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मंथन में भेंट और मिलन हुई वह दिल में छाप छोड गई Bihar Events 

मंथन में भेंट और मिलन हुई वह दिल में छाप छोड गई

मंथन 2016-अद्भुत समागम
आप सभी को प्रणाम, नमस्कार।
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Rakesh Sharma
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Rakesh Sharma

%e0%a4%86%e0%a4%9cमंथन की अद्भुत सफलता का साक्षी मैं भी रहा।मैनें जो अनुभव किया उसकी कल्पना नहीं की थी। इस भाग दोड के युग में जिसप्रकार सोशल मिडीया यानी ब्रह्मभट्टवर्ल्ड के अह्वान पर पर मंथन 2016ने जेहन पर जो तस्वीर ला दिया वह अविस्मरणीय रहेगा।सर्वप्रथम मैं उनलोगों से मुखातिब होकर बताना चाहूंगा जो सोचते होंगें की इससे क्या मिला।
सर्वप्रथम पुरे मंथन आयोजन टीम को बधाई देते हुए जिसमें एक नाम नहीं है कहना चाहूँगा की आप सभी को कोटी कोटी धन्यवाद।बहुत लोग अपने बेटा बेटी के शादी जैसे अवसर को नहीं संभाल पाते और लोग उसमें सैकडों खामिया गिना देते हैं परन्तु जिसतरह से हमारे महानुभवों में ज्ञान ज्योति एवं ध्रमेंन्द्र भाई साहब ने अपने टिम में संजीव और विपुल भाई को लेकर जो तैयारी की और उसमें महती भूमिका एल पी राय साहब ने निभायीऔर जो निर्देशक के रुप में भुमिका राय तपन भारती जी की रही उसमें किसी को खोट निकालने का मौका तक नहीं मिला और इन सभी सुखद पलों को समाज के सामने लाईव प्रस्तुति करने में गोस्वामी बन्धुवों की सराहना न की जाय तो बेमानी हो जायेगी। आप सभी को पुन:कोटी कोटी धन्यवाद।

brahmbhattworldमंथन में अपनों से मिलने का जो सुखद संयोग प्राप्त हुआ वह अकल्पनिय और अविस्मरणीय रहेगा। अपने भाई बन्धू तथा रिस्तेदारों से तो कहीं न कहीं भेंट हो ही जाती है परन्तु मंथन में जिससे भेंट और मिलन हुई वह दिल में छाप छोड गयी।लगता नहीं था की इनसे मैं आज मिल रहा हूँ।लग रहा था की ये हमारे पूर्वजन्मों से परिचित हैं इनको देखते वो सुनते कैसे सुबह नौ बजे से रात्री आठ बज गया पता नहीं चला और इन सब के बिच सभी से खुलकर पुरे मन से बात भी नहीं हो पायी बल्कि देखकर ही जी भर गया और विदाई की समय में तो लगा जैसे बेटी की विदाई हो रही है।मंथन का पहला दृष्य यह था।
दुसरी जो सबसे बडी बात हरियाणा से आये कौशिक बन्धुओं तथा तामिलनाडु से आये हमारे बन्धु और बंगलौर और मुम्बई से आये हमारे बन्धुगण से मिलकर और उनकी बातों को सुनकरतथा काफी कष्ट झेलकर पथानकोट से आये हमारे बन्धु और दिल्ली और गुडगांव से आये बन्धुओं की बात सुनकर लगा की ये वास्तव में समाज के लिए जिने और मरने वाले लोग है।
ऊतर प्रदेश से आये नंदन जी तथा अविनाश जी अंजना शर्मा जी एवम् अन्य आदरणीय ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराकर समाज के सामने जो बाते रखी वह वास्तविकता से भडे पडे था।इसको भुलाया नहीं जा सकता।
मैं बिहार का रहने वाला हूँ और बिहार इस कार्यक्रम का मेजबानी कर रहा था तो यहाँ के आदरणियों की भूमिका का जितनी भी प्रशंसा की जाय वह गागर में सागर भरने के समान है।
इस मंथन की महत्वपूर्ण
सुखद घडी उस समय दिखी जब महिला सेसन चला।हमारे समाज की महिलाओं की उपस्थिति एवम् उनकी नारी सशक्तिकरण पर जो बयान आया वह मिल के पत्थर के समान था सोंच भी नहीं सकता था की हमारे समाज की महिला हमसबसे क्या अपेक्षा रखती हैं।उन्होंने ने समाज को जो सिख दिया काविलेतारिफ रही और समाज को उनसभी के द्वारा उठाये गये मुद्दों को सोचने पर मजबूर कर दिया।
मंथन के नास्ता और खाना कोई कैसे भुल पायेगा।आयोजकों ने जो खाना पानी चाय का व्यवस्था किया था वह अपने आप में एक खास अंदाज था और उसकी मिठास और मिठाई का सुगंध आज भी दिलों दिमाग में ताजा है।
nसांस्कृतिक कार्यक्रम में अकेला जी एवम् उनके टीम की प्रस्तुति बेमिसाल रही।अपने समाज के लोगों और उनकी आवाज को सुनकर किशोर कुमार लता मंगेशकर और मुकेश तथा अनुपजलोटा की सुर सुनायी दे रही थी।
इनसभी के बिच हमारे देवरथ भाई ने सभी कार्यक्रम का सुखद संचालन कर जो अनुठी छाप छोडी उसकी व्याख्या शब्दों में नहीं की जा सकती।
मैं तो लिखते लिखते थक जाउंगा पर मंथन की गाथा लिखने के लिए एक पुरी किताब लिखनी पडेगी।इसमें जो हमारे प्रिय हरिओम भाई राजीव भाई नवीन भैया दसौधी सर राय साहब और बहुत सारे संबंधियो से मिलने का जो सुखद अनुभव प्राप्त हुआ वह अविस्मरणीय रहेगा।
पुन: आप सभी को तहे दिल से धन्यवाद देते हुए मैं राय तपन भैया से आग्रह करता हूँ की इस तरह के मंथनों से हमेशा ही हमलोगों को रुबरू कराते रहेंगें।आपसब को बहुत बहुत धन्यवाद।

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