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यही समय तो अद्भुत होगा…आलोक शर्मा India Jharkhand Uttar Pradesh 

यही समय तो अद्भुत होगा…आलोक शर्मा

=====”मन्थन” और मेरी कलम की “कल्पना”=====

आलोक शर्मा/विसोखोर/महराजगंज/यूपी
छः को चाँद मिलेगा पथ में, सात का सूरज मन्थन में;
अनुजों को आशीष मिलेगा, अग्रज के अभिनंदन में!
आठ बजे तक आ जायेंगे, निज कुल-वंशी प्यार लिए;
9 तक चाय-नाश्ता होगा, कॉफी अल्पा-हार लिए!
 
यही समय तो अद्भुत होगा, मेल-मिलन संग अपनों में;
बड़ी हस्तियां सम्मुख होंगी, जिनको देखा है सपनो में!
कोई आएगा पास मेरे, और कोई मुझे बुलाएगा;
अद्भुत शोभा देख मिलन की, रांची भी मुस्कायेगा!
 
फिर होगा अध्यक्षी भाषण, अपनों के अभिवादन में;
चर्चा होगी B.B.W की समूह प्रमुख के वाचन में!
दोनों व्याख्यान अनोखे होंगे,जब दो कुलवंशी बोलेंगे;
शब्दों के सागर से वे जब, प्रेम सुधा रस घोलेंगे!
 
परिचय सत्र शुरू होगा, तब आगन्तुक मेहमानों का;
अद्भुत ज्ञान मिलेगा प्रिय निज-कुलवंशी सम्मानो का!
जिनको देखा यंत्रों में अबतक, सम्मुख मेरे आएंगे;
है कितना प्यार भरा दिल में वो निश्चित हमे बताएंगे!
 
शुरू होगा वक्ताओं का क्रम, मन्थन मूलाधारों का;
कैसे हो विकास निज कुल का, चर्चा सभी विचारों का!
दहेज ज़ुल्म विधवा शादी, शिक्षा का कैसे हो विकास;
असहाय औ निर्धन हित में, सब डालेंगे अपना प्रकाश!
 
कुछ मार्ग बताएंगे अद्भुत, सहयोग हेतु कुछ आएंगे!
बिन दहेज़ शादी करने का कुछ संकल्प उठाएंगे!
जिसकी जो क्षमता होगी निश्चित वह हमे बताएगा!
निजकुल की सेवा करने को हर कुलवंशी हाथ बढ़ाएगा!
 
जब इतना प्यार मिलेगा प्रियवर भूख तुरत लग जायेगी;
I M A की सजी थालियां प्रति-पल हमे बुलाएंगी!
चावल दाल और भाजी के संग रोटी तोड़ी जायेगी;
रायता सलाद और पापड़ पर, चटनी भी थोड़ी आएगी!
 
हम कुछ खाएंगे भूख के वश में कुछ अपनों के प्यार में;
होगा जीवन का भोज अनोखा, कुलवंशीय त्यौहार में!
सबके हाथों में थाली होगी, आँखे ढ़ूढ़ेंगी अपनों को;
शायद नहीं भुला पाउँगा मै इन अद्भुत सपनों को!
 
अब महिला सत्र शुरू होगा,निज कुलवंशी श्रेष्ठाओं का;
होगा अनुपम दृश्य निराला, स्वर-लहरी महिलाओं का!
एक से बढ़-कर एक बाण तरकस से छोड़े जायेंगे;
महिला विकास के बाधक सारे मिथक तोड़े जायेंगे!
 
इस प्रेम नेह के मुलाकात में, पूरा दिन कट जायेगा;
काव्य-पाठ संगीत-राग तक, सूरज भी ढल जायेगा!
होगा रांची का चाँद सामने, लिट्टी-चोखा की बारी में;
है!नमन् जिन्होंने सबकुछ दी, आयोजन की तैयारी में!
 
हैं नम आँखे औ मन हर्षित, BBW ने इतना मान दिया;
आयोजन कर्ता ही थे जो, आगन्तुक को सम्मान दिया!
बस एक तमन्ना दिल में है आशीष मिले मै घर जाऊं;
हर बार मुझे यह प्यार मिले, सौ बार यहां पर मै आऊँ!
 
===========धन्यवाद/प्रणाम============
Tripurari Roy Brahmbhatta बहुत ही सुंदर काव्यात्मक दिनचर्या , आलोक जी आपको कैसे धन्यवाद दूँ? शब्दों की सीमा से परे हैं आप।
 
BBW के मंथन से राँची झंकृत हो जाएगी,
प्रियवर सन्मुख होंगे अपने,
उम्मीद मुखरित हो जाएगी ।

Comments on poem of Alok Sharma:

Amita Sharma: वाह !आलोकजी आप का तो जवाब नही।क्या लेखनी है,साक्षात सरस्वती माँ विराजती हैं। आपकी कलम और कल्पना की जितनी तारीफ की जाय कम है।
 
Shanker Muni Rai: वाह भाई वाह! अब बाकी ही क्या रहा!
 
Ramesh Sharma: अदभुत, भाई वाह ।
 
Deepak Maharaj: वाह वाह आलोक सर आपकी जितनी भी तारिफ की जाए वह कम है।आपने मंथन के पूरे कार्यक्रम को एक धागे मे पिरो दिये।लाजवाब सर तहे दिल से आपको धन्यवाद एवं सादर प्रणाम
 
Dilipkumar Pankaj: सुंदरतम अभिव्यक्ति। बस, अब तो मनोरथ सिद्ध ही होने वाला है भ्रातृवर।
 
Sangita Roy: वाह आलोकजी आपका जबाब नही।अद्भुत प्रतिभा के धनी है आप। कमाल की लेखन कला।
 
Sarita Sharma रांची मन्थन की step by step काव्यात्मक व्यख्या पढ़कर मन खुश हो गया।…बहुत दुःख के साथ कहना पड़ रहा है कि मेरी उपस्थिति सम्भव नहीं है।आप सविता जी को लेकर जा रहें है ये जानकर बहुत ख़ुशी हुई। मंथन की सफलता के लिए मेरी शुभकामनाएं आपके और पूरी आयोजन समिति के साथ है। ठण्ड बहुत बढ़ गयी है। मेरा नाक कल से ही गंगा-जमुना की तरह बह रहा है।
 
Srikant Ray: वह! मंथन का पूरा निछोड़ रख दिये इस रचना में। बेजोड़।
 
Anjana Sharma: आलोक सर जी आपकी तारीफ में शब्द ढूँढने पड़ते।क्या तारीफ करूँ जिसे साक्षत सरस्वती का आशीष मिला हो।
 
Navin Kr Roy: बस कुछ ही शब्द मुझे नजर आ रहा है,पहला-“अद्भुत” और दूसरा-“नमन”।अद्भुत आपकी रचना के लिए और नमन आपकी लेखनी के लिए।
 
Ajit Bhatt आदरणीय आलोक शर्मा जी,
वास्तव में– अद्भुत रचना की है आपने ।
अब वो शब्द नहीं है —
 
Rajiv Kumar Roy Brahmbhatt: अद्भुत रचना। बहुत बहुत धन्यवाद!
 
Nirupma Sharma: आलोकजी, लगता है आपके हाथ में स्वयं माता सरस्वती कलम थमाई हैं ,आपकी रचना से जो प्यार बरस रहा है जिसका जाने का नहीं भी मन हो वो भी रांची जाने को तैयार हो जाएगा इतना प्यारा निमंत्रण के लिए धन्यवाद।
 
Jai Prakash Sharma: क्या बात है सर? कभी 2 मैं सोचता हूँ आप जैसे विद्वान् सज्जन का मुझे शायद सानिध्य नहीं मिला ,मुझे बड़ा फक्र होता है आपकी लेखनी पर सर ,माइंड ब्लोइंग सर आप यूँ ही स्नेह रूपी मार्ग दर्शन करते रहे, ज्ञान प्राप्त होता है जय हिन्द जय भारत.
 
Kavita Mishra: आप की रचनाओ का जवाब नही।
 
Suman Rai: Alok Sharma ji …आप की लेखनी की जितनी भी तारीफ की जाए कम है । आप तो अदभुत कला के धनी हैं।
 
Ramadhar Kumar: वाह आलोक जी वाह आपकी जितनी भी तारिफ की जाए वह कम है
 
Geeta Bhatt: हर बार मुझे यह प्यार मिले सौ बार यहां पर मै आऊं ।
बहुत बहुत सुंदर लाइन है -नमन है लेखनी को

दीजिये सन्देश जो सम्बन्ध का आधार है

आलोक शर्मा/विसोखोर/महराजगंज/यूपी
लोग कहते व्यत हूँ दिक्कत समय की यार है;
मिल गयी फुर्सत जिन्हें, कुलवंश का यह प्यार है!
है नमन् उस नेह को कि वक्त को भी बांधकर;
दीजिये सन्देश जो सम्बन्ध का आधार है!!
 
ना मिलने के सौ बहाने इस भागती दुनिया में इंसान को सच्चे रक्त वंशीय रिश्तों के प्रति कंजूस बनाते जा रहे हैं!तथा मशीन की भांति काम करने वाला इंसान धन की लालच लिए स्वार्थी सम्बंधों के आगोश में फ़ंसा वास्तविक प्रेम से दूर होता जा रहा है!दुःख इस बात का है,कि यह स्थित प्रेम दया करुणा और संस्कार से अलंकृत हमारे सयुक्त परिवार वाले भारतीय परम्परा के प्रतिकूल ही नहीं,बल्कि आर्थिक जगत के समक्ष हमारे मानवीय संस्कारो का समर्पण भी है!
 
मै धन्यवाद देना चाहूँगा रांची मन्थन 7 जनवरी 2018 के आयोजक मण्डल को जिन्होंने अपनी व्यस्थम कार्यक्रम व जीवन शैली को पूर्णतः बदलते हुए दो माह पहले से ही इस प्रयास में लगे हुए है!कि पूरी दुनिया से वे स्वजातीय जो वर्षों से यंत्रों में शब्दों व तस्वीरों के सहारे एक दूसरे को जानते व मानते हैं उन्हें प्रत्यक्ष देखने सुनने व मिलने का अवसर प्रदान किया जाय!
उससे से बड़ी बात जो मुझे बार बार हर्षित कर रही है!वह यह कि आयोजको की ताकत को बढ़ाने हेतु हमारे कुलवंश के सम्मानित आगन्तुकों का उत्साह भी काबिले तारीफ है!आगन्तुक सदस्यों का फोन और सन्देश इस बात का प्रतीक है कि अब रिश्तों की नदियां सम्बंधों के सागर रांची मन्थन में अपनों के सकारात्मक सहयोग से एक बड़ा सन्देश देने वाली हैं!तथा रक्तवंशों का यह महाकुम्भ तमाम सामाजिक बुराइयों के शमन व स्वजातीय सहयोग की भावना को प्रबल करने हेतु ताकत प्रदान करने को आतुर है!
 
आप सभी सम्मानित सदस्यों से मेरा निवेदन है कि आप निश्चित रूप से इस आयोजन में शामिल होने की तैयारी करे!विश्वास कीजिये यह एक दिन जीवन के सुनहरे पलों की शोभा बनेगा!

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