मेहनतकश स्वजनों से गुलजार है बिहार का यह मकेर गांव
अरविंद कुमार/एक्जक्यूटिव इंजीनियर, UPCCL, लखनऊ “यूं तो हमने लाख, हँसी देखे हैं, तुम सा नहीं देखा।।” लेखक: अरविंद शर्मा, एक्जक्यूटिव इंजीनियर at UPCL/लखनऊ बात जब गांवों की होती है, वो भी आपकी जन्मभूमि की तो आपका अति उत्साहित होना स्वाभाविक है। आपकी अनगिनत यादें जो जुड़ीं होती हैं। उस पर यदि आप मुख्यालय से सम्बद्ध होते हैं तो लिखने-पढ़ने का...