छोटे-छोटे दान की भी है अहमियत
नाई की आंखें भर आईं और वह कहने लगा “साहब, आजकल तो लोग काम करने के भी सही पैसे नहीं देते हैं और आप …”। पापा ने उससे कहा कि मेरा आशीर्वाद है और यह कहकर चल पड़े! रंजना राय/बंगलोर बचपन से ही दयालुता को लेकर मैं अनगिनत किस्से-कहानियाँ सुनती आ रही हूँ। मेरा विश्वास है कि जो दयालु होते,...