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विविधताओं से भरा है मेरा गांव-बंगालखांड़: राकेश शर्मा Bihar India 

विविधताओं से भरा है मेरा गांव-बंगालखांड़: राकेश शर्मा

बंगालखांड़ में देहात तथा शहर दोनों का मिश्रित माहौल है जो प्रदूषण मुक्त है। लगभग सभी परिवारों के पास खेती से लेकर बागबगीचा और पोखरा तक हैं जहां बिरादरी के लोग ही मुखिया सरपंच पैक्स अध्यक्ष तथा वार्ड और विडीसी जैसे पदों को सुशोभित कर रहे हैं। यह स्थल प्राकृतिक तथा भौतिक संसाधनों से भरपूर भी है।
एडवोकेट राकेश शर्मा/गोपालगंज
rakesh-advocateबिहार राज्य में गोपालगंज जिले के कुचायकोट प्रखण्ड के तहत दिल्ली-गुवाहाटी नेशनल हाईवे-28 पर बसा है मेरा गांव-बंगालखांड़। मेरी  बंगालखांड़ पंचायत में बिरादरी के तीन प्रमुख गांव हैं जो माधोमठ चौचक्का, रुपछाप और बंगालखांड़। ये तीनों गांव जिला मुख्यालय गोपालगंज से 6-7 किमी की दूरी पर हैं तथा गांव के किनारे से निकलती है रेलवे लाइन जो एनई रेलवे के थावे-गोरखपुर मार्ग पर विराजमान है। नजदीकी दो रेलवे स्टेशन है पूरब की तरफ नरकटिया हाल्ट जिसकी दूरी महज 1 किमी है तो दूसरी तरफ पश्चिम दिशा में सासामुसा रेलवे स्टेशन जिसकी दूरी 3 किमी है। इस पंचायत के ये तीनों गांव मां भवानी थावे दुर्गामंदिर से महज 8 किमी की दूरी पर है।
Rakesh Village2यह एक ऐसी जगह है जहां न बाढ आती है और नहीं सुखाड़ होता है। विविधताओं से भरे पड़े ये तीनों गांव आपसी एकता के लिए मिसाल है। यहां पूर्वजों के समय से लेकर आज तक पंचायत की राजनीति तथा सामाजिक स्थिति में इलाके की मजबूत पकड़ बिरादरी के लोगों की ही रही है।
हमारी पंचायत के गांवों में बहुत बहुत अधिक आबादी अन्य जातियों की है परन्तु जनप्रतिनिधित्व का कार्य पंचायत में अपनी बिरादरी के लोग ही करते आ रहे हैं। मुझे यह कहने में गर्व महसूस हो रहा है कि हम आपस में भले ही प्रतिस्पर्धा रखते हैं परन्तु बात जब दूसरे से लग जाती है तो वहां सब एकमत हो जाते हैं।
इन तीनों गांवों में मुख्य रुप से लोग नौकरी, व्यवसाय और खेती पर आश्रित हैं जहां संयुक्त परिवार का चलन ज्यादा है। हर परिवार में एक मुखिया है जिसके इशारे और देखरेख में परिवार चलता है।
यहां प्रत्येक गांव में स्कूल है तथा महज तीन से सात किमी की दूरी पर महाविधालय भी है। यहां की जमीन काफी उपजाऊ है जहां अच्छी खेती करने पर प्रति कट्ठा औसतन क्विंटल धान और गेहूं की उपज होती है। गन्ना यहां का मुख्य व्यवसायिक फसल है तथा सासामुसा में एक चीनी मिल भी है।
Rakesh Village3यहां देहात तथा शहर दोनों का मिश्रित माहौल है जो प्रदूषण मुक्त है। हमारे लगभग सभी परिवारों के पास खेती से लेकर बागबगीचा और पोखरा तक हैं जहां बिरादरी के लोग ही मुखिया सरपंच पैक्स अध्यक्ष तथा वार्ड और विडीसी जैसे पदों को सुशोभित करते चले आ रहे हैं। यह स्थल प्राकृतिक तथा भौतिक संसाधनों से भरपूर है। आप भी आये हमारे गांव पधारें तथा एक बार सेवा का मौका अवश्य दें।
Comments on Facebook group: 
Lakhindra Sharma: अत्यंत सुन्दर व तथ्यात्मक विश्लेषण अपने सजातीय प्रमुख गावँ का।
 
Deorath Kumar: आनन्द आ गया भाई, अब तो आना ही पड़ेगा
 
Neetu Singh: बहुत सुन्दर
 
Sangita Roy: वाह, आपका गाँव तो बहुत ही अच्छा है। सबसे खासियत संयुक्त परिवार प्रथा जो अब भी आपके गाँव में है। अब तो ज्यादातर गाँवों से भी यह प्रथा खत्म ही हो चली है पर आपके गाँव में अब भी बरकरार है खुशी हुई ।
 
Deepak Mishra: My favourite nd luving place ever…. 🙂
 
Vikesh Pandey: वाह कितने अच्छे तरीके से ब्याख्या की आपने अपने गांव की मन प्रसंचित हो गया।
 
Pankaj Kumar Rai: जाति की वर्षा कालिन राजधानी क्यो भाई चाचा
 
Amod Kumar Sharma: बहत बढिया सचित्र परिचय कराया है आपने ।
 
Gyan Jyoti: राकेश जी, अपने गाँव की बहुत अच्छी र्पुण विवर्ण प्रस्तुत किया हैं.
जांकारी उपलब्बध करने के लिये धन्यावाद ….
 
Ssangeeta Tiwari बहुत सुंदर…संयुक्त परिवार की परम्परा अभी भी उस गाँव मे है…जो बहुत ही अच्छी बात है…हरियाली और खेत भी सुंदर लगे,,, शनिवार के दिन आपने हनुमान जी के दर्शन भी करा दिए…. 👍
 
Promod Kumar Maharaj: वाह! अतिसुंदर वर्णन किया गया है।
 
Sanjai Sharma बहुत ही सुन्दर। एकता ही  महान।
 
Pradeep Kumar: बहुत बढिया लिखा आपने। सही मे, आपका गाँव बहुत ही खुबशाुरत हैा हम दो बार आपके गए हुए है
 
Deepak Sharma अत्यंत सुन्दर विश्लेशन !
 
Dilipkumar Pankaj वाह वाह वाह… राउर वर्णन से मन गदगद हो गईल।अइसन लागल कि गांव के चारो ओर घूम लिहनी। एक बार जरूर आवे के कोशिश करब सरकार।
 
Pawan Ray: सुन्दर गाँव और सबसे बड़ी बात आप ने एकता और संयुक्त परिवार का परंम्परा को बरक़रार रख्खा है
 
Bipin Kumar: अपने स्वजाति का बहुत सुंदर गाँव ।जानकर बहुत अच्छा लगा।धन्यवाद ।
 
अमृत भट्ट: राकेश सर, मैं आपका गाँव गया हूँ आज से करिब 6 साल पहले एक शादी बारात आया था नेपाल सै । आपके गाँव में गेहूँ और गन्ना का अच्छा खासा खेती होता हैं मैं खुद अपना आख से देखा हूँ । आपका गाँव सर्व सुविधा सम्मपनन हैं ।
 
Tripurari Roy Brahmbhatta बहुत सुन्दर, बंगालखांड की जानकारी अच्छी लगी।
 
Sonu Kumar Tiwari बहुत सुन्दर लगा सुना तो था लेकिन कभी आने का अवसर प्राप्त नही हुआ। राकेश भैया जी आपको धन्यवाद ।
 
Urmila Bhatt हर गाँव एक अच्छे परिचय के साथ ग्रुप में आ रहा है।जिसका नाम सुने हो ना सुने हो सबकी जानकारी विस्तृत रूप से मिल रही है। आप भी अपने गाँव का सचित्र वर्णन बहुत ही सुंदर तरीके से किए हैं। पढ़ कर अच्छा लगा।
 
Ram Vinay Sharma बहुत अच्छी जानकारी।गांव की एकता एवं संबृद्धि जानकर प्रसनता हुई।
 
Bacha Tiwari बहुत ही सुंदर गांव का विवरण है मेरा बंगाल खाड और माधोमठ मे वषों से संबंध भी है।
 
Sanjay Kumar बहुत बढिया लिखा आपने सही मे आपका गाँव बहुत ही खुबसुरत हैा वहॉ मेरा बचपन का कुच्छ पल बिताया हू I
 
Roy Manoranjan Prasad सुन्दर वर्णन – सुन्दर गांव । मुबारक़ हो ।
 
Jyoti Kumari सुन्दर वर्णन किया है आपने💐
 
Sarita Sharma अपने गाँव का बहुत ही सुंदर वर्णन किया है। मन खुश हो गया। सोभनचक की दूरी आपके गांव से कितना है?
 
Navin Kr Roy गागर में सागर जैसा आपने अपने गाँव का वर्णन कम से कम शब्दों में कर दिया।
 
Radhey Shyam Rai Shyamrohtasi मेरी रीस्तेदारी सोभन्नचक में है आपके गाँव के बारे में जानकारी बहुत अच्छी लगी वहाँ का मड़ई काफी सुन्दर होता है तथा महिला संगीत भी काफी कर्ड प्रिय लगा पुनः जाने का उमंग हो रहा है बहुत सुन्दर लगा।
 
Brijbhushan Prasad मई रूपछाप और एक दो दूसरे गांव में भी गया हूँ काफी अच्छा गांव लगा।
 
Nalini Sharma बहुत ही अच्छा लगा, सुन्दर वर्णन
 
आशीष शास्त्री बहुत ही सुंदर गांव l
 
Manan Goswami बहुत सुन्दर वर्णन चाचा
 
Rakesh Sharma हा मनन .धन्यवाद. अब तुम्हारी बारी है आप भी अपने अगलबगल के गावों का वर्णन शिघ्र करें.
 
Birendra Tiwari बहुत अच्छी जानकारी है चारों गांव के बिषय में। इस से बहुत सारे अपने बिरादरी के लोग लाभान्वित होंगे।
 
Satya Dev THANKS FOR THE INFORMATION
 
Shashi Bhushan Maharaj: I am from Sadipursiwan also
 
Shashi Bhushan Maharaj: I am son of Gautam Maharaj, Santosh jee is my nephew also
 
Rewti Choudhary बहुत ही सुन्दर परिचय आपका और आपके गांव का।अच्छा लगा ।
 
Virendra Sharma बहुत ही खुब सूरत गाँव हैं आपका राकेश जी
 
Amresh Sharma Nice sir ji
 
बिपुल कश्यप वाह: बड़े भैया। ख़ुशी हुई आपके सुन्दर विश्लेषण को पढ़कर । एक बार आपके गांव गया हूँ। बिपुल कश्यप लगभग 10 साल हो गए भैया एक शादी के सिलसिले में गया था, ईश्वर ने मौका दिया तो जरूर आऊँगा, मुझे खुशी होती है आपने बिरादरी के गांव में जाने में और आपका गांव में तो मेरे गांव से कई रिश्तेदारी है।
 
Ashish Raj: अत्यंत सुंदर एवं तथ्यपरक विशलेषन | इन गॉवों मे मेरी भी बहुत नजदीकी रिश्तेदारी है आौर आगामी नवम्बर माह मे आपके गॉव, #जनेरवां_अरेराज से आनेवाली एक रिश्तेदार की बारात मे सम्मिलित होना संभावित भी है |
 
Priyanka Roy: वाह, राकेश जी!! आपको लेखनी तो धारधार अद्भुत रहती ही है। आज अपने मिटटी के रंग से सराबोर उत्कृष्ट हो गई। शानदार वर्णन!!
 
Vivek Kumar Mishra: Very well description about the village so thanks a lot.
 
Rakesh Sharma: प्रणाम. धन्यवाद. आई राउर स्वागत बा।
 
Santosh Kumar Sharma: सुन्दर प्रस्तुति।
 
Chandra Bhushan Mishra: जाना-पहचाना गांव है। बहुत ही मधुर सम्बंध है ईन गावों। से कइ बारातों में सिरकत करने का मौका मिला है, बहुत सुन्दर।

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