वाह, भरथुआ गांव की वह बालूशाही मिठाई…
बालूशाही खाते ही पूरे मन में मिठास उतर गई… “मुजफ्फरपुर-सीतामढ़ी” की “बालूशाही” पूरे बिहार में मशहूर है…स्वाद ऐसा कि बालूशाही के आगे अग्रवालवाला, बीकानेरवाला, मिठाईवाला सब के सब फेल…
written by Pankaj Kumar Sharma
शाही लीची के बाद बिहार के मुजफ्फरपुर में ऐतिहासिक गांव भरथुआ की बालूशाही मिठाई का जायका खाने को मिला… बालूशाही खाते ही पूरे मन में मिठास उतर गई… “मुजफ्फरपुर-सीतामढ़ी” की “बालूशाही” पूरे बिहार में मशहूर है…स्वाद ऐसा कि बालूशाही के आगे अग्रवालवाला, बीकानेरवाला, मिठाईवाला सब के सब फेल…
मुझे आज भी याद है, जब गर्मी की छुट्टी में गांव जाते थे… ऐतिहासिक गांव भरथुआ और हमारे गांव से सटे एक और ऐतिहासिक गांव बेनीपुर (महान लेखक रामवृक्ष बेनीपुरी जी का गांव) में “बालूशाही” और पेड़े का खूब आनंद लेते थे…
यह गांव उत्तर बिहार में अपने ब्रह्मभट्ट समाज का एक विशाल गांव है जहां की 80 फीसदी आबादी मुजफ्फरपुर, पटना, हाजीपुर, रांची से लेकर दिल्ली-मुंबई में रहती है। बाहर बसने पर भी भरथुआ वासियों को बालूशाही मिठाई की याद तो आती ही है….
हमारे गांव भरथुआ और बेनीपुर गांव के बीच ऐतिहासिक बागमती नदी निकलती है, जहां हम लोग चचेरे भाइयों के साथ खाने के साथ-साथ नदी में नहाने का भी खूब आनंद लेते थे…
मुजफ्फरपुर की शाही लीची
आज ही पापा-मम्मी मुजफ्फरपुर से दिल्ली लौटे हैं… माता-पिता के सौभाग्य से आज सीजन की पहली मुजफ्फरपुरी शाही लीची खाने को मिली… मन और मिजाज दोनों खुश हो गया !!