You are here
हँसते रहो, जिंदगी में Bihar Delhi India 

हँसते रहो, जिंदगी में

जब हम मिलजुल कर हँसते हैं तो वह हमें एक-दूसरे को करीब लाने के साथ ही हमारी खुशियों में वृद्धि भी करती है| हँसी हमारी ‘ इम्यून  सिस्टम ‘ को भी मजबूत करती है, शक्ति बढ़ाती है, पीड़ा भुलाती है, साथ ही तनाव से होने वाले नुकसान से बचाती भी है| 

अवधेश राय/ New Delhi

अवधेश राय/ New Delhi

हँसना हमारे मनुष्य होने का सबूत है ,क्योंकि मनुष्य ही एक ऐसा प्राणी है ,जो हँस सकता है | किसी की मुस्कुराहट व हँसी में अद्भुत आकर्षण रहता है| मुस्कुराता व हँसता हुआ चेहरा सभी को अच्छा लगता है और इसे देखकर स्वाभाविक तौर पर सभी के चेहरों पर मुस्कुराहट व हँसी फैल जाती है| किसी के उदास चेहरे में भी खुशी की लहर आ जाती है | मुस्कुराहट स्वाभाविक होने के साथ-साथ बनावटी भी हो सकती है | यह स्वाभाविक तब होती है ,जब यह अन्तर्मन की गहराइयों से फूट कर निकलती है और बनावटी तब होती है ,जब यह केवल दूसरों को दिखाने के लिए होती है |
मुस्कुराहट व हँसी एक ऐसी यूनिवर्सल लैंगवेज़ है, जिसे दुनियाँ के किसी भी कोने में कोई भी व्यक्ति सहजता से समझ सकता है | हँसना प्राकृतिक रूप से हमारे जीवन का हिस्सा है ,जो हमें जन्म के साथ ही मिलता है| जब हम मिल-जुल कर हँसते हैं तो वह हमें एक-दूसरे को करीब लाने के साथ ही हमारी खुशियों में वृद्धि भी करती है | हँसी हमारी ‘ इम्यून  सिस्टम ‘ को भी मजबूत करती है ,शक्ति बढ़ाती है ,पीड़ा भुलाती है ,साथ ही तनाव से होने वाले नुकसान से हमें बचाती भी है |
पर ,हमें आज तनाव में जीने की इतनी आदत पड़ गयी है कि हम हर दिन तनाव के साथ उठते हैं और हर रात तनाव के साथ सोते हैं | हमें यह सोचना है कि क्या हमें सदैव तनाव के साथ अपना पूरा जीवन बिताना होगा ? इसका कोई तो उपाय होना चाहिए ?
हाँ , तनाव से छुटकारा पाने के कई तरीके हैं ,पर उनमें सबसे सरल और सस्ता तरीका है , ” हँसना ” | तभी तो चिकित्सकों के अनुसार हँसना मनुष्य जीवन का सबसे बड़ा प्राकृतिक

पोषण है और वे हमेशा यही सलाह देते हैं कि हमेशा खुश रहिए और मुस्कुराते रहिए |
जिंदगी में हँसते रहना ,रूढ़ियों और अतीत के कूड़े-कचरे को झाड़कर एक नई जीवन दृष्टि देती है और जीवन को ज्यादा जीवंत ,ऊर्जावान तथा सृजनशील बनाती है | यदि आप हँसते हैं तो सारी दुनियाँ आपके साथ हँसेगी ,परंतु आप रोओगे तो दुनियाँ और ज़ोर से हँसेगी | इसलिए ,दुखों में भी अगर आप सुख की अनुभूति चाहते हैं तो , हँसमुख बनें |
हँसी से भरी प्रसन्नता को जीवन का शृंगार और मधुर भाव भूमि पर खिला हुआ सुगंधित पुष्प और विवेक का प्रतीक माना गया है | इसलिए , जिंदगी में जीये ,हर पल और हर दिन एक मधुर मुस्कान ,एक हँसी और एक सहजता के साथ |

(लेखक वैसे बिहार के कटिहार का रहने वाले हैैं ,परंतु अपने परिवार के साथ करीब 9 वर्षों से दिल्ली में ही रह रहे हैं | वे भारतीय स्टेट बैंक से नवंबर’2015 में अधिकारी वर्ग से रिटायर्ड हुए | पढ़ने और लिखने में उनकी काफी अभिरुचि है | कभी कवितायें लिख लेते हैं तो कभी आर्टिकिल| इधर उनकी कई किताबें भी पब्लिश हुई हैं |)

comments on facebook: 

Sangita Roy: सही कहा।हँसना आवश्यक है ।हॅसने से नकारात्मक सोच से भी मुक्ति मिलती है।
Rakesh Sharma: बहुत अच्छी पोस्ट।स्वास्थ के लिए जितना भोजन करना आवश्यक है उससे अधिक अच्छे स्वास्थ्य के लिए प्रसन्न चित रहना और हँसना भी आवश्यक है।इसके लिए मन से विकारों को हटाकर तथा पुर्वाग्रह से रहित होकर जिवों के प्रति सच्ची श्रद्धा रखने के परिणामस्वरूप खुशियाँ प्रदान होती है तथा अच्छे दिलदार मिलनसार लोगों के बिच बैठकर बातें करने से ठहाका लगती है।हमें माहौल को हमेशा खुशनुमा बनाकर हँसते हँसाते रहना चाहिए।

 ——

Related posts

Leave a Comment