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इतना लंबा दिन आखिर कैसे कटे? Bihar Delhi India 

इतना लंबा दिन आखिर कैसे कटे?

अगर आपके दिल में मानवता है तो अस्पताल या घरों में गंभीर रूप से बीमार स्वजनों की मदद कीजिए। इससे आपको नेक काम करने की संतुष्टि मिलेगी। ऐसा कर आपको लगेगा कि आप साक्षात ईश्वर की सेवा कर रही हैं।

राय तपन भारती/नई दिल्ली
जिंदगी का हर पल कैसे गुजरे इसका मूलमंत्र बहुतों को पता ही नहीं होता। बहरहाल, जो दिन भर आॅफिस या अपने बिजनेस में बिजी रहते उनके पास हर पल की प्लानिंग होती है। विद्यार्थी भी दिन भर अपने असाइनमेंट में बिजी रहते। पर सबसे जटिल समस्या रिटायर्ड लोगों और घर के रसोई तक सिमटी महिलाओं के लिए घंटों समय गुजारना एक बड़ी चुनौती है।
 
अपने समाज की एक महिला ने दो दिन पहले मुझे मैसेंजर पर बताया, “तपन सर, मैं सुबह तीन घंटे और शाम को दो घंटे किचेन में बिताती हूँ पर शेष वक्त कैसे गुजरे समझ में नहीं आ रहा।”
 
मैंने पूछा, क्या आप टीवी देखतीं? उन्होंने कहा, एक दो घंटे से अधिक समय तक टीवी देखना मुश्किल होता है। मैंने कहा, गमलों में आप फूल-सब्जी या पौधे लगातीं? जवाब था, इसकी महत्ता को कभी समझा ही नहीं।
 
फिर पूछा, आप अखबार पढ़ती? तो जवाब था, अखबार अनेक वर्षों से नहीं खरीद रहीं। बेटी को पत्रकार बनाना है फिर भी अखबार खरीदना जरूरी नहीं समझतीं।
 
मेरे सवाल पर वह एक अखबार खरीदने को तैयार हो गईं पर कौन सा खरीदें समझ में नहीं आ रहा? मेरी सिफारिश थी कि अंग्रेजी में पढ़ना है तो The Hindu और The Indian Express अच्छे अखबार हैं। हिन्दी में दैनिक भास्कर और नवभारत टाइम्स सही हैं पर इसमें अंग्रेजी की तरह डिटेल रिपोर्टिंग नहीं होतीं। पर जो हिन्दी पढ़ना चाहते उन्हें खबरों को लेकर कुछ हद तक संतुष्टि मिल जाएगी।
 
उस महिला की उम्र 40-42 वर्ष के आसपास है। वह एक नया एंड्रोएड मोबाइल फोन खरीदना चाहतीं पर इसका सही इस्तेमाल कैसे करे नहीं जानतीं। मैंने कहा ऐसे फोन में इंटरनेट की सुविधा जुड़ जाती है। आप चाहें तो नेट के जरिए नये भारतीय व्यंजन बनाने का तरीक़ा सीखिए। अखबार नेट पर पढ़ना है तो सभी अखबार अब नेट पर उपलब्ध हैं।
 
अगर आपके दिल में मानवता है तो अस्पताल या घरों में गंभीर रूप से बीमार स्वजनों की मदद कीजिए। इससे आपको नेक काम करने की संतुष्टि मिलेगी। ऐसा कर आपको लगेगा कि आप साक्षात ईश्वर की सेवा कर रही हैं।
 
मैंने कहा, अगर आप नेट का फायदा उठाकर शेयर बाजार में निवेश करना चाहतीं तो आप जल्दी धनवान भी बन सकतीं। पर इसके लिए आपको अपने समाज के शेयर बाजार विशेषज्ञ Manan Goswami जैसे जानकारों से शेयर की दुनिया को पहले समझना होगा।
नेट पर फेसबुक भी है जहाँ आप कुछ अपनी बातें लिखिए और इस मंच पर अपने पोस्ट से अपनी अलग पहचान बनाइए। उन्होंने कहा, फेसबुक पर बहुत पहले अकाउंट बना लिया पर लिखती नहीं थीं। मजेदार बात यह है कि वह महिला फेसबुक पर ब्रह्मभट्टवर्ल्ड ग्रुप की भी मेंबर हैं पर कमेन्ट लिखने से परहेज करती रहीं।
 
आज उन्होंने संकल्प लिया कि अब फेसबुक पर हर रोज़ कुछ न कुछ जिंदगी के तजुर्बे लिखूंगी। उन्होंने कहा, आज से अखबार और लेखन में व्यस्त रहूँगी और इससे फिजूल में दिमाग इधर से उधर नहीं भटकेगा। क्या आपके मन में भी यही सवाल उमड़ घुमड़ रहा है?
Comments on facebook:
Birendra Tiwari: जहा चाह, वहा राह।
Geeta Bhatt: अच्छा प्रश्न है। सुपर्ब उत्तर पेश किया है सर जी ने। आम तौर पर महिलाओ की यही दिनचर्या होती है। हम भी लगभग इसी दौर से गुजरे है। खाली समय 🕒 बहुत भारी पड़ता है। बहुत सी बीमारियो को जन्म देता है। डाक्टर भी व्यस्त रहने की सलाह देते है। अपने शरीर और मन दोनो को सही रखने का सही तरीका है व्यस्तता।अमल करने योग्य पोस्ट है।
Sharma Nirmala: बहुत ही उम्दा सुझाव उनके साथ साथ कई लोगों को जानकारी मिली है।सच मे खाली समय गुजारना बहुत मुश्किल होता है।किसी के लये भी ।सर के सुझाव से जिंदगी जीने और वक़्त का सही। सदुपयोग का पता चला ऐसे ही समय समय पर मार्ग दर्शन करते रहे।
Priyanka Roy: समय की उपयोगिता पर गंभीर वार्ता, ये बिल्कुल सही है कि समय का सदुपयोग सभी लोग नही कर पाते। और जो करते हैं उनमें आत्म संतुष्टि का बोध होता है। आपके बताए विचारों पर अमल करने की जरूरत है। कोई भी सकरात्मक कार्य आपके समय के उपयोगिता को बनाये रख आपके सकरात्मक ऊर्जा को भी कायम रखता है।
मैं अपने तरफ से पूरी कोशिश करती हूं कि, बचे समय को कुछ क्रियेटिव कामों से जोड़े रखूं।

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