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बचपन कितना भोला होता है? Bihar Delhi India 

बचपन कितना भोला होता है?

बचपन आखिर कितना प्यारा होता है। कितना सादा, कितना भोला। आज जब वह बड़ी हो गई तो ऐसे वाक्य उसके मुख से नहीं निकलते। बल्कि वह हर वाक्य सोच समझकर बोलती है।

Namita Roy, Delhi
Namita Roy

दोस्तों, कभी-कभी कोई पुरानी बातें याद आ जाए तो मन में उमंग की तरंगें उठने लगती हैं। आज एक सुनहरी रोचक याद आप सब से साझा करना चाहती हूँ। मेरे बच्चे जब छोटे थे तो मै अपने बेटे से पूछती थी कि बेटा, आप बडे होकर क्या बनोगे तो वह झट से जवाब देता था कि मैं पापा बनूंगा और आज वही बेटा नौजवान होकर चंडीगढ़ से होटल मैनेजमेंट की पढ़ाई कर रहा है। और बहुत समझदारी के साथ साथ बड़ा भी हो रहा है।

 
और अब मेरी बेटी के बचपन की बात। जब वह छोटी थी तो उससे मैं पूछती थी कि बेटा, आप बड़ी होकर किसके साथ शादी करोगी तो वह जोर से बोलती थी कि “मै तो पापा से ही शादी करूंगी।” यह बोलकर जोर जोर से हंसने लगती थी और इसके बाद वह अपने पापा के गले से लिपट जाती थी और पूछती थी कि पापा, आप मुझसे शादी करोगे ना? यह सुनकर हम सब हंसने लग जाते थे। बचपन आखिर कितना प्यारा होता है। कितना सादा, कितना भोला। आज जब वह बड़ी हो गई तो ऐसे वाक्य उसके मुख से नहीं निकलते। बल्कि वह हर वाक्य सोच समझकर बोलती है।
 
समय कितनी जल्दी बीत गया पता ही नही चला। और अभी वही बेटी इन्द्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी से जर्नलिज्म का डिग्री कोर्स कर रही है। मेरी क्युटी पाई गुडिया, मेरी जान आज भी उतनी ही मासूम भोली और प्यारी है। दोनों बच्चो की जान बसती है अपनी माँ में।
 
Basically we are from (Sarugaru village),Hazaribagh Jharkhand but now adays we are residing in Uttam Nagar,West Delhi..
Roy Tapan Bharati बच्चे मन के सच्चे
बहरहाल ग्रुप में लेखन शुरू करने पर बधाई
 
Deorath Kumar अच्छा लिखा आपने, लिखती रहिये
 
पं. दीपक शर्मा बच्चे तो मन के सच्चे होते हैं !
 
Amar Nath Sharma बचपन ऐसा ही होता। बहुत ही सुंदर प्रस्तुति।
यदि आपकी मायके कतरास के पास रघुनाथ पुर है तो आप मेरे रिश्तेदार हो जायेगीं।
 
Saheb Azad आपकी सोच बचपन की यादें को मैं आदर करता हूं आप सभी को शत शत नमन
 
Shanker Muni Rai बार-बार आती है मुझको मधुर याद बचपन तेरी।
गया ले गया तू जीवन की सबसे मस्त खुशी मेरी।।

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