नवहट्टा गांव, जो पान-माछ-मखान के लिए मशहूर है
सहरसा से नवहट्टा की दूरी 22 किलोमीटर है जिसे निजी वाहन द्वारा 30 मिनट से कम समय में तय की जा सकती है। लगभग 90% घर पक्के हैं। कई NGO भी यहाँ कार्यरत हैं। गाँव में 22-23 घंटे की बिजली आपूर्ति की जाती है।
त्रिपुरारी राय ब्रह्मभट्ट/सहरसा
ब्रह्मभट्ट समाज के गांवों की कहानी की अगली कड़ी में मैं अपने गाँव- नवहट्टा का परिचय कराता हूँ। नवहट्टा, सहरसा जिला जिले के तहत दस प्रखंडों में एक विकसित प्रखंड है। नवहट्टा प्रखंड की की आबादी लगभग 1.5 लाख है। इस प्रखंड में दस पंचायत है। कुछ पंचायत कोशी नदी के गर्भ में है, जबकि कुछ कोशी नदी से बाहर है। नवहट्टा कोशी नदी के बाहर अवस्थित गाँव है। प्रसिद्द कोशी बैराज और नेपाल देश यहाँ से मात्र 100 किलोमीटर की दूरी पर है।
यहाँ के लोग आर्थिक रूप से सबल और आत्मनिर्भर हैं| सरकारी और निजी क्षेत्र के अतिरिक्त यहाँ के लोग खेती भी खूब करते हैं। यह क्षेत्र मिथिला का कहलाता है। यहाँ पान-माछ-मखान की प्रसिध्धि है। यहाँ मखाना की खेती व्यापक पैमाने पर की जाती है। मखाना के अतिरिक्त देशी और विदेशी नश्ल के मछलियों का भी उत्पादन किया जाता है। यहाँ का कबय, इचना, पोठी आदि मछली काफी नामी है। गरमा और अगहनी धान, मकई, मूंग, गेहूं (अल्पमात्रा में) आदि की भी खेती की जाती है।
शिक्षा के क्षेत्र में भी यहाँ सरस्वती का वास है। यहाँ पूर्व प्राथमिक से लेकर प्लस टू तक के सरकारी विद्यालय हैं। गाँव के 10 km की दूरी पर महाविद्यालय भी है। कई गैर सरकारी और निजी विद्यालय भी हैं जिसमें अंग्रेजी माध्यम की पढ़ाई होती है। गाँव की सभी सड़कें पक्की और नालियों सहित निर्मित है। मुख्य सड़कें जो सहरसा को जोडती है पक्की है। सहरसा से नवहट्टा की दूरी 22 किलोमीटर है जिसे निजी वाहन द्वारा 30 मिनट से कम समय में तय की जा सकती है। लगभग 90% घर पक्के के हैं। कई NGO भी यहाँ कार्यरत हैं। गाँव में 22-23 घंटे की बिजली आपूर्ति की जाती है। यहाँ विदुत सब-स्टेशन, पेट्रोल पम्प, सुव्यवस्थित सरकारी और निजी चिकित्सालय, एक्सरे और पैथोलोजी सेंटर के अलावे बड़ा बाज़ार भी है।
अपने स्वजाति के यहाँ पर लगभग 30 घर हैं। लगभग 50% स्वजाति सरकारी सेवा में हैं। शेष निजी सेक्टर, स्वयं के व्यवसाय अथवा खेती करते हैं। यहाँ के कई लोग दिल्ली, नोएडा, गुजरात, उत्तर प्रदेश आदि के बड़े शहरों में सफल निजी व्यवसाय कर रहे हैं। नवहट्टा के कुछ स्वर्गीय हो चुके व्यक्तित्व में प्रमुख हैं- स्व. पंडित सहदेव कवि, स्व. गुलाब महाराज, स्व. सुधीर महाराज आदि।|
वर्तमान में कुछ प्रखर शख्सियत हैं- श्रीरुद्रदेव राय, श्री चंद्रदेव राय, श्रीनारायण महाराज, श्री इंदु महाराज, श्रीशत्रुघ्न महाराज, श्री गिरीश महाराज आदि। युवा व्यवसायियों में श्री संजीव राय, गुजरात के अंकलेश्वर में अपनी निजी कंपनी चला रहे हैं। मेरे छोटे भाई श्री अजित राय यूनियन बैंक ऑफ़ इंडिया में ब्रांच मैनेजर हैं। श्री आशीष राय बैंक में कार्यरत हैं। बशिस्ठ कुमार न्यू जर्शी, अमेरिका में IBM के प्रोजेक्ट मैनेजर हैं। मेरी पत्नी श्रीमती पूजा पाण्डेय, सहरसा में “The Plus Education” नाम से निजी विद्यालय चला रहीं हैं और भी कई युवा जैसे श्री कुमार रविशंकर, मणिशंकर, प्रभात कुंदन आदि हैं जो अच्छे-अच्छे पद पर देश ही नहीं विदेश में भी अपनी प्रतिभा दिखा रहे हैं। कुल मिलाकर मेरा गाँव एक समृद्ध गाँव में से एक है| आपको ये रिपोर्ट कैसा लगा ? अपनी प्रतिक्रिया अवश्य दें।
(लेखक सहरसा में सरकारी शिक्षक हैं)