के बराबर दर्जा मिलना ही चाहिए

वर्तमान समय में स्त्रियाँ किसी भी क्षेत्र में पुरूषों से कम नहीं है। हर एक वैसे क्षेत्र जिसमें पहले पुरूष वर्ग ही कार्यरत थे, अब महिलाये भी वहाँ बराबरी से कार्य कर रहीं है। अब तो सेना में भी स्त्रियों के जाने में प्रतिबंध नहीं है। महिलाएं किसी भी क्षेत्र में रहीं हो वे यह सिद्ध कर चुकी हैं कि...
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