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…और कुछ दिनों बाद मुझे एडमिन बना दिया गया: देवरथ India Maharashtra 

…और कुछ दिनों बाद मुझे एडमिन बना दिया गया: देवरथ

BRAHMBATTWORLD का मेरे 5 वर्षों का अनुभव (दूसरी किश्त)

श्री Rajeeb Kumar Roy जी से हमारी मित्रता bbw की ही देन है। इस मंच ने ही हमें मिलाया और आज हमारी मित्रता की मिसाल दी जाती है। बात 2014 की है, जब श्री राजीव राय जी ने श्री राय तपन भारती जी और हमें अगस्त, 2014 में सपरिवार बंगलोर आमंत्रित किया। मैं और बिन्दु दोनों बच्चों के साथ और तपन भैया Sandhya Roy भाभी के साथ बंगलोर पहुँचे। इस यात्रा से हम तीनों परिवारों के बीच अटूट प्रेम के सम्बंध का आगाज हुआ।

देवरथ कुमार/नवी मुंबई

देवरथ कुमार

जैसा कि पहली क़िश्ततमें आपने पढ़ा कि 2013 के अंत मे नवी मुम्बई में ब्रह्मभट्टवर्ल्ड का एक मिलन समारोह हुआ। BBW से जुड़ने के बाद हमारे अंदर दूसरा परिवर्तन यह आया कि हम रक्त सम्बन्धों से ऊपर उठकर प्यार और परस्पर सम्मान से उपजे रिश्तों को जीने लगे। अब ऐसे सम्बन्ध बन रहे थे जो किसी भी प्रकार के Expectations, Ego और स्वार्थ से परे थे और पूरी तरह प्रेम से उपजे थे। ज्ञात हो कि माता पिता का साया मेरे सर से बहुत पहले उठ चुका था। पर BBW से जुड़कर श्री Roy Tapan Bharati के रूप में एक अभिभावक मिले तो पितातुल्य स्नेह और आशीर्वाद श्री Suresh Sharma जी और श्री Ram Sundar Dasaundhi जी से मिलता है। नवी मुम्बई में रहने वाले समाज के अनमोल रत्न श्री Ramesh Sharma जी, श्री Arvind Rahi जी और श्री Suresh Sharma जी से हमारे गहरे रिश्ते की बुनियाद इसी समारोह से पड़े। आगे चलकर यह एक विस्तारित परिवार बन गया। श्री Ravi Tiwari जी के परिवार से मित्रता भी इसी समय हुआ, जो बाद में पारिवारिक सम्बन्ध में परिणत हुआ। नवी मुंबई में यह विस्तारित परिवार एक दूसरे के सुख दुःख में साथ खड़े होते हैं। एक दूसरे को आत्मविश्वास रहता है कि हमारे आसपास हमारा कोई अपना है। कई ऐसे नाजुक दौर आये, जब हमारा यह परिवार मजबूती से एक दूसरे के साथ खड़ा रहा। इसका सारा श्रेय BBW को जाता है।

 
इसके साथ ही मिलने मिलाने का सिलसिला चल पड़ा। जब भी मुझे मालूम पड़ता कि bbw के कोई परिवार मुम्बई आ रहे हैं, तो हम और Bindu उन्हें अपने घर आमंत्रित करते, बिन्दु की लाज़वाब मेजबानी के साथ हम सब ख़ूब बातें करते और अपनों से मिलने का सुख उठाते रहे। यहाँ स्पष्ट कर दूँ की व्यक्ति कितना भी सामाजिक होना चाहे, यदि पत्नी सामाजिक न हो और साथ न दे तो कभी भी वह व्यक्ति चाहकर भी सामाजिक नहीं हो सकता। इस तरह हमारे संबंधों का विस्तार होता चला गया। मुझे स्वीकार करने में कोई हिचक नहीं कि bbw से जुड़ने से पहले हम एकाकी जीवन जी रहे थे, पर bbw ने हमें संबंधों के मामले में अमीर बना दिया। ऐसे कई मज़ेदार वाकये हुए जब हम किसी परिवार से bbw के जरिये मिले, पर मिलने और बातचीत के दौरान उनसे कई तरह के रिश्ते भी निकल आते थे, शायद आपमें से कई ने भी ये अनुभव किया होगा। हम अपने साथ साथ दूसरे शहरों में भी अपने लोगों को आपस मे मिलाने लगे, जब पता चलता कि कोई हैदराबाद में पहले से रह रहे हैं और किसी व्यक्ति का ट्रांसफर दूसरे शहर से हैदराबाद हुआ है, तो हम दोनों को आपस मे मिलाते, जिससे ग्रुप के लोगों के बीच आपसी प्रेम का सम्बंध बढ़ता चला गया। यकीन मानिए अपने लोगों से मिलकर जो अपनापन जो Spark आता है, उसे शब्दों में नहीं व्यक्त किया जा सकता। मेरा अनुभव है कि अपने स्वजन एक दूसरे से मिलकर बहुत आनंदित होते हैं।
 
श्री Rajeeb Kumar Roy जी से हमारी मित्रता bbw की ही देन है। इस मंच ने ही हमें मिलाया और आज हमारी मित्रता की मिसाल दी जाती है। बात 2014 की है, जब श्री राजीव राय जी ने श्री राय तपन भारती जी और हमें अगस्त, 2014 में सपरिवार बंगलोर आमंत्रित किया। मैं और बिन्दु दोनों बच्चों के साथ और तपन भैया Sandhya Roy भाभी के साथ बंगलोर पहुँचे। इस यात्रा से हम तीनों परिवारों के बीच अटूट प्रेम के सम्बंध का आगाज हुआ। 15 अगस्त, 2014 को श्री राजीव राय और श्रीमति Ranjana Roy की मेजबानी में बंगलोर के करीब 75 स्वजनों का एक मिलन समारोह उनके घर आयोजित हुआ। BBW के द्वारा स्वजनों से मिलने का यह दूसरा मौका था। गीत संगीत खाना पीना के साथ बंगलोर के अपने जिंदादिल स्वजनों के कहकहों से दिल खुश हो गया, आज भी वो पल मानस पटल पर जीवंत है। इसी दौरान हमलोग श्री Bajrangi Prasad Bhatt जीजाजी से मिले और तबसे अब तक उनका स्नेह मुझे मिलता आ रहा है। इस बंगलुरू यात्रा के दौरान जब हम श्री Bijay Kumar Roy के परिवार से मिले, तो इत्तेफाक देखिये, पता चला कि उनकी पत्नी मेरे बाबूजी की सगी ममेरी बहन हैं, हमारी Kumud फूआ। फिर Roopam Roy ने हमलोगों को अपने घर आमंत्रित किया। रूपम और पंकज जी के निश्छल प्रेम के हम कायल हैं। हम दोनों परिवारों के बीच उस दिन कायम हुआ प्यारा रिश्ता आजतक बदस्तूर जारी है। बिन्दु ने बंगलोर से लौटकर अपना संस्मरण ब्रह्मभट्टवर्ल्ड के लिए लिखा था, जिसे ख़ूब पसन्द किया गया। बताता चलूँ की बिन्दु का लेखन भी bbw की ही देन है।
 
ब्रह्मभट्टवर्ल्ड से जुड़ने के कुछ दिनों बाद ही मुझे एडमिन बना दिया गया था। हमारी टीम एडमिन हर क्षेत्र में अपने लोगों की तरक्की की खबरें ग्रुप में पोस्ट करते, हम हर तरह की प्रतिभाओं को सामने लाने लगे। एक एक कर मोतियों को समुद्र में से ढूंढ ढूंढ कर ग्रुप से जोड़ा जाने लगा, इस काम मे श्री राय तपन भारती जी हर दूसरे दिन किसी न किसी सफ़ल व्यक्ति से हमारा परिचय कराते, जो आजतक जारी है, जिससे पूरे समाज मे सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। लोगों से मिलने मिलाने से एक बात साफ हो रही थी कि अपने लोग हर क्षेत्र में सफल तो हो रहे थे, पर उस सफलता की खबरों से समाज अनजान था, जिसे bbw के द्वारा नियमित रूप से लोगों तक पहुँचाया जा रहा था। लोग अचंभित थे कि अपने समाज के लोग हर क्षेत्र में आगे हैं, जिसका आज तक लोगों को पता नहीं था। हम समाज के हर तरह की खबरों को तीव्रता से प्रकाशित करने लगे, जिससे कम से कम समय मे सूचनाएँ लोगों तक पहुँचने लगी। हम एडमिन अपना निजी और पारिवारिक समय समाज के लिए देकर एक सकारात्मक अलख जगा रहे थे, लोगों का आत्मविश्वास बढ़ा रहे थे, लोगों को एक दूर के करीब ला रहे थे। किसी के भी अच्छे काम और व्यवहार की तारीफ खुलेदिल से करने की अपील हम नियमित रूप से करते, जब आप किसी की तारीफ करते हैं तो आपका दिल बड़ा होता चला जाता है। पूरे विश्व मे बिखरे अपने लोग Sense of belongingness महसूस करने लगे थे। हीनभावना और कुंठा से बाहर आकर लोग एक दूसरे के सुख दुःख में शामिल हो रहे थे, एक दूसरे का हौसला बढ़ा रहे थे। अपना समाज एक सकारात्मक परिवर्तन की ओर बढ़ चला था।
 
इसी बीच का एक वाकया मैं शेयर करना चाहूँगा। अपने समाज की एक महिला ने विजातीय विवाह किया था और करीब 20 वर्षों से समाज से कटी थी। वो ग्रुप से जुड़ने में और लोगों के प्रतिक्रिया के बारे में सोचकर बहुत असहज महसूस कर रही थी। मैंने उन्हें भरोसा दिलाया कि जो कुछ भी होगा उसकी जिम्मेदारी मेरी होगी। हमारे ग्रुप की साफ और स्पष्ट नीति है, पति या पत्नी में से कोई एक यदि ब्रह्मभट्ट है तो वो ग्रुप के सदस्य बन सकते हैं। हम काटने में नहीं बल्कि जोड़ने में विश्वास रखते हैं। मैंने उनको ग्रुप से जोड़ा और जब उनका परिचय पोस्ट किया तो मजबूती के साथ कुछ लोगों के प्रतिकार का उत्तर भी मैंने दिया। सुखद बात यह रही कि उनके सारे बिछड़े रिश्तेदार, नातेदार, मामा, मौसी, भाई-बहन सब उन्हें ग्रुप से मिल गए। समाज से कटे रहने का जो दर्द था उसे bbw ने खत्म कर उन्हें एक भरा पूरा परिवार दे दिया। आशा है वो भी इस पोस्ट को पढ़ रही होंगी।
 
हमने देवनागिरी में पोस्ट और कमेंट लिखने के लिए लोगों को ख़ूब प्रेरित किया और उन्हें तकनीकी जानकारी भी लगातार देता रहा। याद कर हँसी भी आती है कि कई लोग को तो मास्टर साहब की तरह facebook की तकनीकि फोन पर समझाता। कभी कोई फोन करते और बोलते, अरे देखिये न फ़ोटुआ जाइये नय रहा है, कैसे पोस्ट होगा, तो कोई फोन करते की हिंदी वाला आ तो गया है लेकिन लिखाइये नहीं रहा है😊 हम भी पूरी तन्मयता से सब्र के साथ सबों की तकनीकी परेशानी फोन पर दूर करते और जब ऐसे प्रश्नकर्ता सीख कर खुद से फोटो पोस्ट करते या हिंदी में लिखते, तो बड़ा आनंद आता, लगता जैसे कुछ अच्छा काम किया। अब तो नतीजा ये है कि कुछ लोग इतना भयंकर हिंदी लिखने लगे हैं कि समझने के लिए हिंदी डिक्शनरी खरीदना पड़ेगा😀
 
सुने बहुत थे कि दिलों से जुड़े रिश्ते अनमोल होते हैं, इसका सुखद अनुभव bbw के जरिये होने लगा। देश विदेश से अनेक लोगों से सम्बंध बनने लगे, लोगों का असीम प्यार हमें मिलने लगा, और इस तरह वर्ष 2014 सम्पन्न हुआ।

फेसबुक के Brahmbhattworld ग्रुप में प्रकाशित आपके कमेंट:

Ajay Rai: महाभारत का संजय भी आपके इस समीक्षा के आगे फेल है,किस तरह आपने एक एक प्रसंग का जिक्र किया है जैसे ये कल की बात हो, लाजवाब।
 
Vinita Sharma आपने अपने अनुभवों को काफी सुन्दर तरीके से साझा किया है । आपकी लेखनी को सलाम । यूं ही लिखते रहिए ।
 
Deepak Bhatt आपने बहुत ही अच्छा लिखा ।और एकअच्छी जानकारी मिली
 
Shiv Shankar Kumar Group से ज्यादा शाक्ति आपके लेखनी में है।
 
Sangita Roy वाह इसी तरह अपने ब्रह्मभट्ट वर्ल्ड के सफर को लिख कर हमलोगों के साथ साझा कीजिये ताकि हमें भी पता चले।मैं तो 2016 के नवम्बर से जुड़ी हूँ ।अतः पहले की इतनी रोचक जानकारी मुझे नही है।हमसब के साथ अपने अनुभवों को साझा करने के लिये आपका धन्यवाद ।अगली किश्त का इंतजार रहेगा ।
Parmanand Choudhary आपकी हिन्दी लेख स्थापित कवि को भी मात दे रहा है। आपके लेख से ये भी पता चला कि एडमीन बनने के लिए समाज में खुद को स्थापित करना पड़ता है।
 
Nilu Sharma बेहतरीन…. आपके संस्मरण की तो किताब छप सकती है….अगली कड़ी का बेसब्री से इंतजार है…
अपनी अति व्यस्तता भरी जीवन शैली के बावजूद इतनी अच्छी एवं सजीव चित्रण…. आपको साधुवाद
 
Prabhat Kumar शानदार प्रस्तुति, बेजोड़ संकलन, अगली क़िस्त की प्रतीक्षा रहेगी।
 
Dilipkumar Pankaj हे संजय, हमारी कुरुक्षेत्र की आपकी प्रस्तुति एक सांस में पढ़ गया।आपने जिन सरल शब्दों में स्पर्शी वर्णन किया है , उससे मुग्ध हो गया। ब्रह्मभट्टवर्ल्ड ने कुरीतियों के विरुद्ध जागरूकता फैलाई है। देवनागरी के प्रयोग और संबंधों की गहराई को इसने तराशा है।
 
Srikant Ray आप के द्वारा लिखित BBW का सफरनामा पढ़ कर मैं भावविभोर होगया । सचमुच देश से विदेश तक में रहरहे स्वजातीय को जोड़ ने का काम यदि कोई किया है तो वह मंच है BBW ।बहुत ही प्रशंसनीय सफरनाम ।
 
Niraj Bhatt बहुत सुंदर वह रोचक है देवरथ भैया ये आपकी दुसरी किस्त, तीसरे किस्त के इंतजार में,,,,
Rakesh Sharma ब्रह्मभट्टवर्ल्ड का सफरनामा का यह बेहतरीन संस्मरण है।आपकी पोस्ट पढकर मुझे कलान्तर की बातें स्मरण हो रही है।मैं तो एक समाजिक कार्यकर्ता था जो जिवनयापन के लिए वकालत करता और गाँव में सरपंच का कार्य।गाँवों में रहने की आदत थी शहर की चकाचौंध दुनिया से दुर रहना पसंद था और जब हम फेसबुक चलाने वाले को देखते तो मन ही मन हँसते की ये सब बेकामिल लोग हैं और घर के बच्चों को तो अगर मोबाइल पर देख लेते थे तो उसी समय बखेड़ा खड़ा कर देते और उन्हें इससे दुर कर देते।लेकिन मुझे याद आ रहा है May 2014 जब मुझसे ब्रह्मभट्टवर्ल्ड के एडमिन राजिव रंजन शर्मा जो छोटे अनुज समान हैं और हमारे पड़ोसी गाँव चौचक्का के निवासी हैं हमारे स्व कामेश्वर भैया के लड़के हैं से हुई और उनसे काफी दिनों बाद मिला था, चर्चा और समाचार होने लगी तो वह बोले भैया आप फेसबुक चलाते हैं कि नहीं।मैं हँसने लगा और कहा बाबू मैं इनसबों से दुर रहता हूँ तो उसने मुझे सोशलमीडिया के महत्व और भविष्य में होने वाली कार्यप्रणाली के बारे में समझाया।मेरी आदत रही की मैं हमेशा से छोटे और बड़ों से कोई भी बात अगर समझ गया तो उसका कार्ययवन भी करता।उन्होंने मुझे बताया कि फेसबुक पर एक ब्रह्मभट्ट वर्ल्ड है जो स्वजातिय सोशल मंच है जहाँ बहुत सारे स्वजाती आपस में जुड़े हैं और एक दुसरे से संवाद करते रहते हैं।
मैं स्वयं उपरोक्त बातों से प्रेरित होकर अपने एक भतिजा से कहा कि मेरे मोबाइल पर फेसबुक बना दो, तो वह हँसने लगा।कहा कि अब आप फेसबुक चलाईयेगा और मैं हँसने लगा कहा कि हाँ मुझे चलाना सिखा दो।फिर फेसबुक बन गया और ब्रह्मभट्टवर्ल्ड से जुड़ गया, पहले मेरा परिचय पोस्ट राजिव जी डाले फिर स्वयं मैं।मैं समझा की यहाँ मेरा परिचित कोई नहीं होगा लेकिन परिचय डालते ही बहुत परिचित मिले।
इस मंच पर मेरा कोई रिस्तेदारी नहीं थी लेकिन राय तपन भैया ने मुझसे मेरे पोस्ट पर लेखन कला के बारे में बताई और मैं देवनागरी में लिखने लगा फिर एक से एक नये दोस्त बनते गए और मंथन पटना में शामिल हुआ उसके बाद मुझे एडमिन बना दिया गया।मैं टेक्निकल मामले में परिपक्व नहीं था, फिर देवरथ भैयाजी को फोन लगाकर उनसे टेक्नोलॉजी सीख लेता और पोस्ट कर देता।बहुत मजा आया, लेकिन इसके बाद बहुत सारे ग्रुप आये और सभी से संवाद बना रहा। बहुत अच्छा संस्मरण, आगे जारी रखिये भैयाजी।
 
Ram Sundar Dasaundhi हलांकि मैं आपके विवाहोत्सव में सम्मिलित था जो राजगीर के मेरे सरकारी आवास के बगल में था परंतु बाद में हमलोग खो गए थे। BBW ग्रुप के गठन के बाद हमलोगों के संपर्क का नवीनीकरण हुआ।मुंबई में मेरी बेटी के आवास पर आकर आपने अपने घर पर आने का आग्रह किया।आपके पास जाने के पश्चात आपने श्री रमेश शर्मा जी,राही जी से मिलवाया।कैंसर ग्रस्त मेरी भतीजी के टाटा कैंसर इंस्टीट्यूट मुंबई में इलाज यथासंभव मदद की।जब भी आपसे भेंट हुई आपने पितृवत सम्मान और स्नेह दिया।इस सब में BBW का महत्वपूर्ण योगदान है।अच्छी बात है कि इस ग्रुप में किसी अन्य ग्रुप की आलोचना नहीं होती है।इस ग्रुप का कार्यक्रम किसी अन्य ग्रुप या संगठन को नीचा दिखाने के लिए नहीं होता है।वस्तुतः इस ग्रुप ने ब्रह्मभट्ट समाज में जागृति लाने का अभूतपूर्व कार्य किया है। चलता रहे यह कारवां।
 
Deepak Maharaj सारगर्भित रचना। आपके लेखनी को सलाम हमें अगली कड़ी का इंतजार रहेगा। देवरथ भैया सादर चरण स्पर्श
 
Rajeev Sharma आपकी लेखनी को मैं प्रणाम करता हुं। देवब्रत जी वाक्ई आपका लेख लाजवाब है। आपने BBW के सफरनामें का जो कडी़ प्रस्तुत किया है वाक्ई काबिले तारीफ है। मुझे भी देवनागरी में लिखना नही आता था, पर BBW के माध्यम से ही मैं ये साहस जुटा पाया हुं। आपका नवी मुम्ब्ई के अपने समाज के अति विशिष्ट लोगों को एक धागे में पिरोना और आपका अपने पुर्ण परिवार साथ में श्री राय तपन भारती जी सपत्नी का बेंगलुरु का सफरनामा, श्री राजीव राय जी के निवास पर अपने स्वजातिय का अचछा खासा मिलने मिलाने का वो दौर, हंसी ठिठोली का जो आपने साकार साक्क्षात्कार वर्णन किया है। मैं काफी रोमांचित हो गया हुं। आपको, आपकी लेखनी को, और अपने श्री राय तपन भारती जी को दिल से साधुवाद।
 
Arvind Rahi साहित्य में संस्मरण लेखन एक महत्वपूर्ण विधा है, और दुर्भाग्यवश आज इस विधा में लिखने वाले सिद्ध हस्त लेखकों का अभाव है। आप इतने सुंदर, इतने अच्छे और इतने सशक्त ढंग से संस्मरण लिखते हैं कि दिल खुश हो जाता है। ऐसा लगता है कि संपूर्ण चित्र सामने उभर आया है। मेरा तो निवेदन है कि आप व्यक्तिगत अनुभव के साथ साथ संस्मरणात्मक साहित्य भी लिखना शुरू करें, ईश्वर आपको यश दे।
 
Awadhesh Roy BBW ग्रुप में अबतक का आपका सफरनामा पढ़कर बहुत अच्छा लगा | वास्तव में इस ग्रुप ने हम सबों को एक नए सिरे से जोड़ रखा है चाहे वे सभी अपने संबंधी हों या गैर संबंधी | इस ग्रुप में आने पर अब ये सारी असमानताएँ दूर हो गयी है | यह सही है की हम जब तक जीएँ ,सबों के साथ मिल जुल कर प्रेम से जीएँ ,इसी में जीवन की सार्थकता है |
 
Arvind Kumar उत्कृष्ट संस्मरण लेख।Extended family के स्वरुप को आपने बहुत ही संजीदगी के साथ चित्रण किया है। अतिसुन्दर।
Ranjana Roy आप के 5 साल का अनुभव का दूसरा किस्त पढ़कर पुरानी यादें ताजा हो गई !
आपकी खूबसूरत लेखनी और संस्मरण को सलाम करती हूं 🙏! साथ ही इस मंच को मजबूत कड़ी बनाने में हमारे संस्थापक और हमारी एडमिन Team के साथ उन 15000 सदस्यों का भी शुक्रिया अदा करती हूं जिनकी बदौलत हम एक मजबूत कड़ी के रूप में उभर रहे हैं.
Roopam Roy बहुत बहुत बधाई जीजा जी आपके लेखनी को तहे दिल से सलाम। आपका ये ५ साल का अनुभव नहीं बल्कि आपकी ये महानता है जो आप सभी के प्यार को इतनी बारीकी से संभाल के संजो के सबके सामने पिरोया है। आज मुझे लगा जैसे आज ही सब हुआ हो आपको तहे दिल से फिर से शुक्रिया । आपलोग की वजह से मुझे इतना प्यारा रिश्ता मिला। जीवन भर आपलोगो की आभारी रहुंगी।
 
Ramesh Sharma मै मुम्बई की भाषा मे कहूँ तो—
खूप छान, सरस, मस्त, चोखो,
अति सुंदर,
अउर इससे बढ़िया तो कछु होइय नही सकता । सही में पढ़कर मन गदगद हो गया । हम सभी सौभग्यशाली है कि हमे केवल नवी मुम्बई में ही नही बल्कि देश और विदेश के हर कोने में एक बृहद परिवार मिला।
और भाई देवरथ जी आपकी लेखनी में मां सरस्वती की अनुकंपा बनी रहे, यही मेरी प्रार्थना है।
 
Ramesh Sharma मुझे कहने में कोई संकोच नही , बल्कि फक्र है 👍👍 की BBW ने मुझे ऐसे अभिभावक और दोस्त दिए हैं कि मैं अपनी अपनी व्यक्तिगत समस्या , सुख दुख को उनसे शेयर करता हूँ , और उन सभी से उचित सलाह और मार्गदर्शन मिलता है । जिसका मैं आजीवन आभारी रहूँगा ।
Alok Sharma: आदरणीय देवरथ जी कोटिशः आभार इस शब्द संग्रह को सर!अतीत के धरातल पर बिखरे सम्बन्ध मोतियों को ब्रह्मभट्टवर्ल्ड के सहारे जिस तरह शब्दों के धागे में आपने पिरोया है,वह एक चलचित्र की भाँति सुखद वर्तमान का अहसास है सर!आपकी हिंदी का इतना मजबूत होना भी समूह के पहल की अपनी अलग विशेषता हैं,यह वह सत्य है जिसे सूर्य के किरणों की भांति हर कुलवंशी तहे दिल से स्वीकार करता है!सकारात्मक पहल, सामाजिक चिंतन व सामयिक सहयोग सहित अपनों को जोड़ने का प्रयास bbw द्वरा समाज सदैव समर्पित है!आपके अगली क़िस्त पढ़ने को बेताब मेरे दिल के गहन तल से पुनः इस लेख की हार्दिक बधाई सर!
 
Sanjeev Ray बहुत ही सुंदर लाइन ….कोई भी व्यक्ति कितना भी सामाजिक क्यों न हो, अगर पत्नी सामाजिकता से दारोकर नही रखती तो, वह भी सामाजिक नही हो सकता।

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