You are here
बेटी का बाप India Uttar Pradesh 

बेटी का बाप

किसी कवि के हृदयाभाव को समझना थोडा कठिन है, फिर भी पंक्तियाँ आपकी सेवा में निवेदित हैं
श्री रॉय तपन भारती जी, Journalist को विशेष

===========बेटी का बाप==========

आलोक शर्मा महराजगंज, यूपी

बेटी का पिता होना ही, उस आदमी को राजा
“बना देता है!”
शादी खोजने निकलिए,तो समाज उसका बाजा
“बजा देता है!”
रिवाजों में बंधी इस परम्परा, का निर्वहन क्या
“पाप है?”
जिस नृप को ग्राहक समझते हो,एक राजकुमारी
“का बाप है!”
अन्य राजाओं की भांति, यह दाता युद्ध नहीं
“करता है!”
धन दौलत और लक्ष्मी से, तेरी झोपडी ही
“भरता है!”
उसके बाद भी दशरथ बने लोग, लालच में ही
“मरते हैं!”
जनक के मुकुट सम्मान पर, ही हजारों सवाल
“करते हैं!”
लगता है उनका बेटा खून पसीने और मेहनत की
“कमाई है!”
और मेरी बेटी किसी झील नहर या तालाब से
“आई है!”
ऐसे में आज के सिया का जन्म, इक पाप बन
“जाता है!”
उम्रभर तड़पता है इक सम्राट, जब बेटी का बाप
“बन जाता है!”
भ्रूण–हत्या नहीं रुकी तो ये दहेज के लोभी
“कहाँ जायेंगे”
धनुष नहीं शिव उठाने पर भी,ए राम कोई सीता
“नहीं पाएंगे”
 
धन्यवाद/प्रणाम
आलोक शर्मा/महराजगंज/यूपी

Related posts

Leave a Comment