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…और Brahmbhattworld का कारवां बढ़ता गया Delhi India 

…और Brahmbhattworld का कारवां बढ़ता गया

तमाम सामाजिक सुधारों पर बहस के साथ ही लेखक-लेखिका भी उभरकर सामने आने लगे

हमने कभी सोचा नहीं था कि एक दिन यह ब्रह्मभट्ट ग्रुप सबसे लोकप्रिय सोशल ग्रुप हो जाएगा

-Roy Tapan Bharati, संस्थापक एडमिन, Ncr Delhi
 
Roy Tapan Bharati in udaipurकुछ लोग फोन कर कहते हैं कि आप सबका Brahmbhattworld ग्रुप उपयोगी जानकारी देने वाला सबसे अच्छा सामाजिक मंच है। मैंने कहा, यह बात आप हमारे मंच पर लिखें तो दूसरों को भी आपकी भावना पता लगे। तो इस पर मासूम सा जवाब मिलता है, इसलिए कुछ नहीं लिखता कि किसी विवाद में हम क्यों पड़ें?
 
हमने कहा कि इसी मंच से आपकी बेटी को वर मिला। फिर भी आप अपनी भावना लिखने से बचना चाहते तो यह आपकी मर्जी। ऐसे लोग भी हैं इस मंच पर। और वे भी जो खुलकर यहां बताते हैं कि यह ग्रुप तो परिवार जैसा लगता है। हमने जब कुछ स्वजनों के आपत्तिजनक कमेंट से दुखी होकर यह ग्रुप सस्पेंड कर दिया तो मुझे और मेरे एडमिन साथियों को सैकड़ों फोन और मैसेज आए कि ग्रुप बंद होने से हमारी जिंदगी ठहर गई है। तब बहुमत की बात मानकर हमने विजयादशमी से इसे फिर आरंभ कर दिया।
 
मैंने कभी यह नहीं सोचा था कि एक दिन यह ग्रुप अपने समाज का सबसे लोकप्रिय ग्रुप हो जाएगा। पत्रकार होने के नाते मेरे मन मन में ख्याल आया कि क्यों ने रिटायर्ड स्वजनों और घरेलू शिक्षित महिलाओं को लेखन के लिए प्रेरित किया जाए। साथ ही दहेज प्रथा, नारी को दोयम दर्जा देने के खिलाफ सामाजिक मुहिम छेड़ने के लिए एक ग्रुप बनाया जाए जहां केवल अपने समाज के ही लोग हों।
 
तब मेरे पिताजी (Late Roy Prabhakar Pd) जीवित थे। उन्होंने कहा, तपन समाज के लिए काम करने में कुछ खतरा है। उनका विचार था कि समाज के नाम पर किसी डिजिटल मंच को आरंभ करने पर कुछ लोग अनावश्यक ईर्ष्यालु न हो जाएं, कुछ मुझे और एडमिन टीम को लाभ कमाने वाला व्यक्ति न समझ लें। बाद में उनकी बात कुछ हद तक सही निकली पर मैं और मेरे साथी ग्रुप चलाने के इरादे पर अड़े रहे। क्योंकि दिल साफ था। हम तो लोगों को समाज और लेखन से जोड़कर समाज सुधार के अभियान में जुट गए।
इस इरादे में सौ फीसदी तो नहीं पर, काफी हद तक सफलता मिलने लगी। इनमें से कुछ तो पहले से ही लेखन में मंजे हुए थे। इनमें Engr, Ram Sundar Dasaundhi (रांची), Deorath Kumar (नवी मुंबई), Rekha Rai (चेन्नई), Suman Rai (चेन्नई), Priyanka Roy (पटना), Mahavir Prasad Bhatt (आरा), Navin Kr Roy (जमशेदपुर/रांची), Abha Rai (गाजियाबाद), Alok Sharma (महराजगंज), Sarita Sharma (मुजफ्फरपुर), Mahendra Pratap Bhatt (इलाहाबाद), Gorakh Nath Sharma (धनबाद), Urmila Bhatt (फर्रुखाबाद), om prakash sharma (नोएडा/दिल्ली), बैंकर Awadhesh Roy (दिल्ली), Sangita Roy (पूर्णिया), Ssangeeta Tiwari (गाजियाबाद), Ram Sharma (दिल्ली), Ragini Sharma Golden India (इलाहाबाद) समेत बहुत सारे स्वजन पहले से ही लिखने में माहिर थे पर यहां उन्होंने खूब लिखा।
 
Mobपर जो सोशल मीडिया पर लगभग नगण्य लिखते थे या इससे दूर थे उन्हें भी यह मंच भाने लगा। हमने उनसे भी लिखने का आग्रह किया जो विचारवान तो थे पर सोशल मीडिया से थोड़ा दूर थे। धीरे-धीरे Amod Kumar Sharma (बोकारो), L. P. Rai (पटना), हरिओम प्रासाद राय भट्ट (वलसाड, अभी पटना), Geeta Bhatt (इलाहाबाद), Rakesh Nandan (लखनऊ), Anjana Sharma (गोरखपुर), Rajeev R. Rana (पटना), Ranjan Ranjan (दिल्ली), Sharma Nirmala (भदोही), Radhey Shyam Rai Shyamrohtasii (नोएडा), Bindu Kumari (नवी मुंबई), Prabhat Kumar (पटना), Abhay Biswas Bhatt (आरा), Pinky Bhardwaj (जमशेदपुर), Ravindra Roy(पटना), Surendra Rai (झारखंड), Sanjeev Ray (पटना) समेत सैकडो़ं स्वजन हिन्दी में लिखने लगे।
 
याद आने पर कुछ और स्वजनों के नाम बताउंगा। कुछ के विचार अच्छे हैं पर अब भी वे रोमन लिपि में हिन्दी लिखते हैं। इनमे Kiran Rai (मुंबई), Bajrangi Prasad Bhatt (लखनऊ), Sanjay Rana (धनबाद)), Vishal Anand (जमशेदपुर) शामिल हैं। उन्हें भी हिन्दी को देवनागरी में लिखना चाहिए ताकि अधिक से अधिक लोग उनके विचार और सूचनाएं पढ़ सकें।
 
कल हमने इस मंच पर पहली बार रोमन में अपनी बात लिखने वाले Narendra Sharma (मुंबई) से हिन्दी देवनागरी में लिखने का आग्रह किया और मिनटों में उन्होंने देवनागरी में अपनी बात लिख दी जिसकी बहुत सारे स्वजनों ने तारीफ की।
 
कुछ एडमिन बनने की लालसा में तो कुछ एडमिन पद से हटने के कारण वे या उनके संबंधी मुझसे नाराज होते रहे पर मैं उनको जवाब देने से बचता रहा। मेरा मकसद वाकयुद्ध में उलझना नहीं था। इस पर अगली किश्त में कभी।
(#Note: बाकी बातें अगली किश्त में, नाम छूटने पर आप नाराज न होंगे,
आप सभी नाम के आगे श्री और श्रीमती या सुश्री जोड़कर ही पढ़ें। )
Comments by BBW Mebers :
Ram Sundar Dasaundhi, Ranchi: यह ग्रुप अपने समाज का सबसे लोकप्रिय ग्रुप है।यह ग्रुप निःस्वार्थ भाव से सामाजिक कुरीतियों को दूर करने एवं सामाजिक उन्नयन के लिए निरंतर प्रयासरत है।हम सभी मिलकर इस दिशा में प्रयास करते रहना चाहिए।
 
Radhey Shyam Rai Shyamrohtasi, G. Noida: जो रुका नही जो थका नही लेखिनी अविरल चलावो
हे तपन तपो तप तप के तुम
सुवर्ण हार बन जायो
होने दो कटु वाक्य युद्ध
नहीं इससे घबराना
श्यामरोहतासी बढ़े चलो
चट्टानों से टकराना।
 
Ragini Sharma Golden India, Allahabad: इस ग्रुप की सदस्या होने पर गर्व है …बहुत से स्वजातीय लोग मुझे इस ग्रुप के कारण पहचाने …सब को नमन
 
Sanjeev Ray, Patna: इस ग्रुप का कोई जोड़ नही। बहुत सारे ग्रुप खुले और बन्द हुए और बहुत सारे ग्रुप चल भी रहे है। लेकिन, ये ग्रुप का छाप ही अलग है। संजीव राय, पटना।
 
Surendra Rai: हमारी मातृभाषा हिन्दी है तथा अधिकतम लोग हिन्दी बोलते और समझते हैं।इसलिए हमें हिन्दी में लिखने की कोशिश करनी चाहिए। कुछ लोग हिन्दी शब्दों को ही अंग्रेजी के वर्णमाला में लिखते हैं जिसे मुझे ही पढ़ने में दिक्कत होती है और हम समझते हैं कि बहुतों को दिक्कत होती होगी।
इसलिए मेरा मानना है कि हमें हिन्दी में लिखने की कोशिश करनी चाहिए।
समाज के उत्थान हेतु सभी अपना विचार रखने के लिए स्वतंत्र हैं।हमें किसी के मंतव्य को बुरा नहीं मानना चाहिए बल्कि उसपर मंथन करना चाहिए।स्पष्ट विचारों वाले,आलोचकों,समाज हित में कार्य करने वालों को प्रोत्साहित करना चाहिए न कि हतोत्साहित। आपसी द्वेष को अपने आप तक ही सीमित रख कर समाज हित में कार्य करने की आवश्यकता है।
 
Ssangeeta Tiwari, Ghaziabad: हमे खुशी है ही मैं ब्रम्हभट्ट वर्ल्ड का एक हिस्सा हूँ ,लगभग 5 साल पहले जब मैं fb पर आई तो मुझे भी किसी ने इस ग्रुप में जोड़ दिया ,तब हमें ग्रुप का महत्व नही पता था इसलिए ग्रुप से लेफ्ट हो जाती थी,फिर कोई जोड़ देता था. तब तक मुझे थोड़ी बहुत जानकारी हो चुकी थी ,मैं अपनी वाल पर लिखती थी तब Roy Tapan Bharati जी मुझे प्रोत्साहित करते थे कि ग्रुप में पोस्ट करें मुझे देवनागरी लिपि में लिखने की प्रेरणा उनसे ही मिली,मेरे कई करीबी रिश्तेदार, और दूर दराज के भाई बहन जिसको हम उनके nick नाम से जानती थे वो मुझे इसी ग्रुप से मिले,कुछ रिश्ते में श्वसुर,जेठ इत्यादि और ससुराल के गांव के लोग भी दिखे ,महिला हूँ शर्म और संकोच रहता है कि वो लोग क्या सोचेंगे,फिर भी लिखती हूँ,, धन्यवाद ब्रह्मभट्ट वर्ल्ड मुझे अपनो से मिलाने के लिए,अच्छे और सदाबहार दोस्त दिलाने के लिए।ये ग्रुप रिश्तों के ताने बाने में उलझी एक मजबूत बुनियाद है.
 
Amod Kumar Sharma, Bokaro: यह ग्रुप हमलोगों को सम्पूर्ण समाज से जोङने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।पहले जानकारी क्षेत्र विषेश तक सीमित रहता था।यही एक ग्रुप है जो सामाजिक कुरीति , रुढिवाद और नारी उत्पीङन का हमेशा विरोध करता रहा है और समाज के महिलाओं को लिखने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।तपन जी को बहुत बहुत धन्यवाद।
 
Ajay Prakash: एक अच्छा प्रयास है
 
Bharti Ranjan, Darbhanga: गुरु गोविंद दोउ खड़े, काको लागू पाय। बलिहारी गुरु आपने गोविंद दियो बताय। (सभी एडमिन और मुख्यतः तपन सर के लिए)
 
Pravakar Roy: पहला किश्त इतना जबरदस्त है, की आगे की किश्त पर मेरे लिये कोई शब्द ही नहीं…. आदरणीय नामांकित एडमिन, संस्थापक महोदय और सारे अभी तक कमैंट्स प्रेरणादायक हैं। प्रणाम।
 
Ram Sharma, New Delhi: किसी भी छेत्र में जब आप अग्रणी होते हैं तो आलोचकों की तादाद बढ़ती जाती है ..दिक्कत स्वस्थ्य आलोचना से नहीं मगर चंद निहित स्वार्थ वाले तत्वों ने जिस प्रकार मर्यादा का हर बार उल्लंघन किया उसके बाद कुछ कठोर निर्णय समाज के हित में अति आवयश्क हो गए थे ,,,बहरहाल यह ग्रुप बड़े सुचारू रूप से चल रहा है और हम सभी को उम्मीद है कि समाज के लिए जो भी बेहतर होगा वह इस ग्रुप द्वारा जरूर किया जाता रहेगा …यह एक निरंतर चलाये जाने वाली प्रक्रिया है. सभी का सहृदय धन्यवाद और ग्रुप के सभी कर्त्ता-धर्ता एवं सदस्यों को ढेर सारी शुभकामनाएं.
 
Gautam Singh, Saharsa: निश्चित रुप से ब्रह्मभट्ट वर्ल्ड अपने समाज का विशाल परिवार की तरह है ,इसमे भाँति भाँति के लोग ,अलग अलग विचार है सबको मिलाकर चलना है । अपने घर में भी विचारो की टकराहट होती है तो इतने बड़े परिवार में टकराहट हो तो कौन शि बड़ी बात है । आपको सभी को लेकर चलना है और आप चलते भी हैं ।इसके लिये अाप साधुवाद
Amita Sharma, ranchi: मैं भी करीब पांच साल पहले इस समूह से जुड़ी।मुझे भी तपन भारती भैया ने ही जोड़ा।मैं तभी से इस समूह को लेकर भावनात्मक रही हूँ। लगातार अपने लोग मिलते गए,और हम एक दूसरे से जुड़ते गयें। इस ग्रुप की वजह से आज के समय मे बहुत स्वजातीय स्वजन हमे जानने लगे हैं।एडमिन के तौर पर पहचान और बढ़ गई।मैं शुक्रगुज़ार हूँ इस ग्रुप और हमारे श्रेष्ठ एडमिन तपन भाई साहब का।जिनके संरक्षण में ये ग्रुप सुचारू रूप से यूँही लोकप्रिय बना रहे।सभी सदस्य मिलकर इसे ऐसे ही आगे बढ़ाते रहे। हमसबों के लिए एक-एक सदस्य खास हैं।मैंने भी देवनागरी में लिखना यंही से शुरू किया,तपन भैया के सहयोग से। \
 
Sarita Sharma, Muzafarpur: मै ब्रह्मभट्ट वर्ल्ड ग्रुप के बारें मे ज्यादा न लिखते हुए अपनी बात सिर्फ एक लाइन मे लिखना चाहती हूँ। जिस तरह हमें कोई जानकारी चाहिए होता है तो हम Google Guru की शरण लेते है, ठीक वैसे ही अपने समाज से जुड़ी किसी भी जानकारी या व्यक्ति के बारें मे जानने के लिए मेरे अलावे बहुत सारे स्वजन Brahmbhatt World ग्रुप की ओर मुख़ातिब होते है।यहीं इस ग्रुप की सबसे बड़ी उपलब्धि है। धन्यवाद।।
 
Vishal Anand, Jamshedpur: तपन सर का देवनागरी मे लिखने की सलाह मैं आदर सहित स्वीकार करता हूँ।
 
Pradeep Kumar इस ग्रुप के सभी सदस्य को नमस्कार और भईया को बहुत बहुत बधाई आज आपके प्रयास से ही हम सब एक साथ है इस परिवार से बड़ा और सुन्दर कोई परिवार नहीं हो सकता
 
Deorath Kumar, Navi Mumbai: मैं हमेशा से बोलता आया हूँ और आज फिर से बोलता हूँ, Brahmbhattworld ने मुझे एक भरा पूरा परिवार दिया है। न जाने कितने दिलों के अनमोल रिश्ते जुड़े। लगता है जैसे बेघर को छत मिल गया हो। हर गाँव, हर शहर, हर महानगर, विदेशों में भी सब अपने लोग हर जगह। लोगों में जबरदस्त आत्मविश्वास बढ़ा है।
 
Narendra Sharma, Mumbai: I am very proud to be associated with this group who is contrubuting towards wellfare of all young generation in our society.
 
Sanjay Rana, Dhanbad: Sarita ji has very rightly said nd compared the group with google guru. I think its not at all needed to take certificate from all of us.,as the group had attended its height nd achived its pupose.I fell proud to say that about 50 members of my own family is member of this group
 
Suman Rai, Chennai: समाज के लोगो के विचार में सुधार आये ये आज की महत्वपूर्ण आवश्यकता है ।अपनी आवाज़ ज्यादा लोगो तक पहुँचा पाए इसके लिए सोशल मीडिया बहुत बड़ा प्लेटफार्म है हम सब Brahmbhatt world से बहुत दिनों से जुड़े है हमे पता है ये एक ऐसा ग्रुप है जहाँ हम अपनो से और जुड़ सकते है । Roy Tapan Bharati ji आप अपनी इस मुहिम को आगे बढ़ाने में और प्रयासरत रहे एक दिन हम सब और सफल
होंगे।
 
Sangita Roy, Purnia: सर्वप्रथम तो Roy Tapan Bharati ji का आभार यह मानने के लिये कि मुझे देवनागरी में लिखना आता है।मुझे दो साल से भी कम हुए है सोशल मिडिया (फेसबुक) में आये हुए।फेस बुक पर आने के बाद अपने लोगो से इस ग्रुप के बारे में सुनी थी पर मुझे सदस्य कैसे बनते है नहीं आता था।उत्सुकता बहुत थी अपने जाति और समाज के बारे में जानने की।जुड़ नही पा रही थी अफसोस होता था।तकनीकी ज्ञान नहीं था।एक दिन अपने आपको इस ग्रुप से जुड़ा देखा।समझ नहीं पायी कि कैसे जुड़ गयी चूंकि तकनीकी ज्ञान की कमी थी। Notification में देखने से पता चला कि श्री संजय राणा जी ने मुझे जोड़ा है। मुझे काफी खुशी हुई कि मै भी अपने स्वजातीय ग्रुप से जुड़ गयी। श्री संजय राणा जी को धन्यवाद
इस ग्रुप के माध्यम से ही अनेकों लोगों से परिचय हुआ कितने लोग अपने लगने लगे।कुछ निकट के रिश्तेदार भी मिल गये।बहुत से सदस्य अपने परिवार की तरह लगने लगे जिन्हें देखा भी नही।
ग्रुप में भी कई उतराव-चढ़ाव आये फिर भी ग्रुप लोकप्रिय रहा।इसकी नीतियाँ भी पसंद आयी। उल जलूल पोस्ट नहीं होते है।Good morning/good evening वाले पोस्ट नही होते है अतः अच्छा लगता है।पर इन दिनो थोड़ा कौपी पेस्ट एवं तस्वीरों का चलन बढ़ गया है जो इसकी गुणवत्ता को कम कर सकता है ऐसा मेरा सोचना है। अभी मुझे इस ग्रुप से जुड़े एक साल भी नहीं हुए है पर अपनापन लगता है।
 
Sharma Nirmala, Bhadohi: हर नेक काम करने में बहुत सारी कठिनाइयाँ आती है।इस ग्रुप को चलाने में बनाने में सर जी आपको बहुत सारी परेशानियों का सामना करना पड़ा लेकिन आप धैर्य रखें हुए अपने लक्छ की ओर अग्रसर होते हुए अपनी मुकाम पर पहुच रहे है और भी आगे जाएगा यह ग्रुप । आपको बहुत बहुत बधाई हो की आप इसे सँवारते हुए अपनी कोशिश जारी रखते हुए हमें बिछड़ने नही दिए।बहुत दुख हुआ था जब कुछदिन यह बन्द था ।लेकिन आपके अथक प्रयास से इसमें फिर स्पंदन हुआ और न जाने कितने चेहरे पर प्रसन्ता की लहरः दौड़ गई।फेस बुक में जान फूंक दिया ।यह एक ग्रुप नही ये हमारा एक संयुक्त परिवर है जहां बड़े, छोटे, हमउम्र , सभी मिले है।इसके सभी सदस्यों की खुशी हूभ सभी की खुशी और दुख होता है अच्छा लगता ही।इसके बारे में लिखे तो शायद लिखते ही रह जाएंगे।पुनः सर आपके अथक प्रयास को शत शत नमन है।
 
Mahendra Pratap Bhatt, Allahabad: ब्रह्मभट्ट वर्ल्ड के सभी एडमिन (वर्तमान एवं पूर्व) प्रशंसा के पात्र हैं। कुछ विरोधाभास के बावजूद तपनजी के निर्देशन में तन मन धन से किए गए प्रयासों का सुफल सामने आया है। इसे सफल बनाते रहने के लिए सभी माननीय सदस्यों की भी जिम्मेदारी है।
 
Priyanka Roy, patna: ब्रह्मभट्ट वर्ल्ड मेरा अपना भरा पूरा परिवार है क्योंकि, मुझे यहाँ से वही मिला जो हमें अपने परिवार से मिलता हैं । इस परिवार की खुशियां हमेशा- हमेशा बढ़ती रहें मेरी दिल से यही दुआ है।
श्री राय तपन भारती जी के प्रयास को मेरा सदा नमन और मुझे इस परिवार में बनाये रखने के लिये हार्दिक आभार।
 
Deorath Kumar: पर एक पहलू यह भी है कि Brahmbhattworld से लोगों के भूले बिसरे खोए मुरझाए संबंध जीवित हुए, लोगों को समाज मे पहचान मिली, अनेक लोगों को नौकरी, विवाह या अन्य अवसरों पर ख़ूब मदद मिली, पर अफ़सोस की उसका श्रेय ग्रुप को देने से लोग परहेज करते हैं।
 
Ravindra Roy, Patna: सामने आकर करें या ना करें , पर उनकी आत्मा तो कहती ही होगी l बस अपने ग्रूप का कार्य सफल हुआ l
 
Ranjan Kumar, New Delhi: निशन्देह यह सबसे लोकप्रिय स्वजातीय समूह है और तो मैं एक पंक्ति ऊपर जाकर कहूंगा कि ये Mother of Group है , यहाँ से मैंने भी कई अपनों को पाया है, कईयों को जाना है , पहचाना है । इस ग्रुप को इतना लोकप्रिय बनाने के लिए आप सभी एडमिन टीम को बहुत बहुत बधाई। खासकर आपके प्रयास को सादर नमन।
 
Pawan Ray, Mumbai: बहुत ही सुन्दर समाज में कहा क्या घटीत हुआ पल में जानकारी मील जाती है , और क्या चाहीए मै लगभग १० महीने से समुह में हु , पहले तो पता ही नहीं चलता था ,सब अलग समुह है , हाँ जब से रचना पर चेकिग शुरू हुआा , लेखन कम हो गया है ,
 
Anjana Sharma, GKP: ईस ग्रुप से जूड़ने से आज ईतनी खुसी होती की हम नित्य अपने लोगों से जुड़ते जा रहे।और यहाँ तपन भाई जी की सलाह से मैं देवनागरी में अच्छी तरह,,,,,,लिखने की अभयस्त हुई।इसके लिए ग्रुप को दिल से धन्यवाद।
 
Dilipkumar Pankaj: बहुत अच्छी व सधी हुई प्रस्तुति।अगली कड़ी का बेसब्री से इंतजार रहेगा। ब्रह्मभट्टवर्ल्ड की व्यापकता ही सामाजिक कार्यों के प्रति इसकी गहरी अभिरुचि को दर्शाती है। इसमें कोई दो राय नहीं कि इस ग्रुप ने हमें एक विशाल परिवार उपलब्ध कराया है। इस ग्रुप ने देवनागरी लिपि में लिखने की भूख स्वजनों में इस कदर जगाई है कि लेखकों और कवियों की एक लंबी फेहरिस्त बन गई है। आत्मसंयम,यथोचित प्रतिक्रिया और सार्थक डिबेट्स के बीज इस ग्रुप ने सबके मन -मस्तिष्क में बखूबी डाला है। कई अवसरों पर कुछ कठिनाइयां अवश्य आईं पर ससमय उसका हल भी निकला। कम शब्दों में कहूँ तो यह ग्रुप हमारे जीवन का अभिन्न हिस्सा बन गया है।
 
Geeta Bhatt, Allahabad: क्या लिखूं। शब्द सूने पडे़ है सब कैसे गाऊँ तेरी गाथा ।।
अब तो तेरे बिना ब्रम्हभट्ट वर्ल्ड एक पल न रहा जाता।
 
मुझे बहुत खुशी हुई इजहार कैसे करे, कितने विषय को लेकर चल रहे ये ग्रुप आज चरम सीमा पर है।अच्छे लोगो के संगत करने से मन भी प्रफुल्लित रहता है। अपनी पहचान कुछ भी तो नही थी -आये थे खाने कमाने के लिए ।खा कमा कर दुनिया से विदा ले लेते ।
बहुत बहुत शुकराने है रेखा जी के ,और राय तपन राय भारती जी के जिन्होंने हमारे बिछड़े हुए भाई बंधू परिवार 👪 से मिलाया ।
आज सभी बहनो भाइयो को दोस्तो को पाकर अत्यधिक अच्छा लगता है। सब अपने ही तो है।। राय तपन राय जी को बहुतेरे धन्यवाद। सभी ऐडमिन को बहुत बहुत बधाई हो।
 
Rajeev R. Rana, Patna: Compulsive & versatile approach of this group is appreciable.Thanks to the all members for their positive contrubutiions. Hope, it will be continued in future with more fraternity & constructive meanings.

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