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लीक से हटकर नया काम करना आसान नहीं होता: ROY TAPAN Delhi India 

लीक से हटकर नया काम करना आसान नहीं होता: ROY TAPAN

Welcome: Mr SN Bhatt, President of BBW Delhi Manthan Organizing Committee

जिस शहर में यह मिलन समारोह होता वहाँ अपने समाज की उत्साही टीम इसके आयोजन का जिम्मा संभालती…आयोजन टीम के हर सदस्य की सलाह सुनी जाती, सब मिलकर आयोजन की जिम्मेवारी संभालते…इस प्रोग्राम में हम सब मेजबान होने के बावजूद अपने अपने परिवार के सदस्यों का निबंधन भी कराते…यानी हम सब मेजबान भी हैं और मंथन के प्रतिभागी भी…

Written by ROY TAPAN BHARATI/DELHI
लीक से हटकर नया काम करना आसान नहीं होता. बीते 30-35 साल में हमने देश में अनेक सामाजिक सम्मेलन देखे, पत्रकार होने के नाते अन्य समाज के सम्मेलनों में भी गया, उनसे हर बार कुछ नया सीखा-समझा, चंदे से होने वाले अनगिनत सम्मेलनों में कुछ अव्यवस्थाएं-खामियां दिखीं. यही राय हमारे एडमिन साथियों की भी थी। कहीं कहीं चंदे का हिसाब बताने में भी परेशानी आती है। खासकर भोजन के वक्त भोजन खत्म हो जाना. इससे भी ज्यादा अव्यवस्था भाषणों के दौरान देखी…कोई 15 मिनट बोल रहा तो किसी को एक मिनट भी माइक नहीं मिल पा रहा.
 
इसी को जेहन में रहकर BBW मंथन का आइडिया हम सबके ख्याल में आया कि हर साल किसी एक शहर में एक ऐसा अनुशासित सम्मेलन आयोजित किया जाए जहाँ सब कुछ सुव्यस्थित हो. पर आवश्यक नहीं कि मंथन भी पूरी तरह सौ फीसदी आपके मानदंड पर खरा उतरे जैसा कि कल हमारे अनिरुद्ध चौधरी जी (SBI) ने कैमरे के सामने कहा, हम चाहते हैं कि मंथन में भाषण कम और अनुभवी व सफल स्वजनों से हम कुछ सीखने और उनकी बातें सुनने की कोशिश करें.
युवा पीढ़ी को भी सुनना जरूरी है वे कैसा समाज चाहते हैं? वे इस मंथन से खुश होंगे कि यहाँ कोई चीफ गेस्ट नहीं होता, सब बराबर होते. मंथन महिलाओं को सम्मान तो देता ही है उनको साथ लाने पर भी हमारा जोर रहता। पर यहाँ आपको खुद पहल कर सबसे मिलना होगा। हाँ, याद रखिएगा कि मंथन में हम आपसे हर घंटे कुर्सियां बदलाव का निवेदन करेंगे जिसमें आपको सहयोग करना होगा।
 
मंथन अपने समाज का एक अनोखा सम्मेलन है जो बिना चंदा आयोजित होता है. मतलब जो भाग लेगा वह अपनी प्रतिभागी राशि एडवांस देगा। सम्मेलन के रोज राशि लेने का कोई झंझट नहीं। इससे सबसे बड़ा फायदा हुआ कि आयोजक भी मंथन को दिल लगाकर शिरकत करते हैं।
 
जिस शहर में यह मिलन समारोह होता वहाँ अपने समाज की उत्साही टीम इसके आयोजन का जिम्मा संभालती…
आयोजन टीम के हर सदस्य की सलाह सुनी जाती, सब मिलकर आयोजन की जिम्मेवारी संभालते…इस प्रोग्राम में हम सब मेजबान होने के बावजूद अपने अपने परिवार के सदस्यों का निबंधन भी कराते…यानी हम सब मेजबान भी हैं और मंथन के प्रतिभागी भी…मंथन में मिलकर एक-दूसरे को समझिए और उनकी सफल जिंदगी के तजुर्बे से कुछ सीखिए, कुछ तो लाभ होना चाहिए नई पीढी को. मंथन से उनका समाज से लगाव भी पैदा हो रहा यह सत्य है।
 
कल 2 सितंबर को Radison Hotel में आयोजित दिल्ली मंथन आयोजन समिति की बैठक में हर आयोजक के चेहरे से साफ झलक रहा था कि दिल्ली मंथन भी सफल होगा…दिल्ली मंथन आयोजन समिति के अध्यक्ष एस एन भट्ट जी के नेतृत्व में यह समारोह सफल होगा ऐसा हमा भरोसा है। कल की मीटिंग के मेजबान भाई Madhurendra Kumar को आशीष और उनका आभार प्रकट करना भी हम फर्ज बनता है।

Comments on BBW Facebook group:

Suraj Roy: आमीन! किसी भी आयोजन की सफलता उपस्थित लोगों की अधिक से अधिक सहभागिता ही सुनिश्चित करती है, उनका निःस्वार्थ सहयोग भी अपेक्षित होता है।जितनी अधिक संख्या में लोगों को अपने विचार व्यक्त करने का अवसर मिलेगा परिणाम भी अपेक्षाकृत सकारात्मक आएंगे।
 
Rajeev Sharma बहुत सुंदर विचार, हम सदैव आपसे अपेक्षा रखेंगे कि आप अपनें कटु अनूभव की सच्चाई को समय समय पर इसी तरह साझा करते रहें।
 
Amita SharmaAmita and 10 others manage the membership, moderators, settings and posts for Brahmbhattworld. सबके विचार सराहनीय थे।सभी लोग दिल लगाकर मंथन को सफल बनाने में जुटे हैं,आयोजन समिति के सभी सदस्यों का सादर आभार1
 
बिपुल कश्यप बहुत बढ़िया, मधुरेंद्र भईया को धन्यवाद।
 
Ajay Rai: कल की बैठक में मंथन आयोजन समिति के टिम सदस्यों की चेहरे की आभा इस बात का गवाह बना की हर सदस्य उत्साहित हैं इस आयोजन को लेकर । हम सब के लिए ये मंथन का आयोजन काफी उत्साह और एनर्जी भर देता है जो निश्चित तौर पर BBW की देन है ।
 
Anirudh Choudhary नीति हमरी गलत हो सकती है नीयत नही। आप लोग अधिक से अधिक सुझाव दें जिससे हमे मार्गदर्शन मिलेगा।
Roy Tapan Bharati : आपने एकदम सही कहा
 
Suraj Roy आपके नियत सम्बन्धित वक्तव्य सराहनीय है किंतु मैं सुझाव के रूप में एक अनुरोध करना चाहूंगा कि प्रमुख वक्ताओं को समारोह आयोजन के प्रमुख बिंदु प्रेषित कर देने चाहिए ताकि वे उन बिंदुओं पर अपने विचार को गहराई और गम्भीरता से कम से कम समय में प्रकट कर सकें। आरम्भ में प्रस्ताव रखे जाएं, बीच में परिचर्चा हो और प्रमुख वक्ता अंत मे सारी प्रतिक्रियाओं पर प्रकाश डाल, अंतर्मन से उपजे प्रश्नों के उत्तर से उपसंहार करें।🙏
 
Anirudh Choudhary Suraj Roy सरहनीय सुझाव
 
Suraj Roy जी,विषय निर्दिष्ट रहने से उसमे तथ्यों का समावेश बेहतर होता है, साथ ही समय की बचत के साथ साथ वक्तव्यों में परिपक्वता भी दृष्टिगोचर होती है।
Roy Tapan Bharati: सूरज जी। विषयों और मंथन की प्रक्रिया नवम्बर में घोषित कर दी जाएगी आपके सुझावों पर मंथन आयोजन समिति अवश्य विचार करेगी
Suraj Roy: जी,बेहतर।इससे अनुपस्थित रहने वाले बन्धु भी लाभान्वित होंगे एवं सहयोग स्वरूप अपनी प्रतिक्रियाएं व्यक्त कर सकेंगे जिससे आयोजन सार्थक और सफल रहे।
 
Niraj Bhatt तपन सर आपके विचार सराहनीय है।
Shalini Sharma: हमारे समाज की भलाई और वयक्तित्व बिकास के लिए शायद इससे अच्छा और कोई रास्ता नहीं दिखता।आयोजकों को बहुत बहुत धन्यवाद बहुमूल्य समय देने के लिए।आजकल कोई अपने परिवार को नहीं संभाल पाता है,वहाँ आपलोगों ने हर क्षेत्र से लोगो को एकत्रित करने का प्रयास किया है।आपलोगो का यह प्रयास सफल भी होगा।

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