मैं सृष्टि, मैं जुनून हूँ
भारती रंजन कुमारी/दरभगा मैं धरती की वजूद हूँ, मां के चरणों की धूल हूँ बाबुल की बगिया की फूल हूँ, मैं ही छाँव और धूप हूँ, मैं सृष्टि मै जुनून हूँ।।।। मै इक्षाओं का बलिदान हूँ, मैं भारत का संविधान हूँ, मैं धरती-गगन की शान हूँ, मैं मां दुर्गा की त्रिशूल हूँ। मैं सृष्टि मै जुनून हूँ।।।। ...