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सोते समय, शांति से इस मंत्र को मन में दोहराएं Delhi India 

सोते समय, शांति से इस मंत्र को मन में दोहराएं

लेखिका: अनामिका राजे/नई दिल्ली

योग चर्चा: अनिद्रा/तनाव उपचार विशेषांक, भाग-३

#‘ॐ अगस्ती शायिनः ।’

भावार्थ : हे ईश्वर, निद्रा प्रदान करें। योग गुरू दीपक चोपड़ा सिखाते हैं कि सोते समय, शांति से इस मंत्र को मन में दोहराएं। अतिसक्रिय (hyperactive) मन वालों के विचारों को विराम देते हुए प्रशांतिपूर्ण गहरी नींद में सहायक।
भाग-3 लेकर पुनः उपस्थित हुई हूँ इस संकल्प के साथ कि मेरे समाज के सभी स्वजनों को स्वास्थ्यकर नींद का लाभ मिले। पिछली किश्त में हुए आध्यात्मिक विष्लेषण के अनुसार निद्रा दैवीय ऊर्जा/शक्ति है! वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखें तो नींद मस्तिष्क की विशेष अवस्था है जिसमें अल्फ़ा और थीटा तरंगों का प्रवाह होता है, बनिस्पत जागृत अवस्था की बीटा तरंगों के, जिसके फलस्वरूप शांति और स्वप्न की अनुभूति तथा शरीर की मरम्मत होती है।

इस सबसे यह निष्कर्ष निकलता है कि 8 घंटों की तरोताज़ा करने वाली नींद के लिए उचित दिनचर्या में हमें कुछ तैयारियां करनी चाहिए जिनमें से ज्यादातर चीज़ें हम सभी जानते हैं जैसे कि सोने से दो घंटे पहले हल्का, सुपाच्य, फाइबर युक्त, क्षेत्रीय भोजन और आधा घंटा पहले गुनगुना पानी पीना। पालक, नट्स, बीज, छोले, ब्रोकोली, आदि जैसे खाद्य पदार्थों में मौजूद मैग्नीशियम में आपकी इंद्रियों को आराम देने और तनाव को कम करने की क्षमता होती है, जो अनिद्रा के लिए एक प्रमुख कारक है। विशेष रूप से, यह पाया गया है कि जो लोग अनिद्रा से पीड़ित हैं, उनमें आमतौर पर मैग्नीशियम की कमी होती है। यह पोषक तत्व GABA नामक एक न्यूरोट्रांसमीटर के स्वस्थ स्तर को बनाए रखकर आपके नींद के पैटर्न में सुधार कर सकता है।

हाल ही के शोधों में यह खुलासा भी हुआ है कि शरीर में विटामिन डी हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता, अच्छे मूड , रक्तचाप नियंत्रण आदि के लिए ज़रूरी है और इसकी कमी से जोड़ों में दर्द ,अवसाद (डिप्रेशन) ,थकान,अनिद्रा आदि हो सकते हैं। दुखद है कि हाल के दिनों में विटामिन डी की कमी एक बड़ी समस्या बन कर उभरी है।
पीढ़ियों से सिखाया गया है कि सोने से पहले निद्रा स्नान और ब्रश किया जाए या कम से कम हाथ पैर और मुँह धोकर सोने के अलग कपड़े पहने जाएं। मैगनीशियम की पूर्ति के लिये एप्सम सॉल्ट बाथ या टब में एप्सम सॉल्ट डालकर सोक कर सकते हैं। लैवेंडर के एसेंशियल तेल का प्रयोग आपके शरीर के दर्द को कम और मूड में सुधार करके अनिद्रा का इलाज कर सकता है। एक अध्ययन के अनुसार, नींद के विकारों के लिए जिम्मेदार ये दोनों कारक भी हैं।
# इस क्रम में सोने से कुछ समय पहले से कमरों का प्रकाश घटाना, सोने की जगह में मेहमानों से गपशप और भोजन आदि गतिविधियों से बचना, बिस्तर न ज्यादा नर्म न सख्त और तापमान आरामदायक(22 -26 डिग्री सेंटीग्रेड) रखना गहरी नींद की तैयारी में सहायक होता है। प्राचीन काल से ही कंप्यूटर जैसा इंसानी दिमाग रोशनी को दिन और अंधेरे को रात मान के सोने के लिये प्रोग्राम है, अतः यदि आपका पेशा लाचार करता है कि रात को आप कतई नहीं सो सकते तो दिन में रात जैसा अंधेरा और शांति कर के सोएं। हालाँकि ऐसी नींद की गुणवत्ता रात जैसी होना फिर भी कठिन है!
#ध्वनि/ आवाज़ का भी नींद पर गहरा असर होता है। ध्वनि प्रदूषण के नुकसान कौन नहीं जानता!दादी सत्संग में ज्ञान सुनने गई पर न चाहते हुए भी व्यास वाणी सुनकर वहीं झपकने लगी, दादी बोर नहीं हो रही थीं पर नींद इसलिए आई कि मन को शांत करने वाले विचार, सुन्दर और मोनोटोनस (बिना उतार चढ़ाव के) स्वर में, मधुर संगीत, और मनोरम वातावरण के साथ मस्तिष्क को लोरी जैसा लगा और दादी वहीं सो गईं!
संगीत सभी को मोहक लगता है पर आइसोक्रोनिक (isochronic)और बाईनाउरल (binaural) संगीत सम्मोहक होता है, white noise की तरह, जिनका आशातीत लाभ अनिद्रा में मिलता है और ये इतने प्रभावशाली हैं कि गाड़ी चलाने जैसे सतर्कता वाले कामों के साथ इन्हें सुनना नींद की दवा लेने जैसा खतरनाक हो सकता है,पर सोते समय सुरक्षित माहौल में सुनना पूरी तरह निरापद है।

नीचे के लिंक पर जाकर एक उदाहरण अनुभव करें:-https://youtu.be/rulvcTfez5w
# माइंडफुलनेस मेडिटेशन/ सजग ध्यान-दैनिक दिनचर्या में धीमी और गहरी साँस लेना ,साथ ही साँस, विचारों, भावनाओं और संवेदनाओं को ध्यान में रखते हुए सजग ध्यान आपके तनाव के स्तर को कम करके आपको शांत करता है। साथ ही, यह आपकी प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ा सकता है,माइंडफुलनेस अनिद्रा में सुधार कर सकती है। ध्यान नींद की कुंजी है व अनिद्रा तथा अन्य नींद से संबंधित विकारों का इलाज।साथ ही भस्त्रिका प्राणायाम , कपालभाति प्राणायाम, अनुलोम-विलोम प्राणायाम के साथ शवासन और योगनिद्रा भी मस्तिष्क को संतुलित कर के आरोग्यप्रद नींद में सहायक होते हैं।
मिलते हैं अगली किश्त में , तब तक के लिए अनामिका राजे का प्रणाम।हरि ऊँ।।
P.S. – लेख में दिये मंत्र का प्रयोग करें और अपना अनुभव शेयर करें।
इस लेख से पूर्व का लेख नीचे दिए लिंक पर जाकर पढ़ सकते हैं।

अनिद्रा/तनाव उपचार विशेषांक, भाग-2

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