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मंथन की पहली परिकल्पना मुंबई में हुई थी India Maharashtra 

मंथन की पहली परिकल्पना मुंबई में हुई थी

Brahmbattworld का मेरे 5 वर्षों का अनुभव (पहली किश्त)

BBW से जुड़ने के बाद मुझमें जो पहला परिवर्तन आया वो यह था कि मैं लिखने लगा वो भी हिंदी में, और यह अभी भी जारी है, शुक्रिया BBW

लेखक देवरथ कुमार

देवरथ कुमार/नवी मुंबई

सभी बड़ों को सादर प्रणाम और मित्रों को नमस्कार। Facebook से मैं जुलाई, 2010 से जुड़ा हूँ, पर Brahmbhattworld से मैं 20 सितम्बर, 2013 को जुड़ा वो भी इत्तेफाकन। मैं Office जाने के लिए ट्रेन का इंतजार कर रहा था और मोबाइल पर फेसबुक timeline scroll कर रहा था तभी मेरा ध्यान एक Quiz पर पड़ा, जिसे Brahmbhattworld पर मेरी सरहज Nilu Sharma ने डाला था। मुझे बचपन से Quiz का शौक रहा है, जो आज भी है, तो मैंने उस प्रश्न का उत्तर कमेंट में लिख दिया और मेरा उत्तर सही निकला। तब शायद ग्रुप closed नहीं था, इसलिए सदस्य न होते हुए भी पोस्ट मुझे दिखा और मैं comment भी कर पाया। फिर नीलू शर्मा जी ने मुझे ग्रुप से तुरंत जोड़ दिया।
उस समय परम्परा थी कि हर नए सदस्य को अपने परिवार का परिचय देना पड़ता था। मुझसे नीलू जी ने कहा कि ग्रुप में पहले अपना परिचय लिखिए, तो मैने अपना परिचय लिख दिया। मेरे परिचय लिखने पर लोगों ने जबरदस्त स्वागत किया, और फिर मेरे परिचय वाले पोस्ट को श्री Roy Tapan Bharati जी ने अपनी ओर से भी पोस्ट किया। मेरे परिचय वाला दोनों पोस्ट फोटो में संलग्न है। लोगों से मिले प्यार से मन गदगद हो गया और इस तरह BBW से मेरा नाता जुड़ गया। एक बार फिर से नीलू शर्मा जी का आभार जिन्होंने मुझे इस परिवार से जोड़ा। मैं हमेशा से कहता आया हूँ और आज फिर दुहराता हूँ कि bbw ने मुझे एक भरा पूरा परिवार दिया है और हमें यहाँ से असीमित प्यार मिला, जिसकी हमारे जीवन मे बहुत कमी थी।
 
मुझे समाज प्रेम विरासत में मिला है, बचपन से बाबा और बाबूजी का स्वजनों से लगाव देख देखकर बड़ा हुआ था। फिर मैं नियमित रूप से हर विषय पर अपने विचार ग्रुप में लिखने लगा, जो लोगों को अच्छे लगते थे। इसी बीच नवम्बर, 2013 में अपने पारिवारिक मित्र के बुलावे पर हम सपरिवार कच्छ की यात्रा पर गए। श्री राय तपन भारती ने मुझे अपनी यात्रा पर संस्मरण लिखने कहा, जिनकी प्रेरणा और उत्साहवर्धन से तीन किश्तों में मैंने अपने जीवन का पहला यात्रा संस्मरण BBW के लिए हिंदी में लिखा, जिसे Brhambhattworld.com पर डाला गया था और इसे बहुत पसंद किया गया। यह यात्रा वृतांत आज भी मेरे पास सुरक्षित है। BBW से जुड़ने के बाद मुझमें जो पहला परिवर्तन आया वो यह था कि मैं लिखने लगा वो भी हिंदी में, और यह अभी भी जारी है, शुक्रिया BBW।
 
कुछ दिनों बाद श्री राय तपन भारती जी ने BBW में एक पोस्ट किया जिसमें उन्होंने किसी शहर में bbw के सदस्यों को आपस मे मिलने मिलाने का प्रस्ताव रखा। मंथन जैसे आयोजन की परिकल्पना इसी समय श्री राय तपन भारती जी ने वर्ष 2013 में की थी, जिसका उद्देश्य था कि facebook पर मिले स्वजन आमने सामने भी मिलें। मैंने आगे बढ़कर इसकी शुरुआत नवी मुम्बई से करने की पेशकश की। मेरी पेशकश उस समय के एडमिन टीम ने स्वीकार की और तय हुआ की 07.12.2013 को नवी मुंबई में एक मिलन समारोह रखा जाय। तय तिथि पर नवी मुंबई स्पोर्ट्स एसोसिएशन के सभागार में मिलन समारोह का आयोजन हुआ। इस कार्यक्रम में मुम्बई और नवी मुम्बई के अनेक प्रबुद्ध और सामाजिक लोगों के अलावा युवाओं ने भाग लिया। मुम्बई के प्रथम सामाजिक और सम्मानित परिवार से बहन DrPriyam Bhatt ने इस समारोह में शामिल होकर BBW के कार्यक्रमों में महिलाओं की भागीदारी का बिगुल बजाया और महिलाओं का आह्वान किया कि वो स्वजनों के सामाजिक कार्यक्रमों में बढ़ चढ़कर शामिल हों। शायद अपने समाज का यह पहला प्रयोग था जहाँ समारोह में न कोई मंच था, न कोई विशेष अतिथि, सारे लोग एक समान। उस समय fb live की सुविधा नहीं थी, प्रिय भाई Vishal Sharma ने ऑस्ट्रेलिया से इस कार्यक्रम के दौरान इसके हर पहलू और फोटो को ग्रुप में पोस्ट किया। उस समय ग्रुप में करीब 3000 सदस्य थे, लोगों ने इस प्रयोग की खूब सराहना की। लोगों के मिलने मिलाने के इस छोटे से गिलहरी प्रयास से स्वजनों में आपसी प्रेम की एक नई सकारात्मक धारा बह निकली। इस कार्यक्रम के सारे फोटो आज भी BBW पर सुरक्षित हैं, जिसे आप Brahmbhattworld group open कर album में जाकर 07.12.2013, 08.12.2013 और 09.12.2013 नाम के तीन अलग अलग फोल्डर में देख सकते हैं।

(बाकी अगली किश्त में)

पहली किश्त पर किसने क्या कमेंट किया:

Nirupma Sharma, Noida: देवरथ जी आपने एक एक शब्द बहोत ही सच्चाई से बिना किसी बनावट के लिखा है,और यह सच है की BBW सच में एक सुन्दर ग्रुप है। यहां परिवार के चार लोग एक साथ नहीं संभलते और यह इतना बडा ग्रुप बिना किसी भेद भाव के एक जुट होकर समाज के हर पहलू पर कार्य कर रहा हैं । बहुत सुन्दर लिखा आपने, अगली किश्त का इंतजार रहेगा।

Alok Sharma, Maharajganj: आदरणीय देवरथ जी के सत्य व समर्थ कलमकारी को हार्दिक शुभकामना सहित समूह को अनंत बधाई!
कहते है अतीत का कोई अच्छा आगाज सुंदर वर्तमान व अद्भुत भविष्य का निर्धारण जरूर करता है!शायद ऐसा ही कुछ bbw ने कर दिखाया!उनदिनों मै भी समूह का सदस्य था जिसे समूह संस्थापक श्री रॉय तपन भारती जी ने जोड़ा था!उपरोक्त सभी बाते एक चलचित्र की भांति आज भी जेहन में हैं,चूँकि उस वक्त मेरे पास आधुनिक अंगुली वाले फोन की जगह अंगूठा वाला फोन था,जिससे छोटी छोटी बाते ही लिखी जा सकती थी/और समय समय पर कमेंट्स व एकाध छोटे पोस्ट करता रहता था! अच्छे सदस्यों व सक्रिय एडमिन टीम की लगन व निष्ठा ने मंजिल को सुंदर मार्ग दिया और कदम को ताकत देते हुए सम्मानित सदस्यों ने इसे कारवां बना दिया!

Ajay Rai, ranchi: भाई वाह देवरथ जी आपने तो अपने कलम से उन हर एक पहलुओं को पिरोया है जिन शब्दों से हर सदस्य अपने आपको bbw से जुड़े होने का एहसास महसूस कर रहा है और उसके मन मे भी यह बात आ रही होगी । आज कितने अलग अलग ग्रुप बने मगर लोग आज भी दब्बि जुबान से ही सही इसके फाउंडर रॉय तपन भारती को याद करना नही भूलते की उन्होंने ही पूरे देश या विदेश के स्वजनों को एक सूत्र में पिरोने का काम किया है।

Anil Kaushik, Haryana. देवरथ जी अब एक मंझे हुए लेखक बन चुके हैं । इतना अच्छा तो बहुत से लेखक भी नही लिख पाते । मेरे लिए भी यह सत्य है कि इस ग्रुप में बार बार लिखा जाता था कि हिन्दी में लिखें तो मै भी अब हिन्दी में ठीक से लिख लेता हूं और इसकी मुझे बहुत खुशी भी है । ब्रह्मभट्ट ग्रुप परिवार इसी प्रकार आगे बढ़ता रहे। धन्यवाद, देवरथ जी।

Amita Sharma, ranchi: सुनहरी यादें साझा करने के लिए शुक्रिया।वह यादगार पल आपकी कलम के जादू से हम सभी तक पहुंचकर अविस्मरणीय पल बन गया।
Rakesh Sharma, Gopalaganj: ब्रह्मभट्टवर्ल्ड पर आपकी सफरनामा की बहुत ही अच्छी सुनहरी विश्लेषण।यह बात बिल्कुल ही सत्य है कि मैनें स्वयं भी ब्रह्मभट्टवर्ल्ड पर जुड़ने के बाद देवनागरी में लिखना शुरू किया और लिखते लिखते लिखने लगा।ब्रह्मभट्टवर्ल्ड निरंतर ही समाज के लोगों को जो सोशलमीडिया से जुड़ते रहे उनको जोड़ता रहा और इस मंच से सबने अपनी विचार एवं बातों को साझा किया।बहुत सुन्दर पोस्ट।बहुत बहुत धन्यवाद।
Nilu Sharma, Kolkata: आपकी लेखनी को सलाम….कई लोग सोचते तो हैं पर भावनाओं को शब्दों के जामा नहीं पहना पाते…
यादें ताजी हो गईं…दूसरी किश्त का बेसब्री से इंतजार है.
Rajeev Sharma, Delhi: सर, आप सही में बहुत अच्छा लिखते हैं।आपके लेख के माध्यम से मुझे BBW के इतिहास का पता चलता है। बहुत बहुत आभार.
Ranjana Roy, Banglore: देवरथ जी आपने अपनी खूबसूरत यादों को बहुत ही खूबसूरती से शब्दों में पिरोया है!
Pankaj Kumar Sharma, Goarakhpur: BBW 5 साल, बेमिसाल… आपने ब्रह्मभट्टवर्ल्ड के 5 साल की सुनहरी यादों को साझा किया, जो कि बहुत ही अद्भुत अकल्पनीय और अविस्मरणीय है… आपकी यह पोस्ट ब्रह्मभट्टवर्ल्ड के बाकी सदस्यों के लिए भी बड़ी प्रेरणादायी है… 5 साल के अनुभव को चित्रों के माध्यम से संक्षिप्त में प्रस्तुत कर आपने जहां गागर में सागर भर दिया, वहीं सोने पर सुहागा कर दिया… मैं इसके लिए आपके साथ-साथ नीलू दीदी और बिंदु दीदी दोनों को ही बधाई देता हूं… ब्रह्मभट्टवर्ल्ड के 15 हज़ार सदस्यों की Best Wishes आपके साथ है… आपकी पहली किस्त बड़ी ही शानदार है… अब दूसरी किस्त का बेसब्री से इंतजार है…
Abhishek Kumar, Delhi :  बहुत अच्छा लिखा आपने।बहुत लोगो के अंदर लिखने की भावना तो होती है लेकिन वो उसे शब्दो में उतार नही पाते, जैसे मैं..
DrPriyam Bhatt, Mumbai:  देवरथ भैया , प्रणाम, आप बहुत अच्छा लिखते हैं। अपनी भावनाओं और इस ५ वर्षों के अनुभव की इतनी सरल और सुंदर प्रस्तुति सराहनीय है … !!
Rekha Rai: DrPriyam Bhatt ji से मेरी बहुत करीबी रिश्तेदारी भी रही है।प्रियम की भाभी स्वाति शर्मा की मैं चचेरी मौसी हूँ।इस नाते इलाहाबाद में हम दोनों कई समारोह में एक ही घर मे रहने का मौका मिला।मैं प्रियम से हमेशा प्रभावित रहती हूँ।आज भी हम दोनों रोजाना आपस मे कॉन्टेक्ट में हूँ। प्रियम्बदा महिला जगत की खुद शान हैं और हम लोग भी उनसे प्रेरणा लेते रहते हैं।
Priyanka Roy, Patna: वाह, आपकी कलम की जादूगरी तो छा गई। ब्रह्मभट्ट वर्ल्ड सफर के हम सब पुराने मुसाफिर हैं। और आपका ये संस्मरण यादों की पोटली को टटोल रहा है।
मुझे याद है ग्रुप में आपकी शानदार एंट्री और उसके बाद कच्छ यात्रा पर आपकी बेहतरीन लेखनी से सब कितने प्रभावित हुए थे। और उसके तुरन्त बाद ‘मुम्बई-ब्रह्नभट्ट सम्मेलन’ ने आपको सबसे पूरी तरह जोड़ दिया। ये सच है हमने यहाँ से बहुत कुछ पाया है। ये ग्रुप नही हमारा कुटुंब है। जबतक सांस है इसकी आस बनी रहेगी।
Arvind Kumar, Lko:  आपने जिस तरह सरल शब्दों में ब्रह्मभट्ट वर्ल्ड से जुड़ी अपनी यादों को संस्मरण के रूप में कलमबद्ध किया है वह लोगों को कनेक्ट कर रही है।आपके लेख तथ्यपरक होते है।ब्रह्मभट्टवर्ल्ड ने संचार क्रांति के इस युग मे लोगों के दिलो को जिस तरह से जोड़ा है यह देखना अद्भुत है।हालांकि अब यह एक स्थापित सत्य है।निःसंदेह उस समय इसके पिछे इसके संस्थापक महोदय की दूरगामी सोच रही होगी।जो अब फलीभूत हो रहा है।ब्रह्मभट्टवर्ल्ड के इस शानदार सफ़रनामा में अब तक महिलाओं की सहभागिता उल्लेखनीय है।
 Monghyr: आपसे नयी जानकारी मिली कि 7-12 – 2013 मे ही मंथन का श्रीगणेश मुंबई मिलन के रूप में हुआ था। पटना मंथन से कार्यक्रम विधिवत धरातल पर आयी ।सामाजिक प्रेम आपको विरासत में मिली है।अपने संतुलित लेखन से अपना अनुभव अगले किश्त मे लिखिए और इस प्रेम को बरकरार रखिये।
Rekha Rai, chennai: वाह देवरथ भैया जी,,,,,ये लेखन तो एक चलचित्र की भाँति आंखों के सामने चलता चला गया।इतने अच्छे सुखद पल, सुखद अनुभव को इतने बेहतरीन तरीके से साझा किया है आपने। बेहद खुशी हुई इस अनमोल परिवार ब्रम्हभट्टवर्ड के बारे में डिटेल जानकर। उस वक्त मैं बिल्कुल अनजान थी इस ग्रुप से। पर आज खुश हूँ कि मैं इस परिवार का एक हिस्सा हूँ। पर प्रियम्बदा जी से मेरी पहचान और सम्बन्ध बराबर बना रहा। DrPriyam Bhatt,: से मेरी बहुत करीबी रिश्तेदारी है।
प्रियम की भाभी स्वाति शर्मा की मैं चचेरी मौसी हूँ।इस नाते इलाहाबाद में हम दोनों कई समारोह में एक ही घर मे रहने का मौका मिला।मैं प्रियम से हमेशा प्रभावित रहती हूँ। आज भी मैं और प्रियम दोनों रोजाना आपस मे कॉन्टेक्ट में हूँ।प्रियम्बदा महिला जगत की खुद शान हैं और हम लोग भी उनसे प्रेरणा लेते रहते हैं।
Pradeep Kumar: वाह बहुत ही सुंदर लिखे दिल खुश हो गया जितनी तारीफ करू कम है। अब अगले पोस्ट का इंतजार है। बहुत बहुत बधाई
Roy Tapan Bharati, Delhi NCR : ग्रुप को आगे बढानेे में मुझे लिखने वाले कुछ समझदार स्वजनों की जरूरत थी। यह भी कि जो रिश्ते को दीर्घकाल तक निभा सके। अनेक बार कुछ पर भरोसा किया, संबंध भी बना पर विश्वास दरकने के कारण संबंध लंबा खिंच नहीं पाया। पर Shri Deorath Kumar से कुछ पुराने पारिवारिक कनेक्शन और अन्य बातों के आधार पर दिल ने कहा कि अगर ग्रुप अगली पीढ़ी को हवाले करना हो तो Deorath kumar सुयोग्य एडमिन होंगे जो मेरा आकलन आगे चलकर सही निकला। ईश्वर से प्रार्थना है कि यह परस्पर भरोसा बना रहे। मेरे जीवन में कुछ लोग कुछ साथ कदम चले पर आगे चलकर उनका रास्ता अलग हो गया। कुछ ने एडमिन पद छूट जाने पर मुझ पर जमकर भड़ास निकाला पर मैंने प्रायः संयम बरता। हालांकि सब ऐसे नहीं हैं। इधर दो साल से ब्रह्म कुमारी संस्थान से जुड़ने के बाद सीखा कि संसार में किसी से नाराज नहीं होना चाहिए। सो मैं अब किसी से नाराजगी नहीं रखता। एडमिन टीम में भी अब तमाम फैसले लोकतांत्रिक तरीके से हो रहे हैं। आशा है देवरथ जैसे एडमिन के कारण यह ग्रुप हमेशा बहुपयोगी बना रहेगा।
Anirudh Chaudhary, Delhi: आपकी बात जो मुझे बहुत अच्छी लगती है वो है आपके जीने का अंदाज। आप बहुत समाजिक, सभ्य और सुशील व्यक्ति हैं । आप जो भी करते है दिल से करते हैं । enjoy करते हैं। आप बहुमुखी प्रतिभा के धनी हैं । हो सकता है कि आपका ये अंदाज कुछ लोगो को खटकता भी हो। लेकिन आप ऐसे ही मस्त, स्वस्थ और व्यस्त रहिए। Maharaj, Geeta Bhatt,
Tripurari Roy, Saharsa: बहुत अच्छी तरह लिखा गया है। एक – एक बात सही जगह पर संजोया गया है ।
इस ग्रूप में मैं भी काफी दिनों से हूँ।
जरा पोथी पतरा निकाल कर देखिए कि मैं कब जुड़ा हूँ इस ग्रूप में ?
शायद उस समय क्लोज़ ग्रूप नहीं था जिस कारण मैं स्वतः जुड़ गया और आज तक सफर जारी है।
मैंने कई लोगों को इस बीच जुड़ते देखा और बिल्कुल निष्क्रिय होते भी देखा हूँ।
Ramesh Sharma: भाई वाह, 2013 के नवी मुम्बई के मिलन समारोह में जो मुझे मिला ,
उसका सारांश —
” मुझे मौसमी जुकाम भी होता है,
तो छींक वहाँ पर अपनो को आती है”
Vishnu Sharma, Kolkata:  बहुत अच्छा लेख आपके इस लेख से मैं भी हिन्दी की कोशिश करता हूँ
Awadhesh Roy: भूली बिसरी यादों के सुनहरे पलों को एक सुदर गजरे का स्वरूप देकर जो आपने लिखा है वाहकाबिले तारीफ है | आपके अगले किस्त की आने की उम्मीद में रहूँगा |
Deepak Maharaj, Darbhanga: देवरथ भैया आपका कोई तोड़ नहीं है। आपके हर एक शब्द में वो मिठास है जो आजकल रसगुल्ले में भी कम पड़ रहा है आप बिल्कुल आईने के समान हैं आप अपने अन्दर कुछ भी छुपा के नही रखते हैं आप देवरथ नही आप देव आनन्द हैं।
Geeta Bhatt, Allahabad: देवरथ भैया जी बहुत अच्छा पोस्ट। वाकई ब्रम्हभटट वल्र्ड ने सबके दिल 💕 और मन पर एक दस्तक दी। हम तो फेसबुक पर ज्वॉइन जरूर थे, पर कोई अपनत्व न था किसी से। हम घर मे या कही भीड मे भी अकेला महसूस करते थे। आज ब्रम्हभटट वल्र्ड ग्रुप मे जुड़ने के बाद अकेले मे भी लगता है कि हम भीड मे एक संयुक्त परिवार मे है ।रांची मंथन में जाने के बाद अपनी महत्ता का पता चला, जो हक ब्रम्हभटटवल्र्ड ने मुझे दिया और हम अपने को सौभाग्यशाली समझते है ।ये प्रेम का कर्ज कोई नही चुका सकता।

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