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अलौकिक नजारा बिहार में गुजूरु ग्राम के भाष्करधाम में Bihar 

अलौकिक नजारा बिहार में गुजूरु ग्राम के भाष्करधाम में

गुजूरु गांव शिक्षित व धनाढ्य गांवों में गिना जाता है। यहां की सांस्कृतिक विरासत काफी धनी और प्राचीन है। यूँ तो गांव में और भी सुंदर व प्राचीन मंदिर हैं, किन्तु गांव के दक्षिण में विराट मानसरोवर पोखरे के विस्तृत तट पर अवस्थित भगवान भाष्कर का मंदिर मुख्य आकर्षण का केंद्र है।

दिलीप कुमार पंकज/आरा

यह अलौकिक और अद्भुत नजारा है हमारे गुजूरु ग्राम स्थित भाष्करधाम का। बिहार राज्य के रोहतास जिले के विक्रमगंज सबडिवीजन में पवित्र सोन नदी के तट पर बसा है यह गांव। लगभग 165 घरों की बस्ती में दस घर चर्मकारों व पांच घर साहूकारों के छोड़ दें तो बाकी लगभग 150 घर स्वजतियों के हैं।

यह गांव अपने इलाके में शिक्षित व धनाढ्य गांवों में गिना जाता है। यहां की सांस्कृतिक विरासत काफी धनि व प्राचीन है। यूँ तो गांव में और भी कई सुंदर व प्राचीन मंदिर हैं, किन्तु गांव के दक्षिण में विराट मानसरोवर पोखरे के विस्तृत तट पर अवस्थित भगवान भाष्कर का मंदिर मुख्य आकर्षण का केंद्र है। बनारस या पटना से दोनों जगहों से गुजरू लगभग समान दूरी पर है। दोनों तरफ से आने की सुविधा भी सुलभ है।

वर्षा ऋतु का सानिध्य पाते ही इसकी छटा अत्यंत मोहक व दर्शनीय हो जाती है। कई बीघों में फैला मानसरोवर नामक यह पोखरा इस समय लबालब भर चुका है। सुबह के शीतल पवन के आलिंगन से जब इसका जल लहराता है, इसकी लहरें बलखाकर जब आपस में टकराती हैं, तो ऐसा प्रतीत होता है जैसे देवराज इंद्र के सुसज्जित दरबार मे रंभा आदि सुंदर अप्सराएं मनमोहक नृत्य प्रस्तुत कर रही हों।सौ फीट से भी ऊंचा व गगनचुंबी यह मंदिर अपनी अनुपम स्थापत्य कला को स्वयं प्रमाणित करता है।

यहां की प्राकृतिक सुषमा बेहद खूबसूरत और सुखदायी है। इन्द्रदेव की कृपा व इस प्रसिद्ध धाम के स्वयंसेवकों की श्रद्धा युक्त सेवा ने इसे एक सुरम्य स्थल व गहरी आस्था का केंद्र बना दिया है। संचालन समिति के समर्पित कार्यकर्त्ता यहां प्रतिदिन पहुंचने वाले श्रद्धालुओं व पर्यटकों की सेवा में कोई कोर कसर नहीं छोड़ते हैं।

यह भाष्करधाम भक्तों के बीच मनोकामना सिद्धि स्थल के रूप में भी जाना जाता है। आपसब भी यहां अवश्य पधारें । हमारे भाष्करधाम की पावन धरा पर आपका सदा स्वागत है। 

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