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मेरा गाँव गंगापुर, जिसकी एक अलग पहचान थी India Uttar Pradesh 

मेरा गाँव गंगापुर, जिसकी एक अलग पहचान थी

हमारे पूर्वज जौनपुर के रहनेवाले थे। जौनपुर से दो भाई आए ,एक (गंगापुर) में बस गए और एक भाई आरा जिला में स्थित (गऊडाढ़ ) ,नामक गाँव में बस गए। गऊडाढ़ हमारा गोतिया गाँव है। आज भी गंगापुर और गऊडाढ़ में शादी- विवाह नहीं होता है।

Gangapur village3

Urmila Bhatt
उर्मिला भट्ट/ फर्रुखाबाद
हर गाँव की अपनी कुछ ना कुछ विशेषता होती है। जिससे उसकी पहचान बनती है ,और वहाँ के लोग उस खासियत पर अपने आपको गौरवान्वित महसूस करते हैं।
मेरे गाँव की भी एक अलग पहचान थी लेकिन दुर्भाग्य की बात जो अब अस्तित्व में नहीं है, गंगा नदी में समाहित हो गई है।
गाँव- गंगापुर, पो०-गंगापुर, थाना–हल्दी ,जिला-बलिया, उत्तर प्रदेश । यही पताs था हमारे गाँव गंगापुर का। मुझे अभी भी याद है सन् 1995 में मेरे भाई की शादी में मैं अपने पति और बच्चों के साथ गाँव गई थी। बच्चों ने बहुत मौज मस्ती की थी। हम सभी रोज सवेरे गंगा जी में स्नान करते और खुशी खुशी घर आ जाते ।क्या पता थी कि वही हमारी अंतिम यात्रा हो जाएगी।
गंगा नदी के तट पर स्थित होने के कारण हमारे गाँव का नाम गंगापुर पड़ा। कहते हैं कि हमारे पूर्वज जौनपुर के रहनेवाले थे। जौनपुर से दो भाई आए ,एक (गंगापुर) में बस गए और एक भाई आरा जिला में स्थित (गऊडाढ़ ) ,नामक गाँव में बस गए। गऊडाढ़ हमारा गोतिया गाँव है।
ज भी गंगापुर और गऊडाढ़ में शादी- विवाह नहीं होता है। वर्तमान में हमारा गाँव गंगा नदी की कटान के कारण जलमग्न हो गया। परन्तु यह अचानक नहीं हुआ, इसकी पृष्ठ भूमि आजादी के कुछ वर्षों बाद ही आरम्भ हो गई थी।
चूँकि प्रत्येक वर्ष बरसात के मौसम में गंगा नदी में बाढ़ आने कै कारण सैकड़ो गाँव प्रभावित होते थे। इसलिए सरकार ने गंगा नदी के तट पर बाँध बनाने का निर्णय लिया। बाँध बनाने का सर्वे हुआ तो हमारा गाँव बाँध के ऊपर आ गया। बहुतों की जमीन बाँध के अंदर चली गई। सरकार ने गाँव के लोगों की जमीन को अधिग्रहित कर लिया।
अब हमारा गाँव दो हिस्सों में बँट गया। बाँध के पूर्व का गाँव -गंगापुर और बाँध के दूसरी तरफ जो अभी वर्तमान में मौजूद है -नया गंगापुर जिसे लोग उपेक्षित जमीन ( दांडी ) कहते थे। बाँध का निर्माण कार्य 1958 से प्रारम्भ हो गया।यह बाँध बलिया शहर से बैरिया तक स्थित है। बाँध बन जाने के बाद लोगों ने कभी सपने में भी नहीं सोचा होगा कि एक दिन हमारे गाँव को गंगा मैया अपने गोद में ले लेंगी।
हमारा गाँव गंगापुर लगभग 500 वर्ष पुराना गाँव था। 1787 बीघा में फैला हुआ यह गाँव ,,,,,इसके अंतर्गत कई गाँव जैसे, भूलापुर, नारायणपुर, पचरूखिया, हुकुमछपरा, मीनापुर, दुर्जनपुर, शाहपुर, गंगौली,रिकनीछपरा, चौबेछपरा, सुगंध छपरा, श्रीनगर, केहरपुर ,रामगढ़ आते थे।
Gangapur village2कहा जाता है कि दिघार के राजा ने हमारे पूर्वजों को पुरस्कार स्वरूप 1787 बीघा जमीन दिया था। इसके पीछे एक कहानी है कि दिघार के राजा की पुत्री की शादी थी।विवाह में राजा ने हमारे पूर्वजों को गंगाजी को आमंत्रित करने का जिम्मा दिया। हमारे पूर्वजों ने माँ गंगा के तट पर उनका आह्वान किया और उनके आह्वान पर माँ गंगा नाला के रूप में दिघार तक प्रवाहित हो गई और देखते ही देखते गंगा जी का जल एक बड़े गड्ढे में जाकर जमा हो गया। वर्तमान में भी वह नाला दिधार में स्थित है। कालांतर में गंगापुर मौजा की जमीन उपरोक्त वर्णित गाँव में परिवर्तित हो गई।
गंगापुर गाँव में ब्रह्मभट्ट परिवार के लगभग 100 घर थे। साथ ही हमारे गाँव में कान्यकुब्ज ब्राह्मण, बनिया ,यादव, कायस्थ, तेली, गोंड के अलावा निम्न जाती के लोग भी धीरे धीरे बस गए थे। ब्रह्मभट्ट समुदाय का दो टोला था—- उत्तर टोला, दक्षिण टोला। उत्तर टोला के लोग दसौंधी के नाम से जाने जाते थे। बाद में वे लोग अपना सरनेम शर्मा लिखने लगे। दक्षिण टोला के लोग अपना सरनेम कुँवर लिखते थे। हमारा गाँव प्रारम्भ से ही शिक्षित गाँव की श्रेणी में रहा है। शिक्षा का माहौल होने की वजह से ही हमारे गाँव के लोग विभिन्न सरकारी विभागों के अच्छे पदों पर जैसे I.A.S.,,P.C.S,, Doctor,, Engineer,,Railway,,, Army में कार्य करते हुए गाँव का नाम रौशन किया।
हमारे गाँव के श्री छितेश्वर कुँवर जी के पुत्र रविन्द्र कुँवर की पुत्री कुमारी वंदना ने भारतीय वायुसेना में फ्लांइग अॉफिसर के पद पर सुशोभित होकर गंगापुर गाँव का नाम रौशन किया। वहीं दूसरी तरफ जब हमारे माननीय प्रधानमंत्री श्री चंद्रशेखर जी बने तब हमारे गाँव के श्री मुनेश्वर नारायण जी के पुत्र श्री हरनारायण शर्मा जी ने प्रधानमंत्री के राजनीतिक सलाहकार बनकर गंगापुर गाँव का मान बढ़ाया।
आजादी के आंदोलन में भी हमारे गाँव के लोगों ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया। 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन में बैरिया विद्रोह स्वर्णाक्षरों में अंकित है। कहते हैं इस आंदोलन के दौरान बलिया एक सप्ताह के लिए पूर्ण रूप से स्वतंत्र हो गया था। आज भी बलिया को बागी जिला के नाम से जाना जाता है। बैरिया विद्रोह में शामिल क्रांतिकारियों के नाम सरकार ने शिलापट्ट पर अंकित करवाया है, उस शिलापट्ट पर हमारे गाँव के रामरेखा दसौंधी जी का भी नाम अंकित है।आज भी रामगढ़ ढाला पर जो दैनिक बाजार लगता है ,वह जमीन भी हमारे गाँव के मोहन शर्मा जी की है।
रामगढ़ ढाला पर स्थित मिठाई की दुकान पर बनने वाली वंशरोपन शाह की टीकरी पूरे जिला में प्रसिद्ध है। यदि नये गंगापुर से आज भी कोई आता है तो उस मिठाई (टीकरी) का इंतजार सबको रहता है। यही था हमारे गाँव का परिचय जिसे लिख मैं रही हूँ। लेकिन शब्द मेरे बाबूजी गोपाल जी कुँवर जी की है। वर्तमान की तस्वीर नहीं मिल पाई है लेकिन वो मानचित्र है जिसमें साफ दिखाई दे रहा है कि किस तरह गंगा नदी की कटान ने गंगापुर के अस्तित्व को ही समाप्त कर दिया।
अंत में थोड़ा परिचय मेरे परिवार का -हमारा परिवार दक्षिण टोला में रहता था। मेरे दादाजी का नाम स्व. पंडित बैधनाथ कुँवर था। उनकी सात संतानों में पाँच पुत्र एवं दो पुत्री थी। श्री रामाधार कुँवर, गोपाल जी कुँवर, विजय कुँवर, रामजी कुँवर, शिवजी कुँवर. मेरे बाबूजी Bihar Rajya Transport में Traffic Inspector के पद से सेवा निवृत्त होकर वर्तमान में सपरिवार जमशेदपुर में रह रहे हैं। पाँचों भाई का परिवार आज भी एक साथ हर दुख सुख में हँसी खुशी एक साथ रहते हैं। हमारा परिवार संयुक्त परिवार का एक खूबसूरत जीता जागता मिसाल है। जहाँ तीन पीढ़ी एक साथ रह रही है।

Comments by Brahmbhatt community on Facebook: 

Prem Prakash: Very nice and detailed information shared by you too good. यह गाँव हमेशा बुद्धिजीवियों का माना जाता रहा है।
Deorath Kumar: बहुत सुंदर लिखा आपने, गंगापुर अपने समाज के प्रतिष्ठित गाँव के रूप में जाना जाता है
 Sangita Roy: वाह बहुत ही नायाब गाँव था।विस्तृत जानकारी मिली। हर तरह से सुखी संपन्न गाँव था।रोचक जानकारी मिली ।
Urmila Bhatt: धन्यवाद संगीता जी। बाबूजी से मिली जानकारी को लिख दी हूँ। इतना शायद किताब में भी ना मिले। मेरे बाबूजी की यादाश्त बहुत अच्छी है।
Ashish Raj: बचपन मे इस स्वादिष्ट #टीकरी का खूब मजा लिया हूँ.. जाने कहॉ गए वे दिन….बहरहाल #गंगापुर_गॉव का शानदार चित्रण|
 Urmila Bhatt: आपका धन्यवाद। टीकरी तो आज भी बन रही है लेकिन पहुँचने का जरिया ही समाप्त हो गया।
 Roy Tapan Bharati: गंगापुर का वर्णन पढकर गर्व हुआ। पर टीकरी का स्वाद कब चखने को मिलेगा यह तो समय बताएगा।
Urmila Bhatt: प्रणाम सर। खुशी हुई कि आपको मेरे गाँव का लेख पसंद आया। टीकरी भी खाने को मिलेगा।आजकल अॉनलाइन की सुविधा है। उसकी मदद ली जाएगी।
Urmila Bhatt: यादें तो यादें हैं कभी नहीं भूल पाएंगें। गाँव रहे या ना रहे नाम सदा रहेगा। इसलिए जो गाँव कल आपका था। आज भी आपका गाँव गंगापुर ही कहलाएगा।
 Amod Kumar Sharma: गांव की बहुत ही अच्छी जानकारी है।
Pramod Sharma: सुन्दर वर्णन।
Mahavir Prasad Bhatt: बहुत सुन्दर वर्णनन. मै गंगा पुर तब और अब दोनों देखा हुं। मेरे बडे भाई की शादी अमरनाथ कुंअर की बहन से है।मेरे गांव के कई अनेकों रिस्ते है इस गांव से।
Urmila Bhatt: गाँव नहीं रहा तो क्या हुआ। आज भी आपके मामाजी का गाँव गंगापुर ही कहलाएगा।
Urmila Bhatt: खुशी हुई जानकर । बरमेश्वर बाबा पाँच भाई थे। ये सभी हमारे ही परिवार के लोग हैं।
 Urmila Bhatt: गोरखपुर में किस जगह निवास स्थान है। मेरे फुआ सास के लड़के भी गोरखपुर में रहते हैं। और मिलने वाले अपने लोग भी हैं। वशारतपुर में मेरी मुँहबोली नन्द रहती हैं। मैं बहुत छोटे में मिली हूँ फुआ से ।पता नहीं उन्हें याद है भी या नहीं।
 Dharmendra Sharma Bhatt: जी, हम रामजानकीनगर मे रहते है बशारत पुर के पास मे ही है
Urmila Bhatt: क्या दिनेश त्रिपाठी जी को जानते हैं जो शिक्षक हैं उनके दो पुत्री और पुत्र हैं।
Urmila Bhatt: भाटपाररानी के रहने वाले हैं।
Deepak Maharaj: good writing nd nice information.sundar gau hai aapka
Urmila Bhatt: धन्यवाद। जी इतना प्यारा था मेरा गाँव।
Diwakar Sharma: लेखन शैली भी बहुत अच्छी है, Very well.
Urmila Bhatt: हौसला आफजाई के लिए शुक्रिया।
Diwakar Sharma: You are most welcome Urmila ji.
Roy Manoranjan Prasad: बहुत खूब 👌👌👌 संस्कार के धनी गंगापुर से हमारे परिवार के काफी पुराने सम्बन्ध रहे हैं 👍
Ram Sundar Dasaundhi: गंगापुर का वर्णन रोचक है।पढ़कर अच्छा लगा।
 Avanish Bhatt: @urmila bhatt ji, मेरे एक मित्र डॉ संजय शर्मा जो कि एक वेटरनरी डॉक्टर हैं तथा वर्तमान में इलाहाबाद में निवास कर रहे है भी आपके गाँव से हैं, उनके पिताजी भी वेटरनरी डॉक्टर थे तथा कुंवर सरनेम प्रयोग करते थे तथा रिटायर होकर वाराणसी में बस गए थे।
Urmila Bhatt: अच्छा लगा जानकर आप मेरे गाँव के इतने लोगों से परिचित हैं। जी हाँ ये लोग हमारे अपने ही हैं।
Ranjitdasaundhi: बहुत सुंदर गांव की जानकारी दी है,इसके लिए धन्यवाद.
 Sudhir Kumar Rai: बहुत सुंदर बर्णन
 Sudhir Kumar Rai: आप की वर्णन हद से ज्यादा सराहनीय हैं जो भी लिखू ओ कम पड़ जायेगा गंगापुर गांव का नाम हम लोगो भी सुने है विकाशशील के नाम से जाना जाता है
Virender Sharma: नमस्कार। गंगापुर में मेरी दो बहनों का शादी हुआ है । एक गोपाल शर्मा पुत्र स्व० रामेश्वर शर्मा दुसरा रामाकृष्ण कुँवर पुत्र स्व० इन्द्र देव कुँवर ।एक छोटे भाई की शादी अयोध्या कुँवर के लड़की से हुई है। एक मेरे पिता जी की फुआ सोमेश्वर शर्मा से हुईं थी ।इसलिये बचपन से अभी तक हमेशा रहता है । मेरा घर त्रिकाल पुर (रेवती) है। बलिया शहर में रहते हैं।
Urmila Bhatt: नमस्कार सर। अच्छा लगा सभी अपने मिल रहे हैं। जिनका नाम आप लिखे हैं वे लोग हमारे पटिदार ही हैं।
 Priyanka Roy: वाह, मन प्रसन्नति व् प्रफुल्लित हो गया, आपने जिस तरह से अपने गांव का वर्णन किया है मेरे पास शब्द नही है। माँ की तरह ही मुझे प्यार करने वाली मेरी नानी माँ गंगापुर गांव से ही थी। इस गांव के सुधिजनों को मेरा सम्मान व् सादर प्रणाम!!
 Urmila Bhatt: सदा खुश रहिए। मम्मी बता रही थीं कि नानीजी मेरे ही गाँव की थी। गाँव नहीं रहा तो क्या हम उसे अपने यादों में तो सहेज कर रख ही सकते हैं।
 Gautam Singh: उर्मिला जी, नमस्कार। आपने गंगापुर का वर्णन करके मुझे बचपन की याद दिला दी । मेरा ननिहाल गंगापुर है । स्व० सुर्यदेव कुँवर मेरे नाना थे। बचपन की बहुत सारी सुनहरी यादें वहाँ से जुड़ी है । मैं लगभग तीस वर्षों से वहाँ नही गया हूँ।
Urmila Bhatt: नमस्कार गौतम जी। मुझे अच्छा लगा कि मेरे लेख द्वारा आपके की ननिहाल याद ताज़ा हो गई। आपके नानाजी भी हमारे अपने ही थे। गाँव रहे ना रहे यादें तो हमेशा साथ रहेगी।
 Shyam Kumar Sharma: वो हमारे ननीया ससूर हैं ।
 Tripurari Roy Brahmbhatta: उर्मिला जी, देर किन्तु बहुत दुरुस्त वर्णन किया है आपने अपने गाँव गंगापुर का। बहुत अच्छा लगा इस गाँव के बारें में जानकर। शब्द और भाषा का तारतम्य भी गजब। सम्पूर्ण जानकारी देने के लिए एक बार फिर से धन्यवाद।
 Urmila Bhatt: धन्यवाद, त्रिपुरारी जी। धीरे धीरे हर गाँव का परिचय मिल रहा है।मेरे गाँव के परिचय का एक एक शब्द मेरे बाबूजी का है। वे 84 साल के हैं लेकिन उनकी यादाश्त अभी भी इतनी अच्छी है। लेखन शैली की हौसलाअफजाई के लिए शुक्रिया।
 Rakesh Sharma: बहुत सुन्दर. गंगापुर गांव से मुझे बेहद लगाव रहा. उस गांव में मेरे एक बड़े भाई तथा एक चाचा एवं चचेरी फुआ की शादी है. मैं उस गांव में बचपन में बहुत आनन्द की अनुभुती किया हूं. अब जब सुना की गांव गंगा जी में विलय कर गया तो यादें ही शेष बच गयी.
 Urmila Bhatt: यही है हमारा समाज हर जगह अपने लोग मिल जाते हैं ।गंगापुर गाँव का गंगा नदी में विलय हम सभी के लिए दुखदायी रहा।
Pawan Ray: मुझे अापके गाँव का वर्णन बहुत अच्छा लगा और गाँव नहीं है इससे बहुत दुख हुआ
 Nathuni Sharma: गंगापुर गांव बहुत ही सुंदर स्व जातियों का गांव है गंगा किनारे बसा गांव की कहानी सुनकर बहुत अच्छा लगा धन्यवाद।
 Urmila Bhatt: इसमें कोई दो राय नहीं है कि इस ग्रुप की स्थापना मील का पत्थर साबित हो रही है। देश विदेश में रहनेवाले सभी लोगों की आपस में जान पहचान हो रही है और खुशी इस बात की हो रही है ,,कि हम कहीं भी रहे अपने जाति का प्रेम दिखाई दे रहा है और इसका सारा श्रेय हमारे ग्रुप संस्थापक महोदय” माननीय रॉय तपन भारती जी “को जाता है। जिनकी दूरदर्शिता ने अपने जाति को सोशल मीडिया के जरिए फेसबुक के मंच पर ले आए। जो लोग अभी तक अपनी जाति छुपाए घूम रहे थे वे भी इस मंच के जरिए समाज से जुड़ रहे हैं। ब्रह्मभट्ट वर्ल्ड अब एक वृहत् परिवार के रूप में परिवर्तित होता जा रहा है।
एक बार पुनः सभी एडमिन सहित ग्रुप के सभी सदस्यों को नमस्कार एवं धन्यवाद।
 Urmila Bhatt: जी जरूर। अब ससुराल की बारी है।
 Pradeep Kumar: बहुत ही खुबशुरत लिखा आपने और उतना ही खुबशुरती के साथ परिचय कराया अपने गाँव से सच मे बहुत खुशी हुई बहुत बहुत बधाई
 Urmila Bhatt: ये गाँव की मिट्टी की खूशबू और मातृभूमि के प्रति प्रेम है जो गाँव का नाम सुनकर अपनी ओर खींच लाया। अच्छा लगा जानकर कि गऊडाढ़ के श्री अनंत प्रसाद शर्मा जी भारत उड्डयन मंत्री एवं पंजाब के राज्यपाल रह चुके हैं। ऐसे अच्छे लोगों की बदौलत ही गाँव और समाज का नाम ऊँचा होता है।
Urmila Bhatt: अच्छा लगा जानकर। कुदरत की कहर ने जिला का नाम बदल दिया। सभी गंगापुर वासियों के लिए कष्ट दायी है।
Shashibhushan Bhatt: बहुत सुंदर, जैसा गंगापुर संस्कार एवं विद्या की धनी है वैसे ही आप की लेखनी. हौसलाअफजाई के लिए शुक्रिया।
Badri Narayan Roy: Very nicely scripted. My youngest sister married to younger brother of Mr H N Sharma.
 Nirmal Kumar: बहुत ही अच्छा लगा उससे अच्छा आपके लेखनी का है,
 ChandraBhushan Mishra अछा सुन्दर सटीक वर्णन. हमारे गावं तिलौली से बहुत पुराना संवंध हमारे गावं का मात्रि पक्ष.  वर्तमान में भी लगभग गावं के हर घरों का किसी ण किसी के यहां संवंध है. अब तो लोग गावं छोड़ कर सहर में बस गये है. गंगापुर गावं में कई वारतों में समलित होने का अवसर मिला रहा है वह सब अब पुरानी बाते हो गयी
Urmila Bhatt जी धन्यवाद। जो जहाँ नौकरी करते थे या जिसे जहाँ सहूलियत हुई वो वहीं बस गए।ये सच है कि हर गाँव में हर घर का कोई न कोई, संबंध निकल ही आता है।
 Deepak Sharma: अति सुन्दर लेखनी व गाँव के न होने का अत्यंत दुख व विषाद !
 Urmila Bhatt: गाँव हमारी विरासत है। गाँव से ही हमारी पहचान बनती है। गंगापुर वासियों के लिए गाँव का जलमग्न होना एक ऐसी क्षति है जिसकी भरपाई मुश्किल है।
 Deepak Sharma: परंतु अब आपके गाँव के लोग कहां रहते हैं !क्या नया गंगापुर अब भी वहीं स्थित है ?
 Urmila Bhatt: जी हाँ नया गंगापुर अब भी वहीं स्थित है। हमारे गाँव के लोग जो जहाँ नौकरी करते थे या जिसे जहाँ सहूलियत हुई वहीं बस गए।
 Nirmal Kumar: कैसा भाई बहन हैं आप दोनों बिसतार से बताये।
 Ramakant Sharma: आपने अपने गांव का इतना सुन्दर परिचय दिया है, बहुत खुशी हुई इसे पढ़कर। आपको बहुत बहुत धन्यवाद।
 Anil Bhatt: मेरे ननिहाल के लोग इसी गाव के है वे लोग कुवर लिखते है और बहुत पहले पडरौना के पास खुदरा नामक गाव में चले आये.
 Urmila Bhatt: अच्छी जानकारी।आप कहीं भी चले जाएँ, कितनी भी सफलता हासिल कर लें पहचान हम सभी को मातृ भूमि से ही बनेगी कि आप कहाँ के निवासी हैं और किसके वंशज हैं।
 Promod Kumar Maharaj: मैं गंगापुर को जानता हूँ। मेरी फुआ (साँगी) की शादी श्री विजय कुमार जी से है, वे लोग गिरीडीह में सेटेल्ड हैं। साथ हीं बेटा पप्पु ITO है।
 Shyam Kumar Sharma: विजयजी, हमारी श्रीमती जी के बड़े भाई हैं । मैं भी गुड़गांव में रहता हुँ ।
 Urmila Bhatt: जी, धन्यवाद। गंगापुर गाँव जलमग्न हुआ है। इस गाँव के लोग जहाँ भी हैं अपनी पहचान से गाँव का नाम रौशन कर रहे हैं।
 Shyam Kumar Sharma: उर्मिला, तुमने बहुत अच्छा लिखा है , तुम्हारी रसीद पुर वाली बड़ी मम्मी जी हमारी फुआ थी और मैं श्याम कुमार स्व० रामाधार कुँअर मास्टर का दामाद यानि तुम्हारी भाभी रीता का पति हूँ ।
 Urmila Bhatt: जी, प्रणाम। मुझे इतनी खूशी हो रही है मैं बता नहीं सकती। फेसबुक पर ब्रह्मभट्ट वर्ल्ड के द्वारा न जाने कितने हमारे सगे संबंधी मिल रहे हैं। जी बड़ी माँ रसीद पुर की ही थीं।
 Urmila Bhatt: प्रणाम भैया। अब रीता भाभी से कब मिलवा रहे हैं। फरूर्खाबाद आइए घूमने।आप दोनों लोग की एक फोटो भेजिएगा।
 Vinita Sharma: बहुत अच्छी जानकारी
 Urmila Bhatt: बहुत अजीब लग रहा होगा ना वो दृश्य।जब पूरा गाँव गंगा मैय्या में विलीन हो रहा होगा।
 Nitesh Sharma: मेरी दादीजी भी वही की है। उनके भाई रेलवे से रिटायर्ड टी टी थे जो मुगलसराये में रहते थे। मैं भी बचपन में एक बार गया हूँ।
 Urmila Bhatt अच्छा लगा जानकर।दादीजी को मेरा चरण स्पर्श कहिएगा।
 Urmila Bhatt: अच्छा लगा। अपना गाँव कभी नहीं भूलता, क्योंकि यही से हमारी पहचान है।
 Urmila Bhatt धन्यवाद। मुझे अच्छा लगा गाँव की मिट्टी की खूशबू सबको सामने लाकर खड़ा कर दिया।
Urmila Bhatt: आप सभी का तहेदिल से आभार। जिन्होंने मेरे द्वारा लिखी गई (मेरा गाँव) शीर्षक के अन्तर्गत गंगापुर गाँव की जानकारी को पढ़ा और सराहा। जिस तरह से गंगापुर के निवासी जो गाँव के विलुप्त होने के बाद यहाँ वहाँ रह रहे हैं। गाँव का नाम सुनकर सामने आए और अपनी यादों को आपस में साझा किया।
सभी तो अपने ही हैं लेकिन कुछ खास अपने परिवार के लोग मिल गए इतनी खुशी हुई मैं बयाँ नहीं कर पा रही हूँ।बस इतना ही कहूँगीं कि कहीं भी रहिए अपनी मातृभूमि को हमेशा याद रखिए,,,,,,धन्यवाद। (((((जननी जन्मभूमि स्वर्ग से महान है.
Rekha Rai: बहुत अच्छा लगा विस्तार से वर्णन है।खुशी मिलती है अपने गांव देश के बारे में लिखने में।
Nirmal Kumar: वैसे तो हर कोई अपना गांव अच्छा लगता है इसलिए किसी ने कहा है जहाँ बसे वो सुन्दर देशु जो प़तिपाले वही नरेशु।
Vinay Ray: आपने बहुत ही सुंदर परिचय दिया अपने गाँव का
Santosh Bhardwaj: मै संतोष कुंवर स्वः पं बैजनाथ कुंवर पुत्र श्री शिवजी कुंवर जी के बड़े पुत्र हूँ। उर्मिला दिदी हमारे बड़े पिताजी श्री गोपाल जी कुंवर की दुसरी पुत्री है।
मै दिदी को प्रणाम करता हूँ की उन्होंने हमारी मातृभूमि का विवरण इतने सुन्दर ढंग से किया है।की मै और परिवार के
सारे लोग आप की लेखनी के कायल हो गए है।इस पोस्ट के माध्यम से अपने गांव की वै सारी जानकारीया भी मिली जो मुझे पता ही नही था।लेकिन अफसोस रहेगा कि हमारे बच्चे पहले वाला गंगापुर नही देख पाये।लेकिन बच्चो को गर्व है कि उनका गांव गंगापुर है। मै राय तपन भारती जी को प्रणाम करता हूँ।कि ब्रह्मभट्ट वल्र्ड के माध्यम से हम सब लोग को आपस मे परिचय करने
का अवसर मिला।
Urmila Bhatt: जय गंगा मैय्या। मेरे छोटे चाचाजी श्री शिवजी कुँवरजी के बड़े बेटे ,,,संतोष कुँवर।जमशेदपुर में इनका Transport का व्वसाय है। धन्यवाद भाई, इतना सम्मान केेे लिए
Kumod Sharma: Impressive writing
Sharma Nirmala: उर्मिला जी की लेखनी को सलाम ।जब भी चलती बहुत अच्छा चलती है जहां सबकी निगाहें टिक जाती है।आज भी गंगापुर गाँव के बारे में एक विस्तृत जानकारी दी।इस गाँव से मेरा भी पुराना रिश्ता है ।सबसे पहले तो बता दूं। मेरी सासू माँ का मायका है।पंडित धनेस्वर भट्ट की पुती है।मेरी सासू माँ का नाम श्री मति निर्मला शर्मा है।वो जिला प्रौढ़ शिक्छा अधिकारी बलिया जिले में थी। मैं शादी कर के जब आई तो मेरी माँ वहां लेकर गई थी ।मुझे अच्छा लगा ।जब भी जाती थी मुझे भी ले कर जाती थी।मुजे मेरी नानी सास बहुत मानती थी।इलाहाबाद से आती थी मिलने जाते थे हम सब।वहां की टिकरी अच्छा लगता था। मुझे याद है वो दिन जब गंगापुर समाया गंगा जी मे मेरी सासू माँ फुट फुट कर रोने लगी।अपना बचपन याद करने लगी। सच मे बहुत सुंदर था एक प्यारा सा गांव गंगापुर।
 Urmila Bhatt: हौसलाअफजाई करने के लिए शुक्रिया। मुझे खुशी हो रही है कि आप गंगापुर गई हुई हैं ।कहा जाता है कि सास के मायके जाना एक तीर्थ स्थान के दर्शन के बराबर होता है,और आप उसका आनंद ले चुकी हैं।सभी लोगों को मेरा गाँव पर लेख पसंद आ रहा है। धन्यवाद।
Lakhindra Sharma: अत्यंत सुन्दर जानकारी।इस गांव में कई पुराने संबंध है।फिर पूज्य श्री एच् एन शर्मा से मुलाकात होती रहती हैं।
 Urmila Bhatt: दादीमाँ को मेरा प्रणाम बोलिएगा। बचपन की यादों को कोई भी नहीं भूल पाता।
Brahmeshwar Dasaundhi: आज गंगापुर का पूर्ण परिचय जान कर हार्दिक प्रसन्नता हुई। मेरा ननिहाल गंगापुर है। मेरे नाना पण्डित चीज कुंवर थे। मुझे स्मरण है कि जब मै बच्चा था उस समय आपके दादाजी अक्सरहाँ मेरे माता-पिताजी से मिलने धनबाद आते थे। इस प्रसंसनीय कार्य के लिए हार्दिक बधाई एवं धन्यवाद।
 Urmila Bhatt: जी प्रणाम। बहुत अच्छा लग रहा है गाँव का नाम पढ़ कर सभी अपने सामने आ रहे हैं।
 Rajesh Sharma: वाह, आपका लेख पढ़कर और आपके परिवार के बारे में जानकार प्रसन्नता हुई।
Pinky Bhardwaj: प्रणाम दी आप के जरिए हम भी अपने ससुराल के बारे मे जानकारी हासिल कर पाए!

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