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मंथन-मंथन-मंथन की पुकार चारों ओर India Maharashtra 

मंथन-मंथन-मंथन की पुकार चारों ओर

आपसी प्रेम का मंथन से लौटकर ऐसा लग रहा है कि अपनों से मिलकर मन नहीं भरा, वो पल आँखों के आगे ही हैं, लगता है मंथन कम से कम दो दिन का होता और हम एक दूसरे से और मिल पाते। जब भी मंथन होगा, जहाँ भी होगा, मैं जरूर शामिल होऊँगी।

बिंदु कुमारी/नवी मुंबई Bindu Kumari/Navi Mumbai
जिधर देखो मंथन की धूम मची है, और हो भी क्यों नहीं, सभी लोग अपनों से मिलकर फूले नहीं समा रहे हैं। मैं इस मंथन पहली बार शामिल हुई थी, मुझे बहुत अच्छा लगा। बहुत से लोग बिना मंथन में आये ही अनर्गल बातें करते हैं, और सवाल पूछते हैं कि मंथन से क्या मिला। मैं उन लोगों को बताना चाहती हूँ जब तक आप मंथन में आयेंगे नहीं, तो कैसे जानेंगे कि क्या मिलता है वहाँ।
पटना और राँची मंथन में बच्चों की वज़ह से शामिल नहीं हो पाई थी। आपलोगों को बताना चाहती हूँ कि तब कुछ स्वजन मैसेंजर के जरिये मुझसे जानने की कोशिश की थी की मैं क्यों नहीं गई? दरअसल वो यह जानना चाहते थे कि क्या मैं मंथन के ख़िलाफ़ हूँ? पिछले मंथन के पोस्ट पर ज्यादा कुछ नहीं लिखने के कारण उन्होंने ये धारणा बना ली थी कि मुझे मंथन पसन्द नहीं। जबकि मेरा सोचना था कि जब तक मैं शामिल नहीं होऊँगी, मंथन को अच्छे से कैसे जान पाऊँगी।
अब जबकि मैं दिल्ली मंथन में शामिल हुई हूँ तो मैं अब अच्छे से बता सकती हूँ कि मैंने मंथन में क्या पाया। मैं मंथन को अच्छे से परिभाषित भी कर सकती हूँ। मंथन हर वर्ग के लोगों के लिए लाभकारी है।
 

1. यहाँ बुजुर्गों को सम्मान मिलता है
 
2. नई पीढ़ी के बच्चों के लिए उनके education और carrear से सम्बंधित जानकारी दी जाती है, उनका हौसला बढ़ाया जाता है
 
3. हम महिलाओं का सम्मान किया जाता है और हमें बराबरी का दर्जा दिया जाता है
 
4. अनेक नए दोस्त बनते हैं, जिनको फेसबुक पर देखा है, सामने मिलकर बहुत अच्छा लगता है
 
5. बच्चों के लिए मैजिक शो रखा गया था, जिससे बच्चे बोर न हों और उनके माता पिता मंथन में भाग ले सकें
 
6. रोजगार देने वाले अनेक व्यवसायियों और उद्यमियों का सम्मान किया गया, जिससे हमें पता चला कि अपने समाज मे अनेक सफ़ल उद्यमी भी हैं, क्योंकि अभी तक हम ज्यादातर सिर्फ नौकरी वालों को ही जानते थे। फला हुआ पेड़ झुका होता है, हमने उनके विनम्रता से प्रत्यक्ष रूप से देखा।
 
7. गीत संगीत का जबरदस्त प्रोग्राम रखा गया था
 
8. एक दूसरे से मिलकर सबों के चेहरे पर खुशियाँ साफ देखी जा सकती थी
 
कुल मिलाकर सबों को मंथन में स्थान मिलता है। मुझे तो बहुत मज़ा आया सब अपनों से मिलकर, ख़ासकर नए नए दोस्त बने, नए लोगों से परिचय हुआ, इससे बढ़कर मुझे और कुछ चाहिए भी नहीं। ब्रह्मभट्टवर्ल्ड से फुले फले आपसी प्रेम का ऐसा उदाहरण मुझे देखने मिला, जिसे कैसे व्यक्त करूँ, समझ नहीं पा रही।
बिना नाम लिए बता रही हूँ कि एक दंपत्ति ने हमारे लिए उत्तर बिहार के गाँव से सत्तू और भूँजा लाये और पटना के एक दम्पत्ति ने बिहार का प्रसिद्ध तिलकुट। यह बहुत बड़ी बात है, जब लोग यात्रा की अपनी तैयारी करते हैं, उसमे हमारा ख्याल आना, उतनी दूर से हमारे लिए सौगात लेकर आना हमारे लिए अनमोल तोहफ़ा था। यह प्रेम सिर्फ मंथन में ही मिल सकता है। आप दोनों का शुक्रिया।
आपसी प्रेम का मंथन से लौटकर ऐसा लग रहा है कि अपनों से मिलकर मन नहीं भरा, वो पल आँखों के आगे ही हैं, लगता है मंथन कम से कम दो दिन का होता और हम एक दूसरे से और मिल पाते। जब भी मंथन होगा, जहाँ भी होगा, मैं जरूर शामिल होऊँगी। आप जब मंथन में आओगे, तभी महसूस कर पाओगे की कैसा लगता है।
आप सबों की—-बिन्दु
Comments on Facebook BBW group:
Abhishek Kumar बहुत मज़ा आया मंथन में दीदी। मैं भी पहली बार शामिल हुआ था
 
माधुरी विपिन तिवारी वाह बहुत सुंदर जानकारी दी आपने दी सही बात है जाएंगे नहीं तो समझेंगे कैसे बट बहुत अच्छा लगता है भले ही हम नहीं गए हैं लेकिनबहुत अच्छा लगता हैं आप सब को देखकर इस तरह मिलते..
 
Roy Tapan Bharati ब्रह्मभट्टवर्ल्ड के मंच से निकली एक और लेखिका का नाम है BinduKumari. बिन्दु ने सही तथ्यों के साथ मंथन का समर्थन किया। अन्य महिलाएं गौर करें।
 
Neha Kumar Thank u mam… मुझे भी आप लोगों से मिल कर बहुत खुशी हुई, बहुत अच्छा लगा।
 
Sanjeev Singh Brahmbhatt ब्रह्मभट्ट समाज को एकीकृत करने जैसा अथक प्रयास किया गया इस मंथन के द्वारा…… बहुत खूब
 
Priyanka Roy वाह बिंदु दी, बहुत सटीक विश्लेषण। आप मन्थन में आई चार चांद लग गया। आपसे मिलकर हम सभी को बहुत खुशी हुई। मन्थन से हम महिलाएं विशेषकर बहुत खुश रहती हैं और हमारी कोशिश रहेगी इसमें हर बार शामिल होने की।
 
Bindu Kumari ब्रह्मभट्टवर्ल्ड से फुले फले आपसी प्रेम का ऐसा उदाहरण मुझे देखने मिला, जिसे कैसे व्यक्त करूँ, समझ नहीं पा रही। एक दंपत्ति ने हमारे लिए उत्तर बिहार के गाँव से सत्तू और भूँजा लाये और एक दम्पत्ति ने बिहार का प्रसिद्ध तिलकुट। यह बहुत बड़ी बात है, जब लोग यात्रा की अपनी तैयारी करते हैं, उसमे उतनी दूर से हमारे लिए सौगात लेकर आना हमारे लिए अनमोल तोहफ़ा था। यह प्रेम सिर्फ मंथन में ही मिल सकता है। आप दोनों का शुक्रिया।
 
Rekha Rai बिन्दु बहुत अच्छा विस्तार रूप से लिखा है। वास्तव में बिन्दु, बहुत खुशी मिली हम लोग आपस मे मिले।और बहुत कुछ सीखा,बहुत कुछ पाया हम सभी ने। ये अविस्मरणीय यादें हमेशा जेहन में याद रहेंगी।इस बार हम लोगो का बहुत नए लोगो से मिलना हुवा।
 
Nisha Kumari आपसबका आपसी प्यार ही है कि इस बार मंथन में इतने लोग शामिल हुए थे,मुझे सबको देख कर सुनकर मुझे बहुत अच्छा लगा और बहुत खुशी हो रही थी। आगे से मैं भी शामिल होने की पूरी कोशिश करूँगी ।
 
Rakesh Sharma ये मंथन तो अपनों का जमघट है, यहाँ जो आ जाए वह इसे भुल नहीं सकता।यहाँ अपनों के प्यार की वर्षा होती है जिसको जितना भिंगना है भिंग जाये।
 
Ghanshyam Gite ब्रह्मभट्ट समाज को एकीकृत करनेका बहुत सुंदर प्रयास किया गया जी इस मंथन के द्वारा…… बहुत खूब
 
Deorath Kumar वाह Bindu वाह, तुम्हारी लेखनी भी Roy Tapan Bharati भैया की प्रेरणा और ब्रह्मभट्टवर्ल्ड की ही देन है। बहुत सही लिखी हो, मंथन की शुरुआत तुम्हारे सरस्वती वंदना से हुई, इसके लिए आयोजन समिति को धन्यवाद। जो एक बार मंथन में आता है, यहाँ से मिलने वाले निश्छल प्रेम से सराबोर हो जाता है।
 
Amita Sharma अति सुन्दर अभिव्यक्ति।अच्छी लेखिका,सौम्य मन, मधुर बोली,सारे गुणों से भरी हमसभी की प्यारी बिंदूजी😊😍मिलकर बहुत अच्छा लगा।
 
Kumar Pratyush बहुत सुन्दर वक्तव्य….मंथन से आप और आपसे मंथन….रहा….
Akhilesh Kuwnar माता सरस्वती जी कृपा बनी रहे यही कामना करता हू।
 
Ram Sundar Dasaundhi आपने अपना अनुभव अच्छी तरह प्रस्तुत किया।इसी तरह लिखते रहिए।
 
Ranjana Roy बहुत सुन्दर वर्णन🙏ऐसे ही लिखते रहो बिन्दु और इस मंच की महिलाओ को प्रेरित करते रहों ।
 
Prarthana Sharma “मंथन ” शब्द को चरितार्थ करता है हम सबका मंथन !!!! अनंत शुभकामनाएँ !!! आपलोगों के पोस्ट से मे मंथन को देख रही हूँ अनंत शुभकामनाएँ व बधाईयाँ बिंदु दीदी !!!
 
Ram Adhar Bhatt बिलकुल सही लिखा आपने । सब मिलजुल कर खुशियाँ मनाये होंगे । पिकनिक जैसा माहौल रहा होगा । फोटो शेसन भी हुआ होगा । होता क्यों नहीं दूर दूर से लोग आये जो थे । कुछ ने. अपना गला भी साफ किया होगा। आदि आदि। लंच के अतिरिक्त समाज को क्या मिला देखना होगा?
 
Hare Ram Sharma Ram Adhar Bhatt जी , विवसतावश इस मेले मे मैं शामिल तो नही हो सका लेकिन सभी पोस्ट देखा। आप की टिप्पणी सही हो सकती है लेकिन आयोजकों को कठोर प्रतीत होने की संभावना है।
 
Bindu Kumari Ram Adhar Bhatt अंकल आप आइये मंथन में ,यहाँ लंच के अलावा बहुत कुछ मिलता है।
 
Nisha Kumari बहुत ही अच्छा लिखी हो बिन्दी दी ,तुम्हारी लेखनी के जरिये हम वहाँ न होते हुए भी लगा वहीँ थे । बहुत ही अच्छा लिखी हो पूरी अपनी अनुभुति
 
Vandna Maharaj सुन्दर लेखन बिंदु दी

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