बसंत ऋतु का आगमन प्रकृति को बासंती रंग से सराबोर कर जाता: प्रियंका राय
धार्मिक अवसरों पर भी पीले वस्त्र पहनने की परम्परा, विवाह संस्कारों में भी नई दुल्हन को ‘पियरी’ दिए जाते
लाल-पीले रंग हिन्दू धर्म में भी शुभ माने जाते हैं। विवाह संस्कारों में भी नई दुल्हन को ‘पियरी’ दिए जाते हैं। कई धार्मिक अवसरों पर भी पीले वस्त्र पहनने की परम्परा है। जैसे बसन्त पंचमी के अवसर पर भी अधिकांशत महिलाएं पीली साड़ियाँ धारण करती हैं जो माहौल और इस अवसर पर एक खूबसूरत छटा बिखेरती नज़र आती हैं।
प्रियंका राय/Admin, BBW, Patna
वसंत ऋतु के साथ होली के आगमन की दस्तक और सरस्वती पूजा का यह पर्व पुरातन समय से ही सभी के लिए पावन व उत्साह वाला रहा है।
ये बदलता मौसम हर किसी को अपनी ओर आकर्षित करता है। बासन्ती मौसम को देखकर किसी भी रचनात्मक मन से श्रृंगार रस की मनभावन अभिव्यक्ति का उद्गार आम बात है। ये तो हम सभी जानते हैं कि, हर रंगों का महत्व हमारे जीवन में है। और कोई ख़ास रंग हर किसी को विशेष रूप से पसन्द भी होते हैं।
बात जब बसंती मौसम की होती है तब यहाँ पीले रंग की विशेषता स्पष्ट रूप से झलकती है। वसंत पंचमी के पर्व पर वैसे भी चटख पीला रंग उत्साह और विवेक का प्रतीक माना जाता है। दरअसल, पीला रंग शुद्ध और सात्विक प्रवृत्ति का परिचायक है। यह सादगी और निर्मलता का भी प्रतीक है। पीला रंग धारण करने से हमारी सोच सकारात्मक होती है। यह हमारे सृजन का भी प्रतीक है। यह हमें परोपकार करने की प्रेरणा देता है। पीला रंग नवरात्र की षष्ठी तिथि को भी समर्पित है।
यही नही, लाल-पीले रंग हिन्दू धर्म में भी शुभ माने जाते हैं। विवाह संस्कारों में भी नई दुल्हन को ‘पियरी’ दिए जाते हैं। कई धार्मिक अवसरों पर भी पीले वस्त्र पहनने की परम्परा है। जैसे बसन्त पंचमी के अवसर पर भी अधिकांशत महिलाएं पीली साड़ियाँ धारण करती हैं जो माहौल और इस अवसर पर एक खूबसूरत छटा बिखेरती नज़र आती हैं। बसंत ऋतु का आगमन प्रकृति को बासंती रंग से सराबोर कर जाता है। यह सादगी और निर्मलता को भी दर्शाता है।
बसंत ऋतु पर पीले सरसों की फसलें खेतों में लहराती हैं और पेड़-पौधों में नई कोपलें फूटती हैं। प्रकृति खेतों को पीले-सुनहरे रंगों से सजा देती है। जिससे पृथ्वी पीली दिखती है। बसंत का स्वागत करने के लिए पहनावा भी विशेष होना चाहिए इसलिए हम पीले रंग के वस्त्र पहनते हैं। पीला रंग उत्फुल्लता व आत्मविश्वास का आभास देता है।
जीवन में कई रंग है और इन सबकी विशेषतायें भी है। इनके महत्व को स्वीकारते जीवन के अच्छे अनुभव के साथ सकारात्मक सोच से आगे बढ़ना ही हर इंसान का पुनीत कर्तव्य है। आप समस्त सरस्वती पुत्र-पुत्री को हम महिला एडमिन टीम की ओर से सरस्वती पूजा की हार्दिक शुभकामनाएं।