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इंसान जन्म से नहीं, अपने कर्मों से महान बनता है: अवधेश राय Bihar Delhi 

इंसान जन्म से नहीं, अपने कर्मों से महान बनता है: अवधेश राय

अवधेश राय/कटिहार-नई दिल्ली लेख को अवश्य ही गहराई से पढ़ते हुए मनन करें, क्योंकि यह हर व्यक्ति के जीवन से जुड़ा हुआ है कर्म ही जीवन है और अकर्मण्यता मृत्यु। जहां कर्म है, वहीं गति है और गति से ही जीवन है। कर्मशील बने रहने में ही कर्मयोगी की सार्थकता है। संसार में जन्म लेकर कोई भी प्राणी बिना कर्म...
अलौकिक नजारा बिहार में गुजूरु ग्राम के भाष्करधाम में Bihar 

अलौकिक नजारा बिहार में गुजूरु ग्राम के भाष्करधाम में

गुजूरु गांव शिक्षित व धनाढ्य गांवों में गिना जाता है। यहां की सांस्कृतिक विरासत काफी धनी और प्राचीन है। यूँ तो गांव में और भी सुंदर व प्राचीन मंदिर हैं, किन्तु गांव के दक्षिण में विराट मानसरोवर पोखरे के विस्तृत तट पर अवस्थित भगवान भाष्कर का मंदिर मुख्य आकर्षण का केंद्र है। दिलीप कुमार पंकज/आरा यह अलौकिक और अद्भुत नजारा...
अशिक्षा के कारण ही महिलाओं की बदतर हालत: स्वामी विवेकानंद Bihar 

अशिक्षा के कारण ही महिलाओं की बदतर हालत: स्वामी विवेकानंद

त्रिपुरारी राय/ सहरसा, बिहार जैसा कि आप सभी जानते हैं शिक्षा का हमारे जीवन में बहुत महत्व है। यह हमारी सभी मूलभूत आवश्यकताओं में से एक है। इसके बिना हम अपनी स्वस्थ और सफल जीवन की कामना नहीं कर सकते हैं। इस वैज्ञानिक युग में हम नित्य नई तरक्की कर रहे हैं किन्तु आज भी लगभग सभी वर्गों में एक...
आज का आदमी Bihar Delhi 

आज का आदमी

स्वरचित कविता अवधेश राय/नई दिल्ली आज का आदमी जिंदा तो है पर, जिंदा नहीं, सांसें तो है पर, आत्मा नहीं, वह जो सोचता है कहता नहीं, वह जो कहता है सोचता नहीं ।कभी किसी को है, कोसता रहता, कभी किसी की टांगें खींचता रहता, कभी किसी की तरक्की से जलता, तो, कभी किसी का वैभव उसको खलता, कभी वह अपने...
मेरे बड़का भैया ” स्व. सुदर्शन प्रसाद भट्ट” Bihar India Uncategorized 

मेरे बड़का भैया ” स्व. सुदर्शन प्रसाद भट्ट”

Dr AK Bhatt/Dy. Director Of Education, Delhi Govt. सविनय नमस्कार। आज मुझे अपने बड़का भैया ( सुपुत्र पं. भैरवनाथ भट्ट एवं पौत्र पं. शंकर दयाल भट्ट / ग्राम गऊडाढ , जिला भोजपुर , बिहार / मूलगांव तिलौली , लार रोड जिला देवरिया ) की बरबस याद आ रही है। बड़का भैया यानी स्वर्गीय सुदर्शन प्रसाद भट्ट। हम छह भाई तथा...
कमाख्या से चलकर थावे पहुंची थीं मां भवानी Bihar India 

कमाख्या से चलकर थावे पहुंची थीं मां भवानी

गोपालगंज जिला बिहार, स्वजातीयों का मशहूर जिला हैं जहाँ स्वजातीयों के करीब 20 गाँव है और यहाँ का मशहूर तीर्थस्थल शक्ति पीठ थावे जहाँ जाने मात्र से भक्तों की सारी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है, वहाँ के बारे में संक्षिप्त वर्णन। राकेश शर्मा/गोपालगंज गोपालगंज जिला मुख्यालय से करीब छह किलोमीटर दूर सिवान जाने वाले मार्ग पर थावे नाम का एक...
बसंत ऋतु का आगमन प्रकृति को बासंती रंग से सराबोर कर जाता: प्रियंका राय Bihar India 

बसंत ऋतु का आगमन प्रकृति को बासंती रंग से सराबोर कर जाता: प्रियंका राय

धार्मिक अवसरों पर भी पीले वस्त्र पहनने की परम्परा, विवाह संस्कारों में भी नई दुल्हन को ‘पियरी’ दिए जाते लाल-पीले रंग हिन्दू धर्म में भी शुभ माने जाते हैं। विवाह संस्कारों में भी नई दुल्हन को ‘पियरी’ दिए जाते हैं। कई धार्मिक अवसरों पर भी पीले वस्त्र पहनने की परम्परा है। जैसे बसन्त पंचमी के अवसर पर भी अधिकांशत महिलाएं पीली...
वाह ताज: हर शख्स को एक बार अवश्य देखना चाहिए Bihar India 

वाह ताज: हर शख्स को एक बार अवश्य देखना चाहिए

मुख्य प्रवेश द्वार भी भव्य था। मानो कोई राजमहल में जा रहे हों। बाहर की दीवारें गेरुआ रंग से रंगे हुए थे। अंदर कुछ मीटर की दूरी पर ताजमहल अद्भुत और अद्वितीय दिख रहा था। देशी और विदेशी पर्यटकों में फोटोग्राफी की होड लगी थी। पुनः सफेद संगमरमर के ताज महल को देखने के लिए दो सौ रूपये का टिकट...
मुंगेर के इस सुरंग का दूसरा छोर कहाँ गया आज भी रहस्य Bihar 

मुंगेर के इस सुरंग का दूसरा छोर कहाँ गया आज भी रहस्य

आज का मुंगेर जिला बिहार के पिछड़े जिलों मे से एक है। आप में से बहुत लोग जानते होंगे कि बंगाल के अंतिम नबाव ‘मीर कासिम ‘ ने मुंगेर को ही अपनी राजधानी बनाया था। मीर कासिम ने गंगा नदी किनारे भव्य किले का निर्माण किया था। यह किला 1934 में बिहार में आये भीषण भूकम्प मे क्षतिग्रस्त हो गया लेकिन इसका...
मेरे भट्टकुर गांव में सदियों पुरानी परंपराएँ आज भी विद्यमान: प्रियंका राय Bihar India 

मेरे भट्टकुर गांव में सदियों पुरानी परंपराएँ आज भी विद्यमान: प्रियंका राय

“मेरा गाँव- मेरा देश” ऐतिहासिक और धार्मिक दृष्टिकोण से विश्व प्रसिद्ध त्रेतायुगीन इस मंदिर परिसर में प्रति वर्ष चैत्र और कार्तिक माह में महापर्व छठ व्रत करने वालों की भीड़ उमड़ पड़ती है। पश्चिमाभिमुख देव सूर्य मंदिर मान्यताओं के अनुसार, इसका निर्माण भगवान विश्वकर्मा ने स्वयं अपने हाथों से किया। प्रियंका राय/पटना परिन्दों की चहचहाहट…. चौपालों की बैठकें.. लहलहाती फसलें….मिट्टी...
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