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ब्रहृ्भट्टवर्ल्ड क्यों पसंद: ब्रह्मभट्टवर्ल्ड है एक विस्तृत परिवार का नाम India 

ब्रहृ्भट्टवर्ल्ड क्यों पसंद: ब्रह्मभट्टवर्ल्ड है एक विस्तृत परिवार का नाम

आपको ब्रहृ्भट्टवर्ल्ड क्यों पसंद है? आप यहां समाज की गतिविधियों की सूचनाओं और विचारों से संतुष्ट हैं? आप यहां अपना योगदान कैसे देना चाहते हैं?

Anil Kaushik, हरियाणा: ब्रह्मभट्टवर्ल्ड फ़ेसबुक ग्रुप में जुड़ने के बाद मैंने देखा कि यहां पहले तो लोगों को ग्रुप से जोड़ा गया। फिर लोगों से अपील करके सम्मेलन शुरू कर दिए। इससे पूर्व हम देखते थे कि सम्मेलन में लो गों को आने के लिए बहुत प्रयास किए जाते थे। बावजूद इसके सम्मेलन में गिने चुने लोग आते थे जबकि उनसे कोई चंदा भी नहीं लिया जाता था। यहां सम्मेलन (मंथन ) किए गए और सम्मेलन का होने वाला खर्च भी सभी सदस्यों से लिया गया। इसके बावजूद सम्मेलन में बहुत लोग शामिल होते हैं। सम्मेलन के बाद गरीब/ असहाय लोगों की मदद के लिए अपील की गई और उसको इमदाद भी इस ग्रुप के माध्यम से मिली।

BBW ग्रुप के सम्मेलन के बाद हमने भी हरियाणा में बिरादरी के सम्मेलन में महिलाओं को मंच से बोलने का मौका दिया। ग्रुप के माध्यम से सफल स्वजातीय उधमियों का, उच्च पद पर आसीन लोगों का बहुत अच्छे ढंग से परिचय कराया गया। इस ग्रुप के माध्यम से देश ही नहीं विदेश में भी बसे स्वजातियों से परिचय हुआ। बहुत से लोगों ने इस ग्रुप के माध्यम से हिन्दी में लिखना सीखा । उनमें से एक मै भी हूं। उम्मीद करता हूं कि ब्रह्मभट्टवर्ल्ड ग्रुप इसी प्रकार आगे बढ़ता हुआ समाज सेवा में अपनी भागीदारी करता रहेगा। ग्रुप के सफल संचालन के लिए एडमिन ग्रुप एवम् संस्थापक को बहुत बहुत बधाई एवं शुभकामनाएं।

Abhilasha Rai, सूरत: BBW से पिछले 8 महीने से जुड़ी। इस ग्रुप की सबसे विशेष बात यह हमें अपने लोगों से अपनों की पहचान कराती है। सबके दिल में एक दूसरे के प्रति बहुत ही सम्मान और समाज सेवा की भावना रहती है। हमें तो यह ग्रुप विदेशों में रहने वाले हमारे अपने लोगों से मिलाने में पीछे नहीं रहीं। यह ग्रुप सकारात्मक ऊर्जा का संचार करती है। आपसी एकता को मजबूत करने में इस ग्रुप का हमेशा योगदान रहा है। और सबसे बड़ी बात इस ग्रुप के जो संस्थापक राय तपन भारती जी हमारी मुश्किल घड़ी में भी फोन करके हौसला बढ़ाने का काम बखूबी करते हैं। उनकी बात करने की मर्यादा, अनुशासन व समर्पण काबिले तारीफ है। इसलिए हमारी सोच में इस ग्रुप से जुड़े रहना हमारे लिए बहुत ही गर्व की बात है।

Abhishek Kumar, नोएडा: इस मंच से जुड़े मुझे 2 साल हो गए हैं। इन दो सालों में मैंने इस मंच के द्वारा अनगिनत कार्यों को सफल होते देखा है। विधवा विवाह, विधवाओं को सहायता, रोज़गार के अवसर जैसे अनेकों कार्यों को इस मंच द्वारा सफल बनाया गया है। यह एक ऐसा बड़ा मंच है जहां हम सब अपने मन की बात लिखते है। अपने समाज के बहुत से लोगों से मिलने का और जानने का सुअवसर मिला। महिलाओं की भी इस ग्रुप में समान भागीदारी है। अपने समाज के बहुत से प्रतिभाओं को भी हम सबने जाना है इस ग्रुप में। मात्र सोशल मीडिया द्वारा इतने विस्तृत परिवार की स्थापना करना और सबका ख्याल रखना बहुत बड़ी बात है।

Ajay Sharma Baba, Deoria, UP: एक वाक्य में कहा जाय तो बीबीडब्लू के गठन ने समाज में एक वैचारिक क्रांति लाने का काम किया। जब बहुत से लोग अनभिज्ञ थे तभी से सोशल मीडिया के माध्यम से विभिन्न भौगोलिक समूहों में निवास करने वाले बहुत से स्वजनो को आपस में जोड़ने का काम इस समूह ने बड़े ही सफलता पूर्वक किया। वर्तमान संदर्भों में बात को आगे बढायें तो महिलाओं की भागीदारी, युवाओं को प्रेरित , और सभी स्वजनो की प्रतिष्ठा और विचारों को समुचित सम्मान देने का कार्य हम सभी करने का प्रयास कर रहे हैं। बीबीडबल्यु ने हमेशा नये विचारों का स्वागत किया है और लोगों को नये विचारों से अवगत कराने का भी कार्य किया है। स्वजनो की सहायता करने में बीबीडबल्यु सबसे अव्वल रहा है इसमें कोई अतिशयोक्ति नहीं।हम सभी उम्मीद करते हैं की आप सभी सम्मानित सदस्य गण का प्यार दुलार हमारे साथ बना रहेगा।आप सभी का नैतिक बल ही हमारी पुंजी है हम आशा करते हैं की हम भविष्य में भी आप सभी से इसी तरह आत्मीय संबंधों का निर्वहन करते रहे आप सभी को बहुत बहुत धन्यवाद और आभार। प्रणाम।

Amit Ranjan, गाजियाबाद/नई दिल्ली: हर सिक्के के दो पहलू होते हैं, उसी तरह इस BBW ग्रुप के भी हैं। एक अच्छाई और दूसरी बुराई।‌ लेकिन मैं जब इस विषय पर सोचता हूं तो इसकी अच्छाई के नीचे सारी बुराई नगण्य लगती है।और कभी-कभी छोटी-छोटी बुराइयों को नज़रंदाज़ किया जाना चाहिए थोड़े बहुत सुधारों के साथ।कभी-कभी कुछ बातें एक के लिए अच्छी दूसरे के लिए बुरी होती है। एक उदाहरण, किसी की मौत की खबर कभी सुखद नहीं हो सकती। मगर आप श्मशान में कार्यरत व्यक्ति को बताएं कि आज वो सेठ मर गया, तो वो निश्चित तौर पर खुश होगा।उसी प्रकार जब आप किसी संस्था से जुड़ते हैं या उसका संचालन करते हैं तो हर सदस्य की अपनी अपनी सोच स्पष्ट दिखाई देती है। आपका दहेज़ पर मुद्दा चलाना अच्छा भी है और बुरा भी, जो लेते है उनके लिए बुरा और जो नहीं लेते उनके लिए अच्छा। इसे एक और तरीके से देखे, अगर इस मुहिम में अक्सर बुजुर्ग लोग ही होते हैं तो युवक बोलेंगे भाई, आपने अपने समय में ले लिया, अब हमारी बारी आई तो बड़े-बड़े भाषण, जबकि वो समय और ये समय दोनोें में काफी अंतर है।इस ग्रुप की अच्छाई को देखें तो -सभी को समाज से जोड़ना। इसी कारण 100-200 लोगों से बना ये ग्रुप आज 16 हज़ार से ऊपर है।ट्रस्ट के निर्माण से काफ़ी जरूरतमंदों को मदद पहुंचाई जा चुकी हैरोज़गार के क्षेत्र में भी ब्रहृ्भट्टवर्ल्ड का अनेक सेक्टरों में योगदान रहा हैविवाह/पुनर्विवाह में भी इस समूह ने हमेशा सबका साथ दिया।महिलाओं को सम्मान देकर समाज के सामने एक मिसाल भी पेश की।कई सारी गुमनाम प्रतिभाओं को भी BBW का मंंच दिया गया, हालांकि वो उनके लगन का भी परिणाम है।समाज से जुड़े विषय वस्तु पर लोगो को जागरूक कर लेखन के क्षेत्र में विशेष योगदान रहा, हर साल मंथन का एक अद्भुत संगम जिसमें सब कोई एक हो सकें।आज भी इन सभी बिंदुओं पर यह समूह उतने ही उत्साह के साथ कार्य कर रहा है।अब इतनी सारी अच्छाई के सामने बुराई को अनदेखा न करूं तो क्या करूं।कुछ लोग जो किसी भी कारण से व्यक्ति विशेष से दुःखी हैं उन्हें अब भी विचार करने की आवश्यकता है, कि घर में अगर कोई संयुक्त परिवार साथ रहता हो तो भी अनबन हो जाती है, लोग अलग-अलग दूर दूर रहने लगते हैं, फिर एहसास होता है। यार इनसे अलग रहकर क्या फ़ायदा ये तो अपने हैं, और कभी एक हो जाए है और कभी कभी एगो के कारण मन मसोस कर झूठे अभिमान में अलग।यही कारण है आज एक समाज के अनेक ग्रुप हैं, अब इसमें राजनीति होने लगी है, अब इक दूसरे को द्वेष की भावना से देखने लगे हैं।समय है अभी भी, आओ हम सब मिलकर फिर से ब्रह्मभट्ट समाज को एकजुट करें, लड़े झगड़े और फिर गुस्सा त्याग कर एक होकर रहें। इसी में हमारी, आपकी, सबकी भलाई है।

Dr Harendra Sharma: क्योंकि BBW पर वो सब कुछ उपलब्ध हैं जो मेरे परिवार, समाज और रिस्तेदार की जरूरत हैं BBW के साथ जीवनशैली अच्छी चल रही हैं हर चिंता से मुक्त, आंनद भरा जीवन एवम सीखने को बहुत कुछ.धन्यवाद BBW. डॉ. हरेन्द्र कु. शर्मा, रांची, झारखंड.

Amita Sharma, रांची: मै ब्रहमभट्टवर्ल्ड परिवार से 2011 से जुड़ी हूँ और 2016 पटना मंथन के बाद से यहां निरंतर एडमिन भी हूँ। इतने दिनों की अवधि में मैने इस ग्रुप के सहयोग से ही बहुतेरे अपनों को जान पायी तथा खुद को अपनी पहचान भी मिली। सच कहूं, मेरे मन में ब्रहमभट्टवर्ल्ड के प्रति आदर और सम्मान हमेशा बरकरार रहेगा जब सदस्या थी तब भी और जब एडमिन हूँ तब भी, आगे फिर सिर्फ सदस्या रहूँगी तब भी। हमे हमारे साथ जो अच्छा हुआ उसे ही देखना चाहिए क्योंकि यह एक विस्तृत परिवार है।अच्छे बुरे दोनों अनुभव मिलना जायज़ है। आज इस ग्रुप की वजह से हमारी अगली पीढ़ी हमारे बच्चे भी सभी को जानने लगे हैं,जो कि एक सकारत्मक पहलू है।पर याद रखिए आप किसी संगठन की अनावश्यक आलोचना कर खुश हो लेंगे पर गलत टिप्पणी के लिए मलाल भी आपको रहेगा।

Amit Sharma: BBW से प्रारम्भ से ही जुड़ा हूं मैं अपनी बात लिखने में निपुण ना हो पाने के कारण ज्यादा कुछ तो नहीं लिख सकता हूं। केवल ये ही ग्रुप है जो मेरे अपने लोगो से मेरा परिचय कराता रहा है। इसीलिए BBW हमेशा मेरे दिल के करीब रहा है। मेरे लायक जब भी समाज सेवा के लिए कोई भी कार्य सौंपा जाएगा मैं उसे करने की कोशिश करूंगा। बस मेरा एक सुझाव ये भी है कि ग्रुप में समाज में जो लोग समर्थ है या नहीं भी है उनकी छोटी छोटी सहायता धन के अतिरिक्त भी हेतु एक व्यवस्था की जानी चाहिए। जिसमें उनकी मदद लोकल एवम् BBW के स्तर पर भी मदद की जा सके। जिसमे समाज के लोगो का एक दूसरे के प्रति विश्वास व प्रेम भी उजागर हो।

Anjana Sharma, गोरखपुर: Brahmbhattwold एक प्यार भरा समूह है, जहां हम अपनो से मिलते है,अपने लोगों को जानते है।आज मुझे खुसी हो रही मैं अपने खास रिश्तदारों से भी दूर थी , इस समूह केद्वारा अपनो को जानी। ये एक ऐसा प्लेटफार्म है,जहां अपने हुनर को दिखाने का मौका मिला।जिस प्यार और अपनापन से हम सब यहां जुड़े है,वो एक मिसाल है।ये समूह एक अनमोल माले के समान है, जहां के सभी मोती मूल्यवान है। मैं तहे दिल से शुक्रगुजर हूं,अपनी पूरी टीम का जिन्होंने मुझे हमेशा प्यार और सम्मान दिया।मैं क्षमा चाहती कभी निजी कारणों से समय कम देती पर मेरा लगाव प्यार हमेशा आप अपनो से है। स्नेह शुभकामनाओं के साथ।

Alok Sharma, महाराजगंज, यूपी: सुझाव के रूप में मुझे लगता है सभी सम्मानित सदस्यों की रॉय महत्वपूर्ण है तथा परमादरणीय Rakesh Nandan सर की सटीक और स्प्ष्ट समीक्षा पर विशेष ध्यान देकर समूह को और भी सुंदर और मजबूत बनाया जा सकता है! आप सभी का इस सुंदर परिचर्चा के लिए आभार।

Anand Shankar, पटना: ब्रह्मभट्टवर्ल्ड के कारण हमारे समाज में गरीब को सहायता, जरूरत मंद को नौकरी एवं आपसी सौहार्द प्रेम बना है। इसी तरह हमारा समाज आगे बढ़ सकता है। इसी कारण मुझे अपने आप पर गर्व है कि मैं ब्रह्मभट्टवर्ल्ड का सदस्य हुँ।

Anirudh Choudhary, नई दिल्ली: BBW से मैं काफी दिनों से जुड़ा हूं। और ये ग्रुप मेरे हमेशा दिल के करीब रहा है। मैं हमेशा लाइव के जरिए या पोस्ट के जरिए अपना योगदान देता रहा हूं। मेरे लायक जब भी कोई काम सौंपा जाएगा मैं बखूबी उसे करने की कोशिश करूंगा।  Anil Sharma, अहमदनगर: सुप्रभातम्। ब्रह्रभट्टवर्ल्ड भट्ट समाज के साथ-साथ अन्य लोगों को भी सहयोग करने वाला समूह है,,,, हमें विवादों को दरकिनार कर आगे बढ़ना चाहिए,,, सहयोग हम क्या कर पायेंगे यह समय तॅय करेगा।

Ashok Sharma, दुबई: अधिकांश गतिविधियां सराहनीय हैं परन्तु बहुत से पोस्ट ऐसे भी होते हैं जिनका समाज के संदर्भ में कोई औचित्य नहीं । वे व्यक्ति विशेष के निजी विचार होते हैं जिसपर वे औरों की स्वीकृति चाहते हैं, या फिर किसी व्यक्ति या समूह की सार्वजनिक आलोचना ग्रुप में करते हैं। यह उचित नही है। मर्यादा और पोस्ट की क्वालिटी तथा सामूहिक सोच के साथ लिया गया मिशन ग्रुप को सार्थक बनाएगा । फिलहाल यह व्यक्ति विशेष पर आथारित लगता है । इसपर ध्यान देना चाहिए । किसी अन्य ग्रुप से प्रतिस्पर्धा ठीक नहीं।

Awadhesh Roy, कटिहार/नई दिल्ली: “वृक्ष कबहुं नहिं फल भखै, नदी न संचैं नीर/ परमारथ के कारनै, साधुन धरा शरीर।” हमारा बी बी डब्ल्यू बस इसी उद्देश्य पर है।

Bhavna Bhatt Sharma

Bhavna Bhatt Sharma, हरियाणा: इस पोस्ट को आए कई दिन हो गए हैं बहुत कुछ लिखना चाहती हूं परंतु संक्षिप्त में लिखूंगी क्योंकि शब्द कम पड़ जाएंगे मेरी बातें खत्म नहीं होगी मैं इस ग्रुप से तब जुड़ी थी जब इसमें मात्र 500 से 1000 लोग थे।मेरा सौभाग्य यह रहा कि 2010 मेें, मैं इस ग्रुप की पहली महिला एडमिन लेकिन 2017 में कुछ निजी कारणों के चलते हुए मुझे अपनी यह जगह छोड़नी पड़ी मैं 2019 में फिर से एडमिन बनी और फिर अपना कार्यभार संभाला परंतु कुछ व्यस्ताओं के चलते मुझे फिर छोड़ना पड़ा और अब मैं दोबारा से आपके सामने हूं मैं यहां पर आती जाती रही लेकिन मेरे दिल का रिश्ता यहां से कभी आया गया नहीं मुझे इस ग्रुप में मुझे इतने अच्छे मित्र दिए हैं और इतने अच्छे लोगों से मिलवाया है कि जिनके नाम लेना अगर मैं शुरू करूं तो दिन कम पड़ जाएगा।इस ग्रुप के बारे में अगर मैं कहूं तो यह एक ऐसा ग्रुप है जिसमें अपनों को समझा अपनों के दर्द को समझा अपनी प्रतिष्ठा अपनी मान सम्मान यह सब इसने कमाया है क्योंकि बहुत पहले से हम जानते हैं कि इज्जत कमाई जाती है खरीदी नहीं जाती बीबीडब्ल्यू ने इज्जत कमाई है जब हम इनके बारे में बात करते हैं तो राॅय तपन भारती जी का नाम लेना बहुत आवश्यक हो जाता है एक ऐसा इंसान जिसने माली बन के इस बाग को सिचा है वह कभी भी किसी की तरक्की से नाखुश नहीं हो सकता ना ही उसमें किसी तरह की ईर्ष्या या द्वेष पाया जा सकता है सोशल मीडिया में पहले इंसान थे जिन्होंने अपनी जाति के प्रति अलख जगाया था इसके बाद बहुत से ग्रुप बनते गए सबका अपना अपना उद्देश्य है और भगवान से मैं प्रार्थना करती हूं सब अपने उद्देश्य में कामयाब हो जहां तक बीबीडब्ल्यू की बात है जिसमें 16500 हजार तक लोग हैं उन सब को एक साथ लेकर चलना आसान नहीं होता है पुरानी कहावत है जहां दो बर्तन होंगे वहां आवाज तो होगी इसी तरह इस ग्रुप में भी वादविवाद चर्चा परिचर्चा एक दूसरे के लिए कभी-कभी गलत पंक्तियां भी लोग कह जाते हैं परंतु यह एक परिवार है यह सब चलता है अब बीबीडब्ल्यू का जो उद्देश्य है वह सिर्फ एक ही है कि हर एक के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता रही अभी हाल ही में कुछ घटनाएं हुई जिसने हमें दुखी किया परंतु अपने स्वाभिमान व आत्म सम्मान की रक्षा करना बीबीडब्ल्यू भली भांति जानता है हमें किसी की खुशियों से ना तो जलन होती और ना ही हमें कोई तकलीफ होती है क्योंकि एक माली की तरह बाग में जब पेड़ फलदार होती हैं और घनी छाया देते हैं तो उसके माली को खुशी मिलती है ना कि उसे दुख होता है बिल्कुल ऐसा ही कुछ बीबीडब्ल्यू को भी लगता है अंत में मैं सिर्फ इतना कहना चाहूंगी कि इस ग्रुप में जुड़ने से पहले मुझे नहीं पता था कि मेरी जाति बिहार और झारखंड में भी रहती है या मेरी जाति के लोग चेन्नई और बेंगलुरु जैसी जगह पर भी है यह ना होता तो शायद मुझे कभी इस बात का अंदाजा ही ना लग पाता कि हमारी जाति पूरे भारत के अंदर फैली हुई है और उस को एकजुट करने के लिए बीबीडब्ल्यू का मुकाबला और कोई कर ही नहीं सकता।

Bharti Ranjan Kumari, दरभंगा: BBW में महिलाओं और पुरुषों को विचार प्रस्तुत करने का समान अवसर दिया जाता है। प्रतिभाओं को आगे बढ़ने को प्रेरित किया जाता है। सामाजिक समस्याओं पर विचार होता है और अपनों को अपनों का सहयोग मिलता है।

Bipin Kumar, मुजफ्फरपुर, बिहार: ” वो उन्हें याद करें जिसने भुलाया हो कभी/हमने उनको न भुलाया न कभी याद किया

पं. दीपक शर्मा, बाराबंकी: समाज के स्वजनों के प्रति सहयोगीपूर्ण रवैये के कारण मुझे ब्रह्मभट्टवर्ल्ड पसंद है तथा एक सामान्य सदस्य की तरह मुझसे जो भी बन पड़ेगा सहयोग करता रहूँगा।

Dharmendra Sharma Bhatt, पश्चिमी चंपारण: यह ग्रुप समाज के उत्थान में बहुत ही कारगर सिद्ध हो रहा है।अतः शुरू से ही मैं इस ग्रुप से जुड़ा हुआ हूँ।मुझसे जितना बन पड़ता है स्थानीय स्तर पर अपने समाज के लोगों की मद्त में हाथ बंटाता भी हूँ। नकारात्मक छवि वालों से हमें घबराने की जरूरत नही हैं। जय हो ब्रह्मभट्टवर्ल्ड ग्रुप की।मुझे इस पर गर्व है।

Dilipkumar Pankaj, आरा, बिहार: सामाजिक एकता को बढ़ावा देने, स्वजनों के सुख-दुख में सदा शामिल रहने, भारत की राष्ट्रभाषा हिन्दी मे लेखन कार्य को बढ़ावा देने, महिला उत्थान व सम्मान के प्रति सजग व मुखर रहने आदि जैसे कई गुणों के कारण। अपना योगदान सदा एक सामान्य सदस्य के रूप में देते रहना चाहता हूँ।

Dhananjay Maharaj, पटना: नमस्कार, BBW हम सबको इसलिए पसंद है कि इस ग्रुप में कोई निगेटिव बातें नहीं होती हैं। सबसे बड़ी बात कि इस BBW के जरिए मुझे अपने समाज के अनगिनत लोग जानते हैं। यह Group समाज की भलाई के लीए जाना जाता है।

Ganpati Maharaj, नई दिल्ली: यह ग्रुप अपने स्वजतियों को एक दूसरे से मिलने मिलाने का कार्य पुरजोर तरीके से कर रही है । समाज के स्वजतियों को शहरों, विभिन्न राज्यों, देश, विदेश से ढूंढकर इस ग्रुप में जोड़ने का काम द्रुत गति से होता रहता है जिससे लोग एकदूसरे के नजदीक आ रहे हैं और समझ बुझ रहे हैं। इसके साथ साथ अब यह संस्थागत रूप में भी समाज के जरूरतमंदों को समय समय पर मदद कर पा रही है। चाहे वह चिकित्सा का क्षेत्र हो या स्वरोजगार का या अन्य।Geeta Bhatt, इलाहाबाद: यह ग्रुप एकजुटता को जन्म देती है, नौकरी देती है और नारी का सम्मान प्रमुख हैं सकारात्मक ऊर्जा का संचार करती है वगैरह। 

Gyan Jyoti Bhatt, Patna: ब्रह्म्भट्ट वर्ल्ड के संस्थापक महोदय ने इस संदर्भित पोस्ट के माध्यम से समूह की ओर से की जा रही सामाजिक गतिविधियों पर सदस्यों की संतुष्टि एवं इसके कार्यकलापों में सुधार के लिए सुझाव आमंत्रित किया है। मुझे भी इस पोस्ट मे टैग किया गया है, जिसके लिए उन्हें हार्दिक आभार एवं अभिनन्दन। बैंकिंग सेवा से रिटायर होने के बाद वर्ष 2015 से ब्रह्म्भट्टवर्ल्ड समूह से जुड़ा हुआ हूँ और एक सक्रिय सकारात्मक की भुमिका निभाने का प्रयास करता रहता हूँ। मेरी सामाजिक पहचान और कई नये सम्बन्ध बने और पुराने सम्बन्ध को फ़िर से ताज़ा होने का पूरा का पूरा श्रेय ब्रह्म्भट्टवर्ल्ड को ही जाता है। समूह की सामाजिक गतिविधियों में मेरी सहभागिता बढ़ चढ़ कर हुआ करती थी लेकिन अब इन दिनों एक आम सदस्य की तरह मैं भी जुड़ा हुआ हूँ और ग्रुप के हर पोस्ट को फ़ौलो करता हूँ। कोई भी व्यक्ति या संस्थान 100% पर्फ़ेक्ट नहीं हो सकता हैं। समयानुसार सुधार लाने की प्रक्रिया सभी के राय विमर्श से निरंतर होते रहना भी नितांत आवश्यक हैं क्योंकि समय और परिस्थितियों मे बदलाव आता रहता है। जब मैं इस समुह से जुड़ा था तब सदस्यों की संख्या मात्र 5,000 के करीब था और अभी इसकी संख्या 16,000 के आसपास पहुँच गई है। इस उपलब्धि के लिए संस्थापक महोदय के साथ साथ ऐड्मिन सदस्यों को हार्दिक अभिनन्दन। इसमे कोई दो राय हो ही नहीं सकता कि जितने भी समाज के अन्य समूह फ़ेसबुक पर हैं उनमें सबसे अधिक ग्रुप जो vibrant हैं वो BBW ही हैं। जितनी भी सामाजिक गतिविधियां इस समूह मे होती हैं उतनी अन्य समूहों में नहीं दिखता है।

इन सबके बावजूद सदस्यों मे इतनी उदासिन्ता क्यों है ? BBW जैसे समूह के लिए यह एक चिन्ता का विषय होना चाहिए और इसके कारणो पर ऐड्मिन टीम को अवश्य ही मंथन एवं चिन्तन करनी चाहिए कि सदस्यों की सक्रियता को कैसे बढ़ाई जाए? पोस्ट पर सदस्यों की कमेन्ट्स या लाईक की प्रतिशत की संख्या 1% से भी बहुत कम देखने को मिलता है। जब तक ज्यादा से ज्यादा सदस्यों की भागीदारी नहीं होगी तब तक BBW अपने सामाजिक गतिविधियों को सफ़लतापूर्वक अंजाम देने मे सक्षम नहीं हो पाएगा। ऐसे समाज हित के कार्यो के लिए ज्यादा से ज्यादा सदस्यों की भागीदारी अवश्य ही अपेक्षित है। मंथन जैसे सफ़ल परिवारिक वार्षिक मिलन समारोह BBW की एक महान उपलब्धि है। इसकी सफ़लता का श्रेय बहुत हद तक पटना में 2016 मे आयोजित हुए पहले मंथन को जाता है। उस समय सदस्यों मे जो एकजुट्ता और भाई-चारा का महौल था, वह मेरी नज़र मे, सर्वोत्तम था। उसमे धीरे-धीरे कमी आती गई और वैसा जज्बा और जोश सदस्यों के बीच में अब नहीं दिखता है। ऐसा मेरा व्यक्तिगत आकलन एवं अनुभव है। पटना मंथन की सफ़लता और उस समय के दौर को अगर अच्छे सूझबुझ के साथ सही दिशा निर्देश के साथ आगे बढ़ाया गया होता तो BBW का अभी का स्वरुप सामाजिक पटल पर कुछ और ही होता। पटना मंथन के बाद कई अच्छे अच्छे सुझाव भी साझा किए गए लेकिन सभी को इग्नोर किया जाने लगा था। तब महसूस होने लगा कि BBW को मेरी कोई सुझाव की आवश्यकता नहीं है। सारे सुझाव ग्रुप एवं समाज के हित में दिया गया था लेकिन अहमियत ही नहीं दिया गया.ब्रह्म्भट्ट वर्ल्ड समाज का सबसे पुराना सोसल मिडिया समुह और इसके गतिविधियों पर पूरे समाज की नज़र रहती है जिसके कारण समूह के ऊपर बहुत बड़ी समाजिक जिम्मेवारी है और समूह को अनावश्यक विवादों से बचना चाहिए। किसी पोस्ट पर अगर विवाद बढ़ने लगे तो वैसे पोस्ट को यथाशीघ्र ही संस्थापक महोदय की ओर से डिलिट कर दिया जाना चाहिए। There is a popular saying in english that * Further scope of Improvement is always there in every institutions be it social or professional*

Biharikunj Bhatt, कोलकाता: Gyan Jyoti Bhatt, very nice guide line for bbw and agreed with your point sir jee namaskar

Jitendra Sharma Bhatt, बुलंदशहर/फैजाबाद: ब्रह्मभट्टवर्ड ने समाज को एक दूसरे के करीब किया है इसमें कही कोई संशय नही हैं, महिलाओं को सम्मान देकर बड़ी संख्या में उन्हें जोड़ने और लिखने के लिए प्रेरित भी किया है, इस मामले में भी यह अद्वितीय है! हाँ, कुछ सदस्य ग्रुप निष्ठा की पींगे भरकर अवश्य समाजिक ताने-बाने को डिस्टर्ब करते हैं, भावावेश में ही सही पर ऐसे स्टेटमेंट मुझे बड़े अनावश्यक और ग्रुपबाजी को प्रमोट करते दिखते हैं! ग्रुप संस्थापक तपन जी से मुझे कई बारीक बातें समझने का मौका मिला है। कई राजनीतिक चर्चाओं पर बड़े तार्किक पक्ष रखते हैं जो किसी पूर्वग्रह से जुड़े व्यक्ति को नही भाएँगी! उन्हें कहाँ बोलना है और कहां बिल्कुल चुप होना है आता है! मुझे आप सभी किसी जरूरत के लायक समझेंगे तो मैं अवश्य सबके साथ खड़ा रहना चाहूंगा!समाज को एकजुट करता यह कारवां चलते रहना चाहिए।

Kiran rana

Kiran Rana, पटना: “Brahmbhattworld” फेसबुक पर पहला स्वजातीय समूह है यह मेरे लिए गर्व की बात है। मेरा इस ग्रुप से जुड़ाव पटना में आयोजित पहले ‘मंथन’ कार्यक्रम के दौरान हुआ। जिस Positive Energy एवं भावनात्मकता के साथ उस ‘मंथन’ का आयोजन हुआ कि उसका Hangover अगले 10 दिन तक रहा। पता नहीं ऐसा क्यों लग रहा था कि यह आयोजन क्यों इतनी जल्दी खत्म हो गया। स्वजातीय समारोह का आयोजन ऐसा ही होता है और इसी तरह से होते रहना चाहिए। उन सभी आयोजकों का मैं नमन एवं अभिनंदन करती हूं। BBW से जुड़कर अपने लोगों को जानने एवं पहचानने का मौका मिलता है और साथ में BBW के wall पर सदस्यों द्वारा किसी विषय पर चर्चा के दौरान लिखे गए comments से उनके व्यक्तित्व का भी पता चलता है। नारी सशक्तिकरण एवं नारी सम्मान की बात की जाती है इधर कुछ comments को पढ़कर ऐसा लगता है जैसे सब कहने की बात है या बेमानी है। विगत कुछ समय से कुछ नकारात्मक विचारों का आदान-प्रदान होने लगा है और लोग बाल की खाल निकालने लगे हैं।
इस मंच ने देश-विदेश में बसे समाज के लोगों को जोड़ना, जरूरतमंद लोगों को समय पर सहायता प्रदान करना, शादी ब्याह को fix करने में मदद करना, नौजवानों को नौकरी मैं मदद इत्यादि बहुत सारे नेक पहल किए हैं जो इस Group के सकारात्मकता को दर्शाता है। इधर 2- 4 सालों में समाज में काफी Group या मंच बन गए हैं। हर Group मे काफी common सदस्य हैं और वह सभी अपने हैं। हर Group का अपना अपना उद्देश्य या मकसद है। सभी मंच समाज के लिए अपना अपना काम या सहयोग दे रहे हैं और सभी groups के सकारात्मक कार्य का सम्मान होना चाहिए।इधर कुछ दिनों से देखा जा रहा है कि कुछ स्वजन अपने वॉल पर नकारात्मक पोस्ट डालते हैं। एक महत्वपूर्ण सदस्य द्वारा एक बुजुर्ग सदस्य को फोन करके किसी group के बारे में नकारात्मक बात करते हैं (आप उस ग्रुप से क्यों जुड़े हैं) या एक ग्रुप का सदस्य दूसरे ग्रुप के सदस्यों के लिए लिट्टी पार्टी का क्यों आयोजन किया। इस तरह के सभी हरकतें समाज में उजागर हो ही जाती है और अपनों के बीच एक दुर्भावना को उत्पन्न करती है, इससे बचना चाहिए। कुछ स्वजन ग्रुप के सदस्यों की तुलना जानवरों से (मुहावरा बनाकर) जैसे : उल्लू, हाथी, गधा, बंदर, सियार, मेंढक, कुत्ता, इत्यादि से करते हैं। आखिर यह सभी ‘उपनाम’ से आप अपने समाज को लोगों को ही संबोधित कर रहे हैं, क्या यह ठीक है? गंभीरता से सोचने की जरूरत है। किसी भी group द्वारा अपने समाज के लिए आयोजित कार्यक्रम की सफलता अपने समाज की एकजुटता एवं सफलता को दर्शाता है। उस कार्यक्रम को सफल बनाने में सभी का सकारात्मक पहल होनी चाहिए। BBW का मंच का ध्यान केवल सकारात्मक कार्य / विचार पर केंद्रित होना चाहिए और संगठन के नियम एवं सदस्यों के विचार से इसमें कमियों को चिन्हित कर मंच को मजबूती प्रदान करते रहना चाहिए। मुझे अपना विचार रखने के लिए इस मंच द्वारा पहली बार tag किया गया इसलिए मैं अपना विचार स्वतंत्र रूप से रख रही हूं और मैं पहली बार किसी सामाजिक ग्रुप पर लिखी हूं, अगर कुछ गलत लिखा गया हो तो माफी चाहती हूं। “मुस्कुराने की आदत डालो/ क्योंकि रुलाने वालों की कमी नहीं है/ऊपर उठने की आदत डालो/क्योंकि टांग खींचने वालों की कमी नहीं है”। प्रोत्साहित करने की आदत डालो क्योंकि हतोत्साहित करने वालों की कमी नहीं है!!

Manoj Kumar Rana, पटना: किसी ग्रुप की सफलता उनके सदस्यों द्वारा दिए गए सकारात्मक सुझाव को लगातार ग्रहण करने की क्षमता एवं क्रियान्वन के ऊपर निर्भर करता है और यह एक लगातार प्रक्रिया है।

Panna Shrimali: Kiran Ranaजी, नमस्कार बहुत ही बढ़िया विश्लेषण लिखा है आपने । वाकई में पढ़ कर मन प्रसन्न हो गया और लास्ट में जो आपकी लाइन है मुस्कुराने की आदत डालें इसे पढ़ कर किसी का भी आत्मबल मजबूत हो जाएगा।
Rakesh Nandan: Kiran Ranaजी, बहुत ही सही तरीक़े से आपने अपनी बात रखी। पूरे कॉमेंट में आपकी ईमानदारी और सही सोच कीझलक है। ढेरों शुभकामनाएँ ऐसे उमदा लेखन के लिए।
Rajesh Brahmbhatt: Kiran Ranaji, aap ne mere dil ki baat yaha likh di he. Very nice comment… I proud of you

Mithilesh Kr Sharma, छपरा: तन मन धन से सहयोग। ब्रह्रभट्टवर्ल्ड की ओर से समाज के कमजोर सदस्य को सहायता देना अच्छा लगता है।

Neha Kumar, नोयडा: ब्रह्मभट्टवर्ल्ड बहुत ही बड़ा व सम्मानित मंच है। ब्रह्मभट्टवर्ल्ड एक विस्तृत परिवार का नाम है। ये देश विदेश हर जगह के सदस्यों को एक माला में पिरो कर रखता है। इस मंच के द्वारा लोगों को लिखने की प्रेरणा मिलती है। सभी लोग यहाँ एक दूसरे से अपने मन की बात साझा करते हैं व समय आने पर एक दूसरे का साथ देते हैं। यह अपने समाज का बहुत ही सम्मानित मंच है और इसके सम्मान व गौरव को बनाए रखना हम सबका कर्तव्य है।

Pankaj Roy, होसुर, तमिलनाडु: ब्रह्मभटवर्ल्ड भट्ट समाज का पहला ऐसा शोसल साइट है जिसने अपनो को करीब ले आया, नए रिश्ते बनाने का मौका दिया, ब्रह्मभटवर्ल्ड के प्रयास से समाज के कमजोर और जरूरतमंद परिवार कि मदद हुई, कई बेरोजगार युवकों को रोजगार का मौका दिया, कई कलाकारों को अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका मिला । इतना ही कहूंगा कि इस मंच ने हमेशा समाज के हित मे कार्य किया है।

Pankaj Sharma, गोरखपुर: Brahmbhattworld एक ऐसा ग्रुप जो कि सोशल मीडिया के द्वारा विगत लगभग 10 वर्षो से ग्रामीण क्षेत्रों से लेकर विदेशों तक के स्वजनो को आपस में मिलाने का एक बहुत बड़ा और सशक्त माध्यम बना है । निस्संदेह इस ग्रुप के संस्थापक आदरणीय रॉय तपन भारती जी के दूरदर्शी सोच का यह सुखद परिणाम है । वैसे तो ब्रह्मभट्ट वर्ल्ड ग्रुप बनने के बाद स्वजनो के ग्रुप बनाने की होड़ सी लग गई है पर इस ग्रुप के कार्यकर्ताओं/एडमिन टीम का स्वजनो के दुख दर्द से लेकर सभी वर्गो के लिये एक मंच प्रदान करने के लिए दृढ संकल्प के साथ सेवा भाव तथा स्वजनो का इस ग्रुप के प्रति लगाव भी सराहनीय है। मंथन का अनुभव तो अविस्मरणीय रहा है। ग्रुप के विस्तार तथा स्वजनो के विकास के लिए सदैव तत्पर रहने का प्रयास रहेगा।

Panna Shrimali, पटना: BBW ही सबसे पहला सोशल साइट बना जिसने देश से लेकर विदेश तक में बसे अपने स्वजनों को एक साथ एक मंच पर लाने प्रयास किया जो वाकई में लाजवाब है।BBW में मर्यादा , अनुशासन , समाज के प्रति समर्पण , महिलाओं के प्रति सम्मान ये सब है। BBW ने हमेशा समाज के जरूरतमंद को मदद किया है चाहे वो BBW का मेंबर हो या ना हो । Corona जैसे संकट में भी जरूरतमंद को भोजन से लेकर आर्थिक मदद भी इस बात को दर्शाता है कि BBW का अपने समाज से कितना गहरा लगाव है। यही नहीं BBW अपने समाज के लोगो के लिए समय समय पर रोजगार की जानकारी भी देते हैं। इसमें इतने निपुण और विद्वान लोग है जो आपको समय समय पर महत्वपूर्ण जानकारी भी साझा करते रहते हैं। जैसे इस corona काल में आप अपने पैसा को लेकर कैसे प्लांनिंग करे जिसपे देवरथ भैया का महत्वपूर्ण सुझाव आया था। Corona से लड़ने के लिए महत्वपूर्ण बातों को संध्या भाभी के द्वारा बताया गया। अनामिका जी द्वारा योगा के महत्वपूर्ण टिप्स ऐसे अनेकों उदाहरण है जिसे यहां लिखना संभव नहीं है। इस ग्रुप की सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि यहां पे सभी को एक समान नजर से देखा जाता है।

Panna Shrimali, पटना: ” एक कहावत है निंदक नियरे राखिए आंगन कुटी छवाए “।और इसे सभी को समझना चाहिए।समाज में सभी लोग के विचार सकारात्मक नहीं हो सकते । कुछ न कुछ गिला सिकवा एक दूसरे से रह ही जाता है । फिर भी अपनी तरफ से ये कोशिश जरूर करनी चाहिए कि कोई नाराज ना हो। यदि कोई नाराज है तो उसके कारणों को जरूर जानना चाहिए कि वे किसलिए नाराज हैं । यदि जायज है तो ठीक है लेकिन यदि जायज नहीं है तो कोई बात नहीं ।क्योंकि सबसे कठिन काम है सब को खुश रखना।लेकिन किसी भी मेंबर का यदि नेगेटिव कमेंट आए और यदि ये लगे की इनके बातों पे विचार करने लायक है और उनके बात समाज हित में है तो अवश्य करना चाहिए।इससे ग्रुप और मजबूत बनता है और निखार भी आता है ।और ये नियम सभी ग्रुप या आदमी को अपने ऊपर लागू करना चाहिए । तभी ग्रुप या आदमी का विकास होता है।लेकिन यदि कोई भी सामाजिक ग्रुप इमानदारी और वफादारी के साथ समाज के लोगों के लिए बुरे दौर में खड़ा रहा है या समाज हित में हमेशा सोचता है तो हम सभी का ये कर्तव्य बनता है कि हम सभी उसका साथ दें और उस ग्रुप के हाथ को और मजबूत करे।ग्रुप के सभी लोग अपनी सकारात्मक या नकारत्मक जिन्हें जो लगता है अपना पहलू रखें ।और समय समय पर ग्रुप के लोगों के राय को भी जानते रहे जिससे लोगों के सकारात्मक और नकारात्मक दोनों विचार से अवगत होते रहेंगे।बड़ी संस्था या सरकार सभी आपसी सलाह मशवरा करते रहते हैं जिससे उनका काम और बेहतर और सुचारू तरीके से चले।

Krishna Kumar Rai: Panna जी, बिचार् किसी विषय वस्तु पर हर व्यक्ति की स्वतंत्र अभिव्यक्ति सोच और कल्पना है साकारात्मक या नाकारात्मक कैसे हो सकता है ये तो लोगों पर डिपेंड करता है जिसे पसंद उसके लिए साकारात्मक जिसे पसंद नहीं उसके लिए नाकारात्मक होता है सबकी विचार धारा अलग-अलग है सबके अनुयायी भी है।

Panna Shrimali: Krishnaजी, नमस्कार। आपने बिल्कुल सही कहा । मेरे कहने का सिर्फ ये तात्पर्य है कि जिन लोगो के सकारात्मक विचार है वो सकारात्मक विचार दे और जिन लोगों के नकारात्मक विचार है वो भी देये एक बहुत ही बढ़िया काम किया गया है लोगों के विचारों को जानने का जिससे लोगों के विचारों का पता चल सके।

Parmanand Choudhary, मुंगेर: ब्रह्मभट्ट वर्ल्ड में एक कमी है , हमेशा समाज सेवा में अग्रणी और तत्पर रहते हैं। जरूरतमंदों को आसानी से सहायता मिलने पर सहायकों का महत्व कम हो जाता है। समाज के अन्य लोग जो समाज सेवा की बातें करते हैं उनकी भी कथनी और करनी को देखना चाहिए ताकि समाज को अच्छे बुरे का समझ आवे। ब्रह्मभट्ट की अहमियत है और आगे भी रहेगी।

Pramod Rana, मुजफ्फरपुर: समाज को एक जुट, सजग, सहयोगी, अपनत्व की भावना जागृत, सेवा भाव, अपनो की मददगार आदि अनेकों कार्य बखूबी निभाया।सबों को मत भिन्नता त्याग कर, सकारात्मक सोच, ऊर्जा के साथ आगे बढने की आवश्यकता है, वैचारिक मतभेद, मत भिन्नताएं हो सकती हैं, इन सबों को नजरअंदाज करते हुए समाज को एकसूत्र मे बांधकर ही सर्वांगीण विकास कर सकते है।

Priyanka Roy, पटना: उपर्युक्त सभी के समन्वित विचारों को पढ़ा और उनका स्वागत भी करती हूँ।यहाँ परिचर्चा अक्सर होती है। इस दौरान विचार-विमर्श के लिए स्वजन उपस्थित होते हैं सहज, सरल भाषा में अभिव्यक्ति भी प्रदान करते हैं। इस दौरान सहमति-असहमति अभिव्यक्त की जाती है।कुछ मेरे मन के भाव भी प्रकट कर रही हूँ। फेसबुक से जुड़े हमारे ब्रह्मभट्ट वर्ल्ड ग्रुप को बने लगभग 9-10 साल हो गए। लोग जुड़ते गए कारवां बनता गया। अप्रतिम उपलब्धि के रूप में इस ग्रुप की नीव सार्थक रही। विचारों की अभिव्यक्ति, भावसम्प्रेषण का सर्वसुलभ व सशक्त साधन बनाया गया। ब्रह्मभट्ट समाज के अधिसंख्य जनसंख्या को जोड़ने का सिलसिला बढ़ता चला गया। ग्रुप में महिलाओं की कद्र है, वह स्वतंत्र भाव से अपने विचारों को रखने में सक्षम हैं। सबसे अहम बात “ब्रह्मभट्टवर्ल्ड चैरिटेबल ट्रस्ट” की स्थापना एक बड़ी उपलब्धि साबित हुई ।आजकल की रफ़्तार भरी ज़िंदगी में हर कोई सीमित दायरों में बंधा जा रहा है। हर रिश्तों की दरकार होती है कि हम एक-दूसरें को समझें। रिश्तों पर पड़ने वाले प्रभाव दूरगामी होते हैं। इन्ही रिश्तों को जोड़े और बनाये रखने का उद्देश्य है हमारा ” ब्रह्मभट्टवर्ल्ड”।मैं अपनी बात करूँ तो यहाँ सवार्धिक लम्बी अवधि से निरन्तर एडमिन की जिम्मेदारी निभाने वाली महिला हूँ। कई अनुभव बटोरे हैं हमने। एडमिन की जिम्मेदारी को निभाने का हर प्रयत्न जारी रखा है। और इसके लिये आगे भी प्रतिबद्ध हूँ। पर कई बार इसकी उपलब्धियों को कमतर और नकारे जाने पर स्तब्ध हो जाती हूँ।ब्रह्मभट्टवर्ल्ड हमारे लिये हमारा कुटुंब है। इसकी सुख शांति और प्रगति की हर वक़्त हमने कामना की है।मैं इस ग्रुप के संस्थापक महोदय और पूरी एडमिन टीम की ओर से आप सभी का अभिवादन करती हूँ। और साथ ही सकारात्मक विचारों की अभिव्यक्ति को बनाये रखने की अपील करती हूँ। आपका साथ और विश्वास ही इसकी कुलपुंजी है।

Priyankar Bhatt, नई दिल्ली: इस समूह की खास बात मुझे ये लगती है कि इस समूह का चेहरा कोई एक व्यक्ति विशेष ना होकर ब्रम्हभट्ट समाज के लोग हैं। और ना ही ये समूह किसी भी व्यक्ति विशेष या किसी व्यक्ति विशेष की विचारधारा का खासकर प्रचार करता है। इस समूह की स्वतंत्रता मुझे खास लगती है और अच्छा लगता कि इतने सारे स्वजातीय लोगो से किसी भी तरीके से अगर जुड़ सका तो BBW के माध्यम से।

Pushp Kumar Maharaj

Pushp Kumar Maharaj, गोरखपुर: ब्रह्मभट्टवर्ल्ड से आप क्या क्या अपेक्षाएं रखते हैं…मैं आपसे पूछना चाहता हूं…ये एक बुनियादी सवाल है…यह निर्विवाद सत्य है कि बी बी डब्लू एक मर्यादित व अनुशासित, एक दूसरे के प्रति समर्पण का भाव रखने वाली सामाजिक समूह है.. जो नारी शक्ति का सम्मान देने के साथ साथ उनके उत्थान के लिए जी जान से कोशिश करती है नारी मर्यादा इस ग्रुप की सर्वप्रथम प्राथमिकता है…शुरू से ही BBW कमजोर लाचार, जरूरतमंद लोगों की सहायता में आर्थिक व यथोचित मददगार रही है और आज भी इस दिशा में तत्पर है जिसे बताने या गिनाने की आवश्यकता नहीं है…यही नहीं रोजगार व उनके बेहतर कल के लिए समय समय पर जानकारी देते रहने के लिए तत्पर ही रहती है…. इतना ही नहीं स्वास्थ संबंधी महत्वपूर्ण जानकारी समय समय पर…रोगों से लडने व उससे सचेत और उनसे निजात पाने का संदेश जमीनी तौर पर देती रहती है….करोना से ग्रसित श्रीमती संध्या राय जी नेअपनी आपबीती व उनसे बचने के उपायों का उल्लेख कर हम सदस्यों पर बड़ा उपकार किया है हम दिल से उनका अभिवादन करतें हैं…… संगीत संध्या व कवि सम्मेलन की संध्या को कौन भूल सकता है अपने समाज के लोगों की विशिष्ट योग्यता को उजागर करने का कार्य भी BBW ने ही किया…क्या क्या लिखूं लेख कविताएं कहानियां लिखने की प्रेरणा व उकसाते रहने का कार्य भी। BBW के माध्यम से पूरे मनोयोग से आयोजकों द्वारा किया जाता है… लिखने को बहुत है पर.अन्त में.मैं समस्त आयोजकों व सदस्यों का अभिनंदन करता हूं…लगभग हर बर्ष, बी बी डब्लू द्वारा मंथन का आयोजन अलग अलग शहरों में किया गया जहां अपने लोगों से मिलने मिलाने का अद्भुत संगम लोगों ने सांझा किया …उन यादगार लम्हों का अनुभव.. लोगों के जेहन में आज भी है…मंथन का वो मंच …जो जीने की कला सिखाने के साथ साथ नीरस जीवन में प्रेम के रंग घोलने में गायन नृत्य के द्वारा ….भला कोई कैसे भुला सकता है..और आयोजकों द्वारा आगे भी इस तरह मंथन के आयोजन की मंशा है जिसपर विचार विमर्श व रूप रेखा तैयार किया जा रहा है… मेरे लायक जो भी सेवा का आदेश होगा मैं अगर संक्षम हुआ तो अवश्य पालन करूंगा। 

Rajiv Sharma, नवी मुंबई: मैंने ब्रह्मभट्टवर्ल्ड तब जॉइन किया था जब ग्रुप की संख्या मात्र 1200 के करीब थी। मुझे इस ग्रुप में एडमिन के रूप में भी सहयोग करने का अवसर दिया गया। हमने इस ग्रुप के माध्यम से बहुत से स्वजनों को आपस मे जोड़ा। बहुत से लोग जो समय के साथ एक दूसरे से दूर हो गए थे, उन्हें अपनो को पहचानने का मौका मिला, नजदीकियां बढ़ी, रिस्तो में फिर से एक लगाव पैदा हुआ। हमने इस ग्रुप के माध्यम से आपस मे सहयोग करने की एक पहल की। समाज का एक युवा जो विषम परिस्थिति का शिकार हुए, हमने उसके स्वास्थ्य पर लाखों का खर्च किया। नारी सम्मान की पहल की। मैं और तपन जी, राजेन्द्र जी की मदद से समाज की एक प्रताड़ित महिला के साथ खड़े हुए। पुलिस/कानून का भी सहारा लिया। समाज को जोड़े रखने और इस ग्रुप को सार्थक बनाये रखने के लिए दिन/रात प्रयास किया। यहाँ दहेज विरोध और नारी सम्मान के कई अभियान चलाए गए। इस ग्रुप को बहुत से स्वजनों ने अपने निस्वार्थ योगदान से खड़ा किया है। तपन जी की दूरदर्शिता का नतीजा है कि आज ब्रह्मभट्टवर्ल्ड एक वृहद परिवार के रूप में आपके सामने है। इसका श्रेय सिर्फ तपन जी को ही जाता है। इसमें किसी को संदेह नही होना चाहिए। आज हमे आपसी दुर्भावना, द्वेष, रंजिश को भुला कर आगे बढ़ना चाहिए। प्रेम भाईचारा से ही आगे का मार्ग प्रसस्त होगा।

Rakesh Nandan, लखनऊ: मै ब्रह्मभट्ट वर्ल्ड से 2016 में जुड़ा। शुरू में काफी उत्साहित रहा पर धीरे धीरे अपने आप को रिजर्व्ड कर लिया। कारण सिर्फ इतना था कि मुझे लगने लगा कि किसी भी ग्रुप को विकसित करने के लिए और एकता बनाए रखने के लिए एक परिवार वाला फॉर्मूला लगाना पड़ता है खासकर आज के युग में जब की सब अपनी बात कहना चाहते हैं। जब मै बड़ा हो रहा था तो पिता के सामने मेरी जुबान नहीं खुलती थी और आज मेरे बच्चे भी बोल देते हैं कि पापा आप गलत कह रहे हैं। वक़्त के साथ हर संस्था या ग्रुप को बदलना पड़ता है, फलने फूलने के लिए। अगर कारगर रहना है तो हर वक़्त अपने स्ट्रेंथ और वीकनेस का मंथन होते रहना चाहिए और सामयिक परिवेश को देखते हुए संस्था में फेरबदल होते रहना चाहिए। स्थिर पानी भी बदबू देने लगता है। आज वक़्त ऐसा है कि लोगों को महिमा मंडन से एक एलर्जी सी होती है। डिसिप्लिन अच्छी चीज है पर हिटलेरियन डिसिप्लिन कोई पसंद नहीं करता। मुझे ऐसा आभास कभी-कभी होता है कि किसी और के कंधे से बंदूक चलाया जा रहा है। ऊपर कॉमेंट्स पढ़े, पता नहीं मुझे क्यों ऐसा लगा जैसे हां में हां मिलाया जा रहा है। हमारा ग्रुप सबसे अच्छा। भाई लोग क्लोज्ड ग्रुप है, अच्छाई के साथ कमी भी गिनाइए। क्या देवनागरी में लिखना हमारा अचीवमेंट है? एक विश्व स्तरीय समूह होने के नाते विश्वस्तरीय सोच भी पैदा करना होगा। ना कि भाई-भतीजा, गांव, और नगर वाली सोच। खैर, इतना कुछ इसलिए लिखा कि यह एक क्लोज ग्रुप है और ऊपर किसी ने स्पष्ट शब्दों में हमारी कमजोरियां नहीं लिखी। अंग्रेज़ी में कहूं तो” यस सर यस सर थ्री बैग्स फूल” वाली बात चरिर्तार्थ होती है। अतः हमें सोचने की जरूरत है कि एक ग्रुप से अनेक क्यूं बने? अलग ग्रुप बनाने वालों में कमी थी या हम में। मुझ जैसे शख्स में उदासीनता क्यूं आयी? If you want to grow as an unifying force be democratic. खैर, इतना कुछ कहने के लिए क्षमाप्रार्थी। क्यूंकि इरादा कुछ लिखने का नहीं था। पर जब ऊपर कॉमेंट्स पढ़े और देखा कि एक या दो लोगों को छोड़कर सब के सब ताली बजा रहे हैं, तो अपने आप को रोक नहीं पाया। अब जिसको जितनी गाली मुझे देनी है दिल खोलकर दीजिए, सहने की क्षमता है मुझमें।

Krishna Kumar Rai, नई दिल्ली: Rakesh Nandan सर आपने हर समूह का सटीक चरित्र चित्रण किया है रागदरबारी जैसी स्थिति है कमेन्ट में ताली पीटने वालों की भरमार है।

Rakesh Sharma:: Rakesh Nandan सर, प्रणाम। आपने बिल्कुल सही कहा है और आपकी बातों से मैं सहमत भी हूं लेकिन जो कमेंट हैं वह पोस्ट के अनुरूप है, पोस्ट में जो बातें इंगित है उसके अनुरूप है। कोई भी आभासी ग्रुप और क्लोज ग्रुप बनाकर धरातल पर कुछ करने का जज्बा के साथ कार्य करता है तो गलतियां स्वभाविक है और इसको कोई ध्यान में लाता है तो वह हमारे लिए आदर्श होता है लेकिन हमारी गलतियों के साथ हमारे कार्यो के बारे में लिखा जाय तो पढ़कर अच्छा लगता है। इस मंच को आप जैसे अभिभावकों की जरुरत है और इस बात से भी मैं सहमत हूं कि नये चेहरों का समावेश होते रहना चाहिए। आपको मेरा प्रणाम और बहुत बहुत धन्यवाद।

Panna Shrimali: Nandanजी, नमस्कार। आपने बढ़िया सुझाव दिया । लेकिन कुछ बातें जो आपने लिखी है कि जैसे धीरे-धीरे अपने आप को रिजर्व कर लिया, आपने उसका कारण नहीं बताया। दूसरी बात ये कि संस्था में फेरबदल होते रहना चाहिए। तो आज के समय में नए एडमिन भी बनाए गए हैं। तीसरी बात हिटलर डिसिप्लिन वो भी बताना चाहिए था जिससे सभी कोई जान सकें क्योंकि मेरी तरह बहुत से ऐसे लोग हैं जो शुरुआती दौर से इस ग्रुप से जुड़े हुए हैं और मेरी तरह बहुत से लोग इस बात को जानना चाहेंगे और सभी कोई इस ग्रुप में अपना निष्पक्ष राय या विचार देते है। मैंने बहुत से लोगो के सकारात्मक और नकारात्मक पोस्ट दोनों देखे हैं। यदि सिर्फ सकारत्मक पोस्ट की परमिशन होती तो अन्य लोगों के नकारत्मक पोस्ट को इस ग्रुप में allow ही नहीं किया जाता। आज इस ग्रुप में ग्रुप की अच्छाई, कमी के साथ साथ इसे बेहतर बनाने के बारे में भी बात की गई है और उसी संदर्भ में सभी लोगों से राय मांग गयी है जिसके मद्देनजर सभी लोग अपनी अपनी राय दे रहे हैं। किसी को जबरदस्ती नहीं बोला गया है कि आप ऐसे लिखें। मैंने भी लोगो से निगेटिव या पॉजिटिव दोनों राय रखने को बोला है। गलतियों का होना मनुष्य का एक स्वाभाविक गुण है लेकिन यदि कोई भी इंसान या कोई भी ग्रुप ये कहे कि आप मेरी कमी और अच्छाई बताइए तो वाकई में वो इंसान या वो ग्रुप महान है जिन्हें अपनी कमी को जानने की भी हिम्मत है और ये सोच जिसके भी है वो इस बात को दर्शाता है कि उनकी सोच दूरदर्शी है।आज समाज में ग्रुपों की संख्या भरमार है । लेकिन कितने ग्रुप अपने समाज के लिए भले या बूरे दौर में खड़े हुए हैं । ये भी जरूर देखना चाहिए ।अंत में आपने लिखा है कि जिनको जितनी गाली देनी है दे। आप एक अभिभावक हैं और BBW हमेशा बुजुर्ग लोगों और महिलाओं के साथ साथ सभी को इज्जत दिया है ।इसलिए आपको कोई गाली नहीं दे सकता। आप अभिभावक के तौर पे इस ग्रुप कि कमी के साथ साथ अच्छाई भी बताते रहे जिससे ये ग्रुप मजबूत बने।

Ajay Sharma Baba: नंदन सर और पन्ना भैया को मेरा प्रणाम। मैं अपनी बात की शुरुआत में ही यह स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि हमारे लिए बड़ों का संदेश ही आदेश है। सर, आप हम सभी के अभिभावक हैं। निश्चित ही जो बातें आपने कही है हो सकता है ये बातें आप इतने स्पष्ट रूप से अन्य कहीं नहीं कह पाते। आपकी बातों से स्पष्ट है कि आप जैसे श्रेष्ठ व्यक्तित्व का विश्वास हम सभी पर किस स्तर का है। हम सौभाग्यशाली हैं कि आप का दिशानिर्देश हम सभी को समय-समय पर मिलता ही रहता है। मैं बातों का दोहराव नहीं करना चाहता क्योंकि पन्ना भैया ने कुछ महत्वपूर्ण प्वाइंटस रख दिये हैं। पर एक अजीब सी विडम्बना का भी मैं उल्लेख करना चाहूंगा कि आज के समय में किसी की आलोचना करना जितना आसान है उतना सम्मान करना नहीं। आप ध्यान दें तो किसी भी अच्छी चीज की चर्चा में बहुत कम लोगों की रूचि है लेकिन नकारात्मक चीज़ों पर लोग बहुत जल्द ध्यान देते हैं। सवालों की झड़ी है लेकिन निदान एक भी नहीं। आप ध्यान दें तो हमारी सारी अपेक्षाएं दूसरों से हैं। हमारा क्या कर्तव्य है इससे कोई लेना-देना नहीं। अभी दो तीन दिन पहले की बात है किसी ने ऐसा कमेंट किया था जिसे कोई भी सभ्य व्यक्ति एक सेकंड भी बर्दाश्त नहीं कर सकता। ऐसी स्थिति में बहुत से लोगों का नाराज होना स्वाभाविक था। हम सभी भी आये दिन अनेक दंद्दो से दो चार होते ही रहते हैं। ऐसे में आप जैसे वरिष्ठ और सम्मानित व्यक्त्तित्व का दिशानिर्देश और आशीर्वाद ही हमारा संबल है। आशा है आप हम सभी के साथ अपनी पूरी ऊर्जा के साथ भविष्य में भी रास्ता दिखाते रहेंगे। यदि मुझसे कोई गलती हुई हो तो क्षमा करेंगे।

Rakesh Sharma, गोपालगंज, बिहार: मैं तो सोशल मीडिया में, सच कहिए तो ब्रह्मभट्टवर्ल्ड में शामिल होने के लिए ही ज्वाइन किया या सच कहें तो इसके एक एडमिन राजीव शर्मा, जो मेरे छोटे भाई हैं, ने ज्वाइन कराया, यह कहकर कि भैया, अपनी जाति के लोग बहुत दूर बसते हैं, एक दूसरे से भेंट होना बहुत मुश्किल है लेकिन आप इससे जुड़कर सबके करीब आ सकतें हैं। मैंने भाई की बात मान ली, क्योंकि मुझे स्वजाति भाइयों से मिलने और जुड़ने की काफी इच्छा रहती थी। यहां से जुड़कर बहुत से अनजान मित्रों और स्वजनों से परिचित हुआ। दूरियां नजदीकियां में बदल गईं और ब्रह्मभट्टवर्ल्ड के कार्यों से मैं हमेशा प्रभावित रहा महिलाओं के सम्मान की बात हो या कुरितियों से लड़ने की बात हो, या समाज को एक करने की बात हो, उत्तर से दक्षिण और पूरब से पश्चिम को जोड़ने की बात हो। पूरे विश्व में रह रहे समाज प्रेमियों को जोड़ने की बात हो, आभासी दुनिया से निकल कर एकसाथ मिलकर मंथन करने की बात हो,मंथन करने से निकाली गई अमृत ब्रह्मभट्टवर्ल्ड चैरिटेबल ट्रस्ट के माध्यम से स्वजातियों को मदद करने की बात हो, यहां से समाज के लेखक, कवि और साहित्यकार तथा उधमियों को निखरने की बात हो, दूर-दूर रहकर गुमनामी में रह रहे स्वजातियों की बात हो जिनको केवल उनके संबंधी और परिचित ग्रामीण जानते थे, उनको पूरे समाज के सामने लाकर गर्वानुभुति करने की बात हो, समाज के अनेकों हीरे और जौहरियों को समाज के सामने लाकर मुख्य धारा में जोड़ने की बात हो इत्यादि, अगर सबकुछ देखने को मिला तो इसकी देन ब्रह्मभट्टवर्ल्ड के संस्थापक और उनकी टीम की देन है।

आज मुझे जितने भी आभासी दुनिया के मित्र या स्वजन मिले, मैं दावे के साथ कहता हूं कि वह ब्रह्मभट्टवर्ल्ड का देन है। मेरे आदत में अलग होना शुमार ही नहीं है, इसलिए मैं हमेशा इस घर में बना रहा, यहां व्यक्ति नहीं समाज को निखारने में आस्था रखी जाती है, इसलिए मुझे हमेशा यहां से अपनापन बना रहा। समाज सेवा बहुत कठिन काम है जिसमें आरोप प्रत्यारोप का दौर चलते रहता है,व्यक्तिगत हित साधने वाले लोग हमेशा प्रहार करते हैं, अनुशासन भंग करने वाले लोगों की भी एक गुट बन गई है जो हमेशा ब्रह्मभट्टवर्ल्ड पर प्रहार करते हैं, इसके बावजूद ब्रह्मभट्टवर्ल्ड हमेशा अपने उद्देश्यों की ओर बिना किसी भेदभाव के अग्रसर है,यह मुझे बहुत प्रभावित करता है। मेरी यह इच्छा है कि ब्रह्मभट्टवर्ल्ड हमेशा अच्छे विचारों का स्वागत करें और अपने अभिभावकों और प्रगतिशील युवाओं के साथ कदम से कदम मिलाकर चले, जिससे कि आने वाले समय में हमारा समाज सदृढ़ बन सके।

Rajesh Brahmbhatt, गुजरात: ब्रह्मभट्टवर्ल्ड में एक कमी है, हमेशा समाज सेवा में अग्रणी रहता है। जरूरतमंदों को आसानी से सहायता मिलने पर सहायकों का महत्व कम हो जाता है। समाज के अन्य लोग जो समाज सेवा की बातें करते हैं उनकी भी कथनी और करनी को देखना चाहिए ताकि समाज को अच्छे बुरे का समझ आवे। ब्रह्मभट्ट की अहमियत है और आगे भी रहेगी। ब्रह्मभट्टवर्ल्ड के कारण हमारे समाज में गरीब को सहायता, जरूरतमंद को नौकरी एवं आपसी सौहार्द प्रेम बना है। इसी तरह हमारा समाज आगे बढ़ सकता है। इसी कारण मुझे अपने आप पर गर्व है कि मैं ब्रह्मभट्टवर्ल्ड का सदस्य हूँ। 

Ram Sundar Dasaundhi, रांची: ब्रह्मभट्टवर्ल्ड देश-विदेश में बसे स्वजनों को आपस में जोड़ कर एक स्वस्थ और प्रगतिशील समाज का निर्माण करते हैं जिससे जरूरत पड़ने पर विशेष कर संकट की स्थिति में मदद मिलती है ‌। संपर्क का दायरा विस्तृत होने पर वैवाहिक संबंध स्थापित करने में मदद मिलती है। संकटग्रस्त स्वजनों को यथासंभव आर्थिक मदद करती हैं। इलाज के दरम्यान यदि रक्त की आवश्यकता होती है तो इसका प्रबंध करती है। कैरियर के लिए मार्गदर्शन करती है। बेरोजगारों को रोजगार उपलब्ध कराने में सहायता प्रदान करता है। महिलाओं का सम्मान करती है ‌। सामाजिक कुरीतियों पर प्रहार करती है। यथासंभव विवादों को हल करती है। प्रतिभाशाली युवाओं को प्रोत्साहित करती है। आपसी एकजुटता से शक्तिशाली होने का एहसास होता है।कहा भी गया है……संघे शक्ति कलियुगे।इस सब के साथ- साथ किसी अन्य संगठन,ग्रुप या समुदाय की आलोचना/ निन्दा नहीं करती है। असंख्य खूबियां हैं जिनका वर्णन नहीं किया जा सकता है। इससे जुड़ने पर ही इसे महसूस किया जा सकता है।

Ramesh Sharma, नई दिल्ली: आप अपनें परिवार के लिऐ जो करना चाहते हैं वही काम आप को अपनें समाज के लिऐ भी सोचना और करना पडे़गा,हमारे लोग बहुत अच्छे है हमारे अभी तक के प्रयास भी बहूत अच्छे हैं,समाज का कोई भी काम अगर समाज किसी भी तरह फायदा पहुचा रहा है तो उसे जरूर करना चाहिऐ। हम समाज के बच्चों को नयी दिसा कैसे दें और बिना पूजी के एक बैपार करना कैसे सिखाऐं,ऐ एक बडा़ चैलेंज था लेकिन अब ऐ बहुत आसान हो चुका है, सारी दुनियाँ में लोगों की सबसे बडी़ समस्या है सालूसन ढूंढना समस्या कभी समस्या होती ही नहीं है।Ranjan Kumar, नई दिल्ली: BBW एक बड़ा स्वजातीय समूह होने के कारण काफ़ी लोकप्रिय है और यहाँ लोग कोई भी जानकारी साझा करना पसंद करते हैं जिससे लोगों को फ़ायदा होता है । संतुष्ट तो मैं नहीं कह सकता लेकिन हाँ क्रियाशीलता ठीक है, जहां तक विचार की बात है तो ये कहना बहुत मुश्किल है क्योंकि सबके विचार मिलना इतना आसान नहीं है। एक सदस्य होने के नाते जो सहयोग होगा करते रहेंगे।

Ranjana Roy, बंगलोर: अच्छी कोशिश🙏 किसी भी मंच को कुशलता के साथ चलाने के लिए समय समय पर ऐसी चर्चा होनी चाहिए। पीछले दस सालों में इस मंच ने अपनी कठोर मेहनत और सकारात्मक कोशिश के माध्यम से अनगिनत प्रबुद्ध लोगों को विश्व स्तर पर जोड़ा है और स्वजातियों का श्रेष्ठ मंच इसे बनाया है जहां लोग अपनी बातें खुलकर साझा करतें हैं। एकता के इस कड़ी में मंथन ने पीछले चार सालों में अहम भूमिका निभाई हैं। समाज के अनगिनत लोगों को विपदा के समय इस मंच ने सहारा दिया है। और आपसी नजदीकियां और रिश्तों में संबंधों को मजबूत किया है । साथ ही अच्छे लेखन के माध्यम से अनगिनत महिलाएं और युवा वर्ग को प्रोत्साहित किया गया है ।इसमें एडमिन टीम के साथ साथ सदस्यों कि भागीदारी भी सराहनीय है । इस मंच से काफी समय से जुड़ी हूं इसलिए मेरी सलाह यह रहेगी की मंच के नियम और नीति के साथ हम सभी आगे जरूर बढ़े लेकिन अगर मंच का कोई सदस्य हम में कोई कमियां इंगित करता है तो उसे दूर करने की कोशिश जरूर की जाए। इससे संगठन को मजबूती मिलेगी।

Roopam Roy, होसुर, तमिलनाडु: ब्रह्मभट्टवर्ल्ड एक ऐसा मंच है, जो सबको सबसे पहले एक बहुत बड़ा परिवार दिया, जिसमें कई ऐसे रिश्ते जुड़े जिनमें से अनेक तो अपनों से भी बढ़कर हैं, हर सुख-दुख आप इस मंच से साझा कर सकते हैं। हर समय आपको इससे जुड़े लोग आपको हर मोड़ पे साथ मिलेंगे। मुझे इस मंच पर तपन अंकल ने लिखने के लिए प्रेरित भी किया, कई को प्रेरणा मिली। देश-विदेश से लोग जुड़े हैं, सभी लोग। जब भी आप दिल से याद करो, सबको साथ पाएंगे। ऐसा सोशल मंच जो हर एक समस्या का यहां समाधान पा सकते हैं। कई बच्चो को अपनों से जुड़ने का और नया नया कुछ सीखने और करने का मौका मिला और ऐसे ही बहुत सारी खूबियां जो आप जुड़ने के बाद ही महसूस कर सकते हैं बस इसीलिए हमारे लिए ये मंच बहुत पयारा है।

Roy Tuhin Kumar, पटना: मुझे ब्रह्मभट्टवर्ल्ड इसलिए पसंद है कि यह हमें एक ऐसे वृहद और वैश्विक स्वसमाज से संबद्ध करता है, जिससे स्वयं जुड़ना संभव नहीं था। यह समाज के बहुमुखी उन्नयन के लिए कटिबद्ध है। इसने सर्वप्रथम फेसबुक के डिजिटल माध्यम से गांव से लेकर विदेश तक के स्वजनों को परस्पर जोड़ने क लिए सेतु का कार्य किया है।इसने बेरोजगारों को जहां रोजगार दिलाने का काम किया है, वहीं समाज के गुमनाम कलाकारों को प्रकाश में लाया है।इसने महिलाओं की अभिव्यक्ति और लेखन क्षमता को प्रोत्साहित किया है। देश के जरूरतमंद और बीमार स्वजातीय लोगों को इसने आर्थिक रूप से सदैव मदद की है। यह कभी किसी दूसरे ग्रुप के बारे में कुछ नहीं लिखता, किंतु जब इस पर कोई निराधार और तर्कहीन आरोप लगाता है तो उसका मर्यादित प्रतिकार करता है। यह हमें हर प्रकार की नवीनतम सूचनाओं और ज्वलंत विचारों से हरदम अवगत कराता है। मैं इसमें अपना योगदान संतुलित, नूतन और उपयोगी पोस्टों को प्रेषित कर देता हूँ। बी.बी.डब्ल्यू. की सबसे बड़ी खासियत है कि इसने अनेक गुमनाम स्वजनों को उजागर किया है और आज भी ऐसा कर रहा है। इसलिए इसके प्रति कभी कृतज्ञता और वफादारी में कमी नहीं होनी चाहिए।इसने बिन दहेज और विधवा विवाह को भी प्रोत्साहन दिया है।

Sandhya Bhatt, पटना: इस पोस्ट को स्वतंत्र तौर पर समूह में पोस्ट ना करके, कुछ चुनिंदा लोगों को टैग करने के पीछे का उद्देश्य स्पष्ट नहीं है या तो कुछ चुनिंदा लोगों का हीं इस पर कमेंट आमंत्रित किया गया है, क्या फिर टैग से बाहर के लोग शायद इस पर कमेंट के काबिल नहीं समझे गये हैं यह बड़ी असमंजस की स्थिति है। सुझाव किसी समूह को सभी सदस्यों से आमंत्रित करनी चाहिए, जो कि एक समूह के लोकतांत्रिक पद्धति के लिए विशेष महत्व रखती है । मैं 2015 से ब्रह्मभट्टवर्ल्ड की सदस्य हूं। फिर भी अगर मुझे टैग किया गया है तो मुझे अपना विचार रखनी चाहिए। सोशल मीडिया के आरंभ में ब्रहमभट्टवर्ल्ड समाज के अभिजात्य वर्ग को जोड़ने का प्रथम प्रयास किया जो सराहनीय है। काफी प्रबुद्ध जन इस समूह में अपनी उपस्थिति से समूह को एक नई दिशा देने का प्रयास किए है। लेकिन समय-समय पर उन लोगों का समूह विच्छेद होता रहा जो समूह के लिए चिंतनीय है। हम अपने सम्मानित जनों को उसी अहमियत के साथ क्यों नहीं रख पाते? समूह के कार्यक्रमों में एक बड़ी संख्या होने के बावजूद लोगों की उदासीनता को कैसे दूर की जाए इस पर विचार करने की आवश्यकता है। आज शहरों के एकाकी जीवन में सोशल मीडिया की भूमिका अहम हो गई है बावजूद समूह में उनका कमेंट ना मिल पाना विचारणीय है एक बड़े समूह को अन्य समूह के साथ पूरक भूमिका में होनी चाहिए इससे ग्रुप समूह की सार्वभौमिकता बनी रहेगी । स्वास्थ्य के क्षेत्र में सहयोग का प्रयास बेहद सराहनीय है लेकिन इस पर समभाव रखने की आवश्यकता है चाहे पीड़ित व्यक्ति देश के किसी भी क्षेत्र से समाज का सदस्य हो । समूह को अपने मजबूती के लिये आत्ममंथन करना चाहिए । किसी अन्य समूह से कोई प्रतिद्वंदिता की आवश्यकता नहीं। अभद्रता को भद्रता से जीतने का प्रयास होनी चाहिए । आदरणीय राकेश नंदन जी और किरण राणा जी के विचार समूह के हित में काफी महत्वपूर्ण है ।

SN Sharma, पटना: BBW की टीम एस्प्रिट का कोई शानी नहीं। बीबीडबल्यू की हर पहल पर पूरी टीम की होमवर्क दिखाई पड़ती है जिससे इसकी हर सामाजिक पहल सफल होती है। समाज के बाबत सबसे पहले कोई बी भी नई खबर हमलोग अब बीबीडब्लू पर ही खोजते हैं । हा नौकरी डाट कम के लोग प्रशंसक हैं। जन कल्याण योजनाओं पर इसकी नजर पूरे भारत के स्वजनों पर रहती है । इसका सार्वभौमिक दृष्टिकोण भी काबिले तारीफ है। पैसे के लेन-देन में इसकी पारदर्शिता को यदि spotless की संज्ञा् दी जाए तो अतिशयोक्ति नहीं होगी। साल के अंत में इसका बैलेंसशीट देखकर सबका विश्वास बढ जाता है । इसलिए मेरी पहली पसंद ग्रूप BBW है ।

Sandeep Bhatt, धनबाद: मैं व्यक्तिगत धरातलीय समाजसेवा में 2010 से झारखंड में प्रयासरत था जब हमारे मित्र श्री Panna Shrimali जी से इस वृहद परिवार के बारे में जानकारी मिली, इस समूह के समाज के प्रति लीग से हटकर कार्य करने की प्रणाली से अवगत हुआ तो यह सोचा कि मैं इस समूह में क्यों नहीं हूँ फिर जुड़ने के बाद एक अपनापन सा लगा…जैसे महसूस हुआ हमदोनों का सपना एक हैं ब्रह्मभट्ट समाज को एक बेहतर समाज बनाने का सपना…युवाओं को जागरूक, महिला सशक्तिकरण, दूर दराज अपनो को मिलाना, रोजगार की जानकारी, विवाह में मदद, समाज के असमर्थ स्वजनों की मदद, नए कलाकारों का उत्साहवर्धन इत्यादि सपनों को लेकर में स्वयं में अग्रसर हुआ करता था…फिर Roy Tapan Bharati सर से बात हुई…और लगातार मार्गदर्शन मिलता गया, आज भी जब जीवन मे निराश हो जाते तो फोन घुमा देते हैं बात होने के बाद सीखने को ही मिलता हैं…Ranjana Roy मेम का अपने बच्चों की तरह समझाना… Deorath Kumar भैया का गलती करने पर डांटना…Amit Ranjan भैया का धैर्य से कार्य करने की शैली…Rakesh Sharma भैया का गलत को गलत और सही को सही कहने का अनुभव- बहुत कुछ सीखने का मौका मिला है.हम ऐसे ही अपने सपनों की और सदैव अग्रसर होते रहें…समाज को एक अच्छा वातावरण दें…अथक प्रयास से BBW ने अपनी पहचान बनाया हैं और देश की सबसे आधुनिक और अनुशासित समूह की छवि को बरकरार रखा हैं यह आगे भी यूं ही चलता रहेगा…समाज के हर गांव के बुजुर्ग-युवा-महिला को इस पारिवारिक समूह में जोड़ना और हर वर्ग को इस परिवार का लाभ मिले यही भविष्य में कामना हैं। 

Sangita Roy, पूर्णिया: स्वजातीय समूह से जुड़ने का मेरा पहला अनुभव BBW ही रहा।अतः लगाव होना लाजिमी है।जुड़ने के बाद यहाँ मैने देखा महिलाओं को लिखने के लिये,सक्रिय सहभागिता के लिये प्रोत्साहित किया जाता था और काफी महिलाएं सक्रिय भी थी ।महिलाओं का सम्मान प्रथम प्राथमिकता थी।पर समय के साथ साथ महिलाओं की सक्रियता कम होती चली गयी क्यों पते नही।समाज के वरिष्ठ जन भी अति सक्रिय थे समय समय पर अपने अनुभव साझा कर मार्गदर्शन करते थे पर धीरे धीरे उनमें से बहुत लोगों ने अपनी सक्रियता कमकर दी पता नहीं क्यों?नये सदस्य जुड़ते रहे कारवां बढ़ता रहा पर मेरी सक्रियता कम नहीं रही घर परिवार पोते पोती को संभालते हुए भी मैं नियमित तौर पर सक्रिय रहती हूँ 🙂 लगभग साढ़े तीन साल से मैं इससे जुड़ी हूँ। समाज के अनेक व्यक्तियों की उपलब्धि को इस ग्रुप के माध्यम से जानने का मौका मिला।नौजवानों कॅ अपनी प्रतिभा के प्रचार प्रसार के लिये एक मंच मिला।समय समय पर सामाजिक जागरूकता फैलाने का प्रयास भी किया गया।ज़रूरतमंदों की मदद के लिये सदस्यों से आग्रह किया जाता रहा और कई एक की मदद भी की गयी सदस्यों ने इसमें एक जुटता दिखाई। सामाजिक कुरीतियों यथा दहेज प्रथा पर रोक लगाने का प्रयास, विधवा पुनर्विवाह की चेष्टा, शादी में कम खर्च करने का अनुरोध किया जाता रहा।देवनागरी में लिखने का एक सफल प्रयास हुआ अब ज्यादा से ज्यादा सदस्य देवनागरी में ही लिखते है। कमियाँ हर जगह होती है कुछ कमियाँ यहा भी हो सकती है पर अच्छे कार्यों के आगे कमियों को नजरअंदाज किया जा सकता है।Sanjay Roy, मुंबई: ब्रह्मभट्ट समाज के तमाम परिवारों को एकजुट कर एक मंच पर एक दूसरे के सुख-दुख को समझने का एक बेहतरीन मौका मिला है इसका लाभ सब उठायें।

Sanjeev Roy, मुंबई: यह Brahmbhattworld एक माले की सूत्र की तरह है जो सभी मोतियों को संग्रह कर अपने में पिरोकर माले के रूप में अपने समाज रूपी गले की शोभा है तथा अपने समाज के सुन्दरता की प्रस्तुति है l यह सूत्र उस हर मोती की दुःख तथा सुख में सदैव साथ है, BBW की यही सुन्दरता तथा सहभागिता सबों को अपनी ओर आकर्षित करती हैl

Shanker Muni Rai, छत्तीसगढ़: सामाजिक एकता में इसका ऐतिहासिक महत्व है।

Shailendra Sharma: Bounding platform with our community!! Really commandable।

Shashi Roy, नई दिल्ली: इस समूह की अपनी एक खास बात है जहाँ प्रारंभ से ही जुड़ा हूँ और सबसे खास पहल जो अनुभव हुआ वो बड़ों द्वारा वैकल्पिक संदेश साझा करना चाहे मार्गदर्शन में हो, सहयोग में हो, रोजगार के अवसर में हो, निजी सहयोग में हो या अन्य माध्यम से कुछ नया सीखने में हो। अंततः यही कहूंगा की जो योगदान इस पटल के द्वारा होता आया है उसका दिल से कदर करता हूँ और अपेक्षा है की आपसी सहभागिता और स्नेह भरी रिश्तों का जोड़ और मजबूती से जुड़े। विशेष अनुभव के साथ खुद के शब्द यहाँ अवश्य साझा करने की कोशिश करूँगा।

Tripurari roy, Saharsa, Bihar: देखना है कि मिलता है मुझे कातिल कहाँ/ जगमगाती है चिरागों से कोई महफ़िल कहाँ/ मैं तो माँझी हूँ, कश्ती हूँ और पतवार भी/ छीन सकता है कोई मुझसे मेरा साहिल कहाँ।” प्रणाम, नमस्कार, मुझे स्वजातियों से मिलने की प्रेरणा ब्रह्मभट्टचरितम के लेखक श्री एल.आर.शर्मा जी से मिली। उस समय सोशल मीडिया नहीं हुआ करता था। लेकिन जब आँखें खुली तो ब्रह्मभट्टवर्ल्ड एक अकेली ग्रुप था जिस पर एक साथ अचानक सभी मिल गए। वो समय था जब ग्रुप में इतने लोग नहीं थे पर जो भी थे काफी परिपक्व और सामाजिक। मुझे आज भी घर जैसा महसूस होता है। यहाँ से ना सिर्फ कई लोगों से जान-पहचान हुई बल्कि लोगों के बीच मैं भी एक हिस्सा बना।

कुछ लोगों का सवाल इतने ग्रुप क्यों? मैं कहता हूँ भारत एक तो 29 राज्य क्यों? कहीं ना कहीं तो कहानी रही होगी। लोगों की आन-अरमान रही होगी। लेकिन भारत तो एक है। सवाल ग्रुप का नहीं। कोई भी कहीं रहे पर :-

1. समाज के उत्त्थान की बात करें,

2. महिलाओं और पुरुषों के सम्मान की बात हो,

3. लोगों के सुख में ना सही पर दुःख में शामिल होने की बात हो,

4. उनकी नौकरी-चाकरी की बात हो,

5. उनके आय में वृद्धि की बात हो,

6. समाज में समानता की बात हो,

7. उसके हाथ खींचने की बात हो।

क्या ना हो:

1. टाँग खींचने की बात ना हो,

2. गिराने और झुकाने की बात ना हो,

3. सम्मान से खेलने की बात ना हो। अच्छी प्रतिस्पर्धा की बात हों।

बताइये BBW ने इनसबों में क्या किया और क्या ना किया। यहाँ लोगों को प्रेरित किया गया

1. सामाजिक रूप से ढलने के लिए।

2. पहचान मिली अपनों से मिलने के लिए।

3. बताया गया लिखने के लिए।

4. दान माँगा मदद के लिए।

5. अवसर दी गई रोटी कमाने के लिए।

6. बढ़ावा दिया गया भाई-चारा निभाने के लिए । और भी बहुत कुछ… .…..

आइये एक बार फिर से शामिल हो जाइए इस मुहिम में। सुबह का भूला शाम को घर लौटे तो उसे भूला हुआ नहीं कहते। यदि किन्हीं को कोई शिकायत या सुधार की बात हो तो अपनी बात रखें। जब घर-परिवार में सभी सदस्य एक दूसरे के विचार से मेल नहीं खाते तो ये ब्रह्मभट्टवर्ल्ड है। इसके अनगिनत सदस्य हैं। याद रखें घर से लोग दूर हो जाते हैं पर घर वहीं रहता है…..अपने लोगों के आने के इंतजार में।

Uday Sharma, पटना: इसमें कोई संदेह नहीं है कि BBW ने सोशल मीडिया पर अपने स्वजातिओं को जुटाने और जोड़ने की मुहिम के लिए आधारशिला रखी और कामयाब भी हुआ।कई समाजोपयोगी कार्यक्रमों की शुरूआत की और आज भी अग्रसर है।लेकिन इतना कुछ होने के बावजूद भी स्वजनों को बांधे रखने में विफल रहा।मैं यही जानना चाहता हूँ कि ऐसा क्या है कि इतने अच्छे समूह के होते हुए भी समाज को कई समूहों की आवश्यकता है?ये सही है कि लोकतंत्र में सबको अपने मन की करने की छूट है लेकिन ऐसी नौबत क्यों आयी ये बात समझ से बाहर है और यदि फिर भी ऐसा है तो उसे रोकने और सम्भालने की कोशिश की जानी चाहिए थी जो कि नहीं दिखाई दी।मुझे लगता है कि इस पर एक प्रयास करने की आवश्यकता आज भी है।लेकिन उससे पहले कारण जानने की ज़रूरत है कि आखिर लोग क्यों विमुख हो रहे हैं, क्योंकि असन्तोष वहीं उत्पन्न होता है जहां शासन की बू आती है।समूह को और ज़्यादा मिलनसार होने की ज़रूरत है और इसके लिए अपनी इच्छा के विरुद्ध भी सुनने की आदत होनी चाहिए ताकि कभी जनसमर्थन टटोलने के लिए रायशुमारी की आवश्यकता न पड़े आपने मुझे पहली बार टैग किया तो जो महसूस हुआ कह दिया शुभकामनाएं।

Rakesh Sharma:: Uday Sharmaजी। बहुत अच्छी बातें आपने कही है और मैं इससे सहमत हूं इसका निराकरण भी होना चाहिए। धन्यवाद।

Usha Roy: अपनापन लगता है

Vineeta Bhatt, मुंबई: यहाँ अपनों से जुडने का सबसे अच्छा माध्यम… Kuch Swajatiyon jinke baare me jaante bhi nahi the unhe bhi milne ka mauka mila.. Kuch naye rishte bane.. Kuch puraane rishton me raunak aayee…यहाँ मुझे कई अंकल और आंटी….भैया-भाभी भी मिले। 

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