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राजकुमार शुक्ल की आदमकद प्रतिमा पटना में लगे Bihar India 

राजकुमार शुक्ल की आदमकद प्रतिमा पटना में लगे

नील आंदोलन के अगुवा की स्मृति को यादगार बनाने की मांग को लेकर 10 अप्रैल को पटना शहर में एक पदयात्रा निकाली गई

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मनन गोस्वामी/पटना
बिहार के चंपारण में नील आंदोलन के अगुवा और महान स्वतंत्रता सेनानी राजकुमार शुक्ल की स्मृति को यादगार बनाने और चंपारण आंदोलन के शताब्दी समारोह पर उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर उचित सम्मान देने की मांग को लेकर राजकुमार कुमार शुक्ल स्मृति मंच की ओर से रविवार 10 अप्रैल को पटना शहर में एक पदयात्रा निकाली गई।

यह जुलूस पटना महावीर मंदिर से गांधी स्मारक गांधी मैदान तक गया। जैसा कि आप जानते हैं चंपारण आंदोलन के सूत्रधार राजकुमार शुक्ल जी थे जिन्होंने सन 1916 के लखनऊ में राष्ट्रीय कांग्रेस के अधिवेशन में चंपारण के किसानों पर हो रहे शोषण अत्याचार के खिलाफ आवाज बुलंद किया था।

RK padyatra3अगर राजकुमार शुक्ल जी नहीं होते तो गांधी जी चंपारण नहीं आते क्योंकि शुक्ला जी ने ही गांधी जी को प्रेरित कर चंपारण लाया था चंपारण आंदोलन के कारण ही गांधी जी को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली और आजादी की जंग आगे बढ़ी महात्मा गांधी को चंपारण आंदोलन के लिए प्रेरित करने वाले और उन्हें आंदोलन का रास्ता दिखाने वाले राजकुमार शुक्ल की पहचान आज भी उपेक्षित है।

 

हमारी प्रमुख मांगे निम्नलिखित रही
1. राजकुमार शुक्ल की जयंती और पुण्य तिथि हर साल सरकारी स्तर पर मनाई जाए ।
2.राजकुमार शुक्ल जी के सम्मान में सरकारी संस्थानों का नामकरण किया जाए।
3. इतिहास के पुस्तकों में उनकी जीवनी को प्रकाशित किया जाए।
4. पटना में राजकुमार शुक्ल की आदमकद प्रतिमा स्थापित की जाय।
5. राजकुमार शुक्ल के गांव को विकसित किया जाए ।

चिलचिलाती धूप में निकली इस पदयात्रा में शुक्ल जी की एक नतिनी समेत उनके कई रिश्तेदार भी शरीक हुए। इनके अलावा श्री सतीश कुमार भट्ट, मनन गोस्वामी, ज्ञान ज्योति जी, चंद्रभूषण भट्ट, श्री राजेश भट्ट, श्री विपुल कुमार आदि सैकड़ो लोगो ने इस पदयात्रा में भाग लिया।

( क्षमा चाहूंगा, पदयात्रा में शामिल बहुत स्वजनों का नाम मुझे नहीं पता)
रिपोर्ट के साथ पदयात्रा की कुछ तस्वीरें भी हैें)

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