जिंदगी से जूझ रहे अभिषेक से लखनऊ में मुलाकात
जानकर मन व्यथित हुआ कि डायलिसिस के कारण दवाऑ के दुष्परिणाम से अभिषेक के सुनने की शक्ति ख़त्म हो चुकी है। ENT विशेषज्ञों से मिलकर इलाज़ कराने का प्रयास हो रहा है। वैसे वह एक होनहार नौजवान है।
रेखा राय/चेन्नई
समाज में कोई तकलीफ में हो तो मन बहुत विचलित हो जाता है। दुख देखा नहीं जाता। फ़ेसबुक ग्रुप ब्रह्मभट्टवर्ल्ड में लगभग दो हफ्ते से यह पोस्ट पढ़ रहे थे कि लखनऊ का नौजवान अभिषेक शर्मा डायलिसिस पर हैं, और इलाज के लिए उनके परिवार को आर्थिक मदद की जरूरत है। अभिषेक के घर जाने से पहले हमने अपने ग्रुप के संस्थापक श्रीमान तपन जी से पूछा तो उन्होंने कहा कि ऐसे मौके पर अवश्य जाना चाहिए।जब मेरे यू०पी० की भ्रमण यात्रा के दौरान इलाहाबाद, प्रतापगढ़, वाराणसी होते हुए लखनऊ पहुंचे तो हमने 29/04/18 को अभिषेक शर्मा के पिता श्री राकेश शर्मा जी को फोन पर वार्ता हुई। हम अपने छोटे बहनोई रवि पी०शर्मा और बहन रेनू के साथ उनके घर मुलाक़ात करने पहुंच गए।
अभिषेक शर्मा के साथ उनके माता-पिता, पत्नी व बहन से भी मुलाकात हुई। माँ और पिता जी ने भी अपनी किडनी अपने बेटे को डोनेट करने का प्रयास किया।समस्त जांचों के बाद ये पाया गया कि माता पिता की किडनी अभिषेक को नही दी सकती।
डॉक्टरों द्वारा विभिन्न जांचों में ये पाया गया कि माता पिता की किडनी देने योग्य नही है।
पत्नी सुशील है वो अभिषेख को किडनी देना चाहती है पर परिवार वालों का मानना है कि अभी नई बहू है कोई बच्चा भी नही है इसलिए परिवार वाले ये निर्णय लेने में असमर्थ हैं।अभिषेख की अविवाहित बहन भी है जिसने स्नातक के बाद अपनी पढ़ाई रोक ली है और नौकरी की तलाश कर रही है।
श्री राकेश शर्मा जी ने बेटे अभिषेक शर्मा की मेडिकल रिपोर्ट दिखाते हुए खर्चीले इलाज से हमें अवगत कराया। बहनोई रवि जी ने सभी मेडिकल रिपोर्ट्स फ़ाइल का अध्यन कर विस्तृत चर्चा की और बीमारी को समझते हुए बड़ी आत्मीयता से नकारात्मक विचारों को दूर करते हुऐ नई ऊर्जा का संचार करने का प्रयास किया। ब्रम्हभट्टवर्ल्ड का आभार व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि ब्रम्हभट्टवर्ल्ड ग्रुप हमारी निरंतर मदद कर रहा है, विष्णु जी और दीपक जी हमेशा संपर्क में हैं और हम इसके लिए उनके थे दिल से आभारी हैं।
वार्ता के दौरान यह जानकर मन व्यथित हुआ कि डायलिसिस की वजह से दवाइयों के दुष्परिणाम से अभिषेक के सुनने की शक्ति एकदम ख़त्म हो चुकी है। ENT के अनेक विशेषज्ञों से मिलकर इलाज़ कराने का प्रयास किया जा रहा है। वैसे वह एक होनहार नौजवान है। मुझे अच्छा लगा जब वह मेरे सामने आया तो बगल की कुर्सी को खींचकर ऐसे बैठ गया जैसे मुझे पहले से जानता हो। मुझे उसका अपनापन बहुत अच्छा लगा। मैंने उसकी पीठ और सिर पर हाथ फेरते हुए उसका हालचाल पूछा तो उनके पिताजी ने कहा, अभिषेक को सुनाई कम पड़ता है। तब मैंने पर्स से कागज और पेन निकालकर लिखकर कुछ सवाल किये। उसके ख्यालात और उसके विचारों को जानना चाहा। समझदार नौजवान है, उसके सोचने समझने की शक्ति अच्छी है। अभिषेक ने हमसे कहा, “मैं बहुत कुछ करना चाहता हूं पर क्या करूं बीमारी से परेशान हूं।” मैंने उसे समझाया कि बेटा कुछ ना कुछ पढ़ते और लिखते रहिए। आपके मन में जो भी विचार आये आप मेरे WhatsApp नंबर पर भेजते रहा करिए। उसने मेरा नंबर लिया और कहा- ठीक है आंटी जी मैं आपको रोज मैसेज करूंगा। अगले दिन सुबह उसने मुझे गुड मॉर्निंग मैसेज भेजा….आंटीजी, आप कैसी हैं? फिर मैंने उसके मैसेज का जवाब दिया और उसे मैंने एक पॉजिटिव मैसेज भेजा। उसने कहा कि आप मुझे जो कुछ भी आदेश देंगी वह हम लिखेंगे। हमने उसे 2-4 टॉपिक बता दिया। तुम इसे ऐसे टाइप करो और ऐसे लिखो और ऐसे मुझे भेजो। इस पर वह बहुत खुश हुआ।
अभिषेक की माँ अपने बेटे की बीमारी के बारे में लगातार बताते हुए रोये जा रही थीं। मैंने, मेरी बहन और रवि जी ने पूरे परिवार को ढाढ़स दिलाते हुए समझाने की कोशिश की कि ईश्वर चाहेंगे तो सब अच्छा हो जाएगा। हम लोग उनके आवास पर कम से कम दो घंटे बैठे। चाय नाश्ता के बाद हमने विदा ली। बहुत खुशी हुई जब अभिषेक अपनी पत्नी और पिता के साथ मुझे सड़क तक जहां हमारी गाड़ी कुछ दूर पर खड़ी थी वहां तक छोड़ने आया। पैर छूकर प्रणाम किया हमने भी ईश्वर से प्रार्थना की कि भगवान इस बच्चे की रक्षा करिए।
आज इस ग्रुप के सदस्यों से आग्रह है कि जरूरतमंदों की मदद अवश्य करिए। पैसे भेजने की बात नहीं थी यदि पैसा भेजना ही होता तो हम लखनऊ में रहते हुए भी पैसा पहुंचा देते। लेकिन हम बच्चे से फेस टू फेस मिलना चाहते थे और सांत्वना देना चाहते थे इसलिए हम रात को 10:00 बजे उनके घर गए और लौटने में मुझे 12:00 बज गया। पर तसल्ली है कि जिंदगी से जूझ रहे एक स्वजातीय नौजवान का हौसला बढ़ा कर आये। आप भी कुछ दान कीजिए। जो आर्थिक मदत नहीं कर सकते वे अपने विचारों और आत्मीयता के दान से किसी के मन में ख़ुशी और आत्मबल का संचार कर सकता है। इससे आपका धन व आत्मसम्मान घटेगा नहीं बल्कि ईश्वर आपका धन व आत्मसम्मान बढ़ा देंगे।