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छोटे-छोटे दान की भी है अहमियत India Jharkhand Karnataka 

छोटे-छोटे दान की भी है अहमियत

नाई की आंखें भर आईं और वह कहने लगा “साहब, आजकल तो लोग काम करने के भी सही पैसे नहीं देते हैं और आप …”। पापा ने उससे कहा कि मेरा आशीर्वाद है और यह कहकर चल पड़े!

रंजना राय/बंगलोर
रंजना राय

बचपन से ही दयालुता को लेकर मैं अनगिनत किस्से-कहानियाँ सुनती आ रही हूँ। मेरा विश्वास है कि जो दयालु होते, ईश्वर मुसीबत में उसका साथ अवश्य देते हैं। लेकिन हाल ही मैं जब मेरे पिता ने दयालुता का एक छोटा सा उदाहरण सुनाया तो मुझे लगा कि ऐसी बातें हम सबको भी आत्मसात करनl चाहिए। खासकर नई पीढ़ी को।

 
आजकल भागदौड़ की जिंदगी में हम सब परिवार के संग बहुत समय नहीं बिता पाते। व्यस्त जिंदगी में समय वाकई कम होता है पर मेरे परिवार में सबकी कोशिश रहती है कि परिवार के साथ दिन में कम से कम एक वक्त अच्छे से गुजारा जाए।
अक्सर शाम का भोजन हम सब परिवार के साथ मिलकर करते हैं। इस मौके मेरे पापा, जो 80 वर्ष के हैं, अपनी छोटी छोटी बातें हमारे साथ साझा करते हैं। सारण जिले के खरीका ग्राम वासी मेरे पिता रांची में एचईसी सरकारी उपक्रम से लाइब्रेरियन के पद से रिटायर हुए। एक दिन ऐसे ही बातों-बातों में उन्होंने हम सबको बताया कि जानते हो बेटा, इस बार जब मैं रांची (होम टाउन) से बैंगलोर आ रहा था तो ठीक 1 दिन पहले मैं अपने पुराने सैलून में गया और नाई ने बड़े प्यार से हमेशा की तरह इस बार भी बहुत अच्छी सर्विस दी। पापा कहने लगे, मैंने उसे बताया अब तुमसे दो महीने बाद ही मुलाकात होगी क्योंकि मैं बेंगलुरु अपनी मंझली बेटी (रंजना) के पास जा रहा हूं! हर बार की तरह इस बार भी मैंने ₹50 पारिश्रमिक उसे दिया। इसके बाद मैंने सौ रुपए अलग से निकालकर उसे दिया और कहा कि 2 महीने नहीं रहूंगा इसलिए तुम्हारा नुकसान नहीं हो, यह पैसे तुम रख लो! नाई की आंखें भर आईं और वह कहने लगा “साहब, आजकल तो लोग काम करने के भी सही पैसे नहीं देते हैं और आप …”। पापा ने उससे कहा कि मेरा आशीर्वाद है और यह कहकर चल पड़े!
कहने का तात्पर्य है कि दान करने के लिए और दयावान होने के लिए इंसान को धनवान होना बहुत जरूरी जरूरी नहीं है बस इसकी इच्छा प्रबल होनी चाहिए। जिंदगी में छोटे छोटे दान भी करना चाहिए जो समाज को दरकने से रोकता है। काश, सभी इस बात को समझने लगें।
Comments on facebooks: 
Roy Tapan Bharati: नई पीढ़ी को प्रेरणा लेनी चाहिए
 
Deorath Kumar:. वाह, पापाजी से हमें बड़ी सीख मिली, उन्हें मेरा प्रणाम बोलियेगा Ranjana भाभी
 
Rekha Rai अनुकरणीय बातें।
 
Ram Sundar Dasaundhi प्रेरणादायक प्रस्तुति
 
Ranjan Kumar प्रेरणादायी पोस्ट
 
Amita Sharma: बिल्कुल सही।दयावान होना दिल से निकला हुआ एहसास है,जिसमे धनवान होना जरूरी नही है।पापाजी को प्रणाम🙏
 
Pawan Ray अगर हम ज्यादा खर्च करने के लायक है तो हमें अपने गरीब रिश्तेदार , अपने काम आने वाले को अवश्य खुशीया बांटना चाहिए, प्रेरणादायक
 
Bipin Maharaj ऐसा काम मेंने भी कई बार किया है वाकई में मन को बहुत सुकून मिलता है
 
Chandan Sharma अगर आप इंसान है तो दयावान होना अति आवश्यक है (जै श्री राम)
 
Sanjeev Ray अनुसरण करने लायक पोस्ट।
 
Geeta Bhatt बहुत खुशी हुई पापा जी को मेरी तरफ से शुक्रिया कहियेगा और प्रणाम भी ।सच्चा दान जो किसी को खुशी दे सके और बने यादगार पल
 
Dharmendra Sharma कितनी बड़ी बात है … !!
 
पं. दीपक शर्मा बहुत ही नेक व उत्तम विचार
 
Alok Sharma: वाह क्या बात है/इंसानियत आयातित नहीं बल्कि अंतरात्मा में ही जिन्दा रहती है/जो धन से नहीं भाव से पल्लवित व पुष्पित होती है/यहां मै पिताजी के विराट हृदय की उदारता को नमन् करते हुए आपकी अद्भुत लेखनी को भी दिली आभार ज्ञापित करता हूँ मैम/पिता की सहृदयता और बेटी की कलम/नमन् ही नमन्
 
हरिओम प्रासाद राय भट्ट: बहुत ही अच्छा सहयोग का उदाहरण, इसलिए भी समाजिकता आप के जीवन में है, इससे हम सबों को बडी सीख मिलती है।
 
Ranjana Roy: आप सब ने हमारी इस पोस्ट को सराहा और पसंद किया इसके लिए बहुत-बहुत आभार आप सभी का ! आप भी इसी तरह अपनी जिंदगी में हुई छोटी-छोटी घटनाओं को इस मंच पर साझा करेंगे तो हमें भी अच्छा लगेगा !

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