बिहार का पहला अख़बार भट्ट ब्राह्मणों की देन
इसका नाम ” बिहार बंधु ” था और हिंदी भाषा में निकलता था
भारतीय समाज में भट्ट ब्राह्मण का इतिहास बड़ा ही गौरवशाली और अत्यंत
समृद्ध रहा है। देश के अन्य हिस्सों की भांति बिहार में भी भट्ट ब्राह्मण
का इतिहास गरिमामयी है। भारतीय स्वतंत्रता संग्राम काल में बिहार (कूच
बिहार) का पहला समाचार पत्र भी बिहारशरीफ के भट्ट बंधुओं ने ही 1872 में
निकाला था। इसका नाम ” बिहार बंधु ” था और हिंदी भाषा में निकलता था।
इसकी प्रकाशन अवधि साप्ताहिक थी।
बिहार से निकलने वाले इस पहले हिंदी साप्ताहिक के संचालक नालंदा जिला के
बिहारशरीफ के चौखंडीपर मोहल्ले के निवासी पंडित केशवराम भट्ट और पंडित
मदन मोहन भट्ट नामक भट्ट बंधु हुआ करते थे। इसके संपादन का कार्य पटना के
रमना रोड में मुंशी हसन अली किया करते थे। इसके मुद्रण का कार्य कोलकाता
के श्री पुरण प्रकाशन से ही हुआ करता था।
” जयंती स्मारक ग्रन्थ “में राधा कृष्ण प्रसाद द्वारा लिखित ‘बिहार की
हिंदी पत्रिकाएं’ शीर्षक लेख के पृष्ठ 574-575 में यह जानकारी छपी है। इस
लेख में वर्णित है कि सन 1872 में पंडित केशवराम भट्ट तथा पंडित मदन मोहन
भट्ट के सहयोग से “बिहार बंधु” नामक साप्ताहिक पत्र बिहारशरीफ से निकाला
जाता था, जो तत्कालीन बिहार का पहला हिंदी पत्र था। 1872 से 1873 तक भट्ट
बंधुओं के सहपाठी मुंशी हसन अली संपादक बने रहे। 1874 में छापाखाना
(प्रिंटिंग प्रेस) पटना चला आया। 1875 से पंडित केशवराम भट्ट स्वयं इसका
संपादन करने लगे। इस प्रकार बिहार के पहले हिंदी पत्रकार होने का गौरव
पंडित केशवराम भट्ट को ही प्राप्त है।
बिहार में हिंदी प्रचार, कचहरियों में हिंदी के प्रवेश तथा राज्य में
सामाजिक-राजनीतिक जागरण का श्रेय पंडित केशवराम भट्ट और उनके साप्ताहिक
पत्र “बिहार बंधु” को ही जाता है। हिंदी के इतिहास ग्रंथों तथा बिहार
हिंदी साहित्य सम्मलेन के प्रारंभिक सभापतियों के भाषणों में यह तथ्य
हमेशा पुष्ट होता रहा है। इस प्रकार भारतीय राष्ट्र के निर्माण के
विभिन्न अवदानों में बिहार के भट्ट ब्राह्मणों का अपूर्व योगदान रहा है।