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BBW समूह संस्कार पैदा करता है, चमत्कार नहीं Chattisgarh India Jharkhand 

BBW समूह संस्कार पैदा करता है, चमत्कार नहीं

रांची मंथन : एक विश्लेषण

इस मंथन में भी महिला और पुरुषो की सहभागिता लगभग समान संख्या में थी. महिलाओ का सत्र अलग था, जिसका सञ्चालन रेखा राय, अमिता शर्मा और प्रियंका राय ने किया. इस सत्र में पटना की भारती और तमोरी गांव की  डॉ. संध्या रानी के सामाजिक विचार को लोगो ने ज्यादा पसंद किये.

शंकर मुनि राय “गड़बड़”/राजनाँदगाँव, छत्तीसगढ़

शंकर मुनि राय “गड़बड़”/राजनंदगांव

फेसबुक समूह “ब्रह्मभट्ट्वर्ल्ड” का दूसरा सामाजिक “मंथन” 07 जनवरी 2018 को रांची के आई एम ए हॉल में संपन्न हुआ. देश के विभिन्न गांव-नगरों से आये लगभग तीन सौ लोगों की उपस्थिति में दिनभर का रोचक कार्यक्रम रात नौ बजे तक चला. रांची के वरिष्ठ स्वजातीय श्री राम सुंदर दसौंधी की अध्यक्षता में गठित आयोजन समिति में श्री मनोरंजन राय, अजय राय, ब्रजेश कुमार और नवीन राय सहित अन्य लोगों ने गरिमामय ढंग से बाहर से आये सहभागियों का स्वागत किया. सभागार के मुख्य द्वार पर ही सभी के माथे पर तिलक लगाकर और गुलाब का फूल भेंट कर अंदर प्रवेश कराया गया.

आयोजक अध्यक्ष श्री दसौंधी ने 97 वर्षीय श्री हीरालाल शर्मा की उपस्थिति में दीप जलाकर कार्यक्रम का उद्घाटन किया. सीमा तिवारी और त्रिपुरारी राय ने सरस्वती वंदना गाये .

स्वागत सम्बोधन अजय राय ने किया और समूह के संस्थापक राय तपन भारती ने आयोजन के उद्देश्य और ब्रह्मभट्ट्वर्ल्ड के इतिहास पर भी प्रकाश डाला. उसके बाद स्व. श्याम बहादुर भट्ट “पंथी” द्वारा रचित काव्य पुस्तक-“पाथेय” के दूसरे संस्करण का लोकार्पण किया गाया. पहले सत्र का सञ्चालन सीमा तिवारी और ब्रजेश राय ने और परिचय सत्र का सञ्चालन देवरथ राय और रंजना राय ने बड़ी रोचक ढंग से किया.

परिचर्चा सत्र में लोगों ने खुलकर अपने विचार रखे. सामाजिक विकास के लिए विचार मंथन में जो प्रमुख विन्दु सामने आये वे इस प्रकार थे….
१- समाज के आर्थिक रूप से कमजोर और प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को गोद लेकर पढ़ाने की पहल
२- समाज में महिलाओं की घटती संख्या पर चिंता और भ्रूण हत्या रोकने के प्रति जागरूकता बढ़ाना
३- वैवाहिक कार्यो में दोनों पक्ष की समान आर्थिक सहभागिता पर जोर
४- समाज में विधवा और विधुर विवाह के लिए मानसिकता बनाना
५- महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए उन्हें शिक्षित और रोजगार के लिए प्रेरित करना
६- समाज के महापुरुषों की जयंती मनाना और उनसे सम्बंधित साहित्य तैयार करना
७- उत्तर प्रदेश में स्वजातीय आरक्षण का समर्थन किया गया
८ – प्रत्येक मंथन में कम से कम एक पुस्तक के लोकार्पण के लिए लेखकों को प्रेरित करना आदि .

विचार सत्र में सबसे महत्वपूर्ण और प्रेरक विचार मुझे राजीव कुमार राय के लगे. आपने अपने ही जीवन संघर्ष का सचित्र प्रेजेंटेशन दिखाया, जिसमे युवा वर्ग के लिए सन्देश था कि ईमानदारी और लगन से काम किया जाये तो जीवन में सफलता मिलती ही है. आपने अपने समाज के पिछड़ेपन का कारण बाहरी दिखावा बताया. इनका कहना था कि यदि हम अपने अहम् का परित्याग करें तो हमारी बहुत सारी सामाजिक बुराइयाँ दूर हो सकती हैं. देवरथ राय ने पुरुषों के विकास में नारी समुदाय की परोक्ष भूमिका का महत्तव बताया. इनका कहना था कि कुछ घरेलू महिलाएं भी अपने पतियों को सामाजिक काम करने में बाधक बनती हैं, जिसका दुष्परिणाम दोनों को झेलना पड़ता है.

इस मंथन में भी महिला और पुरुषो की सहभागिता लगभग समान संख्या में थी. महिलाओ का सत्र अलग था, जिसका सञ्चालन अमिता शर्मा, रेखा राय और प्रियंका राय ने किया. इस सत्र में पटना की भारती और तमोरी गांव की कन्या डॉ. संध्या रानी के सामाजिक विचार को लोगो ने ज्यादा पसंद किये. भारती ने समाज में व्याप्त पुरुषत्व के अहम् को सामाजिक बुराई के रूप में रेखांकित किया और स्पस्ट किया क़ि इससे समाज के महिला समुदाय का विकास रुक रहा है. डॉ. संध्या के कथन भाषण नहीं बल्कि तार्किक चिंतन के सामाजिक सुझाव थे. आपने अपने जीवन के अनुभव और संघर्ष को जिस ढंग से प्रस्तुत किये उससे महिला समुदाय को आगे बढ़ने की प्रेरणा मिली. बंगलौर की रंजना राय ने इस बात पर जोर दिया कि परिवार में पुत्र-पुत्री का भेद दूर होना चाहिए. पारिवारिक और सामाजिक अनुशासन का महत्तव दोनों के लिए जरुरी है. यदि बेटियों के देर तक घर से बाहर रहने पर हमें चिंता होती है तो यह चिंता बेटों के बाहर रहने पर भी समान रूप से होनी चाहिए.

मंथन में निर्धारित काव्य संध्या का कार्यक्रम बिना किसी सूचना के पता नहीं क्यों स्थगित कर शाम को सांस्कृतिक कार्यक्रम शुरू कर दिया गया. सांस्कृतिक कार्यक्रम की अच्छी बात इसमें यह थी कि सभी कलाकार स्वजातीय ही थे. इसमें नवीन कुमार राय ने स्व. अजीत कुमार अकेला को याद करते हुए भावपूर्ण गीत गए. फिर उनका बेटा तेरी सस्के कदम— गाकर सभी को झूमा दिया. रसिदा के लोक गायक रोशन पांडेय ने भोजपुरी में माता-गीत और फिर पारम्परिक गीत गाकर समां बांध दिए . ब्रजेश राय, पन्ना श्रीमाली, संगीता तिवारी और रेखा राय ने अपनी सहेलियों के साथ फ़िल्मी गीतों से महफ़िल को गुलजार किये. स्वामी राम शंकर जी के भजन गायन से भक्तिमय वातावरण बना. स्वामीजी ने दिल खोलकर भजन गाये थे.

विशेष –

*** वलसाड के हरिओम प्रसाद राय जैसे समूह के कुछ लोगों ने अपने व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में स्वजातीय युवकों को रोजगार देने की सहमति जताई.
*** राजीव राय जैसे कई लोग जो पहले से ही अपने स्तर से युवकों की मदद कर रहे हैं, उनका जिक्र नहीं हो पाया.
*** इस मंथन में कुल बारह राज्यों के प्रतिभागियों सहित मास्को में बसे मोतिहारी जिले के खैरवा गांव के श्री राजीव कुमार राय अपनी पुत्री मोनिका के साथ शामिल हुए. आप दोनों ने मंच से अपने समाज के लोगों को सम्बोधित किया.
*** वक्ताओं की संख्या अधिक नहीं थी, इसलिए बहुत लोग बोलने के लिए उत्सुक थे.
*** प्रासंगिक बोलने के बजाय बहुत लोग अपना प्रभाव ज़माने के लिए बोल रहे थे.
*** कुछ लोग जो समूह में बहुत चुटकीली बातें लिखते हैं, बोलने के लिए गये तो जुबान बंद हो गई.
*** मंथन में कुछ ऐसे लोग शामिल थे, जो मंथन के लिए पंजीकृत तो थे, पर ब्रह्मभट्ट्वर्ल्ड के सदस्य नहीं थे.
*** इस मंथन में कुछ ऐसे लोग शामिल थे जो इस समूह की नीति को नहीं जानते. उनके लिए यह एक सामाजिक मेला था.
*** एडमिन टीम ने इन बातों के मद्देनजर पूर्वाभ्यास नहीं किया था. इसलिए आयोजकों सहित तपन भारती और अन्य प्रमुख लोगों के चेहरे पर चिंता की रेखा दिखाई पड़ रही थी.

सुझाव :

**मेरा मानना है कि मंथन, पूरे ब्रह्मभट्ट समाज के लोगों का नहीं, समाज के एक ऐसे समूह का चिंतन शिविर है जिसे “ब्रह्मभट्टवर्ल्ड ” फेसबुक समूह के नाम से जाना जाता है. इस समूह की खास नीति हैं.
** यह समूह संस्कार पैदा करता हैं, चमत्कार नहीं. मंथन में आनेवाले लोग भविष्य के लिए सोचते हैं. युवा वर्ग इसकी नींव हैं, वही सामाजिक दशा और दिशा के लिए प्रेरित होता है.
** मंथन को मेला न बनाकर सामाजिक चिंतन शिविर का रूप देना चाहिए था.
** यह एकमात्र ऐसा सामाजिक समूह हैं जिसमे घरेलू महिलाओं से लेकर कामकाजी-अधिकारी महिलाओं को सामान रूप से मिलने-बोलने-बैठने और लिखने का मंच देता हैं. इसके सदस्य आपस में पारिवारिक रिश्ते के साथ जुड़ते हैं और जुड़े हुए है. शंकर मुनि राय “गड़बड़”, राजनाँदगाँव, छत्तीसगढ़

Comments on facebook:

Ajay Rai:  शंकर मुनि जी ने बेबाकी से सारी चीजों को रखा है
 
Alok Sharma: सम्पूर्ण मन्थन का अद्भुत विवरण/प्रणाम
 
Drbyas Mishra: प्रणाम सर, मंथन का सारगर्भित विषलेश्ण।
 
Deorath Kumar: वाह वाह और सिर्फ़ वाह, बिल्कुल सजीव और स्पष्ट
 
Rajeeb Kumar Roy:  वाह sir, क्या बात है, आपने मंथन का सटीक विश्लेषण कर दिया
 
Pramod Bramhbhatt: सूक्ष्म तथ्यात्मक रिपोर्टिंग। बधाई।
 
Bharti Ranjan: अद्वितीय
Navin Kr Roy: आपको प्रणाम करता हूँ। अत्यंत सटीक विश्लेषण मंथन राँची का। इस कार्यक्रम के हर पहलु को आपने अपनी लेखनी के माध्यम से हमारे समक्ष रखा,इसके लिए धन्यवाद। आपकी प्रशंसा और शिकायत दोनों को स्वीकार करता हूँ। चूँकि दुसरा मौका शायद हमे नही मिले मंथन के आयोजन का, इसलिए भविष्य में आयोजित करनेवाले समिति से अनुरोध होगा कि आदरणीय शंकर मुनि राय जी की सलाह पर निश्चित रूप से ध्यान देंगें।
Ram Sundar Dasaundhi: बेहतरीन प्रस्तुति परन्तु कतिपय तथ्यात्मक भूल….दीप प्रज्वलन में श्री हीरालाल शर्मा उपस्थित नहीं थे।वे उस समय तक पधारे नहीं थे।
समारोह में प्रसिद्ध लोक गायक स्व.अजित कुमार अकेला, ख्याति प्राप्त इं. स्व. विश्वनाथ शर्मा, गोपालगंज के श्री राकेश शर्मा की दिवंगत माताजी एवं पलामू क्षेत्र के दिवंगत युवक को दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
पाथेय नामक नीति काव्य संग्रह के द्वितीय संस्करण का विमोचन 97वर्षीय अवकाश प्राप्त लेखा पदाधिकारी श्री हीरालाल चौधरी,अवकाश प्राप्त बिहार वित्त सेवा के अधिकारी श्री जीवेन्द्र नारायण चौधरी, कवि की पुत्री श्रीमती भारती देवी,आयोजन समिति के पदाधिकारियों, डा.(श्रीमती) कुसुमवती,श्री शंकर मुनि राय,श्री राजेश भट्ट,ब्रह्मभट्ट वर्ल्ड के प्रमुख एडमिन राय तपन भारती एवं अन्य के कर कमलों से सम्पन्न हुआ।पुस्तक की एक-एक प्रति सभी आगन्तुकों को श्रीमती भारती देवी की ओर से सप्रेम भेंट की गई।
 
Tripurari Roy Brahmbhatta: बहुत सुंदर वर्णन। आपकी गले में खराबी के कारण आप बोल भी नहीं पा रहे थे किन्तु यहाँ अपनी अनुभव साझा कर आयोजकों को एक संदेश के साथ कई महत्वपूर्ण बातें कही । क्रमवार बातें रखने के लिए धन्यवाद ।
 
Rakesh Sharma बड़ी सटीक और बेवाक समीक्षा।आपने तो मंथन की पुरी झलक दिखा दी।

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