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गंगा किनारे बसे देवमलपुर में सारी सुख-सुविधाएं Bihar India 

गंगा किनारे बसे देवमलपुर में सारी सुख-सुविधाएं

Englishpur2देवमलपुर (इंग्लिशपुर) गांव अब वीरान दिखता है। बहुत कम घरों में लोग दिखते हैं। अब तो पूरा गांव लगभग पलायन कर गया है। कुछ रोजगार के लिए कुछ उच्च और क्वालिटी वाली शिक्षा के कारण। गांव की मुख्य आमदनी नौकरी और कृषि-पशुपालन है।

राजकिशोर/नई दिल्ली

Raj Kishorमेरा गांव देवमलपुर (इंग्लिशपुर,भोजपुर, आरा ,बिहार) है जो उत्तर प्रदेश और बिहार के सीमा पर स्थित है। हमारे पूर्वज हरिचरन चौधरी ने गंगा के कटान से परेशान होकर भेड़िया-परसिया गांव छोड़ दिया। वे डुमराँव महाराज से से दान में मिली जमीन में जाकर देवमलपुर में बसे जिसे हमारी बिरादरी के अलावा इंग्लिशपुर के नाम से भी जानती है। गंगा के (भागड़) के किनारे बसा यह एक सुन्दर-सा गांव है।

आपको जानकर अच्छा लगेगा कि हमारा गांव आधुनिक सुख सुविधाओं से सम्पन है। हमारे गाँव में स्वजातियों की संख्या 20 घर है और कहार और गोड, जिन्हें हमारे पूर्वज अपनी सुविधा के लिए लाए थे, भी लगभग इतने घर ही हैं।

गांव अब वीरान दिखता है। बहुत कम घरों में लोग दिखते हैं। अब तो पूरा गांव लगभग पलायन कर गया है। कुछ रोजगार के लिए कुछ उच्च और क्वालिटी वाली शिक्षा के कारण।

गांव की मुख्य आमदनी नौकरी और कृषि-पशुपालन है। इस गांव के खेतों में मुख्यत रब्बी की फसल फसल ही है क्योंकि हमारे गाँव में बाढ़ भी एक बड़ी समस्या है। कुल मिलाकर पंचायती चुनाव के समय को छोड़ दिया जाये तो लोग मिल-जुल कर दुःख सुख में साथ रहते हैं।

(लेखक दिल्ली में Dharmendra’s Sociology (Institute for Civil Servises) के Administrater हैं)

Comments on Facebook:

Deorath Kumar: अपने गाँव से मिलाने के लिए धन्यवाद, अच्छा लिखा आपने

 Amod Kumar Sharma: अपने गांव से परिचीत कराने के लिए धन्यवाद।
Rakesh Nandan: सुंदर वर्णन किया है आपने। गाँव का मज़ा ही कुछ और है। हमलोग रोज़ी रोटी और आधुनिक सुख सुविधा के चक्कर में बाहर आए। इंसानी फ़ितरत है। पर गाँव से जुटे रहे।
Raj Kishor: आज भी जब हम गांव की ट्रेन पकड़ते है तो उत्सुकता में पूरी रात नींद नहीं आती है
Damoder Bhatt: नये नाम के लिए बहुत बहुत धन्यवाद।
 Raj Kishor: बढ़िया है इंग्लिशपुरिया
 Roy Tapan Bharati: संक्षेप में देवमलपुर (इंगलिशपुर) गांव की अच्छी जानकारी…
Lp Rai: देवनपुर किअच्छी जानकारी मिली। जाने का मौका तो नही मिला। पर पटना में नन्दनपुरी में श्री शत्रुघ्न चौधरी साहब से मिलने का मौका मिलता है।
Raj Kishor: सर आप 30 मई को आ जाइये हम सब लोग 30 मई को गांव में आते है बड़े भैया सत्रुघ्न चौधरी भी आते है
Sanjeev Ray: बहुत ही सुंदर।
Rewti Choudhary: पलायन के बाबजूद भी अपने गांव से लगाव अतिप्रिय लगा।
Raj Kishor: सर, पलायन तो मज़बूरी है नहीं तो आज़ादी अपने गांव में है वो शायद स्वर्ग में भी नहीं
Rewti Choudhary: सत्य ।जननी जन्मभूमि स्वर्गादपि गरिसयसि।
Dharmendra Sharma Bhatt: अति सुन्दर
DrPrem Narayan Bhatt: धन्यवाद, अपने गांव से परिचय कराने के लिए।
Saroj Kumar Sharma: सुंदर गाँव है ,बचपन मे एक बार अपने छोटे चाचा के शादी मे गया था ,हल्की सी याद आज भी ताजा है !
Pramod Sharma: बहुत बढ़िया।
Brajnandan Mishra: लगता है जब आप गांव चलेंगे तो हम साथ चलेंगे

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