झारखंड के सतबहनी गांव में रामनवमी पर सुंदर झांकी
सतबहिनी गांव प्रकृति की गोद में बसा है। पूर्व में ऊंची चोटी वाली पहाड़ी है, पश्चिम में कल-कल बहती कोयल नदी का अदभुत नजारा है। गांव के चारों ओर हरियाली ही हरियाली है।
वेद प्रकाश शर्मा/डालटनगंज
झारखंड प्रदेश के पलामू जिले में सतबहिनी गांव है जहां ब्रह्मभट्ट परिवारों की संख्या करीब 1,000 है। मेरे इस गांव में एक भव्य देवी मंदिर है जहां आजकल नित्य भागवत कथा का आयोजन चल रहा है। रामनवमी के दिन रविवार को आकर्षक झांकी के साथ राम भक्तों की सेना पूरी तैयारी के साथ एक शोभा यात्रा निकालेगी। हमारे गांव के सभी बुजुर्ग, बच्चे, नौजवान आजकल इसकी तैयारी में लगे हुए हैं। गांव की हर गली, हर सड़क पर भगवा ध्वज लहरा रहा है। गांव मेंतमाम धार्मिक अनुष्ठानों के साथ-साथ बजरंग बली के तीन मंदिर और देवी के एक मंदिर में ध्वजारोहण किया जाएगा।
इस ग्रुप के संस्थापक राय तपन जी और अन्य कई स्वजनों को यह पता है कि इस गांव में सरकारी नौकरी वाले लोगों की संख्या औसत से अधिक है। यह गांव प्रकृति की गोद में बसा है। पूर्व में ऊंची चोटी वाली पहाड़ी है, पश्चिम में कल-कल बहती कोयल नदी का अदभुत नजारा है। गांव के चारों ओर हरियाली ही हरियाली है।
अपने गांव का नाम सतबहिनी, पंचायत का नाम सतबहिनी, पोस्ट ऑफिस सतबहिनी, मुखिया सतबहिनी का, रेलवे स्टेशन भी सतबहिनी नाम से। सतबहिनी रेलवे स्टेशन पर रेलवे की जमीन और रेलवे के फंड से शत्रुघ्न शर्मा पार्क 2013 में बनाया गया जो मेरे पूज्य पिताजी हैं। पिताजी रेलवे में चालक के पद पर नौकरी करते थे। रेलवे की जमीन और रेलवे की राशि से 1,500 फुट पक्की सड़क का निर्माण 22 लाख रुपये की लागत से बनाई गई है गांव के लोगों को आने जाने के लिए। इस सड़क के लिए हमने किस तरह से संघर्ष किया इसकी कहानी मैं फिर कभी बताऊंगा। आपको मेरे गांव में रामनवमी के आयोजन की कहानी कैसी लगी इस पर अपनी प्रतिक्रिया अवश्य लिखिएगा।