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बोकनारी गांव, जहां नौकरी वाले सबसे अधिक: संजीव Bihar India 

बोकनारी गांव, जहां नौकरी वाले सबसे अधिक: संजीव

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हमारे गांव की कृषि वर्षा पर निर्भर है। गांव के लोगों में ज्यादा लोग नौकरी पेशा से जुड़े हुए हैं, जिस वजह से कृषि पे कम ध्यान देते है। पर, अगर कृषि होती है तो बहुत अच्छा होती है।

लेखक: संजीव राय, पटना
Sanjeev Rayकहा जाता है कि हमारा देश भारत गांवों का देश है। मेरा गांव भी अपने देश के लाखों गांवों जैसा ही प्यारा है। लगभग ढाई सौ घरों की बस्ती है, नाम है- बोकनारी। हमारा गांव, बिहार के जहानाबाद जिले के मखदुमपुर थाने में पड़ता है, जो दरधा नदी के किनारे पे बसा है, जो रेलवे स्टेशन मखदुमपुर से पश्चिम दिशा में है।
इस बोकनारी गांव की प्राकृतिक छटा देखते ही बनती है। नदी किनारे सड़क और सड़क किनारे हरे-भरे पेड़ की खूबसूरती मानो मन को बांध लेता है। गांव के बीचोबीच देवी माँ का मंदिर और गांव के नदी किनारे गांव से सटा ठाकुर जी का मनभावन मन्दिर और मंदिर से थोड़ी दूरी पर गांव का प्राथमिक विद्यालय, जिसमे मैने प्राथमिक शिक्षा ली है। मैं ये भी मानने के लिए तैयार हूं कि मेरे गांव से प्यारा कोई और गांव हो ही नही सकता।
मेरे गांव में मुख्यतः अपनी जाति के ज्यादा लोग हैं और Boknari-Mandirजो भी लोग हैं, जैसे कोइरी, भूमिहार, कहार वगैरह …किन्तु सभी आपस मे प्रेम और सौहार्द्र से रहते हैं। आप सबों को अगर हमारे गांव का प्रेम सौहार्द्र देखना है, तो कभी होली में आइये….हमारे गांव की होली देखते ही बनती है। हमारे गांव में चैतनवमी और सावन पुजाई भी बड़े धूमधाम से मनाई जाती है। हमारे गांव की दीपावली भी देखते बनती है, जगमग-जगमग के साथ दो दिन तक मनोरंज के तौर पे नाटक का प्रसारण भी होता है, जिसमें  गांव के लड़कों की कला देखते ही बनती है।
हमारे गांव की कृषि वर्षा पर निर्भर है। गांव के लोगों में ज्यादा लोग नौकरी पेशा से जुड़े हुए हैं, जिस वजह से कृषि पे कम ध्यान देते है। पर, अगर कृषि होती है तो बहुत अच्छा होती है।
मेरे गांव से डेढ़ किलोमीटर के दूरी पे हमारा बाजार है, पाइबिघा। पाइबिघा बाजार में जरूरत की हर वस्तु मिलती है। हमारे गांव में खेल का अपना मैदान है, जिसमें गांव के लड़के क्रिकेट, बॉलीबॉल, फुटबॉल, कबड्डी खेलते हैं। और भी सारे खेल में निपुण हैं। हमारे गांव के लड़के क्रिकेट, फुटबाल, बॉलीबॉल में इतने निपुण है कि इनकी मांग बाहर गांव में बोरो प्लेयर के तौर पे भी होता है। मुझे मेरा गांव बहुत ही अच्छा लगता है, पर मजबूरीवश गांव में शादी-ब्याह और पर्व-त्योहार में ही आना जाना होता है।
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Rupesh Kumar: बोकनारी गांव में मेरी ससुराल हैं। हालांकि मेरे ससुराल वाले पटना निवासी हो गए हैं, परंतु उनका गाँव से लगाव बरकरार है, जाना-आना लगा रहता हैं। गाँव नौकरी पेशा लोगो से भरा पड़ा हैं और संपन्न है, शायद हर घर से कोई ना कोई पुलिस, सेना या अर्द्धसैनिक बल में नौकरी करते हुए देश की सेवा कर रहे हैं, गाँव के लोगो मे आपसी प्रेम भाव भी बहुत है।
Amod Kumar Sharma: बहुत अच्छा वर्णन गांव का है। मेरे घर की रिश्तेदारी वहा है,धन्यवाद।
 
Saroj Bhatt: मेरा तो बोकनारी गाँव में हमेशा से जाना रहा है ।यह अपने जाति के विकसित गाँव में से एक है । और मेरे लिए पूजनीय गाँव है क्यों की यहाँ मेरे पिताजी का ननिहाल है ।सम्मानीय गाँव है
 
Roy Tapan Bharati: बोकनारी से किस गांव का संबंध नहीं है? मेरी दादी से लेकर साले की ससुराल तक इस गांव में है…इस गांव के आधे ब्रह्मभट्ट हमारे रिश्तेदार लगते हैं…अंत में..यहां के निवासी बहुत ही परिश्रमी हैं
Damoder Bhatt: बहुत ही अच्छे ढंग से प्रस्तुत किए
 
Dilipkumar Pankaj: बहुत बढ़िया संजीव जी | शब्दों की मीठी फुहारें क्या ज़मकर बरसायी है आपने ! सावन आने का एहसास हो उठा | वास्तव में बोकनारी बहुत अच्छा और शिक्षित गांव है | मैं गुजुरू से हूँ | आपके गांव कई नजदिकी संबंध हैं | शुभकामनायें आपको
 
Deorath Kumar: वाह प्रिय संजीव बहुत सुन्दर लिखे तुम, अपने गाँव से हम सबका परिचय कराने के लिए धन्यवाद
 
Arvind Ray आपके गाँव मे ताजा तीलकूट मिलता हैाआपका गाँव नदी के किनारे बसा हैा
 
Priyanka Roy: बोकनारी कलां हमारे समाज का एक समृद्ध, विकसित, और विशाल गांव है। और मुझे ख़ुशी है की ये मेरा ससुराल है। कई बार गईं हूँ अपने ससुराल और अच्छा समय भी बिताया है मैंने यहां। बोकनारी ग्राम में शहरी सुख सुविधा जैसी आवोहवा है। सभी घर सम्पन हैं।
 
Dilipkumar Pankaj: जी अपनों के साथ होली अवश्य मनाएं अनुभूति के पैमाने से भी अधिक सुखद महसूस होगा | भारतीय संस्कृति के रंग और आपनों के संग .. तो फिर क्या कहने | वैसे संजीव जी के लेखनी को आपने अद्भुत तरिके से आगे बढ़ाया है |गदगद और अभिभूत हूँ |
 
हरिओम प्रासाद राय भट्ट: आप के गांव के बारे में सुंदर चित्रन हम सबों को काफी अच्छा लगा, सुन्दर पोस्ट के लिए आप को धन्यावाद
 
आर के भट्ट: Apke गाँव से कुछ दूरी पर manjhar व ak गाव है jha मै कई बार गया हू. और उसका v बाजार पाई बीघा है. मौका मिला तो अगली बार दर्शन के लिए जरूर आएगे
 
Rakesh Sharma: संजीव जी बहुत सुन्दर वर्णन आपने अपने गांव की, की है. पढकर बहुत अच्छा लगा. कितनी अच्छी बात है की धिरे धिरे जातीनामा के हर एक गांव की जानकारी और उसका भौगोलिक परिदृष्य से रुबरु होने का मौका हम सब को मिल रहा है. अब आपका गांव देखने की हमे बेचैनी हो गई है. वैसे तो आपके गांव के बारे में बहुत पहले से जानता हूं परन्तु आपने जो अपने गांव को परिभाषित किया बहुत अच्छा लगा. धन्यवाद.
Mahavir Prasad Bhatt: बोकनारी एक सुन्दर गांव और आपसी भाइचारे का गाव है।प्राकृतिक सुन्दरता मनोभावन है। लकिन भैया आपने इसे सिधे लोगों का गाव किस अधार पर आकते है। यहा के लोग समान्य जन से अधिक तेज तरार और चतुर होते है जिसका लोहा इलाके के सभी गांव मानते है । ग्राम वर्णन बहुत सुन्दर है। संजीव जी को बहुत बहुत धन्यवाद।
Ashish Raj: चर्चित गॉव #बोकनारी की शानदार प्रस्तूति | संजीव जी साधुवाद के पात्र हैं |
Rupesh Kumar: बोकनारी मेरा ससुराल हैं। हालांकि मेरे ससुराल वाले पटना निवासी हो गए हैं, परंतु उनका गाँव से लगाव बरकरार हैं, जाना आना लगा रहता हैं। गाँव नौकरी पेशा लोगो से भरा पड़ा हैं और सम्पन हैं, शायद हर घर से कोई ना कोई पुलिस, सेना या अर्द्धसैनिक बल में नौकरी करते हुए देश की सेवा कर रहे हैं, गाँव के लोगो मे आपसी प्रेम भाव भी बहुत हैं।
 
Binod Sharma: संजीव जी काे अपने गांव बाेकनारी का सही चित्रण करने के लिए हार्दिक बधाई। वैसे मैं अपने गाेतिया भाई के बारात में बाेकनारी गया हूँ वर्ष 1988में, परन्तु इतना विस्तार से जानकारी नहीं थी। अब फिर एक बार घूमने काे जिया बेकरार है। रामाधार राय (Bmp)की दूसरी लड़की रीना मेरे भाई आनन्द की पत्नी है। वैसे भी मेरे एक अजीज मित्र या बड़े भाई कहें रामबचन राय मेरे साथ ही दरोगा हैं। मैं आरा जिला दुराैंधा से हूँ।
Brijbhushan Prasad: कभी मोका मिला तो जुरूर देखने जायेंगे धन्यबाद
Mantu Kr Brahmbhatt बहुत सुन्दर तरीके से आपने अपने गॉव का परिचय कराया जो काफी सराहनीय है।वाकई मेंआपका गॉव काफी सुन्दर है।मैं बालबाँध से हूँ।मैंने आपके गॉव में बहुत जा चुका हु,बहुत अच्छा लगता है।
 
Ved Prakash Bhatt अगले वर्ष मैं भी आपके गाँव आने वाला हूँ gyanendra bhaiya ke sath…. आपके गाँव को देखने…….
 
Sanjeev Ray: कल 21 जून 2017 को अपने गांव #बोकनारी पर जो मैंने लेख उसे Roy Tapan Bharati सर के माध्यम से brahmbhattworld.com पर प्रकाशित कर दी गयी है। आपसबों से अनुरोध है कि इस लेख को ज्यादा से ज्यादा कमेंट्स और लाइक दें, जिससे हमारा अपना प्यारा गांव के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानकारी लोगों तक पहुचे।बहुत-बहुत धन्यवाद सर।
 
https://m.facebook.com/groups/193885600710416?view=permalink&id=1258290570936575
 
Ved Prakash Bhatt: Mera गाँव bihara है or mai apke गांव के क्रिकेट टीम D. K… Pal. के नेतृत्व में खेलनेवाले लगभाग सभी सदस्यों को mai apne गाँव के मैदान में क्रिकेट खेलाया हूँ वो Sb मेरेको जानते हैं
 
Ashok Bhatt: संजीव बाबू आपके गांव से मैं पूरी तरह वाकिफ हूँ क्योंकि कई बार जाना हुआ है। वाकई प्राकृतिक छटा देखने को मिलता है
Ajay Prakash बंधुओ, बोकनारी मे मेरी भी  ससुराल ससुराल है लेकिन मुझे उस गांव को देखने का सौभाग्य अब तक प्राप्त नही हुआ

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